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b2ap3_thumbnail_15a6.1.jpgb2ap3_thumbnail_15a6.2.jpgसतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के मैनेजमेंट मैनेजमेंट विभाग के फैकल्टी प्रो. चंदन सिंह एवं प्रकाश सेन ने सेन्ट एलाॅयसिस आटोनाॅमस कालेज जबलपुर में आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेस में कमशः “ओरल कम्यूनिकेशन एण्ड प्रेजेन्टेशन स्किल“ एवं “ए स्टड्ी आॅन लेबर वेलफेयर सिस्टम एडाॅप्ट विथ टैलेंट मैनेजमेंट इन सतना सीमेंट “ विषय पर पेपर प्रेजेंट किया।

एकेएसयू 15 जनवरी को होगा कैम्पस प्लेसमेंट का आयोजन

सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना में 15 जनवरी को कैम्पस प्लेसमेंट का आयोजन किया जायेगा विद्यार्थियों के लिये वृहद स्तर पर विभिन्न कम्पनियां एच सी एल टेक्नालाॅजी नोएडा, वाई पी एप्सीलान इन्दौर, 15 जनवरी को आएंगी जिसमें विश्वविद्यालय के बीएससी आईटी, एमएससी आईटी और एमसीए के विद्यार्थी भाग लेंगे।

 

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना में 10, एवं 12 जनवरी को कैम्पस प्लेसमेंट का आयोजन किया जायेगा इस बारे में जानकारी देते हुए ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट आॅफीसर एम.के. पाण्डेय ने बताया कि विद्यार्थियों के लिये वृहद स्तर पर विभिन्न कम्पनियां एचडीएफसी बैंक मुम्बई, सुपर ग्रुप आॅफ इण्डस्ट्रीज अहमदाबाद, 10, एवं 12 जनवरी को आएंगी जिसमें विश्वविद्यालय के एमबीए, बीबीए, बीसीए, बीएससी आईटी, एमएससी आईटी और एमसीए के विद्यार्थी भाग लेंगे।
एकेएसयू फैकल्टी इंटरनेशनल कांफ्रेस मंे लेगे भाग

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना की मैनेजमेंट फैकल्टी प्रो. रिद्वी बक्सी ‘‘इफेक्ट आॅफ सोशल साइकोलोजी आॅफ इन्डिविजुअल विहेवियर‘‘ एवं डाॅ धीरेन्द्र ओझा “ग्लोबलाइजेशन एण्ड प्राइवेटाइजेशन एक्ट रिपेंट इफेक्ट इन इंडियन एग्रीकल्चर इकोनाॅमी “ विषय पर सेन्ट एलाॅयसिस आटोनाॅमस कालेज जबलपुर मे पेपर प्रेजेंट में करेंगें।


मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में युग-पुरुष स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर १२ जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मे मनाया जाएगा । इस बारे मे जानकारी देते हुए वि.वि प्रबंधन ने बताया कि इस अवसर पर विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के विचारों से अवगत कराया जाएगा। कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई द्वारा आयोजित है।
एकेएसयू मेे फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम होगा आयोजनका 

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना मे कम्पयूटर साइंस डिपार्टमेंट द्वारा तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम 15 से 17 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा । इस बारे मे जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष विजय विश्वकर्मा ने बताया कि इस प्रोग्राम मे कम्पयूटर फंडामेंटल , एनएसटू इनफार्मेशन, हार्डवेयर, इंटरनेट, की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी।
एकेएसयू फैकल्टी इंटरनेशनल कांफ्रेस मंे लेगे भाग

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के मैनेजमेंट विभाग के फैकल्टी प्रो. चंदन सिंह एवं प्रकाश सेन सेन्ट एलाॅयसिस आटोनाॅमस कालेज जबलपुर में 5 से 6 जनवरी तक आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेस में भाग लेगें। जिसमे ये क्रमशः “ओरल कम्यूनिकेशन एण्ड प्रेजेन्टेशन स्किल“ एवं “ए स्टड्ी आॅन लेबर वेलफेयर सिस्टम एडाॅप्ट विथ टैलेंट मैनेजमेंट इन सतना सीमेंट “ विषय पर पेपर प्रेजेंट करेगें।

 

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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एकेएस विवि. के सभागार में सभी संकाय के डीन,फैकल्टीज समस्त अधिकारी एवं स्टाफ मेम्बर्स नें नए वर्ष का स्वागत अनोखे अंदाज में किया।सभी ने अपनी हाॅबी के कई अनछु्रए आयाम मंच से दिखाए जिसे देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा था कि जिन्हें मै जानता हूॅ उनके इस हुनर से मैं जो वाकिफ नहीं था।चेयरमैन ने काॅमिक जोक्स से सभी को हॅसाया तो प्रो. वीसी ने नए वर्ष की कविता से संदेश दिया। फैकल्टीज ने गीत गुनगुनाकर और झूमकर नए वर्ष का स्वागत किया।वो भी एकेएस के अंदाज में....

एकेएस के डाॅ पी.के मजूमदार होगें प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर आॅफ प्रोज्ेाक्ट

गवर्नमेंट आॅफ इंडिया के मिनिस्ट्री आॅफ अर्थ साइंस द्वारा एसाइन्ड‘’डेव्हल्पमेंट आॅफ द मैथेमेटिकल मोडेल फाॅर द एसेसमेंट एण्ड आॅग्मेंटेशन आॅफ ग्राडन्ड वाटर स्टोरेज एण्ड फलो इन फ्रेक्चर्ड राॅक फार्मेशन ‘‘विषय पर दिए गए प्राजेक्ट के डाॅ पी.के मजूमदार प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर आॅफ प्रोज्ेाक्ट बनाए गए हैं।
है जिसके को- प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर आॅफ प्रोज्ेाक्ट डाॅ. जी.के. प्रधान एवं डाॅ. बी.के. मिश्रा नियुक्त किए गए हैं।इस प्राजेक्ट के पूर्ण होने पर अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर हाइड्रोलाॅजी एवं क्रियोस्फियर पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी।

एकेएसयू के डाॅॅ प्रधान ने की उडीसा इनवायर्नमेंट काॅग्रेस मे शिरकत

एकेएस यूनिवर्सिटी के माइनिंग डीन डाॅ. जी.के प्रधान ने उडीसा इनवायर्नमेंट काॅग्रेस की दिसंबर मे आयोजित कार्यशाला मे शिरकत की।इस गरिमामयी कार्यक्रम मे देश के 100 विदवानों ने भी शामिल होकर ज्ञान का आदान प्रदान किया। कार्यशाला का विषय ‘‘क्लाइमेट चेन्ज और पाॅवर कन्जर्वेशन ‘‘ रहा कार्यशाला उडीसा पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा आयोजित की गई।कार्यशाला का शुभारंभ आई.ए.एस. यू.एन. बेहरा द्वारा किया गया।

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सतना। भारत मसालों का देश है। प्राचीन काल में भारतीय मसालों के नाम पर दुनिया के अन्य देशों के लोगों की लार टपकने लगती थी। मसालों की चाहत ने ही वस्कोडिगामा को लाख बाधाओं को सहकर भी भारत आने के लिए विवश किया था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक तथा निर्यातक मुल्क है।
मसाले कृषि उत्पादों का एक महत्वपूर्ण वर्ग है। जो वास्तव में पाक कला के लिए आवश्यक है। भारत आठ लाख सत्रह हजार दो सौ पचास टन मसाला तथा इसके विभिन्न उत्पादों का निर्यात कर सत्र 2013-14 में तेरह हजार सात सौ छत्तीस करोड़ रुपये अर्जित किया है। अन्य फसले जैसे आनाज, दलहन, तिलहन आदि की तुलना में मसाला फसलों से प्रति इकाई भूमि से किसानों को आमदनी अधिक प्राप्त होती है।
इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए एकेएस विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्रौद्योगिकी संकाय ने मसाला फसलों यथा हल्दी, लाल मिर्च, अदरक, लहसून, अजवाइन, सौफ तथा मगरैल पर अनुसन्धान कार्य शुरु किया गया है। फसलों की अधिक उपज बढ़ाने हेतु नई किस्मों का विकास इस संकाय में प्राथमिकता पर लिया गया है। इसी कड़ी में भारत के मुख्य मसाले हल्दी तथा अदरक में प्रजनन कार्य भी प्रारंभ किया गया है।
हल्दी मसालों की मलिका है। पूरे विश्व का भारत 90 प्रतिशत हल्दी का उत्पादन करता है। विंध्य क्षेत्र के लिए हल्दी की उत्तम किस्म विकसित करने हेतु एक शोध परियोजना प्रगति पर है। जिसमें बिहार, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडू, केरल, उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ की हल्दी की किस्मों को एकत्र कर एकेएस के कृषि शोध परिक्षेत्र में लगाया गया है। इन किस्मों में बिहार की राजेन्द्र सोनिया, उड़ीसा की प्रभा, आन्ध्रप्रदेश की चायापशुदा, मद्रास की कोरूर, केरल की जीएलपुरम-1, कृष्णा, प्रतिभा इत्यादि सम्मिलत है। इस शोध परियोजना मुख्य उद्देश्य अधिक उपज देने वाली तथा अधिक कुरकुमिन वाली कीट तथा रोग प्रतिरोधी किस्मों का विकास करना है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर एकेएस विश्वविद्यालय विंध्य क्षेत्र के किसानों को हल्दी की एक ऐसी किस्म देगा। जिसे अर्द्ध छायादार भूमि जैसे आम, अमरूद के बगीचे में ऊगाया जा सकेंगा। यह विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में मसाला उत्पादन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किसान प्रशिक्षण का केन्द्र बनेगा। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना अदरक तथा आमआदि (मैंगोजिंजर) पर शोध कार्य प्रगति पर है। मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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विश्वविद्यालय के लिए रहे गौरवमयी एवं उपलब्धि भरे

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में एक एैसे उद्येष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। जो विद्यार्थियो मे संस्कृति, सभ्यता और अनुशासन के साथ कुछ बनने और कुछ करने का जज्बा भी पैदा कर सके। और इस मिशन के प्रेरणास्रोत है एडवाइजर टू चांसलर इंजी राजेश मोदी जो विश्वविद्यालय के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी के मार्गदर्शक और गुरू भी है। विश्वविद्यालय अपने पांच सूत्रीय डेडिकेशन के फर्मूले यूनिकनेस, एक्सीलेंस, क्रियेटिविटी, इनोवेशन, और परफेक्शन के साथ आगे बढ़ रहा है।एकेएस विश्वविद्यालय की स्थापना उच्च शिक्षा व्यवस्था मे गंभीर खामियों को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों के लिए ऐसे परिदृश्य का सृजन करने कि कोशिशों के साथ हुआ जिसे अब तक शिक्षा जगत मे उपेक्षित स्थान हासिल होता था। यूजीसी की सूची मे महाकौशल का एकेएस विश्वविद्यालय प्रादेशिक सूची मे प्रथम स्थान पर एवं यूजीसी की देश की सूची मे पचासवंे क्रमांक पर दर्ज है।

ये है एकेएस के एक्सीलेन्स का इतिहास

विश्वविद्यालय नेशनल हाइवे-7 शेरगंज पन्ना रोड पर स्थित हैं। जहां विद्यार्थी अपनी आंखों में कुछ बननें का सपना लिए प्रवेश करते हैं । और विश्वविद्यालय उनके सपनो को पंख लगाता हैं । जिससे विद्यार्थी अपनी तय मंजिल तक पहुंचते हैं। यह यात्रा पिछले 19 वर्षो से चरैवेति चरैवेति की तर्ज पर राजीव गांधी काॅलेज से होते हुए एकेएस विश्वविद्यालय तक पूरी सजगता ,सहजता एवं तन्मयता से आगे बढ़ रही हैं यह और गौरवशाली होकर आगे बढ़ेगी। इसे विश्वविद्यालय के चेयरमैन शिक्षा का एक ऐसा केन्द्र बनाना चाहते है जो कि शिक्षा जगत में मिशाल बन सकें।

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b2ap3_thumbnail_14l30.jpgसतना। इस बारे में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डाॅ. शेखर मिश्रा ने बताया कि सत्र-2014-15 के लिए विभिन्न संकायों की सेमेस्टर परीक्षाएं 16 दिसम्बर से प्रारंभ हो चुकी है। यह क्रम 24 जनवरी तक अनवरत रहेगा। विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली के अनुसार विद्यार्थियोें के परीक्षा परिणाम भी क्रमवार जनवरी के प्रथम सप्ताह से आने प्रारंभ हो जायेगंे। जिन विद्यार्थियों की परीक्षायें क्रमवार समाप्त होती जाएगी। उनके परिणाम 15 दिवस के अन्दर घोषित होने शुरु हो जाएगें। जिन्हें एकेएस विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्राप्त किया जा सकता है।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में विद्यार्थी खाद्य से संबंधित अनेकों उत्पाद बना रहे है। जिन पर आधारित उद्योग खोले जा सकते है। इस तरह जब ये विद्यार्थी चार वर्ष बाद 2018 में इस पाठ्यक्रम को पूरा करके निकलेगें तो उनके पास सैकड़ों खाद्य उत्पादों के निर्माण की जानाकरी होगी एवं वे अनेकों उत्पादों को बनाने में दक्ष होगे। यह प्रोग्राम विद्यार्थियों के इक्यूवेशन के रूप में चलाया गया है। इस प्रथम सेमेस्टर में विद्यार्थियों को पाँच समूहों में विभाजित किया गया है। हर समूह को एक या दूसरा खाद्य उत्पाद बनाना है। व उसकी मार्केटिंग करनी है। ये उत्पाद चाॅकलेट, टाॅफी, सोयाबीन से दूध व पनीर का निर्माण, केक, क्रीमरोल एवं एल्कोहल का निर्माण करेंगे। इस उत्पादांे के निर्माण करने के बाद हर समूह दूसरे समूह को अपने उत्पाद की जानकारी देगा एवं उस उत्पाद के निर्माण में उन्हें दक्ष भी करेंगा। इस तरह प्रथम सेमेस्टर के अन्त तक विद्यार्थी पाँच उत्पादों मंे दक्षता हाॅसिल करेंगे। यह एक नए प्रकार का प्रयोग है। जिसकी सफलता से दूसरे विभाग भी इसे प्रारंभ करेंगे।

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एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

 

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में विद्यार्थी खाद्य से संबंधित अनेकों उत्पाद बना रहे है। जिन पर आधारित उद्योग खोले जा सकते है। इस तरह जब ये विद्यार्थी चार वर्ष बाद 2018 में इस पाठ्यक्रम को पूरा करके निकलेगें तो उनके पास सैकड़ों खाद्य उत्पादों के निर्माण की जानाकरी होगी एवं वे अनेकों उत्पादों को बनाने में दक्ष होगे। यह प्रोग्राम विद्यार्थियों के इक्यूवेशन के रूप में चलाया गया है। इस प्रथम सेमेस्टर में विद्यार्थियों को पाँच समूहों में विभाजित किया गया है। हर समूह को एक या दूसरा खाद्य उत्पाद बनाना है। व उसकी मार्केटिंग करनी है। ये उत्पाद चाॅकलेट, टाॅफी, सोयाबीन से दूध व पनीर का निर्माण, केक, क्रीमरोल एवं एल्कोहल का निर्माण करेंगे। इस उत्पादांे के निर्माण करने के बाद हर समूह दूसरे समूह को अपने उत्पाद की जानकारी देगा एवं उस उत्पाद के निर्माण में उन्हें दक्ष भी करेंगा। इस तरह प्रथम सेमेस्टर के अन्त तक विद्यार्थी पाँच उत्पादों मंे दक्षता हाॅसिल करेंगे। यह एक नए प्रकार का प्रयोग है। जिसकी सफलता से दूसरे विभाग भी इसे प्रारंभ करेंगे।

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एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

 

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b2ap3_thumbnail_14l29.1.jpgb2ap3_thumbnail_14l29.2.jpgसतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के एम.एस.डब्ल्यू विभाग के विद्यर्थियों ने रीवा स्थित बाल संप्रेषण गृह एवं एकेएस वि.वि. का भ्रमण किया इस दौरान विद्र्यािथयों को संस्था के प्रमुख अधीक्षक जीतेन्द्र गुप्ता ने बाल अपराध एवं उससे जुड़ी न्यायालीन गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। तत्पश्चात विद्यार्थी अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय पहुॅचे । विद्यार्थीयों ने एपीएस विवि के एम.एस.डब्ल्यू विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. अंजली श्रीवास्तव से मुलाकात कीे। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन प्रो. राजीव सोनी एवं भावना मिश्रा ने किया।

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एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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b2ap3_thumbnail_14l27.1.jpgb2ap3_thumbnail_14l27.2.jpgb2ap3_thumbnail_14l27.3.jpgb2ap3_thumbnail_14l27.4.jpgसतना। एकेएस विष्वविद्यालय, सतना ने दिल्ली स्थित अर्ष प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेषक डाॅ. राजन सहनी का ‘‘बायोटेक अनुसंधान की नई दिशायें’’ नाम विषय पर वृहद व्याख्यान का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर दोनों संस्थाओं के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर चेयरमैन अनंत कुमार सोनी तथा डाॅ. राजन सहनी ने किया। इंजी. सोनी ने बताया कि एकेएस विश्वविद्यालय तथा अर्ष बाॅयोटेक प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली अब साथ-साथ मिलकर आलू के विषाणु रोगों के नियंत्रण के सरल तरीके ढूढ़ने हेतु सघन अनुसंधान कार्य की योजना पर कार्य करेंगे। साथ ही साथ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रायें तथा वैज्ञानिक अर्श प्राइवेट लिमिटेड के प्रयोगशाला में भी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परियोजना कर सकेंगे।
ये रहे उद्देश्य
अर्श प्राइवेट लिमिटेड के डाॅ. राजन सहनी ने आलू तथा कपास के उपर विषाणु रोगों के नियंत्रण पर वृहद योजना बनाने के लिए सलाह दी ताकि विषाणु रोगों से होने वाली फसलों की महान क्षति को रोका जा सकें। उन्होंने इस कार्य हेतु डाॅ. नीरज वर्मा से अपील किया कि दोनों संस्थायें मिलकर आलू के विषाणु रोगों के नियंत्रण का ाीघ्र हल ढूढ़ सकेंगे।

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एकेएसविश्वविद्यालय, सतना

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b2ap3_thumbnail_14l24.jpgसतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के फैकल्टी डाॅ. धीरेन्द्र ओझा का रिसर्च पेपर आदर्श रिसर्च सेल, ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स, बैंगलौर में प्रकाशन हेतु चयनित हुआ है। रिसर्च का विषय ‘‘प्राॅब्लम आॅफ एग्रीकल्चर सेक्टर एंड वेज आॅफ साल्व देम विथ स्पेशल रिफ्रेरन्स टू सतना डिस्ट्रिक्ट ’’ है
एकेएसयू में हुई राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर परिचर्चा

सतना।एकेएस विश्वविद्यालय सतना में एन.एस.एस. विभाग द्वारा “राष्ट्रीय उपभेाक्ता दिवस“ पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने विद्यार्थियों को उपभोक्ता के हितो के बेहतर संरक्षण एवं विवादों के निपटारे संबधी जानकारी दी।


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एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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  b2ap3_thumbnail_14l18.jpg विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना मे फूड टेक्नालाॅजी भविष्य की संभावनाओं से परिपूर्ण कोर्स है। विश्वविद्यालय केे विभिन्न कोर्सेस मे विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल्स के माध्यम से ट्रेंड किया जाता हैं जिसमें गेस्ट लेक्चर्स, आॅनलाइन लेक्चर्स, के साथ इण्डस्ट्रियल विजिट एवं सेमिनार शमिल होते है। जुलाई 2014 से फूड टेक्नालाॅजी मे बी. टेक पाठ्यक्रम प्रारंभ किया है। इस पाठ्यक्रम की विशेषता है कि इसमे विद्यार्थियों को थ्योरी के अलावा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मे दक्ष किया जा रहा है । इसके लिये यूनिवर्सिटी प्रांगण में 10 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग खोले जाने है। इसमें से बेकरी उद्योग को पूर्ण रूप से विकसित किया जा चुका है। इसके उत्पाद विश्वविद्यालय के स्टाफ एवं विद्यार्थियों को बेचे जा रहे है। विद्यार्थियों ने कुछ महीनों मे ही औद्यौगिक स्तर पर केक एवं पेटीज बनाना सीख लिया है। 17 दिसम्बर को सतना मे आयोजित सेवा निवृत पेंशनर्स समाज के लिये इन विद्यार्थियों ने 1000 केक एवं पेस्ट्रीज बनाए ।अब ये विद्यार्थी पाठ्यक्र्रम खत्म करते-करते लगभग 50 खाद्य उद्योगों मे प्रवीणता हासिल कर लेंगें । यह देश का इनोवेटिव एवं उपयोगी प्रयोग होगा जो कि आज के समय के लिए आवश्यक है। फूड टेक्नालाॅजी कोर्स मे पूरी तरह से लर्न वाइल डू स्टड्ी की तर्ज पर विद्यार्थियों को ट्रेंड किया जा रहा है। जिससे वे भविष्य मे फूड इण्डस्ट्रलिस्ट व बेहतर फूड इंजीनियर बन सकेगें।

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एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी द्वारा हैण्डराइटिंग के महत्व को ध्यान में रखते हुए ‘‘हैण्डराइटिंग इम्प्रूवमेंट सर्टिफिकेट कोर्स’’ प्रारम्भ किया गया है। जिससे हर वर्ग एवं आयु के लोगों को अपनी हैण्डराइटिंग सुधारने के साथ-साथ सर्टिफिकेट का लाभ भी मिलेगा। यह कोर्स सम्भवतः पहली बार भारत वर्ष की किसी यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित किया जा रहा है।
इस कोर्स के लिए ‘‘हैण्डराइटिंग एक्सपर्ट अनिल कुशवाहा’’ बताते है कि अधिकांशतः देखा गया है कि अभिभावक शिक्षक छात्रों की हैण्डराइटिंग को लेकर काफी निराश रहते है। जबकि कई बार सही मार्गदर्शन के अभाव में स्टूडेन्टस को सही दिशा नहीं मिलती है जबकि मैथ्य, फिजिक्स, कैमेस्ट्री, एकाउन्ट व अन्य विषयों के जानकार शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को सही दिशा में निपुण किया जाता है। अगर देखा जाए तो हैण्डराइटिंग सुधारने वाले शिक्षकों का नितान्त अभाव भी बना रहता है। इसी वजह से ज्यादातर स्टूडेन्ट की हैण्डराइटिंग खराब रहती है और परीक्षा में खराब हैण्डराइटिंग की वजह से कम अंक आते है। जिससे बेहतर काॅलेज में न तो एडमीशन मिल पाता है न ही भविष्य में बेहतर जाॅब के अवसर बन पाते है।
एकेएस यूनिवर्सिटी के चेयरमैन अनंत सोनी कहना है कि ‘‘हैण्डराइटिंग एक गुण है जिसे सकारात्मक कोशिश से परवान चढ़ाया जा सकता है।’’ जो व्यक्तित्व विकास की अहम कड़ी है। इस सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से विद्यार्थियों में इस प्रतिभा का समुचित विकास हो सकेगा।
इस महत्वपूर्ण आर्ट को विकसित करने बावत् हेतु एकेएस यूनिवर्सिटी ने सहज एवं सरल कोर्स प्रारंभ किया है। जिसमें स्कूलों से काॅलेज तक के विद्यार्थी अपनी समय अनुकूलता के हिसाब से इस सर्टिफिकेट कोर्स से लाभान्वित हो सकेगें।
इस कोर्स की और अधिक जानकारी हेतु एकेएस यूनिवर्सिटी, शेरगंज एवं राजीव गाँधी काॅलेज बस स्टैण्ड, सिटी आॅफिस में कार्यालयीन समय पर सम्पर्क किया जा सकता है।
एकेएसयू के समाजकार्य विभाग के छात्र करेंगे बाल सुधार ग्रह का भ्रमण
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के एम.एस.डब्ल्यू विभाग के विद्यार्थी रीवा स्थित बाल सुधार ग्रह का भ्रमण करेंगे इस दौरान विद्यार्थी वहां पर रह रहे बच्चों की वास्तविक स्थिति का अवलोकन करेंगे। जिसमें विद्यार्थियों का मार्गदर्शन प्रो. राजीव सोनी एवं भावना मिश्रा करेंग।

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b2ap3_thumbnail_14l09.1.jpgb2ap3_thumbnail_14l09.2.jpgb2ap3_thumbnail_14l09.3.jpgb2ap3_thumbnail_14l09.jpgयुवाओं में होनी चाहिए खोजी दृष्टि एवं देश प्रेम की भावना

सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभी संकाय के विद्यार्थियों से भरे सभागार में ‘‘प्राचीन भारत में विज्ञान एवं युवाओं की भूमिका’’ विषय पर प्रो. भरतशरण सिंह प्रांत कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंगलाचरण के साथ हुआ। तत्पश्चात अतिथियों ने माँ वीणा वादिनी के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण किया। अतिथि परिचय के क्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि का परिचय सभागार में उपस्थित विद्वजनों एवं विद्यार्थियों से कराया।
प्रो. भरतशरण सिंह ने बताए विद्यार्थियों को प्राचीन भारत के ख्यात आख्यान
व्याख्यान से पूर्व विश्वविद्यालय के चेयरमैन इं. अनंत कुमार सोनी ने पुष्प गुच्छ एवं माल्यार्पण से अतिथियों का स्वागत किया। तत्पश्चात प्रांत कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं शहडोल डिग्री काॅलेज में जुलाॅजी के प्रो. भरतशरण सिंह ने उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भूत व वर्तमान के संदर्भों में विशिष्ट दर्शन को सेतु की तरह रखना जीवन एवं समाज को गतिमान रखता है। और ऐसी ही संस्कृति भारत की है जिसमें अनेकता में एकता के साथ समग्रता की दृष्टि है। उन्होंने विवेकानन्द के जीवन दर्शन से विद्यार्थियों का परिचय कराते हुए कहा कि भारत के युवाओं को दृढ़ता, स्थिरता और खोजी दृष्टि के साथ ज्ञान की शक्ति प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिये। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष प्राचीनकाल से ही विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक शिक्षा का जगतगुरू रहा है। वर्तमान की चुनौतियों से युवा पीढ़ी को ही निबटना है उन्हें अपनी अमूल्य संस्कृति के साथ गरिमामयी अतीत को जीवन्त रखना है तभी विश्व भर में भारत गौरवान्वित होगा। व्याख्यान के अगले क्रम में उन्होंने भारत रत्न एम.विश्वेश्वरैया, भगत सिंह के संस्मरण से विद्यार्थियों को रूबरू कराया और प्राचीन गणित एवं विज्ञान के क्षेत्र में मनीषियों के अद्भुत योगदान का उल्लेख किया। विद्यार्थियों ने व्याख्यान की तारतम्यता को मनोयोग से सुना। मुख्य वक्ता ने विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली एवं गौरवपूर्ण परम्परा की जानकारी भी प्राप्त की।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक सुरेन्द्र सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही विश्वविद्यालय के डायरेक्टर अवनीश सोनी, प्रोफेसर्स प्रो. आर.पी.एस. धाकरे, प्रो. जी.के. प्रधान, डाॅ. कमलेश चैरे, डाॅ. महेन्द्र तिवारी, डाॅ. मनोज घोष, डाॅ. डूमर सिंह के साथ फैकल्टी मेम्बर्स एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन डाॅ. नेमिश त्रिपाठी ने किया तत्पश्चात प्रो. भरतशरण सिंह एवं सुरेन्द्र सिंह का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के प्लेसेमेंन्ट आफीसर महेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि कैम्पस के बाद विद्यार्थियों को फ्री इंडस्ट्रियल टेªनिंग इंटरनेशनल क्वालिटी सल्यूशन एप्सिलोन कम्पनी द्वारा प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि एप्सिलोन इंदौर की प्रीमियर आई.टी कम्पनी है। कैम्पस में एम.एस.सी आई.टी, एम.सी.ए एवं बी.सी.ए के छात्र-छात्रायें सहभागिता दर्ज कराएगें।
एकेएस के विद्यार्थी हो रहे हैन्डराइटिंग में दक्ष
राइटिंगएक्सपर्ट अनिल कुशवाहा दे रहे टिप्स
हैन्डराइटिंग एक गुर है जो व्यक्तित्व विकास की अहम कड़ी है। इस बात से वाकिफ एकेएस विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के विद्यार्थी राइटिंग एक्सपर्ट अनिल कुशवाहा से प्रभावी हैन्डराइटिंग के लिए एक महीने की टेªनिंग से जुड़कर हस्तलेखन में सुधार कर रहे है। विश्वविद्यालय के हर विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास की दृष्टि से हैन्डराइटिंग को महत्वपूर्ण पहलू निरूपित करते हुए विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को प्रभावी सम्प्रेषण से जोड़ा है। विद्यार्थी भी इस पहलू से वाकिफ होकर बेहतर परिणाम प्राप्त कर रहे है। विश्वविद्यालय परिसर शेरगंज ‘‘सी’’-ब्लाक के आलावा सिटी आॅफिस बस स्टैण्ड में कर्सिवराइटिंग, मैटेरियल के साथ विद्यार्थियों को सर्टीफिकेट भी प्रदान किये जाएगें। इस बात की जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने दी। हैन्डराइटिंग कोर्स ओपन है।

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