एकेएस. विश्वविद्यालय के एम.एस-सी. बायोटेक्नोलाॅजी के विद्यार्थी वीरेन्द्र पाण्डेय का चयन भारत की नं. 1 सी.एस.आई.आर. बेस्ड, (सेन्टर फाॅर साइंस एण्ड इण्डस्ट्रियल रिसर्च) हैदराबाद स्थित सी.सी.एम.बी. (सेन्टर फाॅर सेलुअर एण्ड माॅल्यूक्यूलर बायोलाॅजी) लैब के लैकोन्स सेक्सन में छः माह की डिजर्टेंशन ट्रेनिंग के लिए हुआ है। गौरतलब है कि इसे पूर्व भी छात्रों का चयन देश विदेश के विभिन्न संस्थानों में हुआ है । विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. बनिक,चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष डाॅ. कमलेश चैरे ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

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सतना। एकेएस वि.वि. के माइनिंग विभागाध्यक्ष डाॅ. बी.के. मिश्रा ने आईआईटी खड़गपुर में 24 एवं 25 नवम्बर को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लिया। कार्यशाला में देश के नामी गिरामी संस्थान जैसे कोल इंडिया, बीसीसीएल, एसईसीएल, ओएनजीसी, एनएमडीसी इत्यादि संस्थाओं से 60 विषय विशेषज्ञों ने उपस्थिति दर्ज कराई जिसमें आईआईटी खड़गपुर के विभागाध्यक्ष खनिन्द्र पाठक, आईआईअी (आईएसएम) के प्रो. फाल्गुनी सेन, आईआईटी (बीएचयू) के प्रो. एस.के. शर्मा ने खनन पाठ्यक्रम की विषयवस्तु, लेबोरेटरी, प्रयोगशाला की जरूरतें, प्रेक्टिकल ट्रेनिंग, क्वालीफाइड फैकल्टी मेम्बर्स एवं सुरक्षा की दृष्टि से डीजीएमएस द्वारा निर्धारित गुणात्मक पहलुओं पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई। कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के माइनिंग विभागाध्यक्ष डाॅ. बी.के. मिश्रा ने एकेएस में संचालित बी.टेक माइनिंग पाठ्यक्रम, प्रयोगशालाओं, शिक्षकों की शैक्षणिक गुणवत्ता, छात्रों को दी जाने वाले खनन ट्रेनिंग इत्यादि पहलू प्रस्तुत किये। शैक्षणिक संस्थाओं एवं खनन विशेषज्ञों ने एकेएस विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे इंडस्ट्री ओरिएन्टेड एकेडमिक सिलॅबॅस एवं छात्रों के उन्नत शैक्षणिक स्तर की व्यापक सराहना की।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना
एकेएस वि.वि. के छात्रों को विषयगत जानकारियाॅ पै्रक्टिकल टेªनिंग के माध्यम से मिलती है इसी कडी में एकेएस. विश्वविद्यालय के बी.टेक माइनिंग इंजीनियरिंग के 45 विद्यार्थियों ने ”अंतर्राष्ट्रीय माइनिंग मशीनरी एक्जीबीशन” में सहभागिता दर्ज की। इस विश्व स्तरीय आयोजन में विद्यार्थियों ने विभिन्न खनन उपयोगी मशीनरी के डेमोस्ट्रेशन को देखा और तकनीकी जानकारी हासिल की, साथ ही छात्रों ने एटलाॅस काॅपको द्वारा प्रदर्शित ड्रिलिंग मशीन को भी संचालित किया। विद्यार्थियों ने ई.सी.एल. (ईस्टर्न कोल्ड फील्ड) रानीगंज स्थित सोनपुर बजारी खदान की भी विजिट की। इस दौरान उन्होने खदान में ड्रैग लाइन एवं आधुनिक खनन उपकरणों की कार्यविधि एवं खनन के विभिन्न पहलुओं की जी.एम.मिस्टर एन.के. त्रिपाठी के मार्गदर्शन में जानकारियां प्राप्त की। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन फैकल्टी पी.एस. तिवारी एवं जे.एन. सिंह ने किया। गौरतलब है कि इंजीनियरिंग डीन डाॅ. जी.के. प्रधान के मार्गदर्शन में कोलकत्ता में 16 से 19 नवम्बर तक आयोजित इस एक्जीबिशन में छात्रों ने माइनिंग की और कई नवीन जानकारियाॅ भी प्राप्त कीं।
एकेएस. विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर सांतवें सेमेस्टर के छात्रों द्वारा रावे कार्यक्रम के तहत ग्राम कोलार में कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम में रावे समन्वयक डाॅ. डूमर सिंह एवं फैकल्टी धीरेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा किसानों को कृषि संबंधी तकनीकी जानकारियां एवं रवि फसल उगाने संबंधी तकनीक विषय पर विस्तृत चर्चा की जायेगी।
एकेएस. विश्वविद्यालय कृषि संकाय के सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों द्वारा ग्रामीण कृषि कार्यानुभव (रावे) के तहत ग्राम इटमा में विशाल ‘‘किसान संगोष्ठी’’ का आयोजन किया गया तथा इसमें सितपुरा, इटमा व छोटी गोलहटी के छात्र समूह के द्वारा किया गया। जिसमें सितपुरा, इटमा व छोटी गोहलटी के 70-80 किसानों ने हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. नन्दराम व डाॅ. डी.पी. चतुर्वेदी, इटमा सरपंच (लीला केवट) तथा किसानों में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में डाॅ. नन्दराम ने मिट्टी से संबंधित जानकारी दी तथा उन्होनें किसानों मिट्टी परिक्षण करवाकर ही आवश्यक उर्वरक डालने को कहा। डाॅ. डी.पी. चतुर्वेदी ने जैविक खेती पर प्रकाश डाला तथा नई उन्नत तकनीक के बारे में जानकारी दी तथा फसल उत्पादन के अलावा, मत्स्य पालन, दुग्ध व्यवसाय आदि सभी के बारे में जानकादी दी। कार्यक्रम में किसानों के सभी प्रश्नों का जवाब भी दिया गया।कार्यक्रम का मार्गदर्शन डाॅ. डूमर सिंह व श्री स्वास्तिक सर ने किया।