सतना। कौन कहता है कि आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों, कुछ ऐसा ही भाव लेकर एकेएस वि.वि. सतना के आईटी प्रशासक सोनू कुमार सोनी ने अपने जज्बे से वो कर दिखाया जिसकी हम आप कल्पना करते हैं। उन्होंने सफलतापूर्वक सतना से लेह तक का सफर मोटर साइकल से पूर्ण किया। जिद, जज्बे और जुनून की हद तक इस यात्रा का लुत्फ उठाते हुए उन्होंने तकरीबन 4600 किमी. की 14 दिनों की साहसिक यात्रा अपने दोस्त के साथ मिलकर सफलतापूर्वक पूरी की। 28 जून को अपनी यात्रा की शुरुआत करते हुए सोनू कुमार सोनी ने 400 सीसी की बाइक से यह यात्रा खुशी खुशी पूरी की। भोर के उजास से लेकर रात के तम तक वह आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहे। दुर्गम और कठिन रास्तों पर चलते हुए भी उन्होंने आशा नहीं छोड़ी। सोनू के मित्र सुभाष शरण ने भी उनके साथ ग्वालियर, दिल्ली, अम्बाला, उधमपुर होते हुए द्रास कारगिल तक यात्रा की। इसी रास्ते से दोनों मित्र लेह लद्दाख पहुंचे, लेह से सियाचिन मार्ग होते हुए सोनू और सुभाष पैगकांग लेक पहुंचे। इस झील का 80 फीसदी हिस्सा चीन में और 20 फीसदी हिस्सा हिन्दुस्तान में है। हसीन वादियों का नजारा करते हुए प्रकृति की सुदरता की असीम खूबसूरती को निहारते और आगे बढते सोनू ने बताया कि सचमुच यात्रा प्रेरणदायक और बेमिसाल रही ।मोबाइल से लगातार जीपीएस का सहारा लेते हुए दोनों दोस्त लेह मनाली हाइवे पर पहुंचे जहां जिंग जिंग बार में टेंट के भीतर पूरी रात गुजारी। मोबाइल का जीपीएस सिस्टम उनके लिये वरदान की तरह रहा। चूंकि दुरूह और मुश्किल रास्ते होने के कारण मोबाइल का नेटवर्क भी कई बार साथ छोड़ देता था। ऐसे में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आॅफलाइन मैप का सहारा लेकर आगे बढ़ते रहे। इसके पहले सोनू ने एक साल तक इस यात्रा के लिये तैयारियां कीं। सोनू ने बताया कि यात्रा के लिये फिजिकल और मेंटल पावर जरूरी थी। इसके पहले आम तौर पर 80 फीसदी से ज्यादा राहगीर मनाली पहुंचकर बाइक या फ्लाइट से पहले लेह जाते हैं और लेह के आगे का सफर फिर बाइक से करते हैं। जवाहर टनल से गुजरने की इजाजत न मिलने की वजह से दोनों ने छोटे से गांव बनिहाल में रात बिताई। सोनू ने कहा कि उन्हें लगातार हौसला और हिम्मत वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और वि.वि. में कार्यरत लोगों से मिलता रहा। आईटी हेड ने बताया कि लेह में विशाल दर्रों का समूह है। जहां बाइक या 4 पहिया वाहन चलाना आसान नहीं है। जोजिला पास के पास चांगला पास में सबसे मुश्किल काम ड्राइविंग का था। इसी बीच लेह और नुब्रा वैली के बीच विश्व का सबसे ऊंचा पास है खार डुंगला, इसकी ऊंचाई 18300 फिट है। यहां गर्व और हर्ष से दोनों मित्रों ने भारत का राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया। फ्यूलिंग के लिये 10 लीटर पेट्रोल रिजर्व रखकर चलते चलते लेह और मनाली के बीच 345 किमी. का एक ऐसा क्षेत्र भी पडा जहां पेट्रोल पंप नहीं हैं। ऐसी जगह रिजर्व पेट्रोल काम आया। सोनू के इस जज्बेपूर्ण हिम्मत और हौसले भरे कार्य के लिये वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी और वि.वि. के समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने उन्हें बधाई दी है। सोनू कुमार सोनी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन की वजह से वे इस साहसिक कार्य के लिये जज्बा जुटा पाये उन्होने कहा कि मेरी मंजिले इससे भी आगे की हैं मुझे रास्तों की तलास है मन में उमंग है कुछ और करने की खुद को खेाजने की और जहाॅ का सफर करने की।

AKS University
AKS University, Satna M.P.
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के डिपार्टमेंट आॅफ बायोटेक्नोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ. कमलेश चैरे ने इंटरनेशनल सोसायटी फार रूट रिसर्च (आईएसआरआर) द्वारा आयोजित 10वीं इंटरनेशनल सिम्पोजियम फार रूट रिसर्च एट दि फोरफ्रंट आॅफ साइंस में अपनी उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराई। यह सिम्पोजियम 8-12 जुलाई 2018 को येरूशेलम, इजराइल में आयोजित किया गया। इस सिम्पोजियम में भारत की ओर से अकेले डाॅ. कमलेश चैरे द्वारा पेपर प्रजेंटेशन किया गया। डाॅ. चैरे का रिसर्च एरिया ‘एप्लीकेशन आॅफ नैनो टेक्नोलाॅजी विथ माइक्रोबियल टेक्नोलाॅजी फार इनोवेशन इन एग्रीकल्चरल प्रेक्टिसेस’ है। इसी को ध्यान में रखते हुये उन्होंने अपने रिसर्च ग्रुप के साथ मिलकर जिसमें डाॅ. जी.पी. रिछारिया, डाॅ. समित कुमार, मोनिका सोनी, हर्ष सिंह, शिल्पी सिंह, विवेक अग्निहोत्री, सौरभ सिंह, श्रेयांष परसाई, डाॅ. अरविंद गुप्ता, डाॅ. दीपक मिश्रा, डाॅ. अश्विनी वाऊ, संध्या पाण्डेय, रेनी निगम, कीर्ति समदरिया सम्मिलित हैं के संयुक्त प्रयासों से एक इनोवेटिव एग्रीकल्चरल टेक्नोलाॅजी पर कार्य किया है। इस रिसर्च में उन्होंने विश्व में सर्वप्रथम नैनो सेल्यूलेज आधारित माइक्रोबियल बायोफार्मुलेशन तैयार किया है जिसके आधार पर बायोफर्टिलाइजर की सेल्फ लाईफ 3-5 साल तक बढ़ाई जा सकती है। इस रिसर्च के आधार पर अब नवीनतम बायोफर्टिलाइजर तैयार किये जा सकेंगे जो कृषकों को होने वाली कई परेशानियों को दूर करेंगे क्योंकि यह बायोफर्टिलाइजर कृषि पैदावार के लिये अत्यंत उपयोगी होगा। इस रिसर्च के नवीनतम एवं इनोवेटिव होने की वजह से इसे इंटरनेशनल फोरम पर प्रजेंट करने हेतु डाॅ. कमलेश चैरे को इस इंटरनेशनल सिम्पोजियम में इनोवेटिव थीम में प्रजेंट करने हेतु विश्व के सात प्रमुख इनोवेटिव रिसर्च के साथ सम्मिलित किया गया। डाॅ. चैरे के अलावा इस इनावेटिव श्रेणी में डाॅ. एलवीन स्मकर, मशीगन स्टेट युनिवर्सिटी यूएसए, डाॅ. सोलोमन इथोसिके, युनिवर्सिटी आॅफ लाॅज, बेल्जियम, डाॅ. क्रिशिचियन टीजके, युनिवर्सिटी आॅफ पोस्टडेम, जर्मनी, निर्तिन बर्नस्टीव, वोलकेनी सेंटर, इजराइल एवं डाॅ. डोटिस वेटरलीन, डिपार्टमेंट आॅफ स्वाइल सिस्टम, जर्मनी के पेपर सम्मिलित किये गये थे। डाॅ. चैरे के रिसर्च को भरपूर प्रशंसा मिली। डाॅ. चैरे का यह रिसर्च वर्क स्प्रिंगर पब्लिकेशन के प्लांट एण्ड स्वाइन जर्नल में जल्द प्रकाशित होगा। डाॅ. कमलेश चैरे को यह सिम्पोजियम पार्टिशिपेट करने के लिये म.प्र. सरकार की एमपी काउन्सिल आॅफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी (मेपकोस्ट), भोपाल द्वारा इंटरनेशनल ट्रेवल ग्रांट प्रदान की गयी एवं एकेएस वि.वि. द्वारा रजिस्ट्रेशन एवं एकोमोडेशन हेतु अनुदान प्रदान किया गया। इस इंटरनेशनल सिम्पोजियम में 36 देशों मुख्यतः अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, रशिया, चाइना, साउथ कोरिया, जापान आदि के विश्वविख्यात रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स एवं विश्वविद्यालयों के 360 साइन्टिस्ट, प्रोफेसर्स, रिसर्चर एवं स्टूडेन्ट्स ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जिसमें लगभग 120 रिसर्च पेपर्स का प्रजेंटेशन किया गया, इसके अलावा 182 पोस्टर्स का भी प्रजेंटेशन हुआ। डाॅ. कमलेश चैरे ने इसके लिये श्रेय अपनी पत्नी श्रीमति माही चैरे और बेटी शैलीन चैरे को दिया। उन्होंने अपने प्रेरणस्त्रोत चेयरमैन अनंत कुमार सोनी एवं स्वर्गीय डाॅ. आर.पी.एस. धाकरे को एवं डाॅ. आर.सी. दुबे को अपना मार्गदर्शक बताया। इस उपलब्धि के साथ डाॅ. चैरे ने इजराइल के सबसे पुराने विश्वविद्यालय हिब्रू विश्वविद्यालय का भ्रमण किया और वहां पर उन्होंने सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस इन इजराइल फाॅर रिसर्च आॅन क्राॅप अंडर क्लाइमेट चेंज का भ्रमण किया। वहां पर हो रही नवीनतम रिसर्च पर जानकारी ली। यह सेन्टर वल्र्ड में रियल टाइम रिसर्च आॅन प्लांट ग्रोथ अंडर स्ट्रेस कंडीशन के लिये जाना जाता है जहां पर उन्होंने प्रोफेसर मेनाखेम मोसलिआॅन से विचार विमर्श किया और उन्होंने भविष्य में कोलेबोरेशन के ऊपर सहमति जताई। इस आधार पर भविष्य में एकेएस के छात्र इजराइल जाकर ट्रेनिंग ले सकेंगे एवं रिसर्चर्स को भी फायदा मिलेगा।डाॅ. कमलेश चैरे ने इजराइल स्थित प्लान्ट डीटेक कम्पनी के सीईओ डाॅ. केरेन से भी विश्वविद्यालय के कोलेबोरेशन हेतु विचार विमर्श किया जिसके तहत वह विश्वविद्यालय के छात्रों को नवीनतम एग्रीकल्चर प्रेक्टिसेस के ऊपर ट्रेनिंग प्रदान करेंगे। साथ ही डाॅ. कमलेश चैरे ने विश्वविख्यात एवं सबसे सुरक्षित नर्सरी हिश्टील नर्सरी का भ्रमण किया। यह नर्सरी सीड प्राइमिंग, डिसीज फ्री प्लांट एवं माइक्रोप्रोपागेशन के लिये जानी जाती है। वहां पर उन्होंने उनके सभी इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट्स का भ्रमण किया एवं डाॅ इयाल क्लेव, मैनेजर हिश्टील नर्सरी ने कोलेबोरेशन के लिये सहमति जताई। साथ ही डाॅ. चैरे ने इजराइल स्थित ड्रिप इरीगेशन सिस्टम, पाॅलीहाउस, ग्रीन हाउस एवं अन्य एग्रीकल्चरल प्रेक्टिसेस का भी अवलोकन किया ताकि भविष्य में ट्रेनिंग लेकर इन टेक्नोलाॅजी का उपयोग कर भारतवर्ष की कृषि संबंधी समस्याओं का निराकरण किया जा सके, साथ ही डाॅ चैरे ने येरूशेलम एवं तेल अवीव का भ्रमण कर उनके इतिहास एवं कल्चर को भी जानने की कोशिश की। डाॅ. चैरे के इस इजराइल भ्रमण में उनके स्वयं की ग्रोथ के साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों के साथ एग्रीकल्चरल, बायोटेक्नोलाॅजी एवं फूड प्रोसेसिंग में कार्यरत रिसर्चर्स को नवीनतम टेक्नोलाॅजी एडवांसमेंट्स पर ट्रेनिंग दिलाई जा सके ताकि वो भारतवर्ष के विकास में सहभागी बन पायें, साथ ही डाॅ. चैरे ने तेल अवीव विश्वविद्यालय इजराइल, चाइना एग्रीकल्चरल विश्वविद्यालय चाइना एवं मिशीगन स्टेट युनिवर्सिटी यूएसए के प्रोफेसर्स से भविष्य में कोलेबोरेशन हेतु विचार मंथन किया। डाॅ. चैरे की इस उपलब्धि पर वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी और वि.वि. के समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने बधाई दी हैं।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के बी.एससी. एग्रीकल्चर सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने डाम्हा में जैविक कृषि प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। कार्यक्रम में कृषकों को प्रशिक्षण वैद्य अब्दुल वारसी ने दिया। उन्होंने जैविक खेती के महत्व से सभी को परिचित कराया। कार्यक्रम में रावे कोआर्डिनेटर सात्विक सहाय बिसारिया और मुख्य अतिथि कृषि संकाय के अधिष्ठाता एस.एस. तोमर ने भी ग्रामीणों को जैविक खेती की बारीकियों से अवगत कराया। ग्राम मढ़ी में ही विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में विश्व में बढ़ने वाली जनसंख्या से होने वाली हानियों एवं दुष्प्रभावों से समाज एवं पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों से ग्रामीणों को अवगत कराया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरपंच श्रीनिवास त्रिपाठी, सहायक सचिव संदीप बागरी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बलराम शर्मा ने किया। छात्र अरुण धाकड़, बलराम शर्मा, शिव नारायण वर्मा, सूरज कुर्मी, आकाश सिंह, शिवार्चन शुक्ला, संदीप गोयल, नारायण पडरचा, अवध नारायण चैबे, दुर्गेश साहू, अनुराग धारे ने समस्त व्यवस्थायें सम्हालीं।
सतना। मध्यप्रदेश स्टेट समिट एज्युकेशन एक्सिलेंस अवार्ड के मंच से एकेएस वि.वि. सतना को अब बेस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी का अवार्ड भारत सरकार के मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उच्च शिक्षा, सत्यपाल सिंह एवं मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री दीपक जोशी द्वारा भोपाल में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया। इस अवार्ड समारोह में मध्यप्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद् तथा गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में एकेएस वि.वि. के डायरेक्टर अजय सोनी ने यह अवार्ड ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि पूर्व में वि.वि. को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा लीडिंग युनिवर्सिटी इन सेन्ट्रल इंडिया 2018 का सम्मान 19 जून को प्रदान किया गया था। ज्ञातव्य है कि यह विश्वविद्यालय इंडिया टुडे सर्वे द्वारा देश की सर्वश्रेष्ठ प्राइवेट युनिवर्सिटीज में से 27वां स्थान प्राप्त कर चुका है। वि.वि. निरंतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ इनावेशन एवं रिसर्च में अग्रणी संस्थान के रूप में सराहनीय उपलब्धियों के कारण विद्यार्थियों के अध्ययन के लिये एक उत्साह का केन्द्र बन चुका है। इसके पूर्व एकेएस वि.वि. को एज्युकेशनल नेशनल एक्सिलेंस अवार्ड, बेस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी अवार्ड, मोस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी इन मध्यप्रदेश अवार्ड भी देश के विभिन्न मंचों से प्रदान किये जा चुके हैं। वि.वि. को मिली इस उपलब्धि पर समाज के विभिन्न वर्गों, बुद्धिजीवियों के साथ शिक्षा के क्षेत्र के मनीषियों, वि.वि. में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परिजनों और विद्यार्थियों में भी प्रसन्नता है।
30 faculty members from various faculties of AKS University were trained under the Faculty Development Programme organized recently in Department of Computer Science. The 15 days programme, which commenced from 25th of June, under the guidance of experienced and proficient trainers, helped the faculty members in learning the topics like internet, E-mail, blogging and networking. Trainers named Madhuri Soni, Akhilesh A Waoo, Shivani Patanha, Shankar Bera, Vijay Vishvakarma and Shweta Gupta actively participated in programme. Briefing about the FDP, Akhilesh A Waoo (HoD) said that the programmes like this will continue to take place in future as well.
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के डिपार्टमेंट आॅफ कम्प्यूटर साइंस विभाग द्वारा 15 दिवसीय फैकल्टी डेव्हलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन वि.वि. में किया गया। एकऐस वि.वि. के विभिन्न संकायों के 30 फैकल्टीज को यह ट्रेनिंग प्रदान की गई। इस कार्यक्रम के तहत एम.एस. आॅफिस, कम्प्यूटर के विभिन्न विषयों, इंटरनेट, ईमेल, ब्लागिंग, नेटवर्किंग इत्यादि का प्रयोग 25 जून से 7 जुलाई तक विषय के दक्ष फैकल्टीज के मार्गदर्शन में दी गई। विभिन्न विषयों में माधुरी सोनी, अखिलेश ए. वाऊ, शिवानी पटनहा, शंकर बेरा, विजय विश्वकर्मा और श्वेता गुप्ता ने फैकल्टी डेव्हलपमेंट प्रोग्राम में सक्रिय सहभागिता निभाई। विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर साइंस अखिलेश ए. वाऊ ने बताया कि भविष्य में इस तरह के और भी कार्यक्रम एफडीपी के अंतर्गत कराये जायेंगे।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के बी.एससी. एग्रीकल्चर सातवें सेमेस्टर की छात्राओं ने रावे कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम अधिकारी सात्विक सहाय बिसारिया के मार्गदर्शन में भाद गांव में स्थित माध्यमिक शाला के बच्चों के पठन-पाठन की प्रक्रिया देखी। इस दौरान वहां उपस्थित छात्र छात्राओं को विभिन्न विषयों का अध्यापन भी रावे की छात्राओं द्वारा किया गया। साफ-सफाई के बारे में जानकारी देते हुए छात्राओं मांडवी पाण्डेय, हर्षिता मिश्रा, अंजलि शुक्ला, अनामिका सिंह, रिया साहू, निकिता सिंह, कृतिका पाण्डेय, प्राची कुशवाहा, माया बिसेन, निहारिका अवस्थी, हर्षिता तिवारी, आकृति तिवारी, शिखा द्विवेदी, पूजा सिंह, सुशंतिका पयासी, शिवानी मास्के, प्रियंका, रश्मि, प्रियंका सोनी, मीना, प्रिया, निकिता ने विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ स्वच्छता अभियान चलाकर किशोरी बालिकाओं को भी इसमें शामिल किया और स्वच्छता का महत्व बताया। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन साहिब सिंह तोमर, सात्विक सहाय बिसारिया, के साथ शीलेन्द्र उपाध्याय ने किया।
AKS University has been conferred the “Best Innovative University in Central India Award-2018” in a function recently held in capital Bhopal. Ajay Soni, Director (AKSU), in a gracious presence of educationists, top officials and intellectuals, received the prestigious award at the hands of Deepak Joshi, Minister for Higher education (MP Government).
As it is well known, AKS University, in past as well, has been awarded the “Leading University in Central India-2018 award” by the Chief Minister of MP. In a survey carried out by the India Today Group, AKS University has been ranked 27th among the private Universities of India. University has now become a center of curiosity for the students due to quality education, and various research activities being carried out in its campus.
AKS University, in past, has been conferred the awards like “Educational National Excellence Award”, “Best Innovative University Award” and “Most Innovative University in MP Award” in various forums. AKS University, for this achievement, is being congratulated by the intellectuals, educationists and various sections of the society.
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के डिपार्टमेंट आॅफ कम्प्यूटर साइंस ने बी.टेक सीएसई के प्रथम बैच ने सफलतापूर्वक अपना अध्ययन पूर्ण कर लिया है संस्थान में बीसीए आॅनर्स, बी.एससी. आईटी आॅनर्स, एमसीए लेटरल इंट्री, बी.टेक सीएसई, पीजीडीसीए, डीसीए कोर्सेस संचालित हैं। इस वर्ष सत्र 2018-19 के लिये दो नये कोर्सेस प्रारंभ किये गये हैं जिनमें एम.टेक कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग और एमएससी, साइबर सिक्योरिटी एण्ड डिजिटल फोरेंसिक भी प्रारम्भ किये गये हैं। इसी के साथ पीएचडी इन कम्प्यूटर साइंस कार्यक्रम भी वि.वि. में हैं।दोनो कोर्सेस भविष्योन्मुखी और रोजगारोन्मुखी है इन कोर्सेस में प्रवेश प्रारंभ है।
सतना। एकेएस वि.वि. के विभिन्न संकाय के विद्यार्थी सिलेबस के अनुसार टेªनिंग प्राप्त करते है इसी कडी मे एकेएस वि.वि.,सतना के सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने तिलवारा घाट नर्मदा नदी पर बन रही ब्रिज का निर्माण यहाॅ कार्य कर रहे इंजीनियर्स श्यामल सक्सेना और बी.के. तिवारी के मार्गदर्शन में समझा। यह ट्रेनिंग 20 दिन तक चली जिसमें विद्यार्थियों ने फुट प्लेट, स्पिंडल जैक, बेसिक फ्रेम, बे्रसिंग, कपलर, स्प्रिंग जैक पिन,लार्ज पाइप, वी हेड, टाई राॅड, चकनट, विंग नट, ज्वाइंट प्लेट के साथ समस्त आधारभूत जानकारियाॅ हासिल कीं। इसी के साथ दस दिवसीय टेªनिंग विद्यार्थियों ने रीवा, कटनी, जबलपुर, लखनादौन रोड प्रोजेक्ट के तहत बन रही सडक की भी विद्यार्थियों ने डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग कम्पोनेन्ट्स, स्लैब कास्टिंग, फाउण्डेशन एण्ड फुटिंग, ब्रेसिंग एलीमेंट इत्यादि कार्य शिवानी गर्ग और विशुतोष वाजपेयी के मार्गदर्शन में समझा। ली। 06 जून से 05 जुलाई तक चली 30 दिवसीय ट्रेनिंग के दौरान बीटेक विविल सातवें सेमेस्टर के अंशुल गौतम, शशिकांत शुक्ला और वीरेन्द्र कुमार वैश्य ने ब्रिज एण्ड हाइवे निर्माण की कार्यप्रणाली को विस्तार से समझा। टावर्स एण्ड इट्स कम्पोनेंट्स के साथ लैब विजिट और टेस्टिंग भी विद्यार्थियों ने की। बीटेक विविल सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने ट्रेनिंग को सिलेबस के अनुकूल बताते हुए कहा कि इससे उन्हें ब्रिज डिजाइनिंग और राड कंस्ट्रक्सन की बारीकियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त हुई।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के डिपार्टमेंट आॅफ सिविल इंजीनियरिंग के फैकल्टी बी.डी. मेहरा का पानी पर किया गया रिसर्च पेपर इंटरनेशनल कांफ्रेंस में सराहा गया। इंटरनेशनल कांफ्रेंस इको स्मार्ट सस्टेनेबल डेव्हलपमेंट इंजीनियरिंग टेक्नोलाॅजी एण्ड मैनेजमेंट 2018, 29 और 30 जून को गीतांजलि इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्निकल स्टडीज, उदयपुर, राजस्थान में आयोजित की गई। फारेन पेपर्स जिनमे सिंगापुर, कनाडा और दुबई जैसे देश शामिल रहे सभी पेपर प्रजेंटर्स के बीच बी.डी. मेहरा ने ’स्पेशल वैरियेबिलिटी आॅफ ग्राउण्ड वाटर क्वालिटी पैरामीटर आॅफ सतना सिटी’ विषय पर अपना पेपर प्रजेंट किया। उन्होंने रिसर्च के माध्यम से यह बताया कि शहरी क्षेत्रों का औद्योगिकीकरण और सीमेन्ट इण्डस्ट्री की वजह से पानी ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में उच्च क्वालिटी का नहीं है।सोहावल और शेरगंज क्षेत्र में पानी की शुद्धता शहरी क्षेत्रों से ज्यादा है। फैकल्टी बी.डी. मेहरा का पेपर प्रजेंटेशन उपस्थित कमेटी मेम्बर्स द्वारा सराहा गया। वि.वि. की सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष शिवानी गर्ग ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
सतना। मोस्ट एक्सीलेंट यूनिवर्सिटी इन प्रायवेट सेक्टर-2018 से सम्मानित एकेएस वि.वि. सतना में पाॅलिसी बाजार इंडिया का कैम्पस ड्राइव आयोजित किया गया जिसमें वि.वि. के विभिन्न संकायों के विद्यार्थी शामिल रहे। बी.ए., बी.बी.ए., बी.सी.ए., बी.एसससी., एम.एससी., एम.बी.ए., बी.टेक के विद्यार्थियों ने कैम्पस ड्राइव में सहभगिता दर्ज कराई। एसोसियेट सेल्स कंसल्टेंट पद के लिये किये गये चयन में वि.वि. के 16 विद्यार्थियों का चयन किया गया। ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट डायरेक्टर एम.के. पाण्डेय, ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट आॅफीसर बालेन्द्र विश्वकर्मा, प्राची मिश्रा के मार्गदर्शन में सर्वप्रथम पाॅलिसी बाजार इंडिया के बारे में एचआर मैनेजर्स के द्वारा पीपीटी प्रजेंटेशेन दिया गया। विद्यार्थियों के रिटेन टेस्ट लिये गये। और शार्टलिस्ट किये गये कैंडीडेट्स का वन टू वन इंटरव्यू किया गया। चयनित विद्यार्थियों को 3 लाख पर एनम की सैलरी पर नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। इनका कार्यक्षेत्र गुड़गांव रहेगा। विद्यार्थियों के चयन पर एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी और कुलपति प्रो. पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी और वि.वि. के समस्त संकायों के डीन, डायरेक्टर्स एवं फैकल्टीज ने शुभकामनाएं दी हैं।
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के डिपार्टमेंट आॅफ एग्रीकल्चर साइंस के सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने रावे के तहत अपनी तीन माह की यात्रा ग्राम लोहरौरा से प्रारंभ की। रावे के कार्यक्रम अधिकारी सात्विक सहाय बिसारिया के मार्गदर्शन में नशामुक्ति अभियान के तहत ग्राम लोहरौरा के सरपंच कृष्णबिहारी पाण्डेय को समूह के छात्रों प्रियांश, संकेत, अंकित, सचिन, रोहित, विकास, मनोज, रंजीत, नाजिल और प्रविश ने इस मौके पर ग्रामवासियों को बताया कि नशा वास्तव में शरीर के साथ-साथ समाज को भी खोखला कर रहा है। उन्होंने इससे बचने के उपाय भी ग्रामवासियों से साझा किये। कार्यक्रम को ग्रामवासियों की व्यापक सराहना मिली। दूसरी तरफ ग्राम अटरा में छात्रों ने स्वच्छता अभियान चलाया जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों की तरफ से बताया गया कि स्वच्छता में ईश्वर का वास होता है। सात्विक बिसारिया ने बताया कि हम जब भोजन करते हैं उसके पहले हमें साबुन से हाथ साफ करना चाहिये। इसी तरह शौच से आने के बाद हमें स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिये। इस कार्यक्रम मे एग्रीकल्चर संकाय के कई विद्यार्थी उपस्थित रहे।