तना। चित्रकूट स्थित दीनदयाल शोध संस्थान में एकेएस विण्विण् सतना के फैकल्टी आॅफ फार्मास्यूटिकल साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी विभाग के 45 विद्यार्थी जो बीण्फार्मेसी प्रथम वर्ष में अध्ययनरत हैं वह प्राचार्य डाॅण् सूर्यप्रकाश गुप्ता के मार्गदर्शन में दीनदयाल शोध संस्थान में व्याख्यान में हिस्सा लिया। व्याख्यान मूलतः औषधीय पौधों और हर्बल मेडिसिन उत्पादन की तकनीक पर आधारित रहा। इस विजिट के दौरान फार्मेसी फैकल्टी प्रियंका नामदेवए प्रदीप त्रिपाठी और मनोज द्विवेदी विद्यार्थियों के साथ उपस्थित रहे। यहां विद्यार्थियों ने दीनदयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट की प्रोडक्शन यूनिट जहां आयुर्वेदिक दवाइयों का निर्माण होता हैए रिसर्च एण्ड डेव्हलपमेंट यूनिटए मेडिसनल गार्डनए गौशाला भी देखा। एजुकेशनल विजिट के पश्चात् विद्यार्थियों ने भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट के पवित्र स्थलों की खुशनुमा विजिट भी की।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना में कैम्पस के माध्यम से विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों के चयन का सिलसिला निरंतर जारी है। इसी कड़ी में हेक्सावेयर टेक्नोलाॅजीज मल्टीनेशनल कम्पनी ने सीएस के विद्यार्थी का चयन कैम्पस के माध्यम से किया। कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग के विद्यार्थी हिमांशु ननकानी का चयन जावा डाट नेट और पीएचपी क्षेत्र की मल्टीनेशनल कम्पनी हेक्सावेयर में बतौर ट्रेनी इंजीनियर किया गया है। विद्यार्थी के चयन पर ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट डायरेक्टर एम.के. पाण्डेय ने बताया कि हिमांशु बी.टेक सीएसई का छात्र है। हेक्सावेयर टेक्टनोलाॅजीज में हिमांशु का चयन 4 लाख पर एनम के पैकेज पर ट्रेनिंग पश्चात् किया जायेगा। वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, सीएस विभागाध्यक्ष अखिलेश ए. वाऊ, फैकल्टी दीपेन्द्र शुक्ला और वि.वि. के समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने विद्यार्थी को बधाई दी हैं।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के सेंट्रल हाॅल सभागार में मध्यप्रदेश का 63वां स्थापना दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाते हुए दूसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। शिक्षाध्यापकों द्वारा समूह के बीच आयोजित की गई प्रतिस्पर्धाओं में केश सज्जा प्रतियोगिता में बालों की अलग अलग प्रकार की बुनावट और साज संवार का अनोखा रंग दिखा। समूह में अलग अलग स्टूडेन्ट्स ने केश सज्जा के अलग अलग नमूने दिखाए। क्ले माॅडलिंग में हर वो रंग दिखा जो मध्यप्रदेश के कलावीथिका का हर रंग दिखा। ‘सुख का साथी, दुःख का साथी अपना मध्यप्रदेश है’ गीत की पंक्तियों के साथ कार्यक्रम अगले पड़ाव पर पहुंचा। क्विज के माध्यम से प्रतिस्पर्धियों का सामान्य ज्ञान जांचा गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले भिन्न भिन्न विधाओं का मंचन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के माध्यम से दूसरे दिन भी किया गया। जिसमें शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष आर.एस. मिश्रा, फैकल्टीज डाॅ. बी.डी. पटेल, अनुरुद्ध गुप्ता, कार्यक्रम संचालक शिखा त्रिपाठी, कार्यक्रम प्रभारी नीता सिंह गहरवार, डाॅ. कल्पना मिश्रा, नरेन्द्र कुमार पटेल, कु. पूर्णिमा सिंह, विजय पाण्डेय और रानू सोनी ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम के तीसरे दिन मध्यप्रदेश की कला, संस्कृति, इतिहास, ज्ञान-विज्ञान, उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न सम्पदा, स्वर सौरभ और सुषमा से जड़ित हृदयस्थली मध्यप्रदेश के संबंध में कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे।इस मौके पर विभागाध्यक्ष ने कहा कि म.प्र. हमे प्राणों से प्यारा है हम इसे समृद्व बनाने का संकल्प लेते है।
सतना। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वें जन्मदिवस पर वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों की कडी में एकेएस विवि में अपने विचार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी.पी.सोनी ने कहा कि हम सत्य अहिंसा के पुजारी गाॅधी का संदेश दुनिया को किस रूप में देना चाहते है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जरा सोचिए- वर्तमान समय में दुनिया में 20 हजार से ज्यादा परमाणु बम एवं हाइड्रोजन बम तैयार है। कई लाख टन रासायनिक हथियार तथा जैविक हथियार मौजूद है। इसके साथ ही पूरे जोर शोर से विश्व के अनेक हिस्सों से युद्ध की तैयारियोंकी बात सामने आ रही है। नये-नये विध्वंसक और खतरनाक हथियार बनाये जा रहे है। दुर्भाग्य से भी यदि परमाणु युद्ध हो जाता है तो पूरे संसार के जीव-जन्तु और मानव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। फिर नये सिरे से दुनिया को आबाद होने में लाखों वर्ष लगेंगें। पता नहीं वे जीव-जन्तु मानव कैसे होंगें। इस विभीषिका से बचने के लिए हमें सत्य अंहिसा के पुजारी महात्मा गांधी का अनुसरण करना होगा। क्यों न हम दुनिया एवं वर्तमान सभ्यता को बचाने के लिए- ’’शक्तिशाली, संप्रभुता सम्पन्न, जनतांत्रिक एवं लोक कल्याणकारी विश्व सरकार’’ पर विचार करें। यह कैसे सम्भव है? पहल कैसे करनी होगी?यही गांधी जी का सच्चा उपहार विश्व को देना होगा। विश्व बंधुत्व, विश्व कुटुम्बकम को साकार रूप देना होगा। शासन प्रणाली कैसी होगी? पर विस्तार से समस्त जानकारी ूूूण्ूवतसकहवअजण्वतह पर दी गई है।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के सेंट्रल हाॅल सभागार में मध्यप्रदेश का 63वां स्थापना दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ एकेएस वि.वि. के कुलाधिपति बी.पी. सोनी जी के द्वारा किया गया। सरस्वती पूजन और मंत्रोच्चार के बाद स्वागत परिचय के पश्चात अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत गीत शिक्षाध्यापकों द्वारा प्रस्तुत किया गया।‘सुख का साथी, दुःख का साथी अपना मध्यप्रदेश है’ गीत की पंक्तियों के साथ कार्यक्रम अगले पड़ाव पर पहुंचा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वि.वि. के कुलाधिपति बी.पी. सोनी ने उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश का गौरव हमारा गौरव है, इसके गौरव की हर हाल में रक्षा करनी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. आत्माराम तिवारी ने कहा मध्यप्रदेश की स्थापना के पीछे अनेक उद्देश्य रहे जिनमें कुछ पूरे हुए और कुछ अगले चरण में हैं। विशिष्ट अतिथि डाॅ. विजय श्रीवास्तव उर्फ विजयानंद स्वामी ने कहा कि मध्यप्रदेश की राजधानी पहले जबलपुर बनने वाली थी,आखिरी वक्त पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पसंद पर भोपाल को राजधानी बनाया गया। उन्होंने एकेएस वि.वि. की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इसके पश्चात् ‘जय गणेशा देवा’ गणेश वंदना प्रस्तुत की गई। शास्त्रीय नृत्य में श्रद्धा ने एकल नृत्य प्रस्तुत किया। समूह नृत्य में घूमर राजस्थानी नृत्य आकांक्षा और ग्रुप ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले भिन्न भिन्न विधाओं का मंचन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के माध्यम से किया गया। समारोहपूर्वक मनाया जाने वाला यह स्थापना दिवस वि.वि. में पिछले कई वर्षों से आयोजित होता है, जिसमें शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष आर.एस. मिश्रा, फैकल्टीज डाॅ. बी.डी. पटेल, अनुरुद्ध गुप्ता, कार्यक्रम संचालक शिखा त्रिपाठी, कार्यक्रम प्रभारी नीता सिंह गहरवार, डाॅ. कल्पना मिश्रा, नरेन्द्र कुमार पटेल, कु. पूर्णिमा सिंह, विजय पाण्डेय और रानू सोनी ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया।
इस बारे में जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के प्राचार्य डाॅ. आर.एस. मिश्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश की कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले भिन्न भिन्न विधाओं का मंचन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के माध्यम से कराया जायेगा। भारत के हृदय स्थल में स्थित मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस कार्यक्रम वि.वि. में धूमधाम से मनाया जायेगा। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान म.प्र. के ज्ञान, विज्ञान, कला, उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न सम्पदा, नदियों, बलिदानों, खजुराहो, चित्रकूट, भीम बेटका, अमरकंटक, क्षिप्रा, महाकाल पर विस्तार से जानकारी दी जायेगी। समारोहपूर्वक मनाया जाने वाला यह स्थापना दिवस वि.वि. में पिछले कई वर्षों से आयोजित होता है, जिसमें शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष आर.एस. मिश्रा, फैकल्टीज डाॅ. बी.डी. पटेल, अनुरुद्ध गुप्ता, शिखा त्रिपाठी, नीता सिंह गहरवार, डाॅ. कल्पना मिश्रा, नरेन्द्र कुमार पटेल, कु. पूर्णिमा सिंह, विजय पाण्डेय और रानू सोनी उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं और शिक्षाध्यापक अपनी कला से म.प्र. का गुणगान करते हैं।