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एकेएस वि.वि. सतना के संरक्षित क्षेत्र में लहलहा रहे हैं टाॅप सीक्रेट गुलाब-अक्टूबर 2020 से जनवरी 20 तकएक एकड में 65000 कट फ्लावर उत्पादित-ड्रिप सिंचन विधि से सींचकर इसे दिया जाता है पानी व उर्वरक

Posted by on in Daily University News in Hindi
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एकेएस वि.वि. सतना के उद्यनिकी विभाग ने अनूठी नस्ल के टाॅप सीक्रेट गुलाब एक एकड क्षेत्र में रोपित करके अच्छा प्रतिमान बनाया है और शानदार गुलाब की पैदावार प्राप्त की है जिसमें लाल और पीला गुलाब लहलहा रहा है। पाॅली हाउस में खेती के इस उन्नत तरीके से आॅफ सीजन में भी सब्जियाॅ ओर फूलों की खेती आसानी से की जा रही है। यह तकनीक प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में भी असरकारक हो रही है फूलों का चुनाव बाजार की माॅग और कीमत पर निर्भर करता है घटती जोत ओर अधिक मुनाफे के कारण इस तरह की खेती की तरफ रुख बढ रहा है। एकेएस वि.वि. के संरक्षित कृषि क्षेत्र के एक एकड में 4000 कट फ्लावर पैदा हुए है जो उन्नत किस्म के हैं इसका उपयोग कट फ्लावर के साथ,बुके,स्टेज डेकोरेशन,माला इत्यादि बनाने में किया जाता है। एक्सपेरीमेंट लर्निग प्रोग्राम के तहत वि.वि. के एग्रीकल्चर संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी यह विधि सीखकर औद्योगिक कृषि के बारे मे विस्तार से जानकारी भी कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में सीख रहे हैं। वि.वि. के उद्यनिकी विभागाध्यक्ष डाॅ.अभिशेक सिंह ने बताया कि  विगत अक्टूबर 2020 से जनवरी 20 तक एक एकड में 65000 कट फ्लावर उत्पादित हुए है जिन्हे बाजार में बिक्री हेतु भेजा गया है। क्षेत्र के किसानों को भी संरक्षित खेती के गुर सिखए जाने के प्रयास वि.वि. द्वारा किए जा रहे हैं सरकारों के द्वारा इसे लगाने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है जो 47 से 67प्रतिशत तक होती है सरकार 500 से 4000 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए यह आर्हता प्रदान करती है। पाॅली हाउस स्टील के स्ट्रक्चर से बनता है और प्लास्टिक सीट से ढंका जाता है जो 200 माइक्रान मोटाई वाली पारदर्शी एवं पराबैगनी किरणों से प्रतिरोधी पाॅलीथीन चादर होती है। एक हजार वर्ग मीटर के लिए 10 लाख रुपये तक का खर्च आता है जिसमे नाबाड्र द्वारा लोन भी प्रदान किया जाता है। पाॅली हाउस के फायदे बताते हुए विभागाध्यक्ष ने बताया कि पाॅली हाउस के अंदर लगी फसलों से जैविक और प्राकृतिक झंझावतों से बचाया जा सकता है,पाॅली हाउस में वर्ष भर उत्पादन लिया जा सकता है,बेमौसम फसलें उगाने क ेसाथ कीटनाशक खर्चो में कमी आती है और उत्पादन सामान्य की तुलना में 3 से 4 गुना ज्यादा होता है। प्रतिदिन 300 से ज्यादा एग्रीकल्चर छात्र पाॅली हाउस के गुलाबों पर प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। एकेएस वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, डायरेक्टर अमित सोनी, विपिन व्यवहार, पूर्व चेयरमैन, एमपीपीएससी, इंजी.आर.के.श्रीवास्तव, प्रो.जी.पी.रिछारिया ओएसडी प्रो.आर.एन.त्रिपाठी नेे इसे उद्यनिकी विभाग की उपलब्धि निरुपित किया है। वि.वि. परिवार के सभी संकायों के डीन, डायरेक्टर्स ,फैकल्टी मेंम्बर्स और सभी सदस्य ने भी उद्यनिकी विभाग की सराहना की है। 

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Guest Wednesday, 20 November 2024