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सतना। एकेएस वि.वि. सतना में कृष्णा मारुति प्रा.लि.गुडगाॅव, हरियाणा ने कैम्पस के माध्यम से डिप्लोमा मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों का इंटरव्यू विभिन्न पदो के लिए लिया। आपको बता दें कि एकेएस वि.वि. में कैम्पस का सिलसिला लगातार जारी है, इसी कड़ी में मोस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी इन सेंट्रल इंडिया 2018 अवार्डेड वि.वि. में कृष्णा मारुति प्रा.लि. ने विद्यार्थियों के लिए कैम्पस ड्राइव आयोजित किया। विभिन्न लोकेशन के लिये कैम्पस का आयोजन किया गया। वि.वि. के छात्रों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। कैम्पस के दौरान टेªनिंग और प्लेयमेंट डायरेक्टर एम.के.पाण्डेय,बालेन्द्र विश्वकर्मा,प्राची पाण्डेय और मनोज सिंह ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना में आयोजित दस दिवसीय एन.सी.सी. प्रशिक्षण कैम्प में कैडेट्स को सम्बोधन करते हुए वि.वि. के डीन बेसिक साइंस ने कहा कि शिक्षा के साथ एन.सी.सी. जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से शिक्षित युवा अनुशासित नागरिक बनता है। ऐसे संस्कारवान युवा ही देश के नवनिर्माण एवं विकास की प्रमुख शक्ति होते हैं। उन्होंने कैडेट्स से पूरे मनोयोग से अपने अपने विषयों का अध्ययन करने के साथ साथ अपने प्राचीन भारतीय मूल्यों को प्रतिदिन के आचरण में अपनाने की अपील भी की। अपने ऐसे युवाओं के कारण आज का भारत देश बहुत ही शीघ्र विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बनेगा एवं पूरे विश्व का नेतृत्व भी करेगा क्योंकि किसी भी राष्ट्र का महत्वपूर्ण धन उसके जागरुक समाजसेवा भावना से परिपूर्ण नागरिक होते हैं।कार्यक्रम के अंत में शिविर अधिकारी श्री के.के. मिश्रा ने एकेएस विश्वविद्यालय प्रबंधन चेयरमैन अनंत कुमार सोनी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें अत्यधिक अच्छी सुविधायें प्रदान की गयी हैं।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के सभागार में वर्तमान के सर्वाधिक प्रासंगिक विषय ‘‘उच्च शिक्षा के क्षेत्र के समक्ष चुनौतियाँ’’पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान के पूर्व प्रो. डाॅ. कमलेश गौतम, भारतीय शिक्षण मंडल के संयोजक एवं एपीएस वि.वि. मे कार्यरत प्रोफेसर ने देशभक्ति से ओतप्रोत गीत प्रस्तुत करके अपनी भावनाऐं रखीं। इस मौके पर उपस्थित जनों के समक्ष डाॅ. राघवेन्द्र पी. तिवारी, कुलपति, डाॅ. हरिसिंह केन्द्रीय वि.वि. सागर ने ‘‘उच्च शिक्षा के क्ष्ेात्र के समक्ष चुनौतियाँ’’विषय पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश होना चाहिए। किसी भी देश की शिक्षा व्यवस्था उसकी संस्कृति की परिचायक है शिक्षा प्रणाली, शिक्षा नीति, उस देश और उसके देशवासियों की मानसिकता,सभ्यता और संस्कृति के आधार पर आधारित हो तभी हम उन्नत राष्ट्र का निर्माण करते हैं।समस्त विश्व में सबसे ज्यादा शिक्षा प्रणाली और शिक्षा पर ही लिखा गया है और चिंतन किया गया है। शिक्षा पद्वति पर निरंतर चिंतन होना चाहिए और चिंता भी इस बात की होनी चाहिए कि अतीत और वर्तमान दोनो का सामंजस्य हो। समयानुसार शैक्षणिक प्रणाली होनी चाहिए , उन्होने कहा कि वर्तमान शिक्षा की दिशा एवं दशा में परिवर्तन आवश्यक हो गया है। प्राथमिक, माध्यमिक, महाविद्यालयीन एवं विश्वविद्यालयीन शिक्षा को कम्पार्टमेन्ट स्वरूप दे दिया गया है जो उचित नहीं है। शिक्षा पर समेकित रूप से चिंतन करके उसमें परिवर्तन करना होगा। शिक्षा जगत में शिक्षक, विद्यार्थी, पाठ्यक्रम, अध्यापन की विधि एवं अभिभावक प्रमुख बिन्दु हैं। पाठ्यक्रमों में प्रायोगिक कार्यों को उचित महत्व देना आवश्यक हो गया है। शिक्षा में लर्निंग आउटकम पर जोर देना होगा। अभी हमारी शिक्षण पद्धति सूचनायें देना और परीक्षा में सूचनाओं की परीक्षा हो गयी है। हमें अभी गुरुकुल शिक्षा पद्धति अपनानी होगी। हमारी शिक्षा प्रणाली‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिये। परिस्थितियों के अनुसार शिक्षा पद्धति एवं पाठ्यक्रमों में संशोधन होना चाहिए। रोजगार के लिए उद्योग जगत की आवश्यकतानुसार पाठ्यक्रम निर्धारित होना चाहिए उन्होंने सम्पूर्ण शिक्षक वर्ग को शिक्षा के क्षेत्र में नित नए प्रयोग करने और छात्र-छात्राओं के सम्पूर्ण पुनरुत्थान करने के लिए पे्ररित किया कार्यक्रम का संचालन ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने किया। एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो. पी.के. बनिक, प्रति कुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, वि.वि. के डायरेक्टर अवनीश सोनी,ने देवार्चन और दीप प्रज्वलन किया। कुलपति प्रो. बनिक ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में शिक्षकों से पूरे समर्पण के साथ कार्य करने की अपील की। समारोह में वि.वि. के समस्त संकाय के डीन, डायरेक्टर्स, विभागाध्यक्ष फैकल्टी मेम्बर्स सहित शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना में आए महाराष्ट्र,हिंगोली जिले के दो किसानों स्वामी जनार्दन स्वामी और सीताराम ने एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और अमित कुमार सोनी से सौजन्य मुलाकात करते हुए एकेएस वि.वि. का आभार जताया। उन्हांेने बताया कि एकेएस वि.वि. की जैविक फसल संजीवनी और अमृत पानी की बदौलत वह अब समृद्व किसान की श्रेणी में आ चुके हैं और लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वि.वि. के चेयरमैन को भेट किए गए केले और आम के फल उनके अपने खेतों के हैं और उसमें एकेएस वि.वि. का विशेष आभार है। अपने खेतों में जैविक विधि से उत्पादन बढाया जैविक खेती पूर्ण रूपेण की जा रही है। जैविक खेती से वि.वि. में ब्रोकली, टमाटर, आलू, मटर, दलहन, तिलहन, धान, गेहूं, अलसी, सरसों की फसलों पर जैविक खाद अमृत पानी अमृत की तरह कार्य कर रहे हैं। जैविक लिक्विड अमृत पानी फसलों में लगने वाले कीटों के लिये फसल संजीवनी, गौमूत्र जड़ी-बूटी द्वारा जैविक विशेषज्ञ वैद्य अब्दुल वारसी द्वारा निर्मित किया गया। इस खाद का उपयोग पिछले डेढ़ वर्षों में सफलतापूर्वक किया गया और इसके परिणाम काफी सकारात्मक आये। शासकीय कृषि विभाग द्वारा एकेएस युनिवर्सिटी के वैज्ञानिक अब्दुल वारसी को रावे के किसानों के कार्यक्रम में विशेष रूप से बुलाया जाता है। एकेएस वि.वि. का उद्देश्य है कि शासन की योजनाओं को किसानों तक पहुचाया जाय। इसी कड़ी में किसानों की आर्थिक स्थिति के मद्देनजर और किसानों के विकास के लिये लगातार कार्ययोजना पर वर्क करना है। केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार जैविक खेती पर विशेष बल दे रही हैं। लागत कम हो और उत्पादन ज्यादा हो। महाराष्ट्र हिंगोली जिले के दो किसान एकेएस वि.वि. आये और उन्होंने फसल उत्पादन की जैविक विधि देखी, समझी और उसे खेत में प्रयोग किया। किसानो ने अपने खेत की फसल कपास, गन्ना, केला, अरहर, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा जैसी फसलों पर अमृत पानी का सफल प्रयोग किया। फसलों की लागत बुवाई में घटी और उत्पादन बढ़ा। दोनों किसानों ने एकेएस वि.वि. के एग्रीकल्चर प्रक्षेत्र एवं पाॅलीहाउस में फसल रक्षक कीट नियंत्रण प्रशिक्षण प्राप्त किया और उनका कहना है कि अमृत पानी से उन्हें आशातीत सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने वि.वि. का धन्यवाद दिया और अपने अंचल के अन्य किसानों को भी इस विषय पर जागरुक करने का कार्य लगातार कर रहे हैं कई किसान उससे लाभन्वित भी हो रहे हैं।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना में कैम्पस के माध्यम से विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों का चयनित होने का सिलसिला लगातार जारी है, इसी कड़ी में मोस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी इन सेंट्रल इंडिया 2018 अवार्डेड वि.वि. में रिलायंस जियो टेलीकाॅम ने सभी संकाय के ग्रेजुएट्स के लिये कैम्पस का आयोजन किया। कैम्पस में आल ग्रेजुएट ब्रांच सेल्स आॅफीसर पद के लिये शामिल हुए। कम्पनी के एचआर मैनेजर ने बताया कि रिलायंस जियो टेलीकाॅम ने तकरीबन 18 विद्यार्थियों का चयन एकेएस वि.वि. से किया है। सभी चयनित ब्रांच सेल्स आॅफीसर्स सतना रीजन के लिये चयनित किये गये हैं। इनका चयन फाइनल इंटरव्यू के बाद किया गया। उल्लेखनीय है कि कम्पनी द्वारा चयनित छात्रों का सैलरी पैकेज 1 लाख 20 हजार रूपये पर एनम तय किया गया है। चयनित हुए विद्यार्थियों को वि.वि. प्रबंधन ने शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।

 

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सतना. ऐ के एस विश्वविद्यालय द्वारा जिले के विभिन्न ग्रामो में कुपोषण मुक्त भारत पे कार्यक्रम किये गए जिसमे ग्राम  लोहारौराएभादएजिग्नाहटएभर्रीए मढ़ीएदेवराएमांदए धनखेरए ब्रेठियाएइटमाए श्यामनगरएकुलहरिएगोवरोघुरद इत्यादि मुख्य रहे। रावे के समन्वयक श्री सात्विक सहाय बिसरिया के नेतृत्व में  मुक्त भारत तथा कुपोषण मुक्त मध्य प्रदेश अभियान के अंतर्गत ग्रामो के सभी आगनवाड़ी केन्द्रो पर कार्यक्रम किये गए।।जिसमे ग्राम के लोग तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रही।जिसमे कुपोषण के निवारण हेतु ग्रामजनो के साथ चर्चा की गई तथा जिसने  कार्यकर्ताओ  गांव के लोगो ने तथा  सभी विद्यार्थियों ने भी अपने अपने मत प्रदर्शित किये।तथा कार्यक्रम के अंत में ग्राम के 2 कुपोषित बच्चों के जन्म दिवस को मनाया गया तथा उनके माता पिता को कुपोषण से मुक्ति के उपाय बताये गए। यह कार्यक्रम ।ज्ञैन्  के रावे के छात्र और छात्राओ ने हिस्सा लिया जिसमे प्रियांशएसंकेत प्रियांश लखेरा रोहित मनोज सचिन अंकितमिश्रा अंकि यादव नाजिल प्रावीश रणजीत विकास मंडावी हर्षिता अनामिका  प्रियंका अमीषा सोनम इत्यादि उपस्थित रहे।

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दिनांक-16.07.2018 केा एकेएस विश्वविद्यालय के । ब्लाॅकए ब्.11 सभागार में बी.एस.सी (कम्प्यूटर साइंस एवं गणित) एवं एम.एस.सी (भौतिकी) के विद्यार्थियों के लिए एस्ट्रोफिजिसिस्ट आकाश नारायण जो कि एस्ट्रोनाॅमी एवं एस्ट्रोफिजिक्स विभाग, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद में कार्यरत ने विद्यार्थियों को (तारों का बनना, सुपर नोवा, तारों की औसत आयु, हमारा ग्रहीय तारा सूर्य) के बारे मंे वृहद् स्तर से समझाया तथा ये भी बताया कि इस क्षेत्र मंे एम.एस.सी (भौतिकी) के विद्यार्थी अपना कैरियर कैसे बना सकते हैं। ज्ञातव्य हैं ’कि विगत वर्ष जो नोबल पुरस्कार भौतिकी के क्षेत्र में दिया गया था उसमें महत्वपूर्ण भूमिका खगोलशास्त्री की रही। इस व्याख्यान का महत्व छात्रों के बीच रिसर्च के लिए प्रेरित करना रहा।
इनकी रही मुख्य भूमिका- प्रो. आर.एन. त्रिपाठी (डीन बेसिक साइंस), डाॅ नीलेश राय डाॅ. ओ.पी. त्रिपाठी, डाॅ. दिनेश मिश्रा, डाॅ. सुधा अग्रवाल, लवली सिंह गहरवार, साकेत कुमार एवं पुनीत चनपुरिया ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। आभार प्रदर्शन डाॅ नीलेश राय (विभागाध्यक्ष भौतिकी संकाय) ने किया।

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना में टाॅपर टेक्नोलाॅजीज प्रा.लि. ने कैम्पस के माध्यम से विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को चयनित किया। वि.वि. में कैम्पस का सिलसिला लगातार जारी है, इसी कड़ी में मोस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी इन सेंट्रल इंडिया 2018 अवार्डेड वि.वि. में टाॅपर टेक्नोलाॅजीज प्रा.लि. ने बी.टेक और एमबीए के छात्रों का चयन किया। भोपाल, इंदौर और रायपुर लोकेशन के लिये कैम्पस का आयोजन किया गया। वि.वि. के छात्रों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। एरिया सेल्स एग्जिक्यूटिव/टेक्नीशियन पद के लिये चयनित किये गये प्रतिभागियों को 4 लाख के साथ इन्सेंटिव भी कम्पनी के द्वारा प्रदान किया जायेगा। चयनित हुए विद्यार्थियों को वि.वि. प्रबंधन ने शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना में टाॅपर टेक्नोलाॅजीज प्रा.लि. ने कैम्पस के माध्यम से विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को चयनित किया। वि.वि. में कैम्पस का सिलसिला लगातार जारी है, इसी कड़ी में मोस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी इन सेंट्रल इंडिया 2018 अवार्डेड वि.वि. में टाॅपर टेक्नोलाॅजीज प्रा.लि. ने बी.टेक और एमबीए के छात्रों का चयन किया। भोपाल, इंदौर और रायपुर लोकेशन के लिये कैम्पस का आयोजन किया गया। वि.वि. के छात्रों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। एरिया सेल्स एग्जिक्यूटिव/टेक्नीशियन पद के लिये चयनित किये गये प्रतिभागियों को 4 लाख के साथ इन्सेंटिव भी कम्पनी के द्वारा प्रदान किया जायेगा। चयनित हुए विद्यार्थियों को वि.वि. प्रबंधन ने शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

 

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सतना। कौन कहता है कि आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों, कुछ ऐसा ही भाव लेकर एकेएस वि.वि. सतना के आईटी प्रशासक सोनू कुमार सोनी ने अपने जज्बे से वो कर दिखाया जिसकी हम आप कल्पना करते हैं। उन्होंने सफलतापूर्वक सतना से लेह तक का सफर मोटर साइकल से पूर्ण किया। जिद, जज्बे और जुनून की हद तक इस यात्रा का लुत्फ उठाते हुए उन्होंने तकरीबन 4600 किमी. की 14 दिनों की साहसिक यात्रा अपने दोस्त के साथ मिलकर सफलतापूर्वक पूरी की। 28 जून को अपनी यात्रा की शुरुआत करते हुए सोनू कुमार सोनी ने 400 सीसी की बाइक से यह यात्रा खुशी खुशी पूरी की। भोर के उजास से लेकर रात के तम तक वह आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहे। दुर्गम और कठिन रास्तों पर चलते हुए भी उन्होंने आशा नहीं छोड़ी। सोनू के मित्र सुभाष शरण ने भी उनके साथ ग्वालियर, दिल्ली, अम्बाला, उधमपुर होते हुए द्रास कारगिल तक यात्रा की। इसी रास्ते से दोनों मित्र लेह लद्दाख पहुंचे, लेह से सियाचिन मार्ग होते हुए सोनू और सुभाष पैगकांग लेक पहुंचे। इस झील का 80 फीसदी हिस्सा चीन में और 20 फीसदी हिस्सा हिन्दुस्तान में है। हसीन वादियों का नजारा करते हुए प्रकृति की सुदरता की असीम खूबसूरती को निहारते और आगे बढते सोनू ने बताया कि सचमुच यात्रा प्रेरणदायक और बेमिसाल रही ।मोबाइल से लगातार जीपीएस का सहारा लेते हुए दोनों दोस्त लेह मनाली हाइवे पर पहुंचे जहां जिंग जिंग बार में टेंट के भीतर पूरी रात गुजारी। मोबाइल का जीपीएस सिस्टम उनके लिये वरदान की तरह रहा। चूंकि दुरूह और मुश्किल रास्ते होने के कारण मोबाइल का नेटवर्क भी कई बार साथ छोड़ देता था। ऐसे में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आॅफलाइन मैप का सहारा लेकर आगे बढ़ते रहे। इसके पहले सोनू ने एक साल तक इस यात्रा के लिये तैयारियां कीं। सोनू ने बताया कि यात्रा के लिये फिजिकल और मेंटल पावर जरूरी थी। इसके पहले आम तौर पर 80 फीसदी से ज्यादा राहगीर मनाली पहुंचकर बाइक या फ्लाइट से पहले लेह जाते हैं और लेह के आगे का सफर फिर बाइक से करते हैं। जवाहर टनल से गुजरने की इजाजत न मिलने की वजह से दोनों ने छोटे से गांव बनिहाल में रात बिताई। सोनू ने कहा कि उन्हें लगातार हौसला और हिम्मत वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और वि.वि. में कार्यरत लोगों से मिलता रहा। आईटी हेड ने बताया कि लेह में विशाल दर्रों का समूह है। जहां बाइक या 4 पहिया वाहन चलाना आसान नहीं है। जोजिला पास के पास चांगला पास में सबसे मुश्किल काम ड्राइविंग का था। इसी बीच लेह और नुब्रा वैली के बीच विश्व का सबसे ऊंचा पास है खार डुंगला, इसकी ऊंचाई 18300 फिट है। यहां गर्व और हर्ष से दोनों मित्रों ने भारत का राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया। फ्यूलिंग के लिये 10 लीटर पेट्रोल रिजर्व रखकर चलते चलते लेह और मनाली के बीच 345 किमी. का एक ऐसा क्षेत्र भी पडा जहां पेट्रोल पंप नहीं हैं। ऐसी जगह रिजर्व पेट्रोल काम आया। सोनू के इस जज्बेपूर्ण हिम्मत और हौसले भरे कार्य के लिये वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी और वि.वि. के समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने उन्हें बधाई दी है। सोनू कुमार सोनी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन की वजह से वे इस साहसिक कार्य के लिये जज्बा जुटा पाये उन्होने कहा कि मेरी मंजिले इससे भी आगे की हैं मुझे रास्तों की तलास है मन में उमंग है कुछ और करने की खुद को खेाजने की और जहाॅ का सफर करने की।

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