29वीं म.प्र. यंग साइंटिस्ट कांग्रेस में की षिरकत
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के फिजिक्स फैकल्टी डाॅ. नीलेष राय ने ‘‘म.प्र. काउंसिल आॅफ साइन्स एंड टेक्नोलाॅजी’’ विज्ञान भवन भोपाल में आयोजित ‘‘29वीं म.प्र. यंग साइंटिस्ट कांग्रेस’’ में षिरकत की। इस दौरान उन्होंने फिजिकल साइंस पर रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम 27 एवं 28 फरवरी को रखा गया था। जिसमें उन्होंने कम्प्रेटिव स्ट्डी आॅन नेनोकम्पोजिट पोलिमर जेल इलेक्ट्रोलाइट एवं देयर नेनो फाइबर फाॅर इलेक्ट्रोकेमीकल डिवाइस एप्लीकेसन्स पर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया। उनके इस रिसर्च पेपर प्रेजेन्टेषन के आधार पर उन्हें दो वर्ष तक के लिए किसी भी नेषनल रिसर्च लेबोरेटरी में रिसर्च वर्क करने के लिए फैलोषिप प्रदान की गई है। इसके लिए विष्वविद्यालय परिवार ने बधाई दी।

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कृषि में विविधीकरण द्वारा प्राकृतिक आपदा के बाद भी उबर सकते है किसान, कम से कम हो सकती है क्षति
एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के प्रांगण में ‘‘एग्रीटेक मध्यप्रदेश‘‘-2014 किसान मेले का आयोजन 26-28 फरवरी के बीच इस उद्येश्य से किया गया कि किसानों के जीविकोपार्जन के साधन कृषि को कैसे लाभ का धंधा बनाया जा सकता है मेले की थीम थी ‘‘कृषि में विविधीकरण द्वारा ग्रामीण समृद्वि‘‘ जो वर्तमान समय में मध्यप्रदेश के किसानों के हित में है ज्ञातव्य हो कि खरीफ में अति वृष्टि की मार से सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई थी जिसके दर्द से किसान अभी भी उबरा नहीे था कि अचानक जनवरी महीनें में 130 मिमी. वर्षा हो गई तथा 27 व 28 फरवरी को 5मि.मी.बारिस होने तथा ओला वृष्टि के कारण गेहूॅ, जौ, चना, मटर, मसूर, अलसी, अरहर और आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है यह अनुमान लगाया गया है कि केवल सलना जिले में लगभग 50 करोड की तथा म.प्र. में अरबो की फसल तबाह हो गई है। रबी की कितनी फसल बर्बाद हुई है सर्वेक्षण से पता चलेगा।
विभिन्न फसलों के नष्ट होने के फलस्वरुप किसानों को 40 से 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की भारी क्षति का अनुमान है कृषि में विविधीकरण के माध्यम से प्राकृतिक आपदा से काफी हद तक बचाव सम्भव है ।माननीय मुख्यमंत्री,मध्यप्रदेश श्री शिवराज सिंह चैहान नें भी कृषको को होने वाले नुकसान को कुछ हद तक पूरा करने का आदेश दिया है ।
परन्तु एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय ने इस क्षतिपूर्ति का अलग रास्ता निकाला है ।संकाय के अधिष्ठाता कृषि के अनुसार चना,मटर,तथा मसूर की जो फसल सड गई है उसकी मिट्टी हल से पलट दें जिससे जमीन में नमी बनी रहेगीतथा उर्वरता बनी रहेगी। यदि किसान भाई के पास एक या दो सिंचाई के साधन हैं तो 15 मार्च के पहले तैयार भूमि में मंग ,उड़द या तिल लगाए। मंूग की किस्म ट्राम्बे-37, के-851, पूसा बैशाखी या जवाहर मूंग में से कोई एक किस्म लगाए। उड़द की किस्म जवाहर उड़द-2, जवाहर उड़द-3, पंत उड़द-35 या एल.वी.जी.-20 में से मंग एवं उड़द को बोने से पहले राइजोबियम कल्चर से उपचारित अवश्य करे, इनमें से किसी एक को प्राथमिकता दे। सूर्यमुखी की किस्म पैराडेबी या मोरडन और तिल की किस्म कृष्णा लगाए। मूंग मं तिल या सूरन की अन्तरावर्ती खेती अधिक लाभप्रद पाई गई है। आवश्यकता है इसे अमल में लाकर अधिक आमदनी प्राप्त करने की।
एकेएस यूनिवर्सिटी के डीन डाॅ. के.आर. मोर्य, डाॅ. आर.पी. जोश् प्रोफेसर रीवा एग्री. काॅलेज, डाॅ. एस.एस. तोमर के साथ विमर्श में सभी ने एक मत से किसान हितैशी विविधीकरण प्रक्रिया से सहमति और एक राय जाहिर की।
सेमिनार के विषय ‘‘सेन्डल वुड करंट ट्रेन्डस एंड फ्यूचर प्रास्पेक्ट्स पर इंस्टीट्यूट आॅफ वुड सांइस एंड टेक्नालाॅजी’’ द्वारा बैंगलूर में गवर्नमेंट आॅफ कर्नाटका तथा नेशनल बाॅयोडायवर्सिटी अधागिरि तमिलनाडू के संयुक्त आयोजकत्व में कार्यक्रम रखा गया। इस दौरान भारत शासन के मिनिस्टर आॅफ पेट्रोलियम गैस एंड एनवायनमेंट एंड फारेस्ट एम. वीरप्पा मोइली मुख्य अतिथि रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हर घर के आँगन में एक पेड़ होना ही चाहिए। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के इंजीनियरिंग फैकल्टी वरूण शंकर गुप्ता ने पूरे मध्यप्रदेश से एक मात्र प्रतिनिधि के रूप में अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया, जिसे आस्ट्रेलिया, हवाई और श्रीलंका के साथ-साथ विश्व के 21 देशों के प्रतिनिधियों ने खूब सराहा। कार्यक्रम जे.एन.टाटा आॅडिटोरियम बैंगलूर में रखा गया। इस दौरान सेन्डल वुड के कल्टीवेशन और हार्वेस्टिंग पर काफी गहन चर्चा हुई। सेमिनार के दौरान विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ वरिष्ठ पर्यावरण विद् और विद्वान उपस्थित रहे। कुल 22 रिसर्च पेपर्स में से वरूण का रिसर्च पेपर महत्वपूर्ण रहा जिसे व्यापक सराहना मिली।
सतना। एसोशिएसन आॅफ फार्मास्यूटिकल्स टीचर्स आॅफ इंडिया एम. पी स्टेट ब्रांच द्वारा एकेएसयू के फार्मेसी विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्यप्रकाश गुप्ता को रिजनल क्वार्डिनेटर के पद् पर नामित् किया है।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना
एकेएस वि.वि.के बी.टेक.एग्रीकल्चर के दो छात्रों का कैम्पस चयन
बतौर जूनियर इंजी. कोठारी एग्रीटेक में सॅभालेंगें जिम्मेदारी-अगले वर्षो में होगें प्रोन्नत
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के बी. टेक. एग्रीकल्चर 2022 बैच के दो छात्रों का चयन कोठारी एग्रीटेक प्रायवेट लिमिटेड कंपनी में हुआ है। त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा, ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू में हिस्सा लेने और अच्छा परफार्म करने पर छात्रों को चयनित किया गया है। कैम्पस के माध्यम से छात्रों को चयन का अवसर मिलने पर बालेन्द्र विश्वकर्मा ने कहा कि कोठारी कंपनी को बडी एग्रीकल्चर कंपनी के रुप में जाना जाता है। छात्रों को चयन का अवसर वि.वि. की सभी संकायों में शतप्रतिशत कैम्पस प्लेसमेंट की प्रक्रिया को पूर्ण करने के तहत ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग की पहल पर मिला है अतुल कुमार दमाहे को सिवनी एवं दुर्गानंद प्रसाद को कोटा क्षेत्र मे कार्यभूमिका कंपनी द्वारा प्रदान की गई है। प्रदान किए गए एसाइनमेंट को समय पर दोनो चयनित छात्रों को पूर्ण करना होगा। दोनो छात्रों को काफी कार्य सीनियर्स के मार्गदर्शन में करने होंगें। इनका चयन जूनियर इंजी.के पद पर अच्छे पैकेज पर एनम के साथ अन्य रिम्यूनरेशन को शामिल करते हुए किया गया है। अतुल और दुर्गानंद ने अपने चयन का श्रेय वि.वि. की शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ अपने माता पिता के आशीर्वचनों को दिया है। वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी एवं ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट आॅफीसर बालेन्द्र विश्वकर्मा ने छात्रों को आशीष देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।