• Home
    Home This is where you can find all the blog posts throughout the site.
  • Categories
    Categories Displays a list of categories from this blog.
  • Archives
    Archives Contains a list of blog posts that were created previously.
Recent blog posts

b2ap3_thumbnail_14F09.JPG

सतना।नेशनल एम.पी.टेक्निकल एज्यूकेशन एवं समिट 2014 में एक्सीलेन्ट प्रायवेट वि.वि का दर्जा प्राप्त एकेएस यूनिवर्सिटी सतना अपने विद्याथियों के सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा के साथ ही आध्यात्मिक एवं सर्वागीण वकास हेतु कटिबद्व रहते हुए समय समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है एकेएस यू.के समाजकार्य विभाग द्वारा ‘‘विश्व बालश्रम निरोधी दिवस’’ के अवसर पर ‘‘समाजिक सुरक्षा का विस्तार, लड़ाकू बालश्रम’’- 2014 थीम पर परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बालश्रम के वैश्विक विस्तार, बाल अवैतनिक घरेलू काम, समाजिक सुरक्षा प्रणालियों एवं बालश्रमिकों की दुर्दशा जैसे संवेदनशील मुद्दो पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस बात की जानकारी देते हुए समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में हो रहे बालश्रमिकों की दशा एवं बाल शोषण पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। परिचर्चा में एकेएस विश्वविद्यालय के सभी संकाय के फैकल्टीज एवं विद्यार्थी भाग लेंगें।

Hits: 2185
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14f09dainik-bhaskar.jpgb2ap3_thumbnail_14f09nav-bharat.jpgb2ap3_thumbnail_14f09nav-dainikjagran.jpgb2ap3_thumbnail_14f09nav-swadesh.jpgb2ap3_thumbnail_14f09nav-swadesh2.jpgb2ap3_thumbnail_14f09patrika.jpgb2ap3_thumbnail_14f09starsmachar.jpg

Hits: 2322
0

 

 

 

b2ap3_thumbnail_14F08.JPG
नेशनल एम.पी. टेक्निकल एक्सीलेंस एज्यूकेशन समिट एंड एवार्ड-2014 में एक्सीलेंस’’प्राप्त विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा “वल्र्ड ओश्यन डे” पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी, निलाद्री शेखर राय एवं प्राध्यापिका सुमन पटेल ने “वल्र्ड ओश्यन डे” के बारे में विस्तृत ज्ञानवर्धक जानकारियां विद्यार्थियों के साथ साझा की। डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने बताया कि विश्व में समुद्र की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1992 में की गई थी। एवं सन् 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे अधिकारिक तौर पर मान्यता दी। तब से यह दिवस प्रतिवर्ष 8 जून को मनाया जाता है। यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी के समक्ष महासागरों की वजह से आने वाली चुनेोतियों के बारें में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। जिससे महासागर के महत्व और उससे सम्बन्धित विषयों जैसे खाद्य सुरक्षा,जैव विविधता, परिस्थितिक संतुलन, ग्लोबल वार्मिग आदि की ओर राजनीतिक एवं सामाजिक ध्यान आकर्षित कराना है। संगोष्ठी मे सभी संकाय के विद्यार्थी उपस्थ्ति रहे।

वल्र्ड ओश्यन डे के उद्देश्य पर चर्चा

Hits: 2091
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14f08dainkbhaskar.jpgb2ap3_thumbnail_14f08dainkjagran.jpgb2ap3_thumbnail_14f08jansandesh.jpgb2ap3_thumbnail_14f08nav-swdesh.jpgb2ap3_thumbnail_14f08rajekspres.jpgb2ap3_thumbnail_14f08vindhyabhart.jpg

Hits: 2368
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14F07-jansandesh.jpgb2ap3_thumbnail_14F07-nai-duniya.jpgb2ap3_thumbnail_14f07-nav-svdesh.jpgb2ap3_thumbnail_14F07-raj-ekspres.jpgb2ap3_thumbnail_14f07-star-samachar.jpg

Hits: 2418
0

 

 

 

एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी, फार्मेसी विभाग में मेगा कैम्पस ड्राइव 9 जून को आयोजित होगा। इस बारे में जानकारी देते हुए फार्मेसी विभाग के प्राचार्य, सूर्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि फार्मास्यिूटिकल्स इंडस्ट्री की जानीमानी फार्मा कम्पनी एकलव्य फार्मा ,एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के 150 विद्यार्थियों मे से सेलक्शन करेगी । कैम्पस तीन चरणों मे 9 बजे से 5 बजे तक संम्पन्न होगा एकेएस के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने वर्तमान एवं पुराने विद्यार्थियों से अधिक से अधिक संख्या मे कैम्पस ड्राइव मे भाग लेने की सलाह दी है । कैम्पस ड्राइव की अधिक जानकारी एकेएस फार्मेसी विभाग से कार्यालयीन समय मे प्राप्त की जा सकती है।

 

Hits: 2080
0

 एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना मं ‘‘ फैकल्टी आॅफ इंजीनियरिंग टेक्नालाॅजी डिपार्टमेन्ट ‘‘ में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर परिचर्चा का अयोजन किया सभी फैकल्टीज ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा हमारा दायित्व है और हम इसे हमेशा याद रखेगे सभी ने अपने-अपने विचार रखे और मिलकर यह संकल्प लिया कि हम सब कोई न कोई ऐसा काम जरूर करेंगे जिससे हमारे पर्यावरण की सुन्दरता में निखार आए। साथ ही अपने आस-पास के पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकें। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता ओ.एस.डी. आर.एन. त्रिपाठी ने की। मंचासीन अतिथियों में जी.के. प्रधान, आर.के. श्रीवास्तव, जी.सी. मिश्रा, डी.सी. शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।

एकेएसयू में ‘‘वल्र्ड ओश्यन डे‘‘पर संगोष्ठी आज 

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में‘‘एनवायरर्नमेंट साइंस डिर्पाटमेंट ‘‘द्वारा ‘‘वल्र्ड ओश्यन डे’’ के अवसर पर ‘‘सागर की रक्षा करने की शक्ति में हम एक साथ हैं ’’ थीम पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।जिसमे महासागर परियोजना,समुद्री प्रदूषण ,समुद्री जलवायु जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी इस बात की जानकारी देते हुए एनवायरर्नमेंट साइंस डिर्पाटमेंट के विभागाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान के दौर में समुद्र की संरचना एवं उसमे हो रहे परिवर्तनो पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।जिसमे एकेएस वि.वि. के सभी संकाय के फैकल्टीज उपस्थित रहेंगें।

 

 

Hits: 2075
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14f06-jansandesh.jpgb2ap3_thumbnail_14f06-patrika.jpgb2ap3_thumbnail_14f06-star-samachar.jpgb2ap3_thumbnail_14f06dainik-bhaskar.jpgb2ap3_thumbnail_14f06dainik-kirti-kranti.jpgb2ap3_thumbnail_14f06dainik-jagran_20140613-052958_1.jpgb2ap3_thumbnail_14f06raj-ekspres_20140613-053000_1.jpg

Hits: 2411
0

b2ap3_thumbnail_14F05.jpgb2ap3_thumbnail_14F05_1.jpg

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में एनवायरमेंट साइंस डिर्पाटमेंट द्वारा ‘‘विश्व पर्यावरण दिवस’’ के अवसर पर ‘‘छोटे द्वीपों और जलवायु परिवर्तन’’ थीम पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने बताया कि, संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिये मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 5 जून से 16 जून 1972 तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। तत्पश्चात 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इन्होंने विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुये कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता तभी आयेगी जब छात्रों को पर्यावरण के बदतर होते हालात की जानकारी होगी। अब चिंता नहीं चिंतन करने कि आवश्यकता है एवं अपने दैनिक जीवन के दौरान होने वाले प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग पर नजरिया बदलना होगा। और विकास की बात हमेशा पर्यावरण के साथ होनी चाहिए तभी विश्व पर्यावरण दिवस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य सफल होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. आर.पी.एस.धाकरे ने बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण विभिन्न भौतिकवादी वस्तुओं के मांग एवं उत्पादन पर चर्चा करते हुये बताया कि इससे पर्यावरण के विभिन्न संसाधनों का अतिदोहन हो रहा है, और पर्यावरण प्रदूषण एवं असंतुलन उत्पन्न हो रहा है। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण में मानव की महती भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला ।

द फोर सीजन अर्थ पर विद्यार्थियों को दी गई जानकारी

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये प्रो.आर.एन.त्रिपाठी (ओएसडी) ने विद्यार्थियों को द फोर सीजन अर्थ के बारे में विस्तार से समझाते हुये बताया कि, हवा, पानी, पेड़ पौधों एंव पर्यावरण को किस तरह साफ एवं स्वच्छ रखा जायें। साथ ही छात्रों को पीने के पानी का महत्व, प्रकृति एवं पर्यावरण को खूबसूरत व स्वच्छ बनाने में आप कितने सहायक हो सकते है इस बारे में जागरूक किया गया।

ऊर्जा संरक्षण के उपाय एवं तरीकों से अवगत कराया गया

Hits: 2536
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14F05-JANSWADESH.jpgb2ap3_thumbnail_14F05-KIRTIKRANTI.jpgb2ap3_thumbnail_14F05-NAVSWADESH.jpgb2ap3_thumbnail_14F05-RAJXPRESS.jpgb2ap3_thumbnail_14F05-VINDHYABHARAT.jpg

Hits: 2515
0

 b2ap3_thumbnail_14F04.jpgb2ap3_thumbnail_14F04_1.jpg


सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में ‘‘अन्तरराष्ट्रीय बाल आक्रामकता एवं उत्पीड़न दिवस’’ के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ के 19 अगस्त, 1982 के निर्णय के फलस्वरूप हुई। इस परिचर्चा के तहत एकेएस विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. दीपक मिश्रा ने अपने व्याख्यान में बताया कि फिलिस्तीनी एवं लेबनान राष्ट्रों के पीड़ित बच्चों की समस्याओं के अध्ययन के पश्चात् संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्देशानुसार सम्पूर्ण विश्व के मासूम बच्चों को सुरक्षा व मदद प्रदान करने के उद्देश्य से 4 जून को इस दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। परिचर्चा के माध्यम से छात्र-छात्राओं को यह सन्देश दिया गया कि बच्चे राष्ट्र का भविष्य है उन्हें समाज का सक्रिय, सकारात्मक सदस्य बनाना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है इसके लिए उन्होंने संतुलित आहार, नियोजित शिक्षा, विकास के अवसर प्रदान किये जाने पर बात की। साथ-साथ विद्यार्थियों को उनके अधिकारों के प्रति सजग करना होगा, जिससे बढ़ते हुए बाल अपराधों को रोका जा सकें। इस अवसर पर उपस्थित जनों ने यह संकल्प लिया कि हम समाज में बाल अपराधों को रोकने एवं बच्चों के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएगें।

Hits: 2177
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14F04-JAGRAN.jpgb2ap3_thumbnail_14F04-JANSANDESH.jpgb2ap3_thumbnail_14F04-KIRTIKRANTI.jpgb2ap3_thumbnail_14F04-NAVDESH.jpgb2ap3_thumbnail_14F04-PATRIKA.jpgb2ap3_thumbnail_14F04-RAJXPRESS.jpgb2ap3_thumbnail_14F04-STAR.jpgb2ap3_thumbnail_14F04-VINDHYABHARAT.jpg

Hits: 2471
0

b2ap3_thumbnail_14F03.JPG

 एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नालाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. नीरज वर्मा को मध्यप्रदेश बाॅयोटेक्नालाॅजिकल काउंसिल द्वारा तीन वर्ष 2014 से 2017 तक के लिए ‘‘जिनोम आॅर्गनाइजेशन स्ट्डीज एंड डेवलेमेंट आॅफ कास्ट इफेक्टिव डायग्नोस्टिक्स फाॅर सोयाबीन, वायरसेस’’ विषय पर प्रोजेक्ट पास किया गया है। गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट में इन्हें मध्यप्रदेश बाॅयोटेक्नालाॅजिकल काउंसिल द्वारा एक टेक्निकल असिस्टेन्ट तथा एक प्रोजेक्ट फैलो भी प्रदान किया गया है। इस तीन वर्षीय प्रोजेक्ट के दौरान एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में क्षेत्रीय कृषकों को सोयाबीन की किस्मों में लगने वाले तरह-तरह के विषाणु रोगों की पहचान तथा रोकथाम के लिए सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

Hits: 2253
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14F03-BHASKAR.jpgb2ap3_thumbnail_14F03-JANSANDESH.jpgb2ap3_thumbnail_14F03-JANSANDESH.jpgb2ap3_thumbnail_14F03-KIRTIKRANTI.jpgb2ap3_thumbnail_14F03-RAJXPRESS.jpgb2ap3_thumbnail_14F03-STAR.jpgb2ap3_thumbnail_14F03-VINDHYABHARAT.jpg

Hits: 2407
0

b2ap3_thumbnail_14F02.jpg
विभिन्न कंपनियों मे हो रहे दक्ष

‘‘लर्निग व्हाइल डूइंग‘‘ की तर्ज पर एकेएस वि.वि. के छात्र विंध्य क्षेत्र के साथ-साथ कई नामी गिरामी कंपनियों मे मेजर प्रोजेक्ट हेतु इंटर्नषिप ले रहे हैं जिससे विद्यार्थी विशय दक्षता के साथ ही कंपनियो की कार्यप्रणाली से भी वाकिफ हो रहे हैं इन कंपनियों में जेपी सीमेंन्ट रीवा, सतना सीमेंन्ट, कैपिटल बूस्टर, इंदौर, इलाहाबाद बैंक, प्रिज्म सीमेंन्ट इत्यादि के नाम षामिल हैं एकेएसयू के विद्यार्थी एमबीए फोर्थ सेमेस्टर के है जो मेजर प्रोजेक्ट हेतु वहाॅ गए हुए हैं उनमे एच.आर., आई.टी. ,मार्केटिंग एवं बैंकिंग प्रमुख है मैजेनमेंट के विभागाध्यक्ष डाॅ. कौषिक मुखर्जी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थी कार्य मे पारंगत हो रहे हैं । एकेएस के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने विद्यार्थियों को भविष्य की षुभकामनाऐं दी हैं ।

Hits: 2095
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14F02-BHASKAR.jpgb2ap3_thumbnail_14F02-JANSANDESH.jpgb2ap3_thumbnail_14F02-NAVBHARAT.jpgb2ap3_thumbnail_14F02-PATRIKA.jpgb2ap3_thumbnail_14F02-VINDHYABHARAT.jpg

Hits: 2468
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14F01-BHASKAR.jpgb2ap3_thumbnail_14F01-KIRTIKRANTI.jpgb2ap3_thumbnail_14F01-NAVSWADESH.jpgb2ap3_thumbnail_14F01-PATRIKA.jpgb2ap3_thumbnail_14F01-RAJXPRESS.jpgb2ap3_thumbnail_14F01-STAR.jpg

Hits: 2314
0

एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में बदलते दौर की जरूरत एवं विद्यार्थियों की रुचि एवं रूझान को ध्यान में रखते हुए नए कोर्सेस लांच किये। एकेएस विश्वविद्यालय में सीमेंट टेक्नालाॅजी के डायरेक्टर डाॅ. जी.सी. मिश्रा एवं एम.एस.डब्ल्यू के प्रोफेसर राजीव सोनी ने बताया कि ये कोर्सेस आने वाले समय की बेहतरीन संभावनाओं के लिहाज से लांच किये जा रहे है।

एम.टेक. एप्लायड जिओलाॅजी कोर्स की अवधि 2 वर्ष है जबकि इंटीग्रेटेड कोर्स 5 वर्ष का है। सांइस में 12वीं पास विद्यार्थी एम.टेक. एप्लायड जिओलाॅजी मंे प्रवेश प्राप्त कर सकते है। गौरतलब है कि भविष्य में माइनिंग एवं खनिज उद्योग विकास के नए प्रतिमान स्थापित करेगे। भारत में खनिज एवं कोयला संसाधन प्रर्याप्त है। लेकिन वैश्विक प्रतिस्पर्धा न होने की वज़ह से भविष्य में एप्लायड जिओलाॅजी की उपयोगिता बढ़नी तय है। ये इंजीनियर्स खनिज कोयला और तैल उद्योग में कार्य कर सकेंगे। भारतीय सीमाओ ंके आलावा अफ्रीका और खाड़ी देशों में एम.टेक. किए इंजीनियर्स की विशेष मां है। कोर्स में लेटरल इन्ट्री बी.एस.सी. भू-विज्ञान भी उपलब्ध है। इस कोर्स की मुख्य विशेषता होगी देश-विदेश के जाने-माने विषय विशेषज्ञों द्वारा अध्यापन एवं स्पेस्फिक प्रैक्टिकल्स।

बी.एस.डब्ल्यू (बैंचलर आॅफ सोशल वर्क) की अवधि 3 वर्ष है। इसमें 12वीं पास कर चुके ऐसे छात्र-छा़त्राऐं प्रवेश ले सकते है जिन्हें समाज कार्य विषय में रुचि है तथा जिन्होंने समाज की सेवा करने का संकल्प कर रखा है। गतवर्ष से एकेएस यूनिवर्सिटी,सतना में एम.एस.डब्ल्यू (मास्टर आॅफ सोशल वर्क) सफलता पूर्वक संचालित हो रहा है। समाजकार्य में पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पाश्चात् छात्र समाज के प्रत्येक क्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य, औद्योगिक संस्थान, बैंक इत्यादि में कॅरियर बना सकते है। छात्र स्वारोजगार एवं शासकीय संस्थानों में भी अपनी रुचि के अनुसार भी कॅरियर चुन सकते है।

इन कोर्सेस बारे में विस्तार से जानकारी एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना की वेबसाइट से ली जा सकती है या कार्यालयीन समय पर एकेएस विश्वविद्याल, शेरंगज एवं राजीव गांधी काॅलेज बस स्टैण्ड, माखनलाल चतुर्वेदी से सम्बद्ध राजीव गांधी कम्प्यूटर काॅलेज से प्राप्त की जा सकती है।

एकेएस मेें मनाया गया विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

Hits: 2491
0

Posted by on in AKS in News Papers

b2ap3_thumbnail_14e31dainikbhaskar.jpgb2ap3_thumbnail_14e31jansandes.jpgb2ap3_thumbnail_14e31naw-bhart.jpgb2ap3_thumbnail_14e31nawswdesh.jpgb2ap3_thumbnail_14e31patrika.jpgb2ap3_thumbnail_14e31star-samachar.jpgb2ap3_thumbnail_14e31vindhya-bhart.jpg

Hits: 2344
0

b2ap3_thumbnail_14E30.jpgb2ap3_thumbnail_14E30_1.jpg
प्रेस कान्फ्रेंस में दी गई जानकारी

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के सभागार में शुक्रवार को संपन्न हुई प्रेस कान्फ्रेंस में मीडिया प्रतिनिधियों से रू-ब-रू जानकारी दी गई कि बदलते दौर की जरूरत के अनुसार एकेएस विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की रुचि एवं रुझान को ध्यान में रखते हुए चार नए कोर्सेस लान्च किए। एकेएस विश्वविद्यालय के चेयरमैन अनंत सोनी, फूड इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलाॅजी विभाग के हेड डाॅ. सी.के. टेकचन्दानी, सीमेंट टेक्नोलाॅजी के डायरेक्टर डाॅ. जी.सी. मिश्रा ने मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में बताया कि विभिन्न कोर्सेस को आने वाले समय की बेहतरीन संभावनाओं के लिहाज से लॅान्च किया गया है।

फूड इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी कोर्स में 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स एवं 4 वर्षीय बी.टेक डिग्री कोर्स होगा। फूड इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी वर्तमान एवं भविष्य का सबसे उपयोगी कोर्स है, इस कोर्स के साथ विद्यार्थी विभिन्न कम्पनियों में कार्य कर सकते हैं पर स्वरोजगार के सर्वाधिक अवसर फूड इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी कोर्स के बाद विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। कृषि उत्पाद को खाने के लिए उपयुक्त बनाने के लिए जिस विज्ञान का उपयोग किया जाता है उसका अध्ययन इस कोर्स मे करवाया जाता है।इस विषय में अनेक खाद्य प्रसंसकरण उद्योग आते हैं ।गौरतलब है कि प्रोसेस्ड फूड की बढती लोकप्रियता के कारण फूड इंडस्ट्री का भविष्य उज्जवल है।और यह हर साल 17 फीसदी की दर से बृद्वि कर रहा है देश के अलावा विदेशी कम्पनियों मे भी जाॅब के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।देश मे इस इंडस्ट्री की कुल क्षमता 13.56 अरब डाॅलर है।उपस्थित सभी पत्रकार बन्धुओं ने वि.वि. की बेकरी मे बनाए गए विभिन्न बेकरी प्रोडक्टस का भी स्वाद लिया एवं उनकी तारीफ की।वि.वि. के फूड इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी कोर्स की एक मुख्य विशेषता होगी कि अध्ययन करने वाले छात्र वि.वि. की ही फूड इंडस्ट्री मे प्रैक्टिकल अनुभव प्राप्त करेंगें।

एकेएस वि.वि. मे एक महत्वपूर्ण विभाग ‘‘ द इंस्टीट्यूट आॅफ लैंग्वेज’’ प्रारंभ किया जा रहा है । इसमे अभी फंडामेटल इंग्लिस, कम्यूनिकेटिव इंग्लिस, कम्यूनिकेटिव गामर, कम्यूनिकेटिव बोकेबलरी,कार्पोरेट इंग्लिस,इफेक्टिव राईटिंग स्किल्स,टेªन द टेªनर प्रोग्राम इत्यादि कोर्सेस हैं । ‘‘ द इंस्टीट्यूट आॅफ लैंग्वेज’’ का संचालन एवं मार्गदर्शन एकेएस के विभिन्न विभागों में कार्यरत इण्डस्टीªयल एक्सपर्ट्स एवं विषय विषेशज्ञों की निगरानी में होगा। इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए विशेष भाषाओं के विशेष कोर्सेस जैसे स्पेनिस, चाइनीज, रसियन इत्यादि भाषाओं मे भी प्रारंभ किए जाऐंगे जो छात्रों की पर्सनालिटी डेव्हलपमेंट व स्किल डेव्हलपमेंट मे भी अहम भूमिका निभाएगा। जिससे विद्यार्थी भविष्य मे देश के साथ साथ विदेशों में भी अपने कॅरियर को नया आयाम दे पाऐंगें।

इन कोसेर्स के बारे में विस्तार से जानकारी एकेएस यूनिवर्सिटी ,सतना की वेबसाइट से ली जा सकती है या कार्यालयीन समय पर एकेएस विश्वविद्यालय, शेरगंज एवं राजीव गांधी काॅलेज ,बस स्टैण्ड ,माखन लाल चतुर्वेदी से सम्बद्ध राजीव गांधी कम्प्यूटर काॅलेज से प्राप्त की जा सकती है। इसी के साथ एकेएस विश्वविद्यालय द्वारा प्रेस कान्फ्रेंस में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी गईं।

Hits: 2287
0