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सतना। नेशनल सेमिनार का आयोजन शिक्षा के क्षेत्र का ख्यातिलब्ध नाम एकेएस विश्वविद्यालय सतना और विगत 57 वर्षों से भुवनेश्वर से प्रकाशित इंडियन माइनिंग एण्ड इंजीनियरिंग जर्नल के संयुक्त त्तवावधान मे किया गया।इसका विषय‘सस्टेनेबल डेव्हलपमेंट आॅफ मिनरल रिसोर्सेस‘‘रहा। 7 व 8 अप्रैल 2018 को होटल क्लाक्र्स खजुराहो में एनुअल अवार्ड फंक्शन’ का आयोजन पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए माइनिंग के क्षेत्र को समृद्ध बनाना की थीम के साथ किया गया। सेमिनार में देश के ख्यातिप्राप्त विषय विशेषज्ञ एवं भारत सरकार के प्रतिनिधि, औद्योगिक प्रतिष्ठानों के अधिकारीगण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढा वैसे ही माइनिंग की बारीकियों पर चर्चा नवीन ज्ञान के साथ आगे बढी।एकेएस वि.वि. के उच्च शैक्षणिक मापदंडों की सभी ने मुक्त कंठ से सराहना की।
वार्षिक पुरस्कारों में इन्हें किया गया सम्मानित
नेशनल सेमिनार में माइनिंग क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले रंजन सहाय, प्रो. वी.वी. धर, डाॅ. गोपाल धवन और प्रो. गोपाल कृष्णन कर्नाटका को लाइफ टाइम एचीव्हमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नेशनल वर्कशाप के दौरान डाॅ. जी.के. प्रधान (नेशनल जियो साइंस अवार्ड विनर) के द्वारा लिखित माइनिंग की पुस्तक एक्सप्लोसिव एण्ड ब्लास्टिंग टेक्निक्स का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
चयनित छात्रों ने किया कम्पनी प्रतिनिधियों के समक्ष पेपर प्रजेंटेशन
7 एवं 8 अप्रैल को आयोजित कार्यक्रम में प्रिज्म सीमेन्ट, मैहर सीमेन्ट, रिलायंस सीमेन्ट, विक्रम सीमेन्ट, अल्ट्राटेक सीमेन्ट, जेपी सीमेन्ट, एनएमडीसी, पीताम्बरा लिग्नाइट, टाटा स्पांज, खजुराहो मिनरल्स, प्रैंकर, एसबी ग्रेनाइट के साथ एकेएस वि.वि. के 36 फैकल्टी मेम्बर्स के समक्ष एकेएस वि.वि. के माइनिंग विभाग के 20 छात्रों ने नेशनल सेमिनार की विषयवस्तु समझी और पेपर प्रजेंट किया। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को इंडियन माइनिंग एण्ड इंजीनियरिंग जर्नल और एकेएस वि.वि. की तरफ से कार्यक्रम का मोमेंटो प्रदान किया गया।
इन्होंने दिया सफल आयोजन में सहयोग
सेमिनार में पुणे महाराष्ट्र के डीपटेक इंस्ट्रूमेंट्ेशन इण्डस्ट्री के डायरेक्टर दीपेश यादव के द्वारा विभिन्न माइनिंग इस्ट्रूमेन्ट्स का स्टाल्स के माध्यम से डेमोस्ट्रेशन किया गया। अमेरिकन कम्पनी ट्रंकर के प्रतिनिधि प्रशांत कुमार द्वारा सरफेस माइनिंग के बारे में जानकारी प्रदान की गई। इस मौके पर एकेएस वि.वि. के इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान, मिसेज अनीता प्रधान, जर्नल के एडीटर इन चीफ डाॅ. एस. जयंथू, अतुल सोनी, आशुतोष दुबे, गौरी रिछारिया, शिवानी गर्ग के साथ वि.वि. के समस्त विभागों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम के कन्वीनर डाॅ. जी.के. प्रधान और कोकन्वीनर मनीष अग्रवाल रहे।
अर्द्ध शताब्दी पूर्ण कर चुका है जर्नल
गौरतलब है कि इंडियन माइनिंग एण्ड इंजीनियरिंग जर्नल 1961 से लगातार प्रकाशित होता आ रहा है और पिछले 10 वर्षों से एनवल अवार्ड की परम्परा प्रारम्भ की गई। इस अवार्ड के सहभागी वह साइंटिस्ट होते हैं जो अपने क्षेत्र में बेहतर काम करते हैं। एकेएस वि.वि. सतना में इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर, लाइफ साइंस, आईटी, एमबीए और सोशल साइंस के साथ साथ रिसर्च और इण्डस्ट्री इंटरैक्शन की समृद्ध परम्परा है। डिप्लोमा बी.टेक, एम.टेक और पीएचडी प्रोग्राम भी यहाॅ संचालित हैं।
ये रही कार्यक्रम की थीम
कार्यक्रम की मुख्य थीम ट्रेंड आॅफ माइनिंग आॅफ कोल लिग्नाइट एण्ड नान कोल मिनरल्स बाय यूजी एण्ड सर्फेस माइनिंग, इनोवेटिव माइनिंग सिस्टम/माइन मैकेनाइजेशन, स्पेशल माइनिंग मेथड, माइन क्लोजर, इन्वायर्नमेंटल इश्यूज, एमएमडीआर एक्ट एण्ड एमसीबीआर 2017 और अदर न्यू रेग्युलेशन के साथ साथ सस्टेनेबल मिनरल डेव्हलपमेंट पर विस्तार से चर्चा हुई। कांफ्रेंस के सेक्रेटरी ए.साहू रहे।
ये डेलीगेट्स हुए शामिल
नेशनल वर्कशाप के दौरान वि.वि. के कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, डाॅ. एम. कालीदुराई, प्रो. बी.बी. धर, प्रो. एस. जयंथू, रंजन सहाय, कंट्रोलर जनरल आॅफ माइन्स, आईबीएम नागपुर, डाॅ. अखिलेश पाण्डेय, चेयरमैन म.प्र. प्राइवेट युनिवर्सिटीज, गुनाधर पाण्डेय, डायरेक्टर, संजय जोशी, प्रेसिडेंट मैहर सीमेंट, चांद चंदना, एस. हालदार, डायरेक्टर माइन सेफ्टी ग्वालियर, पी.सी. नाइक, आरएमडी सेल, सुनील गुप्ता, प्रो. गुरूदीप सिंह, आईएसएम, आईआईटी धनबाद, प्रियम जैन, पी.के. सत्पथी, डायरेक्टर प्रोडक्शन एनएमडीसी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
माइनिंग नीतियों पर हुई चर्चा
इस मौके पर उपस्थित विद्वजनों ने भारत सरकार की वर्तमान माइनिंग नीतियों एवं नियमों के बारे में चर्चा भी की। एसडीमाइनर के इस चैथे आयोजन को उपस्थितजनों ने पूर्णतः सफल बनाया। इसके पूर्व 2014 दिल्ली में, 2015 भुवनेशवर में, 2017 बिलासपुर में आयोजित हो चुके हैं। 2018 खजुराहो के आयोजन के बाद अगला आयोजन आयोजन फरवरी 2019 दिल्ली में रखा गया है।

 

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एकेएस विश्वविद्यालय सतना के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ पारंपरिक तरीके से मां सरस्वती के पूजन एवं दीप प्रज्वलन कर हुआ कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ महेंद्र कुमार तिवारी ने सेमिनार के उद्देश्यों उसके थीम एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की प्रोफेसर जी पी रिछारिया जी ने ने स्वागत भाषण प्रस्तुत कर सभी मुख सभी अतिथियों का सम्मान किया कार्यक्रम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर मिश्रा पूर्व कुलपति ने औद्योगिक क्रांति को जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण बताया और कहा कि यदि हम वैज्ञानिक तरीकों से विकास नहीं करेंगे तो पृथ्वी पर जीवन संकट में हो जाएगा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ आर जी सोनी प्थ्ै मेंबर सेक्रेटरी ऑफ़ मध्य प्रदेश जैव विविधता बोर्ड भी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि किस जलवायु परिवर्तन को हम ज्यादा से ज्यादा मात्रा में वृक्ष एवं जंगल को बचा कर के कर सकते हैं क्योंकि यह जंगल कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर वातावरण में संतुलन बना कर के रखते हैं
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉक्टर सुनील सक्सेना पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी दिल्ली सरकार एवं वर्तमान में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिल्ली ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा ज्यादा से ज्यादा हासिल फ्यूज का उपयोग से निकलने वाली सीओटू ही हमारे पर्यावरण का टेंपरेचर बढ़ा रही है।कुलपति प्रोफेसर पीण्के बनिक ने बताया कि मनुष्य का लालच ही हमारे पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है एवं उसमें असंतुलन पैदा कर रहा है कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं श्री बीण्पीण् सोनी जी चांसलर ए के एस यू ने बताया कि जलवायु का परिवर्तन ही हमारे कृषि एवं वर्षा और समुद्र लेवल को असंतुलित कर रहा हैउद्घाटन सत्र के बाद प्रथम तकनीकी सत्र में सक्सेना जी ने विस्तृत रूप से जलवायु परिवर्तन के कारणों तथा मानव स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव को बताया उसके बाद द्वितीय सत्र प्रारंभ हुआ जिसमे की प्रोफेसर अनिल प्रकाशए प्रोफेसर अरविंद देशमुख एवं प्रोफेसर आर पी जोशी तथा डॉटर सिकरवार ने अपने पेपर प्रस्तुत किए। सेमिनार का विशेष तीसरा सत्र शोधकर्ताओं छात्रों के लिए रखा गया जिसमें कि देशभर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे लखनऊ जबलपुर रीवा इलाहाबाद मुंबई आदि जगह से आए हुए शोध छात्रों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया इस सेमिनार में 40 शोध पत्रों का वाचन किया गया जिसमें कि एक अच्छा डिस्कशन निकल कर सामने आया शोध पत्रों में प्रथम स्थान टीण्एफण्आरण्आई की छात्रा एवं द्वितीय स्थान मुंबई की छात्रा को और तृतीय स्थान एकेएस विश्वविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं को दिया गया। सेमिनार के दूसरे दिन में पंचम सत्र में डॉक्टर सुदीप तिवारी एनबीआरआई डॉक्टर शिवेश प्रताप सिंह डॉक्टर हौसला प्रसाद ने अपने अपने शोध पत्रों का वाचन किया।कार्यक्रम के छठ में सत्र में डॉक्टर बी बी सिंह आईएफएस डायरेक्टर राज्य बांस मिशन भोपाल ने बांस का जलवायु परिवर्तन को कम करनेए आके उपयोगों पर विशेष भाषण दिया समापन समारोह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सतना सांसद गणेश सिंह जी ने कहा की नदियों का संरक्षण करके हम जलवायु परिवर्तन को तथा आने वाले जल संकट से हम बच सकते हैं।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भोज यूनिवर्सिटी भोपाल के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कान्हेरे जी ने जैबविविधता एवम पर्यावरण पर ग्लोबल वार्मिंग के हो रहे प्रभावों का विस्तार से समझाया। डॉ हर्षवर्धन प्रो वीसी ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर इस सेमिनार के महत्व पर प्रकाश डाला। अथितियों का धन्यवाद ज्ञापन प्रो आर अन त्रिपाठी ने किया।यह दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल ए नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस इंडिया ठम्त् चैप्टर एवं माइक्रोबायोलॉजी सोसाइटी इंडिया और डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के सहयोग से संपन्न हुआ। दो दिवसीय कार्यक्रम में अनंत सोनी चेयरमैनए डॉ आर एस त्रिपाठी प्रो वाइस चांसलर एडीन प्रोफेसर जी पी रिछारिया डॉक्टर कमलेश चौरे डॉ सूर्य प्रकाश गुप्ता डॉक्टर नीरज वर्मा सुमन पटेल जी शेखर राय सुमित सुमित कुमार डॉ अरविंद गुप्ता संध्या पांडे डॉ दीपक मिश्रा डॉ अश्वनी वाउ एवं विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के छात्र एवं जैवप्रद्योगिकी विभाग के छात्र उपस्थित रहे।

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सतना। एकेएस वि.वि. के मास्टर आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के फाइनल ईयर के छात्र आईआईएम अहमदाबाद में वेाकेशनल ट्रेनिंग हेतु एक विशेष प्रक्रिया के उपरान्त चयनित हुए हैं। एक सप्ताह की ट्रेनिंग के लिए चयनित विद्यार्थी हर्षिता सिंह और रोशन चक्रवर्ती एमबीए फोर्थ सेमेस्टर एकेएस वि.वि. में अध्ययनरत हैं।दोनो छात्रों का चयन आईआईएम अहमदाबाद द्वारा आयोजित टेस्ट पास करने के बाद हुआ है। इन्हें विश्व के प्रसिद्व प्रोफेसर्स जिनमे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर्स भी शामिल हैं के द्वारा विद्यार्थियों को लेटेस्ट बिजनेस, रिसर्च की उपयोगिता,मार्केटिंग एंटप्रेन्योरशिप और माइक्रो फायनेन्स जैसे विषयों को  वेाकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।  उल्लेखनीय है कि इससे दोनो विद्यार्थियों को कॅरियर की प्रगति में विशेष लाभ मिलने के साथ-साथ जाॅब के दौरान अच्छा पैकेज भी मिलने की पूरी उम्मीद है। इस ट्रेनिंग के दौरान विद्यार्थियों  को स्टडी मैटेरियल भी उपलब्ध कराया गया है जो कि वैश्विक स्तर का है। छात्रों ने आईआईएम में मिल रही वोकेशनल टेªनिंग की उपलब्धि का श्रेय  एकेएस वि.वि. द्वारा प्रदान की जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा अपने योग्य मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष डाॅ.कौशिक मुखर्जी को दिया है।

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एकेएस विश्वविद्यालय के इन्वार्मेंटल साइंस डिपार्टमंट के तत्वाधान में दिनांक 6 एवं 7 अप्रैल को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है  थीम है जलवायु परिवर्तन का पर्यावरण पर प्रभाव भारतीय परिपेक्ष्य में। इस राष्ट्रीय सेमीनार में पर्यावरण पर जलवायु परिवर्तन का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, स्वास्थ्य व पर्यावरण प्रदूषण का खतरा व आपदा प्रबंधन, पर्यावरणीय समस्याओं का जैव प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के द्वारा उपचार एंव मरम्मत, वानिकी, जैवविविधता, कृषि उत्पादन व खाद्य सुरक्षा जैसे रोचक विषयों पर चर्चा की जायेगी। इस सेमिनार में देश के प्रतिष्ठित शासकीय एवं अर्द्धशासकीय संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस सेममिनार के प्रायोजक मध्यप्रदेश विज्ञान एव प्रौद्योगिकी परिषद्, भोपाल एवं एकेएस विश्वविद्यालय,सतना है तथा प्रमुख सहयोगी संस्थान राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी बीईआर चैप्टर एवं माइक्रोबायोलाजिस्ट सोसायटी इंडिया है। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य है जलवायु परिवतर्नन के विषय में आम लोगों तक पहुंचाना एवं ह समझाना है कि जलवायु परिवर्तन विगत कई वर्षो से लगातार कितना बड़ा मुद्दा बना हुआ है। यह आज पूरे विश्व की सबसे ज्वलंत समस्या है। जलवायु में विश्वभर मे हो रहे लगातार परिवर्तन से न केवल पर्यावरण को अपितु पूरे समाज को खतरा हैं। तापमान में हो रही लगातार वृद्धि जलवायु परिवर्तन के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार हैं। तापमान में हुई अचानक वृद्धि के कारण गर्मियों के दौरान उच्चतापीय तरंगे व शीत ऋतु में छोटी ठंडी तरंगे बनती है जिसके कारण जलवायु में परिवर्तन हो रहा हैं। जिसके फलस्वरूप भीषण सूखा, बाढ़, भू-स्खलन व तूफानों इत्यादि की आवृत्ति होती रहती हैं। दूसरी मुख्य समस्या हैं समुद्रों का बढ़ता जलस्तर,और तापमान बढ़ने के कारण हिमखंड व ग्लेशियर पिघल रहे हैं ग्रीन हाउस गैसों की सांद्रता बढ़ जाने से यह गैसें ताप को वायुमण्डल में लाॅक कर देती हैं। कुछ गैसे जैसे कार्बन डाई आक्साइड प्राकृतिक रूप से पाई जाती हैं लेकिन मानव क्रियाकलापों जैसे तेल, कोयला, प्राकृतिक गैसे इत्यादि ,गाड़ियों से निकलने वाले धुँए, डीजल आदि के कारण ग्रीन हाउस गैसों की सांद्रता बढ़ती जा रही हैं जो जलवायु परिवर्तन के लिये मुख्य रूप से उत्तरदायी हैं। कल्पना करके देखिये बिना पानी के जीवन की व अत्याधिक विषैली वायु में सांस लेने की, हम निश्चित तौर पर अपने बच्चों को ऐसी खतरनाक जिंदगी नहीं देना चाहेगे। इसलिये अभी भी समय हैं हमें और भी ज्यादा सचेत और जिम्मेदार बनना होगा। हमारे सतना शहर ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विन्ध्य क्षेत्र को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य है। हमारे आप-पास जितने भी उद्योग हैं उन सबसे निकलता कार्बन, हमारे वाहनों के धुँए से निकलता कार्बन ग्रीन हाउस गैसों को बढ़ावा दे रहा है। आज इतनी संस्था में वृक्ष भी मौजूद नहीं हैं जो कि इस ग्रीन हाउस गैसों को कम कर सके यही ग्रीन हाउस गैसे वैश्विक गर्माहट के लिए जिम्मेदार हैं एवं वैश्विक गर्माहट जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं तो अगर हमें जलवायु परिवर्तन को रोकना हैं तो हमे अपने अपने व्यक्तिगत स्तर पर कार्बन के उत्सर्जन को कम करना होगा। सेमिनार के अतिथि श्री आर.जी. सोनी, प्रोफेसर रहस्यमनि मिश्रा,पूर्व कुलपति अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा, गणेश सिंह सांसद, सतना, रविन्द्र कन्हरे ,भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति, डाँ बी.बी. सिंह आई.एफ.एस होगे। प्रथम तकनीकी सत्र के वक्ता डाॅ. एम. काली दुरई आई.एफ.एस.,रीवा,द्वितीय सत्र के वक्ता आर. जी. सोनी मध्यप्रदेश जैव विविधता बोर्ड के मैम्बर सेक्रटरªी होंगे, तृतीय सत्र एवं पाचवें सत्र को विभिन्न शासकीय व अर्द्धशासकीय संस्थानों के प्रतिनिधि संबोधित करेंगे। चतुर्थ सत्र में पोस्टर का प्रदर्शन किया जायेगा। कार्यक्रम के संरक्षक विश्वविद्यालय के चांसलर बी.पी. सोनी व आयोजक पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी होंगे।

 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के फैकल्टी आॅफ लाइफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी, डिपार्टमेंट आॅफ इन्वायर्नमेंट साइंस के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि क्लाइमेट चेंज एण्ड इट्स इम्पैक्ट आॅन इन्वायर्नमेंट इन इंडियन पर्सपेक्टिव पर नेशनल सेमिनार 6 और 7 अप्रैल को आयोजित होना तय किया गया है जिसके स्पांसर्ड एमपी काउंसिल आॅफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी भोपाल और एकेएस युनिवर्सिटी सतना रहेंगे। नेशनल सेमिनार में देश के ख्यात इन्वायर्नमेंटलिस्ट शिरकत करेंगे और अपने अभूतपूर्व अनुभवों से उपस्थितजनों को क्लाइमेट चेंज के प्रति जागरुक करेंगे। भारतीय परिदृश्य में क्लाइमेट चेंज का क्या असर हो रहा है और आगे की पीढ़ी के लिये किस तरह की दुरूह स्थितियां निर्मित हो रही हैं और वातावरण के साथ-साथ मौसम के मिजाज में जो तब्दीली आ रही है उसमें कहीं न कहीं प्रकृति का असंतुलित दोहन और प्रकृति के सानिध्य में रहकर निरंतर उसका नुकसान करने की वजह से हो रही है। हम जितना प्रकृति से लेते हैं उसे उतना लौटाने की भी परम्परा अगर कायम रखें तो प्राकृतिक संतुलन बना रहेगा और प्रकृति के साथ साथ मानव सभ्यता भी सुरक्षित रहेगी।

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