एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के मैनेजमेंट विभाग के फैकल्टी डाॅ. धीरेन्द्र ओझा (असिस्टेंट प्रोफेसर काॅर्मस) ने यू.जी.सी भोपाल द्वारा सेंट एलाॅयसिस काॅलेज जबलपुर में 28 एवं 29 मार्च को आयोजित दो दिवसीय नेशनल कान्फ्रेन्स मे हिस्सा लिया । डाॅ. ओझा ने ‘‘विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का भारतीय आर्थिक विकास मे प्रभाव (खुदरा क्षेत्र के विशेष सन्दर्भ में)’’ विषय पर व्याख्यान दिया। कान्फ्रेन्स मे मुख्य अतिथि के तौर पर डाॅ. आर.एस सुहाने डाॅ. एच.एस. चीमा, डाॅ. फादर जी.वाजहन अरासु, डाॅ. मिसेज सोनल राय उपस्थित रहे।गौरतलब है कि डाॅ. ओझा ने भारतीय खुदरा बाजार में विदेशी पूंजी निवेश से खुदरा बाजार में नई तकनीकों और पूंजी का निवेश हो जाने से भारतीय बाजार में विकास की गति तीव्र होगी। उपस्थित जनों ने डाॅ. धीरेन्द्र ओझा के विचारों को व्यापक संदर्भ में सकारात्मक विचार करार दिये और व्यापक सराहना की।

Daily University News in Hindi
- Subscribe to this category
- Subscribe via RSS
- 2500 posts in this category
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के बायोटेक्नोलाॅजी विभाग के विद्यार्थियों ने विभागाध्यक्ष डाॅ. कमलेश चैरे के मार्गदर्शन में कम लागत पर एक इन्क्यूवेटर सेकर का निर्माण किया है यह सेकर सूक्ष्म जीवों से संबंधित शोध कार्य करने में उपयोग किया जाता है। इस मशीन के माध्यम से सूक्ष्म जीवों की वृद्धि वृहद रूप में की जाती है। मशीन का बाजार भाव लाखों में है जिसको विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अथक प्रयास करके बनाया है जिसकी लागत अत्यंत कम आई है। इस मशीन का सफल प्रयोग भी यूनिवर्सिटी की प्रयोगशाला में किया जा चुका है। मशीन का निर्माण बी.एससी. बायोटेक के छात्र वीरेन्द्र पाण्डेय, सौरभ, मोहित तिर्की एवं प्रवीण मिश्रा,उदित नरायण ने किया है। इस उपलब्धि पर बायोटेक्नोलाॅजी विभाग के डीन डाॅ. आर.पी.एस. धाकरे एवं समस्त फैकल्टीज ने विद्यार्थियों को बधाई दी है।
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में ‘‘राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई’’ द्वारा मतदाता ‘‘जागरूकता अभियान’’ के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया। विद्यार्थियांे ने शपथ ली की ‘‘हम लोकतंत्र के निर्माण एवं इसे मजबूत बनाने में अपनी भूमिका निर्वाहन करते हुए अपने मत का प्रयोग करके मतदान करेंगे एवं अपने आस-पास के लोगों को भी मतदान करने के लिए प्रेरित करेंगे।’’ इस अवसर पर विभिन्न संकायो के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
एकेएस में ‘‘नशामुक्ति अभियान ’’पर संगोष्ठी का आयोजन
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में कृषि विज्ञान एवं ्र प्रौद्यौगिकी संकाय द्वारा ‘‘नशा मुक्ति जागरूकता अभियान’’ के तहत् संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी थीम ‘‘यू आर ईट टोबैको/स्मोकिंग आर टोबैको ईटस् यू ’’ रखी गई। संगोष्ठी में डाॅ मयूरी सिंह (दंत रोग विशेषज्ञ) ने विद्यार्थियों को तम्बाखू एवं धूम्रपान से होने वाली कैंसर जैसी घातक बीमारियों के प्रारंभिक लक्षण,उपचार एवं सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी । उन्होने बताया कि हम इन जानलेवा बीमारियों से अपना एवं अपने आस-पास के लोगो का बचाव कैसे कर सकते है। इस दौरान एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के कृषि विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी संकाय के फैकल्टीज् एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
एकेएस विश्वविद्यालय,सतना में ”¬विश्व नाट्य दिवस” की पूर्व संध्या पर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ द्वारा विश्व नाट्य दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं को नाट्य कला से जुड़ी हुई बारीकियों से अवगत करवाया गया। इस अवसर पर उपस्थित प्रबु˜ जनो ने नाट्य कला के शीर्षस्थ एवं विश्व ख्याति प्राप्त नाटककारो यथा मुंशी प्रेमचंद , शेक्सपीयर, भारतेन्दु हरिश्चंद्र आदि का संस्मरण किया एवं छात्रों के द्वारा कुछ प्रसिद्व नाट्य अंशेंा का मंचन भी किया गया जिससे सम्पूर्ण सभागार तालियों की गडगडाहट से गूॅज उठा एवं दर्शक दीर्घा ने नाट्य रसेंा का रसास्वादन किया । कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अधिकारियों के साथ छात्र-छात्राऐं भी उपस्थित रहे।
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में 24 मार्च वल्र्ड टी.बी. डे - 2014 के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा किया गया। इस वर्ष ‘‘वल्र्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन’’ ने ‘‘वल्र्ड टी.बी. डे की थीम’’ ’’रीच द थ्री मिलियन‘‘ रखी है। जिसका मतलब 30 लाख लोगो तक इसका इलाज पहुंचाना है जो इस बीमारी से बच नही पाते गौरतलब है कि प्रतिवर्ष यह बीमारी लगभग 17 लाख लोगों की मौत का कारण बनती है। डाॅ. राबर्ट काॅक ने 24 मार्च सन् 1982 को सबसे पहले टी.बी. के बैक्टीरिया के बारे मे बताया था इसलिये इस दिन को ‘‘वल्र्ड टी.बी. डे’’ के रूप मे मनाया जाता है। इस अवसर पर छात्रों को टी.बी. की बुनियादी आवश्यक जानकारियां, बचाव, सावधानियां एवं इस जहरीले मानव संक्रामक क्षय रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, कि किस प्रकार हम अपने आस-पास के लोगों को इस क्षय रोग के निदान एवं इलाज के लिए प्रेरित करें।