सतना। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय सतना द्वारा 27 अगस्त 2014 को सिविल लाइन स्थित भरहुत होटल में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के कुलाधिपति बी.पी. सोनी ने शिरकत की। इन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘भय बिन होय न प्रीति’’, हमें हमारे प्रशासन एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पुलिस प्रशासन के साथ सहयोग लेकर प्लाटर आॅफ पेरिस एवं विषैले रंग के रसायनों का प्रयोग कर प्रतिमाओं का निर्माण करने वाले कारीगरों के साथ सख्ती से पेश आना होगा, और उन्हें इन विषैले पदार्थों को छोड़कर इको-फ्रेंडली एवं छोटी से छोटी प्रतिमाओं का निर्माण करने के लिये प्रेरित करना होगा। कार्यक्रम के आयोजन करने वाले सदस्यों एवं संस्थानों को भी शासन एवं माननीय न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशानुसार ही प्रतिमाओं का विसर्जन एवं जल स्त्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिये प्रेरित करना होगा। कार्यशाला में विशिष्ट वक्ता के रूप में एकेएस यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विभाग के प्राध्यापक डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि हमें पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियों का निर्माण प्राकृतिक सामग्री जैसे कागज की लुगदी, धान का पैरा, मिट्टी, पत्तियों, हल्दी एवं अन्य प्राकृतिक रंगों का उपयोग करते हुए प्रतीकात्मक प्रतिमाओं का निर्माण करना होगा। साथ ही सार्वजनिक पंडालों की संख्या सीमित कर एक पंडाल में एक ही मूर्ति की स्थापना कर उर्जा संरक्षण के लिये सीएफएल, रंगीन कागज एवं पूजन सामग्री में प्लास्टिक के थैलों के बजाए कागज एवं कपड़ों के थैलों का प्रयोग कर विसर्जन के दौरान पटाखों का कम से कम प्रयोग करते हुए कृतिम रूप से निर्मित मूर्ति विसर्जन टैंकों में प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिये प्रेरित करना होगा । 