एकेएस वि.वि. सतना में प्रणामी धर्म के धर्मगुरु डाॅ.पंडित एवं विधायक नारायण का उद्बोधन
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एकेएस वि.वि. सतना के सभागार में पृथक विन्ध्य प्रदेश पर एक बृहद संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने अलग विन्ध्य प्रदेश निर्माण के लिए स्टूडेन्टस से संवाद किया उन्होंने कहा कि छोटे प्रदेश बनने से विकास की संभावनाऐ कई गुना बढ जाएगी। उन्होंने बताया कि 1956 में म.प्र. की स्थापना के साथ ही विन्घ्य प्रदेश का विलय म.प्र. में कर दिया गया जिसके प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री लाल पद्मधर सिंह रहे जबकि शंभूनाथ शुक्ला चुने हुए मुख्यमंत्री बने।उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के छोटे राज्यों की परिकल्पना पर चर्चा की और कहा कि विन्ध्य प्रदेश असीमित संभावनाओं का क्षेत्र है जिसे सिंगरौली से मिले राजस्व से ही समृद्वि की सौगात मिल सकती है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिभाओं के लिए खेल सुविधाऐं,उच्च शिक्षा, बडे उद्योग, परिवहन, पेट्रोल डिपो, एम्स जैसे संस्थानों के बनने से ही विकास के पंख खुलेंगें।उन्होंने संकल्प दोहराया कि 2023 के चुनाव के पूर्वउन्होंने कहा कि जननी जन्मभूमि स्वर्गादपि गरीयसी,हमें साधन उपलब्ध कराए जाऐं,इसके लिए आपको जागरुक होना होगा। तब ही यह प्रदेश अस्तित्व में आएगा यह मेरा प्रण है, अंत मे उन्होंने कहा कि जय-जय विन्ध्य प्रदेश ओर हमारा विंध्य हमे लौटा दों यह प्रण हर आगन में गूॅजना चाहिए। 25 मार्च को बीटीआई मैदान में आयोजित होने जा रही सभा में अधिक से अधिक संख्या में स्टूडेन्टस और लोगों के पहुॅचने की अपील भी की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डाॅ.आर.एन.त्रिपाठी ने अतिथि डाॅ.दिनेश एम.पंडित,एमबीबीएस,एम.एस.सर्जरी,अमेरिका,मूल निवासी,ख्ंांभात,आनंद गुजरात, जो कि प्रणामी धर्म के धर्मगुरु भी हैं का परिचय करवाया। डाॅ.पंडित ने अपने उद्बोधन में कहा कि मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है। मदद के लिए परिवार,समाज,देश,गरीब और मजलूम हैं हमे जो भी सत्त व संपत्ति मिली हे उनका उपयोग सही रुप में उपयोग होना चाहिए। खुशी का मूलमंत्र यह है कि आपको कभी मुडकर यह न कहना पडे कि काश मैने ऐसा कर लिया होता तो इसकी जगह सही कार्य करिए। काश मैं अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीता,काश मै बच्चो को बडा होते देखता,काश मैं लोगो को अपनी फीलिंग बता पाता,काश मै अपने आप को खुश रहने देता। आप बत भी कहीं जाओ ओर तरंगें न फैले,खुशी न मिले तो समझो बदलाव की जरुरत है। उल्लेखनीय है कि डाॅ.दिनेश एम. पंडित ने अब तक डेढ लाख से ज्यादा मरीजों की सर्जरी की है और सैकडों कैंपों के माध्यम से गरी,निराश्रित और बेसहारा लोगों की मदद भी की है । 82 वर्ष की उम्र के बाद भी सेवा ही उनका मिशन है। उन्होंने पृथक विन्ध्य प्रदेश को समर्थन करते हुए कहा कि पन्ना में हमारा अंतरराष्ट्रªीय प्रणामी मंदिर है। कार्यक्रम में स्वामी विश्वानंद जी, धर्मगुरु, गुजरात, वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन, डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डायरेक्टर अमित कुमार सोनी के साथ अनेक वरिष्ठजन उपस्थित रहे।