• Home
    Home This is where you can find all the blog posts throughout the site.
  • Categories
    Categories Displays a list of categories from this blog.
  • Archives
    Archives Contains a list of blog posts that were created previously.

जब व्यक्ति यात्रा करता है तो आचार विचार और व्यक्तित्व भी यात्रा करता है-श्री भरत शरण सिंह ,अध्यक्ष ,निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, म.प्र. शासन एकेएस विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 पर विचार विमर्श

Posted by on in Daily University News in Hindi
  • Font size: Larger Smaller
  • Hits: 810
  • 0 Comments
  • Subscribe to this entry
  • Print

b2ap3_thumbnail_aayog-pics.JPG

एकेएस विश्वविद्यालय सतना के केन्द्रीय सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विश्वविद्यालयों की भूमिका विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भरत शरण सिंह, अध्यक्ष ,निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, म.प्र. शासन ने कहा कि जब व्यक्ति यात्रा करता है तो उसके आचार विचार और व्यक्तित्व भी यात्रा का हिस्सा होते हैं। उन्होंने कहा कि मां 1 हजार गुरूओं से ज्यादा बड़ी होती है जो मां कहती है वही बच्चा सीखता है जरूरी है कि मातृ भाषा पर जोर देकर अध्ययन-अध्यापन किया जाय। मां के भाव बच्चे पर अंकित होते हैं इसलिये टीचर्स को कई बार संवेदी होना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विभिन्न चरणों में विचार विमर्श जारी है, इस शिक्षा नीति के लागू होने का व्यापक फायदा भी होगा उन्होंने एकेएस विश्वविद्यालय के परिपेक्ष्य में कहा कि जिस तरह निजी संसाधनों पर एकेएस विश्वविद्यालय ने शिक्षा को नए आयाम प्रदान किये हैं वह तारीफ के काबिल है। शिक्षा पूर्ण करने के बाद विद्यार्थी का लक्ष्य जाॅब प्रास्पेक्ट्स होता है जिसमें हाॅयर एजुकेशन के लिये विदेश जाना, मल्टी नेशनल कम्पनीज में कार्य के अवसर प्राप्त करने के प्रयास करना, गवर्मेंट और प्राइवेट जाॅब सर्च अन्य पहलू हैं। देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने पैरों पर खड़े हों, लोगों को काम दें न कि कतारों में खड़े रहें। उन्होंने वोकल फार लोकल पर जोर दिया। स्वावलम्बन व स्वाध्याय को जरूरी कम्पोनेन्ट बताया। प्रो. सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात करते हुए कहा कि इस मिशन को पूर्ण करने के लिये जिस तरह के बौद्धिक लोगों की आवश्यकता है उसी कड़ी में यह विमर्श हो रहे हैं। शिक्षा नीति में नैतिक शिक्षा का समावेश होने से प्रबुद्ध युवा पीढ़ी तैयार होगी। देश को आत्मनिर्भर बनाना है तो कुछ बिंदुओं पर गौर करने की जरूरत है जिसमें विकास और अग्रगामी सोच आवश्यक है। इसके पूर्व प्रो. आर.एस. त्रिपाठी, प्रतिकुलपति ने नई शिक्षा नीति पर सभी के दायित्व पर चर्चा की। डाॅ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव ने कहा कि धीरे-धीरे प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालय का भेद खत्म हो रहा है उन्होंने रिसर्च, इनोवेशन और हैण्ड्स आॅन ट्रेनिंग की वकालत की। इस मौके पर प्रो. बिपिन ब्यौहार ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी ने कहा कि सीमित संसाधनों और ग्रामीण परिवेश में होने के बाद भी विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय मुकाम तक ले जाने की प्रतिबद्धता आज भी कायम है इसके लिये रेग्युलेटरी कमीशन का सतत् मार्गदर्शन मिलता रहा है और आगे भी यही उम्मीद है। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि का शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन विश्वविद्यालय के ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के प्रासार में सभी संकाय के डीन, डायरेक्टर्स, विभागाध्यक्ष, और फैकल्टी मेम्बर्स की उपस्थिति उल्लेखनीय रही

 

0

Comments

  • No comments made yet. Be the first to submit a comment

Leave your comment

Guest Tuesday, 19 November 2024