ऐ के एस विश्वविद्यालय में संपन्न हुई Agriclinic and Agribusiness Centers विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला
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ऐ के एस विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान विभाग व नाबार्ड द्वारा Agriclinic व Agribusiness Centers विषय पर जिलास्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारम्भ सरस्वतीवंदना व दीपप्रज्वलन के साथ किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऐ के एस विश्वविद्यालय क कुलपति डॉ परितोष् बनिक रहे।कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि डॉ योगेंद्र सिंह मुख्य प्रबंधक इलाहाबाद बैंक व डॉ एलीसियस कुजूर जिलाविकास प्रबंधक नाबार्ड रहे। इस एक दिवसीय कार्यशाला में विभिन्नवक्ताओं ने Agriclinic व Agribusiness Centers विषय के सम्बन्ध में अपनी-अपनी बात रखी। वक्ताओं में प्रशांत पल्लव, मुख्य प्रबंधक, union bank Of India, श्री एस डी तिवारी, रीजनल मैनेजर, मध्यांचल ग्रामीण बैंक, श्री के सी अहिरवार, एस डी ओ, कृषि विभाग, श्री व्यके सिंह, शाखा प्रबंधक, Punjab National Bank, श्री संदीप त्रिपाठी कृषि अधिकारी, SBI रहे।साथ ही कार्यक्रम म जिले के कृषि उद्यमी श्रीप्रणव सिंह व सुनील सिंह के साथ कई उद्यमियों ने हिस्सा लिया।कार्यक्रम म जिले के कई वरिष्ठ व युवाकिसानो ने योजना के विषय में नजदीक से समझा जिसे वह निकट भविष्य में इस योजना का लाभ उठा सके। डीडीएम नाबार्ड ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसानों का विस्तार सेवा प्रदान करनी है। कृषि क्षेत्र के स्नातकों तथा Diploma Holder को कृषि के विकास के लिए स्वरोजगार उपलब्ध कराना है।साथ ही व्यवसायिक स्तर पर उद्यमियों का विकास करना तथा किसानों को विशेषज्ञों की सलाह प्रदान करनी है। इस योजना के तहत कृषि स्नातकों को पांच लाख तक बिना गारंटी के ऋण मुहैया कराना है।प्रत्येक लाभुक को 20 लाख रुपय तक के लिए अनुदान का प्रावधान है। इस योजना की ओर से पांच कृषि स्नातकों के समूह को एक करोड़ रुपय तक ऋण दिया जा सकता है।अगर लाभुक अनुसूचितजाति एवं जनजाति से हैं तोउन्हें 44 प्रतिशत अनुदान मिलेगा और सामान्य वर्ग के लिए 36 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत परामर्शदेना, भूमि तथा जल का परीक्षणकरना, बीज उत्पादन तथा उसका उपचार, टिसूकल्चर, Vermiculture, जैविक खाद तथा कीटनाशक, मुर्गीपालन, मत्स्य पालन, कृषि यांत्रिकीकरण, पशुचारामूल्य संवर्धन, Post harvest Management, शीटगृह, सब्जी उत्पादन, रेशम उत्पादन, मशरूम उत्पादन आदि को बढ़ावा देना है।कार्यशाला में मैनेजर की ओर से प्रशिक्षित हितकारियों से इस योजना में आनेवाले कठिनाइयों से बैंकप्रबंधकों को अवगत कराया गया। इस दौरान नाबार्ड की ओर से संचालित भारत सरकार की योजनाओं डेयरी, उद्यमिताविकास योजना, व्यवसायिक स्तर पर जैविक खेती, सोलरवाटरपंपिग सिस्टम, राष्ट्रीय पशुधनमिशन पर भी चर्चा की गई।कर्यक्रम का संचालन श्रीसंजीव सिंह ने किया। इस कार्यशाला के समन्वयक ऐ के एस विश्वविद्यालय के कृषिविभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.नीरज वर्मा रह तथा आयोजन सचिव श्री आशुतोषगुप्ता व संयोजक श्रीसात्विकबिसरिया थे।कार्यक्रम में कृषि एवं प्रद्यौगिकी सकाय के अधिष्ठाता डॉ एस एस तोमर, बेसिकसाइंस अधिष्ठाता डॉ. अर. एन. त्रिपाठी, अभियंत्रकी अधिष्ठाता डॉ. आर. के. श्रीवास्तव, निदेशकउद्यान डॉ. कुबेर राममौर्या व डॉ भूमानन्दसरस्वती उपस्थितरहे।कार्यक्रम के अंत में एलिसिसकुजूर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम म लगभग 40 किसान, 20 उद्यमी व छात्र-छात्राए उपस्थितरहे।