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एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में ‘‘23 मार्च को वल्र्ड मेट्रोलाजिकल डे 2014’’ के अवसर पर पर्यावरण विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस वर्ष डब्ल्यू.एम.ओ (वल्र्ड मेट्रोलाजिकल आर्गेनाइजेशन) द्वारा युवाओं को जलवायु प्रणाली के बारे में जागृत एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इसकी थीम ‘‘वेदर एण्ड क्लाइमेट इंगेज्ड यूथ’’ रखी गई है। गौरतलब है कि वल्र्ड मेट्रोलाजिकल आर्गेनाइजेशन द्वारा वल्र्ड मेट्रोलाजिकल डे 23 मार्च 1950 से मनाया जाना नियत किया गया था जो 23 मार्च 1961 के बाद प्रतिवर्ष इसी दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर वर्तमान समय में वातावरण, मौसम, जलवायु एवं जलचक्र में हो रहे परिवर्तनों के साथ-साथ ग्लोबल वार्मिंग, मौसम संबंधी पूर्वानुमान, पृथ्वी के वायुमंडल व्यवहार पर भी विस्तार से गहन चर्चा की गई , कि किस प्रकार हम अपने युवा विद्यार्थियों में मौसम और जलवायु को समझने एवं उनमें पूर्वानुमान करने की क्षमता का विकास करें।

 

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 एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में पर्यावरण विभाग द्वारा ‘‘वाटर एंड एनर्जी - 2014’’ थीम पर ‘‘विष्व जल दिवस’’ के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमंे जल के संरक्षण, महत्व एवं उपयोग के कम होने के कारणों जैसे मुद्दों पर विस्तार से गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन से हुई। यूनाईटेड नेषन्स की सामान्य सभा ने 1992 में एजेन्डा 21 में 22 मार्च को विष्व जल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह दिवस 1993 से लगातार मनाया जा रहा है। गौरतलब है कि ‘‘वर्ष 2014 के विष्व जल दिवस की थीम वाटर एंड एनर्जी’’ है क्योंकि जल और ऊर्जा एक दूसरे से अन्तः सम्बन्धित एवं परस्पर निर्भर है। ऊर्जा उत्पादन ,संचरण एवं वितरण के लिए जल संसाधन का उचित उपयोग किया जाना आवष्यक है। ऊर्जा उत्पादन का लगभग 80 प्रतिषत भाग विभिन्न उपभोक्ताओं द्वारा पार्पिग, ट्रीडिंग एवं ट्रांसपोटेषन के लिए उपयोग किया जाता है। अतः हम सभी को जल की उपयोगिता एवं मूल्य को समझते हुए जल संरक्षण की विभिन्न विधियों का उपयोग कर जल संरक्षण करना चाहिए। इस अवसर पर विष्वविद्यालय के बायोटेक विभाग के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहें।

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विलुप्त हो रही प्रजाति के बचाव पर संगोष्ठी 

एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में पर्यावरण विभाग द्वारा ‘‘विष्व गौरेया दिवस’’ के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें गौरेया के सामान्य विवरण, आवास स्थल, व्यवहार, भोजन, प्रजनन, परिस्थिति, महत्व एवं इनके विलुप्त होने के कारणों एवं संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में एकेएस के पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने गौरेया का महत्व बताते हुए कहा कि हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि अपने आस-पास उपस्थित गौरेया के लिए उचित आवास एवं भोजन की व्यवस्था कर उनकी संख्या में वृद्धि करने के लिए योगदान देना चाहिए। एकेएस यूनिवर्सिटी के परिसर में पेड़-पौधों एवं कृत्रिम घोसले लगाने का प्रयास किया जाएगा। जिससे इन्हें उचित आवास स्थल मुहैया हो सकें। कार्यक्रम में एकेएस यूनिवर्सिटी के समस्त विभागाध्यक्ष फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती सुमन सिंह पर्यावरण विभाग द्वारा किया गया।

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‘‘प्रभावी प्रेजेन्टेशन के बाद ज्यूरी में शामिल’’

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के मैनेजमेंट विभाग के विभागध्यक्ष डाॅ. कौशिक मुखर्जी ने वी.एन.एस. कैम्पस भोपाल मंे आयोजित दो दिवसीय ए.आई.सी.टी.ई. एप्रूव्ड इंटरनेशलन क्रांफ्रेन्स में ‘‘बैकिंग क्षेत्र में एच.आर. से सम्बन्धित चुनौतियां’’ विषय पर पेपर प्रेजेन्ट किया। डाॅ. मुखर्जी के प्रभावी पे्रजेन्टेशन एवं विषय पर प्रभावी ज्ञान को देखते हुए उपस्थित विशिष्ट अतिथियों ने उन्हें ज्यूरी मैम्बर के तौर पर शामिल किया । दूसरे दिन वह बतौर ज्यूरी मैम्बर शामिल हुए

कार्यक्रम के पहले दिन विभिन्न यूनिवर्सिटीज से आए वक्ताओं ने ‘‘अर्थशास्त्र, रिसर्च एवं देश विदेश में व्याप्त बैंिकंग सेवाओं का’’ तुलनात्मक विश्लेषण किया। जिसमें वी.एन.एस. भोपाल की डायरेक्टर डाॅ. सुलक्षणा तिवारी, हिमांचल यूनिवर्सिटी, शिमला के वाइस चांसलर, डाॅ. ए.डी.एन. बाजपेयी, आई.आई.एम के प्रोफेसर डाॅ. वी.के. गुप्ता, बी.एच.यू.से वाराणासी, प्रोफेसर डाॅ. आशीष बाजपेयी और आर.के. दुबे चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, कैनरा बैंक बैगलुरु के व्याख्यान उल्लेखनीय रहें।

कार्यक्रम के दूसरे दिन आई.आई.एम के प्रोफेसर डाॅ. वी.के. गुप्ता ने फाइनेंसियल बैलेंस कोर कार्ड विषय पर व्याख्यान दिया। जिसमें उन्हांेने भारत के बहुमुखी दृष्टिकोण पर चर्चा की। कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट और सोवीनियर प्रदान किये गये।

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इस बार मनायेंगे बिना पानी की होली

एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के विशाल प्रांगण में हजारों की संख्या में छात्रों ने एक स्वर में शपथ ली कि ‘‘पर्यावरण संरक्षण’’ के लिए कृत संकल्पित होकर हम यह शपथ लेते है कि होली का त्यौहार आपसी भाई-चारे और सौहार्द का त्यौहार है और हम युवा इस बात पर भरोसा करते है कि ‘‘हम बदलेंगे युग बदलेंगा’’ समूह में एकत्रित छात्र-छात्राओं ने एकेएस यूनिवर्सिटी के फैकल्टीज की उपस्थिति में शपथ ली जिसका मूल विषय था प्रकृति के करीब जाना तथा प्रकृति सम्मत व्यवहार करना। गौरतलब है कि इसके पूर्व में भी एकेएस यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्रायें समाज की जागरूकता व समाज में फैली विषमताओं के खिलाफ जागरूकता का अहम हिस्सा रह चुके हैं। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने एक स्वर में एक दूसरे को होली की शुभकामनाऐं दी।

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