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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के मैनेजमेंट विभाग द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मैनेजमेंट विभाग के विद्यार्थियों ने गरिमामय रूप से ट्रेडिशनल डे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से हुआ। ‘वैष्णव जन तो जेते कहिये, पीर पराई जाने रे’ की मधुर धुन पर छात्रा शिल्पी नेमा ने खास प्रस्तुति दी। शिल्पी एमबीए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. हर्षवधन श्रीवास्तव, प्रतिकुलपति एकेएस वि.वि. रहे। कार्यक्रम का संयोजन मोहम्मद जुनैद और अभिषेक सोनी ने किया। कार्यक्रम के दौरान ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी और प्रो. जी.के. रिछारिया ने भी उपस्थितजनों को महात्मा गांधी के जीवन और सरोकारों से परिचित कराया। ट्रेडिशनल डे के आयोजन के दौरान मैनेजमेंट संकाय के समस्त प्राध्यापक डाॅ. कौशिक मुखर्जी, डाॅ. प्रदीप चैरसिया, चंदन सिंह, शीनू शुक्ला, प्रकाश सेन श्वेता सिंह,प्रियंका शर्मा,प्रमोद द्विवेदी इत्यादि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष डाॅ. कौशिक मुखर्जी ने सिंगापुर नेशनल युनिवर्सिटी में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस में बतौर रिसोर्स पर्सन और कीनोट स्पीकर के रूप में शिरकत की। बतौर कीनोट स्पीकर उन्होंने यहां उपस्थित शिक्षाविदों और गणमान्य जनों के बीच अपनी राय भी जाहिर की उन्होने कहा कि शोध की क्वाटिटी से ज्यादा अहम है क्वालिटी और इसका व्यापक असर जो देश और समाज को प्रभावित करता है। उनके व्याख्यान को काफी सराहना मिली। कौशिक मुखर्जी के साथ वि.वि. के बी.बी.ए. संकाय के दो छात्रों ने ‘प्राब्लम्स इन स्माल बिजनिसेस इन सतना सिटी’ पर पेपर प्रजेंट किया। इनमें अमन सोनी और सागर सिंह यादव प्रमुख रहे। विद्यार्थियों के इस कार्यक्रम में शामिल होने से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मंच का अनुभव भी मिला और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों से मिलने का अवसर भी प्राप्त हुआ। वि.वि. के पदाधिकारियों ने डाॅ. कौशिक मुखर्जी और विद्यार्थियों को इंटरनेशनल कांफ्रेंस में शिरकत के लिये बधाई दी है।

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तना। चित्रकूट स्थित दीनदयाल शोध संस्थान में एकेएस विण्विण् सतना के फैकल्टी आॅफ फार्मास्यूटिकल साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी विभाग के 45 विद्यार्थी जो बीण्फार्मेसी प्रथम वर्ष में अध्ययनरत हैं वह प्राचार्य डाॅण् सूर्यप्रकाश गुप्ता के मार्गदर्शन में दीनदयाल शोध संस्थान में व्याख्यान में हिस्सा लिया। व्याख्यान मूलतः औषधीय पौधों और हर्बल मेडिसिन उत्पादन की तकनीक पर आधारित रहा। इस विजिट के दौरान फार्मेसी फैकल्टी प्रियंका नामदेवए प्रदीप त्रिपाठी और मनोज द्विवेदी विद्यार्थियों के साथ उपस्थित रहे। यहां विद्यार्थियों ने दीनदयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट की प्रोडक्शन यूनिट जहां आयुर्वेदिक दवाइयों का निर्माण होता हैए रिसर्च एण्ड डेव्हलपमेंट यूनिटए मेडिसनल गार्डनए गौशाला भी देखा। एजुकेशनल विजिट के पश्चात् विद्यार्थियों ने भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट के पवित्र स्थलों की खुशनुमा विजिट भी की।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना में कैम्पस के माध्यम से विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों के चयन का सिलसिला निरंतर जारी है। इसी कड़ी में हेक्सावेयर टेक्नोलाॅजीज मल्टीनेशनल कम्पनी ने सीएस के विद्यार्थी का चयन कैम्पस के माध्यम से किया। कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग के विद्यार्थी हिमांशु ननकानी का चयन जावा डाट नेट और पीएचपी क्षेत्र की मल्टीनेशनल कम्पनी हेक्सावेयर में बतौर ट्रेनी इंजीनियर किया गया है। विद्यार्थी के चयन पर ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट डायरेक्टर एम.के. पाण्डेय ने बताया कि हिमांशु बी.टेक सीएसई का छात्र है। हेक्सावेयर टेक्टनोलाॅजीज में हिमांशु का चयन 4 लाख पर एनम के पैकेज पर ट्रेनिंग पश्चात् किया जायेगा। वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, सीएस विभागाध्यक्ष अखिलेश ए. वाऊ, फैकल्टी दीपेन्द्र शुक्ला और वि.वि. के समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने विद्यार्थी को बधाई दी हैं।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के सेंट्रल हाॅल सभागार में मध्यप्रदेश का 63वां स्थापना दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाते हुए दूसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। शिक्षाध्यापकों द्वारा समूह के बीच आयोजित की गई प्रतिस्पर्धाओं में केश सज्जा प्रतियोगिता में बालों की अलग अलग प्रकार की बुनावट और साज संवार का अनोखा रंग दिखा। समूह में अलग अलग स्टूडेन्ट्स ने केश सज्जा के अलग अलग नमूने दिखाए। क्ले माॅडलिंग में हर वो रंग दिखा जो मध्यप्रदेश के कलावीथिका का हर रंग दिखा। ‘सुख का साथी, दुःख का साथी अपना मध्यप्रदेश है’ गीत की पंक्तियों के साथ कार्यक्रम अगले पड़ाव पर पहुंचा। क्विज के माध्यम से प्रतिस्पर्धियों का सामान्य ज्ञान जांचा गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले भिन्न भिन्न विधाओं का मंचन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के माध्यम से दूसरे दिन भी किया गया। जिसमें शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष आर.एस. मिश्रा, फैकल्टीज डाॅ. बी.डी. पटेल, अनुरुद्ध गुप्ता, कार्यक्रम संचालक शिखा त्रिपाठी, कार्यक्रम प्रभारी नीता सिंह गहरवार, डाॅ. कल्पना मिश्रा, नरेन्द्र कुमार पटेल, कु. पूर्णिमा सिंह, विजय पाण्डेय और रानू सोनी ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम के तीसरे दिन मध्यप्रदेश की कला, संस्कृति, इतिहास, ज्ञान-विज्ञान, उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न सम्पदा, स्वर सौरभ और सुषमा से जड़ित हृदयस्थली मध्यप्रदेश के संबंध में कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे।इस मौके पर विभागाध्यक्ष ने कहा कि म.प्र. हमे प्राणों से प्यारा है हम इसे समृद्व बनाने का संकल्प लेते है।

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सतना। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वें जन्मदिवस पर वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों की कडी में एकेएस विवि में अपने विचार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी.पी.सोनी  ने कहा कि हम सत्य अहिंसा के पुजारी गाॅधी का संदेश दुनिया को किस रूप में देना चाहते है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जरा सोचिए- वर्तमान समय में दुनिया में 20 हजार से ज्यादा परमाणु बम एवं हाइड्रोजन बम तैयार है। कई लाख टन रासायनिक हथियार तथा जैविक हथियार मौजूद है। इसके साथ ही पूरे जोर शोर से विश्व के अनेक हिस्सों से युद्ध की तैयारियोंकी बात सामने आ रही है। नये-नये विध्वंसक और खतरनाक हथियार बनाये जा रहे है। दुर्भाग्य से भी यदि परमाणु युद्ध हो जाता है तो पूरे संसार के जीव-जन्तु और मानव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। फिर नये सिरे से दुनिया को आबाद होने में लाखों वर्ष लगेंगें। पता नहीं वे जीव-जन्तु मानव कैसे होंगें। इस विभीषिका से बचने के लिए हमें सत्य अंहिसा के पुजारी महात्मा गांधी का अनुसरण करना होगा। क्यों न हम दुनिया एवं वर्तमान सभ्यता को बचाने के लिए- ’’शक्तिशाली, संप्रभुता सम्पन्न, जनतांत्रिक एवं लोक कल्याणकारी विश्व सरकार’’ पर विचार करें। यह कैसे सम्भव है? पहल कैसे करनी होगी?यही गांधी जी का सच्चा उपहार विश्व को देना होगा। विश्व बंधुत्व, विश्व कुटुम्बकम को साकार रूप देना होगा। शासन प्रणाली कैसी होगी? पर विस्तार से समस्त जानकारी ूूूण्ूवतसकहवअजण्वतह पर दी गई है। 

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के सेंट्रल हाॅल सभागार में मध्यप्रदेश का 63वां स्थापना दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ एकेएस वि.वि. के कुलाधिपति बी.पी. सोनी जी के द्वारा किया गया। सरस्वती पूजन और मंत्रोच्चार के बाद स्वागत परिचय के पश्चात अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत गीत शिक्षाध्यापकों द्वारा प्रस्तुत किया गया।‘सुख का साथी, दुःख का साथी अपना मध्यप्रदेश है’ गीत की पंक्तियों के साथ कार्यक्रम अगले पड़ाव पर पहुंचा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वि.वि. के कुलाधिपति बी.पी. सोनी ने उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश का गौरव हमारा गौरव है, इसके गौरव की हर हाल में रक्षा करनी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. आत्माराम तिवारी ने कहा मध्यप्रदेश की स्थापना के पीछे अनेक उद्देश्य रहे जिनमें कुछ पूरे हुए और कुछ अगले चरण में हैं। विशिष्ट अतिथि डाॅ. विजय श्रीवास्तव उर्फ विजयानंद स्वामी ने कहा कि मध्यप्रदेश की राजधानी पहले जबलपुर बनने वाली थी,आखिरी वक्त पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पसंद पर भोपाल को राजधानी बनाया गया। उन्होंने एकेएस वि.वि. की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इसके पश्चात् ‘जय गणेशा देवा’ गणेश वंदना प्रस्तुत की गई। शास्त्रीय नृत्य में श्रद्धा ने एकल नृत्य प्रस्तुत किया। समूह नृत्य में घूमर राजस्थानी नृत्य आकांक्षा और ग्रुप ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले भिन्न भिन्न विधाओं का मंचन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के माध्यम से किया गया। समारोहपूर्वक मनाया जाने वाला यह स्थापना दिवस वि.वि. में पिछले कई वर्षों से आयोजित होता है, जिसमें शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष आर.एस. मिश्रा, फैकल्टीज डाॅ. बी.डी. पटेल, अनुरुद्ध गुप्ता, कार्यक्रम संचालक शिखा त्रिपाठी, कार्यक्रम प्रभारी नीता सिंह गहरवार, डाॅ. कल्पना मिश्रा, नरेन्द्र कुमार पटेल, कु. पूर्णिमा सिंह, विजय पाण्डेय और रानू सोनी ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया।

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इस बारे में जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के प्राचार्य डाॅ. आर.एस. मिश्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश की कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले भिन्न भिन्न विधाओं का मंचन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के माध्यम से कराया जायेगा। भारत के हृदय स्थल में स्थित मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस कार्यक्रम वि.वि. में धूमधाम से मनाया जायेगा। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान म.प्र. के ज्ञान, विज्ञान, कला, उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न सम्पदा, नदियों, बलिदानों, खजुराहो, चित्रकूट, भीम बेटका, अमरकंटक, क्षिप्रा, महाकाल पर विस्तार से जानकारी दी जायेगी। समारोहपूर्वक मनाया जाने वाला यह स्थापना दिवस वि.वि. में पिछले कई वर्षों से आयोजित होता है, जिसमें शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष आर.एस. मिश्रा, फैकल्टीज डाॅ. बी.डी. पटेल, अनुरुद्ध गुप्ता, शिखा त्रिपाठी, नीता सिंह गहरवार, डाॅ. कल्पना मिश्रा, नरेन्द्र कुमार पटेल, कु. पूर्णिमा सिंह, विजय पाण्डेय और रानू सोनी उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं और शिक्षाध्यापक अपनी कला से म.प्र. का गुणगान करते हैं।

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सतना। प्रो. ए.डी.एन. वाजयेपी (महासचिव, राष्ट्रीय समाज विज्ञान परिषद एवं पूर्व कुलपति एपीएस वि.वि. रीवा तथा हिमांचल यूनि. शिमला) ने एकेएस वि.वि. में एक गोष्ठी में कहा कि समाज विज्ञान के क्षेत्र में अभी हाॅल में एक परिषद का गठन दिल्ली में कराया गया है जिसमें समाज विज्ञान के क्षेत्र में भारतवर्ष में स्वयं के देशज ज्ञान, भारतीय जीवन, मूल्य, दर्शन एवं संस्कृति के अनुरूप आवश्यकतानुसार संबंधित विषयों के पाठ्यक्रमों में आवश्यक परिवर्तन किया जा सके। इस दिशा में राष्ट्रीय समाज विज्ञान परिषद भारतीय चिंतन दर्शन के अनुसार समाज विज्ञान के विषयों का पुनरावलोकन एवं पुनर्निर्माण की दशा में मार्ग प्रशस्त करेगा।श्री वाजपेयी ने आगे कहा कि परिषद के गठन के पश्चात् अब तक कई परिसंवाद एवं अधिवेशन आयोजित किए जा चुके हैं। इसी कड़ी में पाटलिपुत्र वि.वि. में आगामी 30 नवंबर से 2 दिसम्बर 18 तक पटना में तीसरा विशाल राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। जिसमें भारतीय साहित्य, दर्शन और आध्यात्म पर भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान के भारतीय संदर्भ में विभिन्न वि.वि. के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं चिंतक गहन विचार-विमर्श हेतु आमंत्रित किए गए हैं। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय पुनरुत्थान एवं समाज विज्ञान में स्वतंत्रता के पूर्व पश्चिम के विद्यानों द्वारा भारतीय परिवेश एवं संस्कृति को ध्यान में न रखते हुए जिस तरह पाठ्यक्रमों की रचना में पश्चिमी सभ्यता के भोगवादी स्वरूप को विषयों में अंगीकार किया उसकी समीक्षा के लिए और साथ ही भारतीय संस्कृति एवं परिप्रेक्ष्य में विद्यानों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किए जाऐंगे जिसके आधार पर आगे चलकर समाज विज्ञान से जुड़े हुए विभिन्न विषयों जैसे अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, दर्शनशास्त्र साहित्य तथा अन्य विषयों में मौलिकता पर जोर दिया जाएगा। साथ ही भारतीय चिंतक एवं मनीषियों के विचारों की उपादेयता के आधार पर विद्वानों द्वारा विचार विमर्श कर पाठ्यक्रमों में आवश्यक बदलाव का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। इससे हमारे विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं समाज की मूल समस्याओं पर प्रकाश डाला जा सकेगा और समास्याओं के समाधान हेतु भारतीय परिवेश में उनके हल पर भी विशेष जोर दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि डाॅ. ए.डी.एन. वाजपेयी जब एपीएस युनिवर्सिटी रीवा में पदस्थ थे तो उनके कार्यकाल में रीवा वि.वि. में नकल की प्रवृत्तियों पर रोक के साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट के लिए उन्होंने अथक प्रयत्न किये थे। श्री वाजपेयी म.प्र. आर्थिक परिषद के अध्यक्ष के अतिरिक्त भारतवर्ष में वि.वि. के शीर्ष संगठन आल इंडिया युनिवर्सिटी एसोसियेशन के महासचिव एवं आर्थिक चिंतक के रूप में ख्याति प्राप्त हैं। डाॅ. वाजपेयी के एकेएस वि.वि. में आगमन पर वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने डाॅ. वाजपेयी का स्वागत किया एवं उनको वि.वि. की वर्तमान उपलब्धियों से अवगत कराया। इस अवसर पर डाॅ. वाजपेयी ने वि.वि. की उपलब्धियों को गौर से सुनकर उनकी प्रशंसा की और कुछ अमूल्य सुझाव भी दिये।

 

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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के बी.एससी. एग्रीकल्चर,सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने रावे कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम बढ़ेरा में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया।संगोष्ठी के अंतर्गत विशेषज्ञों ने किसानों को बेस्ट डीकम्पोसर, जैविक खेती, खेती विस्तार, ग्रामीण विकास के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस.एस. तोमर, अब्दुल वारसी, भूमानन्द सरस्वती, अखिलेष जागरी एवं छात्र मयंक राइंगडाल, मथुर अतकरे, शुभम् काकड़े, अजय केकतपुरे, सचिन शुक्ला, आदित्य बघेल, शुभम् कोल, गोरव गोस्वामी, आकाश चैरसिया, विनोद सनोडिया, राजकुमार प्रजापति, दीपक सिंधोरिया उपस्थित रहे।

 

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