एकेएस विश्वविद्यालय,सतना में ”¬विश्व नाट्य दिवस” की पूर्व संध्या पर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ द्वारा विश्व नाट्य दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं को नाट्य कला से जुड़ी हुई बारीकियों से अवगत करवाया गया। इस अवसर पर उपस्थित प्रबु˜ जनो ने नाट्य कला के शीर्षस्थ एवं विश्व ख्याति प्राप्त नाटककारो यथा मुंशी प्रेमचंद , शेक्सपीयर, भारतेन्दु हरिश्चंद्र आदि का संस्मरण किया एवं छात्रों के द्वारा कुछ प्रसिद्व नाट्य अंशेंा का मंचन भी किया गया जिससे सम्पूर्ण सभागार तालियों की गडगडाहट से गूॅज उठा एवं दर्शक दीर्घा ने नाट्य रसेंा का रसास्वादन किया । कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अधिकारियों के साथ छात्र-छात्राऐं भी उपस्थित रहे।
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में 24 मार्च वल्र्ड टी.बी. डे - 2014 के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा किया गया। इस वर्ष ‘‘वल्र्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन’’ ने ‘‘वल्र्ड टी.बी. डे की थीम’’ ’’रीच द थ्री मिलियन‘‘ रखी है। जिसका मतलब 30 लाख लोगो तक इसका इलाज पहुंचाना है जो इस बीमारी से बच नही पाते गौरतलब है कि प्रतिवर्ष यह बीमारी लगभग 17 लाख लोगों की मौत का कारण बनती है। डाॅ. राबर्ट काॅक ने 24 मार्च सन् 1982 को सबसे पहले टी.बी. के बैक्टीरिया के बारे मे बताया था इसलिये इस दिन को ‘‘वल्र्ड टी.बी. डे’’ के रूप मे मनाया जाता है। इस अवसर पर छात्रों को टी.बी. की बुनियादी आवश्यक जानकारियां, बचाव, सावधानियां एवं इस जहरीले मानव संक्रामक क्षय रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, कि किस प्रकार हम अपने आस-पास के लोगों को इस क्षय रोग के निदान एवं इलाज के लिए प्रेरित करें।
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना में ‘‘23 मार्च को वल्र्ड मेट्रोलाजिकल डे 2014’’ के अवसर पर पर्यावरण विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस वर्ष डब्ल्यू.एम.ओ (वल्र्ड मेट्रोलाजिकल आर्गेनाइजेशन) द्वारा युवाओं को जलवायु प्रणाली के बारे में जागृत एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इसकी थीम ‘‘वेदर एण्ड क्लाइमेट इंगेज्ड यूथ’’ रखी गई है। गौरतलब है कि वल्र्ड मेट्रोलाजिकल आर्गेनाइजेशन द्वारा वल्र्ड मेट्रोलाजिकल डे 23 मार्च 1950 से मनाया जाना नियत किया गया था जो 23 मार्च 1961 के बाद प्रतिवर्ष इसी दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर वर्तमान समय में वातावरण, मौसम, जलवायु एवं जलचक्र में हो रहे परिवर्तनों के साथ-साथ ग्लोबल वार्मिंग, मौसम संबंधी पूर्वानुमान, पृथ्वी के वायुमंडल व्यवहार पर भी विस्तार से गहन चर्चा की गई , कि किस प्रकार हम अपने युवा विद्यार्थियों में मौसम और जलवायु को समझने एवं उनमें पूर्वानुमान करने की क्षमता का विकास करें।
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में पर्यावरण विभाग द्वारा ‘‘वाटर एंड एनर्जी - 2014’’ थीम पर ‘‘विष्व जल दिवस’’ के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमंे जल के संरक्षण, महत्व एवं उपयोग के कम होने के कारणों जैसे मुद्दों पर विस्तार से गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन से हुई। यूनाईटेड नेषन्स की सामान्य सभा ने 1992 में एजेन्डा 21 में 22 मार्च को विष्व जल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह दिवस 1993 से लगातार मनाया जा रहा है। गौरतलब है कि ‘‘वर्ष 2014 के विष्व जल दिवस की थीम वाटर एंड एनर्जी’’ है क्योंकि जल और ऊर्जा एक दूसरे से अन्तः सम्बन्धित एवं परस्पर निर्भर है। ऊर्जा उत्पादन ,संचरण एवं वितरण के लिए जल संसाधन का उचित उपयोग किया जाना आवष्यक है। ऊर्जा उत्पादन का लगभग 80 प्रतिषत भाग विभिन्न उपभोक्ताओं द्वारा पार्पिग, ट्रीडिंग एवं ट्रांसपोटेषन के लिए उपयोग किया जाता है। अतः हम सभी को जल की उपयोगिता एवं मूल्य को समझते हुए जल संरक्षण की विभिन्न विधियों का उपयोग कर जल संरक्षण करना चाहिए। इस अवसर पर विष्वविद्यालय के बायोटेक विभाग के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहें।
विलुप्त हो रही प्रजाति के बचाव पर संगोष्ठी
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में पर्यावरण विभाग द्वारा ‘‘विष्व गौरेया दिवस’’ के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें गौरेया के सामान्य विवरण, आवास स्थल, व्यवहार, भोजन, प्रजनन, परिस्थिति, महत्व एवं इनके विलुप्त होने के कारणों एवं संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में एकेएस के पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने गौरेया का महत्व बताते हुए कहा कि हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि अपने आस-पास उपस्थित गौरेया के लिए उचित आवास एवं भोजन की व्यवस्था कर उनकी संख्या में वृद्धि करने के लिए योगदान देना चाहिए। एकेएस यूनिवर्सिटी के परिसर में पेड़-पौधों एवं कृत्रिम घोसले लगाने का प्रयास किया जाएगा। जिससे इन्हें उचित आवास स्थल मुहैया हो सकें। कार्यक्रम में एकेएस यूनिवर्सिटी के समस्त विभागाध्यक्ष फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती सुमन सिंह पर्यावरण विभाग द्वारा किया गया।
‘‘प्रभावी प्रेजेन्टेशन के बाद ज्यूरी में शामिल’’
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के मैनेजमेंट विभाग के विभागध्यक्ष डाॅ. कौशिक मुखर्जी ने वी.एन.एस. कैम्पस भोपाल मंे आयोजित दो दिवसीय ए.आई.सी.टी.ई. एप्रूव्ड इंटरनेशलन क्रांफ्रेन्स में ‘‘बैकिंग क्षेत्र में एच.आर. से सम्बन्धित चुनौतियां’’ विषय पर पेपर प्रेजेन्ट किया। डाॅ. मुखर्जी के प्रभावी पे्रजेन्टेशन एवं विषय पर प्रभावी ज्ञान को देखते हुए उपस्थित विशिष्ट अतिथियों ने उन्हें ज्यूरी मैम्बर के तौर पर शामिल किया । दूसरे दिन वह बतौर ज्यूरी मैम्बर शामिल हुए
कार्यक्रम के पहले दिन विभिन्न यूनिवर्सिटीज से आए वक्ताओं ने ‘‘अर्थशास्त्र, रिसर्च एवं देश विदेश में व्याप्त बैंिकंग सेवाओं का’’ तुलनात्मक विश्लेषण किया। जिसमें वी.एन.एस. भोपाल की डायरेक्टर डाॅ. सुलक्षणा तिवारी, हिमांचल यूनिवर्सिटी, शिमला के वाइस चांसलर, डाॅ. ए.डी.एन. बाजपेयी, आई.आई.एम के प्रोफेसर डाॅ. वी.के. गुप्ता, बी.एच.यू.से वाराणासी, प्रोफेसर डाॅ. आशीष बाजपेयी और आर.के. दुबे चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, कैनरा बैंक बैगलुरु के व्याख्यान उल्लेखनीय रहें।
कार्यक्रम के दूसरे दिन आई.आई.एम के प्रोफेसर डाॅ. वी.के. गुप्ता ने फाइनेंसियल बैलेंस कोर कार्ड विषय पर व्याख्यान दिया। जिसमें उन्हांेने भारत के बहुमुखी दृष्टिकोण पर चर्चा की। कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट और सोवीनियर प्रदान किये गये।
इस बार मनायेंगे बिना पानी की होली
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के विशाल प्रांगण में हजारों की संख्या में छात्रों ने एक स्वर में शपथ ली कि ‘‘पर्यावरण संरक्षण’’ के लिए कृत संकल्पित होकर हम यह शपथ लेते है कि होली का त्यौहार आपसी भाई-चारे और सौहार्द का त्यौहार है और हम युवा इस बात पर भरोसा करते है कि ‘‘हम बदलेंगे युग बदलेंगा’’ समूह में एकत्रित छात्र-छात्राओं ने एकेएस यूनिवर्सिटी के फैकल्टीज की उपस्थिति में शपथ ली जिसका मूल विषय था प्रकृति के करीब जाना तथा प्रकृति सम्मत व्यवहार करना। गौरतलब है कि इसके पूर्व में भी एकेएस यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्रायें समाज की जागरूकता व समाज में फैली विषमताओं के खिलाफ जागरूकता का अहम हिस्सा रह चुके हैं। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने एक स्वर में एक दूसरे को होली की शुभकामनाऐं दी।
स्काॅलर्स को मिलेगी एकेएस से विशेष स्काॅलर्सशिप
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के सभागार में कैम्पस प्लेसमेंट कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत सतना के बजाज कैपिटल प्रा.लि. कंपनी के जोनल एचआर अधिकारी अफसर खान द्वारा प्रोफाइल प्रेजेन्टेशन से हुई। तत्पशचात सभी विद्यार्थियों का पर्सनल इंटरव्यू किया गया।
इस संकाय के विद्यार्थी रहे शामिल
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के सभागार में प्लेसमेंट के दौरान राजीव गांधी ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन के बी.बी.ए. के 30 विद्यार्थी शामिल हुए। कैरियर सेमिनार के दौरान रजनीश तिवारी, नीलकांत द्विवेदी,, भावना श्रीवास्तव, जोयता बैनर्जी का विशेष सहयोग रहा।
कम्पनी के एचआर जोनल अधिकारी अफसर खान ने बताया कि चयनित विद्यार्थियों को शीघ्र ही कम्पनी द्वारा ट्रेनिंग के लिये बुलाया जायेगा एवं बजाज कैपिटल प्रा.लि. के सतना रीजन में कस्टमर रिलेशनशिप एक्जिक्यूटिव के पद पर पोस्टिंग दी जायेगी।
टेक्निकल फेस्टिवल ट्रिस्ट नई दिल्ली - 2014 में शामिल
134 देशो के प्रतिनिधियों ने लिया भाग
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के प्रतिकुलपति प्रो. भूषण दीवान ने ब्रिटिश हॅाईकमीशन के निमंत्रण पर नई दिल्ली 12 मार्च को ”द ग्रेट ब्रिटेन कैम्पेन“ मे शिरकत की। इस कार्यक्रम मे देश-विदेश के ख्यात शिक्षाविद्ों ने सहभागिता दर्ज करायी गौरतलब है, कि ”द ग्रेट ब्रिटेन कैम्पेन“ ”इंग्लिश इज ग्रेट “ का हिस्सा है, जो यूनाइटेड किंग्डम की सरकार का ऐसा कैम्पेन है, जो वर्तमान मे 134 देशो मे चल रहा है। वैश्विक परिदृश्य में व्यक्तिगत और प्रोफेशनल दोनो लहजों से अंग्रेजी की प्रासांगिकता पर व्यापक चर्चा हुई कि वर्तमान युवा अंग्रेजी के प्रभाव को समझें एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना हर उस सकारात्मक गतिविधि का एडाप्टेशन करने के लिये ख्यात है। जो कि वैश्विक परिदृश्य से विद्यार्थियों को रूबरू कराये ।
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के फिजिक्स फैकल्टी निलेश राय बुन्देलखंड यूनिवर्सिटी, झाँसी में आयोजित ‘‘इंटरनेशलन वर्कशाॅफ आॅफ मोडलिंग आॅफ मटेरियल’’ में शामिल हुए। जिसमें उन्हांेने ‘‘नेनोकम्पोजिट एवं एक्सपेरिमेंटल विश्लेषण’’ पर अपने विचार लगभग दस देशों से शामिल हुए विषय विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत किये एवं भविष्य में इस मटेरियल का उपयोग एनर्जी डिवाइसेंस में व्यापक स्तर पर करने की चर्चा की।
यह वर्कशाॅप मिशीगन टेक्नालाॅजीकल यूनिवर्सिटी हाॅटन अमेरिका एवं यूनिवर्सिटी डि टोरिनों इटली के संयुक्त तत्वाधान में बुन्देलखंड यूनिवर्सिटी झाँसी में 7 मार्च से 12 मार्च तक सम्पन्न की गई।
भारत के विभिन्न टेक्निकल इंस्टीट्यूट एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर से आए विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्धवानों में से अमेरिका, इजिप्ट, कोरिया, इटली आदि के रिसर्च एप्रोच को काफी सराहा गया। इसी पंक्ति में नीलेश राय का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा। नीलेश राय के इस प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय परिवार ने प्रसन्नता व्यक्त की।
शासकीय विद्यालय शेरगंज में जाना शासकीय योजनाओं को
एन.सी.टी.ई. से मिली मान्यता, सेमेस्टर वाइज होगी परीक्षा
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में ‘‘बैचलर आॅफ एजूकेशन’’ (बी.एड.) पाठ्यक्रम जुलाई सत्र् से प्रारंभ हो रहा है। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना मध्यप्रदेश का एक मात्र ऐसा निजी विश्वविद्यालय है जिसमें (बी.एड.) की सेमेस्टर वाइज परीक्षाएंे ली जायेगी। एकेएस की बी.एड कोर्स की 100 सीटों में प्रवेश के इच्छुक अभ्यार्थियों को इन्ट्रेन्स एक्जाम की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा, जिसमें 75 प्रतिशत अंक प्रवेश परीक्षा के एवं 25 प्रतिशत अंकों के लिए साक्षात्कार लिया जायेगा। बी.एड. अभ्यार्थियों का चयन मेरिट प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों के लिये सीटे सुरक्षित रखी जायेगी। एकेएस के इस कोर्स में प्रोजेक्ट वर्क अहम होगा, जिसमें अभ्यार्थियों के थ्योरी एवं प्रैक्टिकल पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। ऐसा प्रवेशार्थियों के भविष्य में बेहतर शिक्षक के रूप में तैयार करने के लिहाज से किया जायेगा। इन्ट्रेन्स एक्जाम की सूचना एकेएस की वेबसाइट पर जल्द ही उपलब्ध होगी। 1 वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम का पहला सत्र् जुलाई- 2014 से प्रारंभ होगा फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षायें नवम्बर-दिसम्बर में एवं दूसरे सेमेस्टर की परीक्षायें मई-जून में सम्पन्न होगी। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने बताया कि समय पर पठन-पाठन और समय पर परीक्षा परिणाम बी.एड. पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषता होगी।
पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी कैम्पस मे हुआ आयोजन
एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के कुलपति डाॅ. अशोक कुमार ने तीसरी इंटरनेशनल कान्फ्रेन्स में भाग लिया यह कान्फ्रेन्स इस मायने में काफी अहम रही जिसमें सात देशों भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, म्यांमार के शैक्षणिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। कान्फ्रेन्स के विषय ‘‘ह्यूमन वैल्यूज इन हायर एज्यूकेशन’’ पर प्रतिनिधियों ने चर्चा की। इस कान्फ्रेन्स का उद्देश्य ‘‘इन्क्लूजन आॅफ ह्यूमन वैल्यूज इन काॅलेज एंड यूनिविर्सिटीज’’ रहा। इस विषय पर कुलपति डाॅ. अशोक कुमार ने व्याख्यान दिया और एकेएस यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक उन्नति एवं शिक्षा के वैश्वीकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। कार्यक्रम का आयोजन पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कपूरथला कैम्पस में किया गया। इसी कड़ी में अगली कान्फ्रेन्स भूटान में होनी तय हुई है और राॅयल यूनिवर्सिटी आॅफ भूटान के साथ एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना की एम.ओ.यू. पर विस्तार से चर्चा होगी। जो दोनों पक्षों के निरन्तर सहयोग से एक दूसरे के विकास में अहम होगा।
7 एवं 8 मार्च, 2014 को राजस्थान में है आयोजन
न.सी.टी.ई. से मिली मान्यता, सेमेस्टर वाइज होगी परीक्षा
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में ‘‘बैचलर आॅफ एजूकेशन’’ (बी.एड.) पाठ्यक्रम जुलाई सत्र् से प्रारंभ हो रहा है। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना मध्यप्रदेश का एक मात्र ऐसा निजी विश्वविद्यालय है जिसमें (बी.एड.) की सेमेस्टर वाइज परीक्षाएंे ली जायेगी। एकेएस की बी.एड कोर्स की 100 सीटों में प्रवेश के इच्छुक अभ्यार्थियों को इन्ट्रेन्स एक्जाम की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा, जिसमें 75 प्रतिशत अंक प्रवेश परीक्षा के एवं 25 प्रतिशत अंकों के लिए साक्षात्कार लिया जायेगा। बी.एड. अभ्यार्थियों का चयन मेरिट प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों के लिये सीटे सुरक्षित रखी जायेगी। एकेएस के इस कोर्स में प्रोजेक्ट वर्क अहम होगा, जिसमें अभ्यार्थियों के थ्योरी एवं प्रैक्टिकल पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। ऐसा प्रवेशार्थियों के भविष्य में बेहतर शिक्षक के रूप में तैयार करने के लिहाज से किया जायेगा। इन्ट्रेन्स एक्जाम की सूचना एकेएस की वेबसाइट पर जल्द ही उपलब्ध होगी। 1 वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम का पहला सत्र् जुलाई- 2014 से प्रारंभ होगा फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षायें नवम्बर-दिसम्बर में एवं दूसरे सेमेस्टर की परीक्षायें मई-जून में सम्पन्न होगी। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने बताया कि समय पर पठन-पाठन और समय पर परीक्षा परिणाम बी.एड. पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषता होगी।
29वीं म.प्र. यंग साइंटिस्ट कांग्रेस में की षिरकत
सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के फिजिक्स फैकल्टी डाॅ. नीलेष राय ने ‘‘म.प्र. काउंसिल आॅफ साइन्स एंड टेक्नोलाॅजी’’ विज्ञान भवन भोपाल में आयोजित ‘‘29वीं म.प्र. यंग साइंटिस्ट कांग्रेस’’ में षिरकत की। इस दौरान उन्होंने फिजिकल साइंस पर रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम 27 एवं 28 फरवरी को रखा गया था। जिसमें उन्होंने कम्प्रेटिव स्ट्डी आॅन नेनोकम्पोजिट पोलिमर जेल इलेक्ट्रोलाइट एवं देयर नेनो फाइबर फाॅर इलेक्ट्रोकेमीकल डिवाइस एप्लीकेसन्स पर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया। उनके इस रिसर्च पेपर प्रेजेन्टेषन के आधार पर उन्हें दो वर्ष तक के लिए किसी भी नेषनल रिसर्च लेबोरेटरी में रिसर्च वर्क करने के लिए फैलोषिप प्रदान की गई है। इसके लिए विष्वविद्यालय परिवार ने बधाई दी।
कृषि में विविधीकरण द्वारा प्राकृतिक आपदा के बाद भी उबर सकते है किसान, कम से कम हो सकती है क्षति
एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के प्रांगण में ‘‘एग्रीटेक मध्यप्रदेश‘‘-2014 किसान मेले का आयोजन 26-28 फरवरी के बीच इस उद्येश्य से किया गया कि किसानों के जीविकोपार्जन के साधन कृषि को कैसे लाभ का धंधा बनाया जा सकता है मेले की थीम थी ‘‘कृषि में विविधीकरण द्वारा ग्रामीण समृद्वि‘‘ जो वर्तमान समय में मध्यप्रदेश के किसानों के हित में है ज्ञातव्य हो कि खरीफ में अति वृष्टि की मार से सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई थी जिसके दर्द से किसान अभी भी उबरा नहीे था कि अचानक जनवरी महीनें में 130 मिमी. वर्षा हो गई तथा 27 व 28 फरवरी को 5मि.मी.बारिस होने तथा ओला वृष्टि के कारण गेहूॅ, जौ, चना, मटर, मसूर, अलसी, अरहर और आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है यह अनुमान लगाया गया है कि केवल सलना जिले में लगभग 50 करोड की तथा म.प्र. में अरबो की फसल तबाह हो गई है। रबी की कितनी फसल बर्बाद हुई है सर्वेक्षण से पता चलेगा।
विभिन्न फसलों के नष्ट होने के फलस्वरुप किसानों को 40 से 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की भारी क्षति का अनुमान है कृषि में विविधीकरण के माध्यम से प्राकृतिक आपदा से काफी हद तक बचाव सम्भव है ।माननीय मुख्यमंत्री,मध्यप्रदेश श्री शिवराज सिंह चैहान नें भी कृषको को होने वाले नुकसान को कुछ हद तक पूरा करने का आदेश दिया है ।
परन्तु एकेएस विश्वविद्यालय,सतना के कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय ने इस क्षतिपूर्ति का अलग रास्ता निकाला है ।संकाय के अधिष्ठाता कृषि के अनुसार चना,मटर,तथा मसूर की जो फसल सड गई है उसकी मिट्टी हल से पलट दें जिससे जमीन में नमी बनी रहेगीतथा उर्वरता बनी रहेगी। यदि किसान भाई के पास एक या दो सिंचाई के साधन हैं तो 15 मार्च के पहले तैयार भूमि में मंग ,उड़द या तिल लगाए। मंूग की किस्म ट्राम्बे-37, के-851, पूसा बैशाखी या जवाहर मूंग में से कोई एक किस्म लगाए। उड़द की किस्म जवाहर उड़द-2, जवाहर उड़द-3, पंत उड़द-35 या एल.वी.जी.-20 में से मंग एवं उड़द को बोने से पहले राइजोबियम कल्चर से उपचारित अवश्य करे, इनमें से किसी एक को प्राथमिकता दे। सूर्यमुखी की किस्म पैराडेबी या मोरडन और तिल की किस्म कृष्णा लगाए। मूंग मं तिल या सूरन की अन्तरावर्ती खेती अधिक लाभप्रद पाई गई है। आवश्यकता है इसे अमल में लाकर अधिक आमदनी प्राप्त करने की।
एकेएस यूनिवर्सिटी के डीन डाॅ. के.आर. मोर्य, डाॅ. आर.पी. जोश् प्रोफेसर रीवा एग्री. काॅलेज, डाॅ. एस.एस. तोमर के साथ विमर्श में सभी ने एक मत से किसान हितैशी विविधीकरण प्रक्रिया से सहमति और एक राय जाहिर की।