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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. पारितोष के. बनिक ने मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद के डीडीई आडिटोरियम में आयोजित ”सेंट्रल जोन वाइस चांसलर मीट” में शिरकत की। गौरतलब है कि ये कार्यक्रम एसोसियेशन आॅफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम थीम ‘‘शेयरिंग बेस्ट प्रेक्टिसेस इन आईसीटी टीचिंग एण्ड स्किल डेव्हलपमेंट’’ पर आधारित था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. एच.पी. दीक्षित (पूर्व वाइस चांसलर इग्नू) रहे एवं अध्यक्षता प्रो. डी.एस. चैहान (प्रेसिडेंट एआईयू) ने की। कार्यक्रम की विषयवस्तु के बारे में डाॅ. असलम परवेज (वाइस चांसलर मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी) ने जानकारी दी। गेस्ट आॅफ आॅनर प्रो. फुरकन उमर रहे। कार्यक्रम के टेक्निकल सेशन के दौरान एकेएस वि.वि. के कुलपति प्रो. बनिक ने उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए विषय पर तर्कसंगत और सुस्पष्ट राय दी और ”कैपिसिटी बिल्डिंग इन द फील्ड आॅफ हायर एजुकेशन” पर भी चर्चा करते हुए आईसीटी टीचिंग एण्ड स्किल डेव्हलपमेंट पर केस स्ट्डी प्रस्तुत की और कहा कि सारी यूनिवर्सिटीज को अपनी बेस्ट् प्रैक्टिसेेस का एक दूसरे के साथ आदान - प्रदान करना चाहिए।

मीडिया
विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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12 से 13 दिसम्बर 2016 को इण्डिया इन्टरनेशनल सेन्टर, नई दिल्ली में ‘‘नेशनल इस्टीट्यूट आॅफ क्लीन्लीनेस एजुकेशन एण्ड रिसर्च’’ नाइसर द्वारा थीम ‘‘क्लीन-अप द अर्थ’’ पर विश्व स्वच्छता महासम्मेलन आयोजित किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कन्फेडरेशन आॅफ इंडियन के चांसलर डाॅ. प्रिय रंजन द्विवेदी ने की।
प्ूाूरे भारतवर्ष से शामिल हुए संस्थान
कार्यक्रम में पूरे भारत वर्ष के विश्वविद्यालयों के ग्रुप जी-51 जो शिक्षण संस्थाओं में सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है के सदस्य के तौर पर एकेएस वि. वि. की ओर से कम्प्यूटर सांइस विभागाध्यक्ष प्रो. अखिलेश ए.वाऊ ने सहभागिता दर्ज की। गौरतलब है कि यह म.प्र. का एकमात्र विश्वविद्यालय है जो इसके सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
एकेएस के प्रोफेसर ने दिया व्याख्यान
कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये वक्ताओं ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर परिस्थितिकीय, पर्यावरण, स्वच्छता, हरियाली, नगर निगम सेवाओं एवं कूड़ा-कचरा एकत्रिकरण प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। प्रो. अखिलेश ने अपने व्याख्यान में वि. वि. द्वारा किए जा रहे विश्वविद्यालय परिसर एवं सतना शहर में स्वच्छता अभियान पर आधारित नुक्कड नाटक एवं अन्य विषयों पर विस्तृत व्याख्यान दिया जो काफी सराहनीय रहा।”क्लीन्लीनेस इस गाॅडनेस” थीम पर आयोजित समापन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेपाल के एम्बेसडर (राजदूत) दीप कुमार उपाध्याय रहे।
एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
इस अवसर पर एकेएस वि. वि. के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव द्वारा हस्ताक्षरित एम.ओ.यू. पर वि. वि. की ओर से प्रो. अखिलेश ए.वाऊ एवं नाइसर की ओर से डायरेक्टर उत्कर्ष शर्मा के बीच एक सामान कॅरियर रूचि और उद्ेश्यों को लेकर शिक्षा को 21वीं शताब्दी के अनुकूल बनाने की दिशा मे एम.ओ.यू.एक्सचेंज किया गया।
वि.वि. में प्रारंभ होंगें नए कोर्सेस
उल्लेखनीय है कि एकेएस विश्वविद्यालय सतना द्वारा सत्र 2017-18 में स्वच्छता संबंधी 3 महीने, 6 महीने, 1 वर्षीय एवं 3 वर्षीय सर्टिफिकेट डिप्लोमा एवं डिग्री पाठ्यक्रम संचालित कर सकेगा। जिससे शहर एवं ग्रामीण अंचलों के विभिन्न आयु वर्ग के विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

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एकेएस विश्वविद्यालय शेरगंज स्थित पाॅलीहाउस में नरेन्द्र शिवानी और नरेन्द्र शिशिर नामक लौकी उन्न्त प्रजातियां इस समय फलत मे है। इन प्रजातियों के परीक्षण के लिए डाॅ. शिवपूजन सिंह प्रो. एग्रीकल्चर संकाय एकेएस वि. वि. एवं प्रियंका मिश्रा द्वारा बुआई का कार्य 28 अगस्त 2016 को संपन्न किया गया। नरेन्द्र शिवानी के फलों की लम्बाई वर्तमान में 5 फुट के आस-पास हो चुकी है और इनकी लम्बाई 2‘‘ से 3‘‘ प्रतिदिन की गति से बढ़ रही है। कुछ दिनों में इस फलों की लम्बाई 6 फीट से अधिक हो जाने की सम्भावना है। लौकी की यह प्रजाति उपर्युक्त रखरखाव के बाद अक्टूबर से फरवरी तक लगभग 5 माह फलती ही रहती है। एकेएस विश्वविद्यालय में यह लौकी किसानों के खेत पर प्रदर्शन के लिए एवं शुद्ध बीज के लिए उगाई जा रही है। विश्वविद्यालय के पाॅलीहाउस प्रक्षेत्र में गोल फलों वाली प्रजाति नरेन्द्र शिशिर भी लगाई गई है। इसकी पत्तियां सामान्य लौकी की पत्तियांे की तुलना में भिन्न है। जो करेले या पपीते की पत्तियों के समान कटी हुई होती है। इन प्रजातियों की पैदावार मचान विधि से मध्य जुलाई में बुआई करके 700 से 1300 क्विंटल प्रति हैक्टेयर किया गया है। एक पौधे से पौधे के बीच पर्याप्त दूरी एवं उचित देखभाल से 50 से 200 खाने योग्य फल प्रति पौधों प्राप्त किया जा सकता है। लौकी एक अनूठी सब्जी है जो सब्जी के अतिरिक्त अन्य कई रूपों जैसे औषधि वाद्ययन्त्र, सजावट आदि के रूप में प्रयुक्त होती है। लैाकी केे कोमल फल मध्य प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत के मैदानी भागों में बाजार में वर्ष-भर उपलब्ध रहते हैं। लौकी की प्रजातियाँ दो प्रकार की होती है- शीत कालीन एवं ग्रीष्म कालीन प्रजातियां। इन दोनो प्रजातियों के बीज वि. वि. में किसानों के लिए अगले वर्ष खेती के लिए अप्रैल-मई 2017 में उपलब्ध हो सकेगी। जिसे वि. वि. से प्राप्त किया जा सकता है ।

 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के अपने संकल्प के चलते राश्ट्रीय स्तर पर अपनी साख स्थापित करने में सफल रहा है। इस कड़ी में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में एकेएस विश्वविद्यालय को दि इंस्टीट्यूट आॅफ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स आॅफ इण्डिया द्वारा प्रतिश्ठापूर्ण सीए सीपीटी का परीक्षा केन्दª निर्धारित किया गया है एवं परीक्षा के आब्जर्वर के रूप में नगर के वरिश्ठ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट सिंघई संजय जैन को नियुक्त किया गया है, जिनके ही प्रयासों से यह परीक्षा जून 2016 से सतना में आयोजित होना प्रारम्भ हुई है। अभी तक विन्ध्य क्षेत्र के विद्यार्थियों को इस परीक्षा के लिए निकटतम केन्दª जबलपुर अथवा इलाहाबाद चुनना होता था। अब उन्हें यह सुविधा है कि वे स्थानीय स्तर पर इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं। एकेएस विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डाॅ. शेखर मिश्रा ने बताया है कि यह परीक्षा रविवार दिनांक 18 दिसम्बर, 2016 को दो सत्रों में सम्पन्न होगी। परीक्षार्थियों के लिए विश्वविद्यालय की ओर से निःशुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है जो राजीव गाँधी काॅलेज, बस स्टैण्ड, सतना से प्रातः 9.45 पर चल कर सर्किट हाउस चैक से होते हुऐ 10 बजे विश्वविद्यालय पहुंचेगी। वापसी हेतु परीक्षा केन्दª से बस 4.15 बजे वापस रवाना होगी।

 

 

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सतना। गौरतलब है कि एकेएस वि.वि. के छा़त्र नियमित रुप से विभिन्न माध्यमों से दक्षता प्राप्त करते हैं जिसमें वि.वि. के फैकल्टीज का ज्ञान आधारित मार्गदर्शन,कॅरियर काउन्सिलिंग ओर नवीन तकनीक से परिचित होते हैं। इसी कडी़ मे भारत सरकार एवं रिजनल कंट्रोलर आॅफ माइन्स ,जबलपुर द्वारा एकदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एकेएस विश्वविद्यालय के माइनिंग इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डाॅ. बी.के. मिश्रा एवं डायरेक्टर ट्रेनिंग इंजी. ए.के. मित्तल ने इंडियन ब्यूरो आॅफ माइन्स, मिनिस्ट्री आॅफ माइन्स, .कटनी में आयोजित ‘‘स्टार रेटिंग आॅफ माइन्स‘‘ कार्यशाला में सहभागिता दर्ज कराई। फैकल्टीज ने एकेएस वि.वि. के बारे में अपना विजन देते हुए वि.वि. के कॅरियर ओरिएन्टेड पठन-पाठन एवं इंडस्ट्री आरिएन्टेड सिलेबस और वि.वि. द्वारा सामाजिक क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो का लेखाजोखा भी प्रस्तुत किया जिसे सभी की व्यापक सराहना मिली। कार्यशाला में खनन क्षेत्र में आने वाली समस्याओं के अत्याधुनिक तरीके से निराकरण पर भी विमर्श हुआ इसी कडी मे ये बताना प्रासंगिक होगा एकेएस वि.वि. का सिलेबस पूर्णतः इंडस्ट्री ओरिएन्टेड है और माइनिंग के छात्रों के लिए यह लाभकारी होगा। कार्यशाला का शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रमुख वक्ता आर.के. सिन्हा (कंट्रोलर जनरल आॅफ माइन्स) द्वारा किया गया। आर.के. सिन्हा ने अपने व्याख्यान में स्टार रेटिंग के तहत खानों की तकनीकी गुणवत्ता एवं कार्यशैली के साथ पर्यावरण रक्षा , खनिज गुणवत्ता, माइन्स मशीनरी, उत्पादन के साथ स्वच्छ भारत अभियान के तहत भी खनन क्षेत्र में योगदान पर चर्चा की। इस अवसर पर जबलपुर रीजन के समस्त खानों से 100 से ज्यादा खान मैनेजर एवं आईबीएम जबलपुर के अधिकारियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।

 

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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