एकेएस विश्वविद्यालय के आयोजन ‘फैब फ्यूजन’ ने मचाई धूम,चकाचैंध भरा रहा शमा-करवाचैथ और दीवाली के लिए हुए प्रदर्शनी में पहुंचे 5 हजार से ज्यादा लोग
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Western और भारतीय संगीत की मद्विम सुर लहरियों के बीच इंद्रधनुषी छटा की बानगी की पेशगी एकेएस वि.वि. का फैब फ्यूजन..आगाज से अंजाम तक नूर ही नूर बना रहा। कहते हैं कि फैशन की उम्र बहुत छोटी होती है लेकिन अपनी इसी प्रवृत्ति के कारण यह हमेशा रोजगार की संभावनाओं से युक्त रहेगा। साथ ही प्रतिभाशाली लोगों के लिए प्रसिद्वि, ग्लैमर, सफलता, अच्छे वेतन और कॅरियर की गारंटी भी होगा।
एकेएस वि.वि. के Department of fashion ने आयोजित किया फैब फ्यूजन- इसी संदर्भ में सृजनात्मकता के पटल पर एकेएस विश्वविद्यालय सतना के फैशन डिजाइनिंग विभाग द्वारा विगत दिनों दो दिवसीय फैब फ्यूजन खास आकर्षण का विषय रहा। सतना जिले के लिए यह हर्ष और गौरव का केन्द्र रहा, यहाँ पर उचित सौदर्यशस्त्र की समझ, रंग कूट करने की विशेषज्ञता, प्रचलन का जायका व समझ की बानगी देखने को मिली। आर्गेनाइजर प्रीति सिंह के मार्गदर्शन में Handmade Article और materials ने सभी आने वालों का ध्यान खींचा। यहाॅ व्यावहारिकता,आराम,फैशन,आकर्षण,स्टायलिश,वैभवशाली और परंपरा के साथ वेस्टर्न ओर माडर्न कल्चर की झलक मिली।
इन विधाओं ने खींचा Visiters का ध्यान-जिसमें रेजिन क्लाक एक ऐसी खूबसूरती से बनाई गई वाल क्लाॅक जो आपके सपनों के महल के इंटीरियर मे चार चाॅद लगा देती है और घर को एक बेहतरीन डिजाइन प्रदान करती है, वैक्स कैंडल्स और दीपक जो रंगों के संयोजन से खास बनती है जलकर खुश्बू देना इसकी खास विधा है फैन्सी ड्रेसेस में रचनात्मकता और महत्वाकांक्षा के साथ ड्राइंग, कटिंग, मेंकिंग टेक्सचर और रंगो के खोज की अभिवृत्ति नजर आई। कुशन के विविध स्टाइल और Patterns ने exhibition में आनें वालों को अपनी ओर आकर्षित किया। पेबल आर्ट के बारे में आयोजको ने बताया कि रिवर राॅक को विविध रंगों से पेंट करके टेबल पर सजाना और अनेक रंग देना इसे आकर्षण का विषय बनाता है। मंडला आर्ट की उत्पत्ति हिन्दुइज्म और बुद्विज्म से जुडी है इसकी ज्योमेट्रिक डिजाइन जो कास्मोस को रिप्रजेंट करता है ने विजिटर्स को खुब लुभाया। अनेक रंग, स्टाइल अैार डिजाइन की चाबियों की रिंग्स को खुब खरीदार मिले। आपको याद होगा जब आप किसी फिल्म या सीरियल की दीवारें देखते हैं तो अचानक आपके मुॅह से निकलता है वाव, ऐसा ही नजारा रहा वाल हैंगिंग एक्जीविशन का। वैक्स कैण्डल्स इत्यादि भी काफी प्रश्ंासित रहीं।
पाॅच हजार से ज्यादा लोगों ने आकर देखा और सराहा-मंद संगीत की इबारत पर मुस्कुराते हुए थिरकते कदमों से बालसुलभ मुस्कान लिए नन्हें मुन्हों से लेकर शहर के फैशन और नए ट्रेड को फालों करने वाले विजिटर्स यहाॅ की रौनक बने। एक्जीबिशन में दो दिनों में 5 हजार से ज्यादा विजिटर्स के चेहरे विविध संयोजन देखकर खुशी से खिल उठे। कहीं शोख रंग तो कहीं मटमैला व मद्विम पीला या गुलाबी,सब एक कहानी के साथ। सबने न सिर्फ सजाई गई चीजों को निहारा,सराहा बल्कि जम कर खरीददारी भी की। कार्यक्रम का उद्देश्य निरूपित करते हुए विभागाध्यक्ष ने बताया कि विश्वविद्यालय के फैशन डिजाइनिंग,प्रोडक्ट डिजाइनिंग और ग्राफिक्स डिजाइनिंग के सभी विद्यार्थियों ने हैण्डमेड थिंग्स, कला के विविध प्रारूपों में निर्मित चीजें, उनकी हैण्डलिंग और पैकेजिंग की जानकारी भी कार्यक्रम के माध्यम से पुख्तगी से प्राप्त की।
करवाचैथ और दीपावली एक्जिबिशन में विशिष्टजन हुए शामिल-करवाचैथ और दीवाली के लिए हुए एग्जीवीशन में 5 हजार से ज्यादा लोग विविध संयोजनों से बने एक्जीविशन को देखने पहुॅचे। विश्वविद्यालय के प्रो चांसलन अनंत कुमार सोनी और अन्य विजिटर्स ने पहुंचकर इसे विशिष्ट स्वरूप प्रदान किया। इस एग्जीवीशन में अंबिका बेरी मुख्य अतिथि रहीं। फैकल्टी मेम्बर्स में अभिनव श्रीवास्तव, आकांक्षा धनवानी, रेखा सिंह, चुमन यादव और रेनू सिंह ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अभूतपूर्व योगदान दिया। यहाॅ आने वालों के लिए यह एक रोचक,अविस्मरणीय और अद्भुत अनुभव रहा। प्रशंसा से आलोडित यह संपूर्ण करवाॅ समापन के साथ अगले वर्ष आने के वादे के साथ विदा हुआ।