सम्भावित तीसरे विष्व युद्ध को अभी रोका जा सकता है
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घटनाये बड़ी तेजी से घट रही हैं । ईरान के मुख्य सेनापति काषिम सुलेमान की हत्या को अमेरिका आतंकवादी की हत्या मानता है, परन्तु मुसलिम जगत प्रमुख हीरो मानता हैं । ईरान के साथ-साथ कई मुसलिम देष अमेरिका से बदला लेने के फिराक में हैं । विष्व का इतिहास नरसंहार से भरा पटा हैं । करोड़ों लोगो को मार देना, पूरी सभ्यता नश्ट कर देना सामान्य घटनाये थी । भारत मे राक्षसों की कहानियाॅं बहुत प्रसिद्ध हैं । चंगेज खाॅं, तैमूर आदि क्रूर षासकों ने पूरे अरब देष की सभ्यता, यूरोप एवं चीन की सभ्यता नश्ट कर दी थी परन्तु इन निरंकुष षासकों की सेना जिस रास्तें से गुजरती थी , केवल वही बर्बाद होते थे ।
पूरी पृथ्वी को खतरा नही था । आज परमाणु युग हैं । दुनिया की सभ्यता चरम सीमा पर है । सब षिक्षित है सभ्य है और आपस मे मिल-जुल कर एक साथ बैठकर बातें करते है । सब जानते है कि परमाणु युद्ध होने से पूरी पृथ्वी से सारे जीव -जन्तु मानव पाॅच मिनट मे समाप्त हो जावेंगे । फिर भी एक दूसरे को घमकी परमाणु युद्ध की देतें है ।
ईरान अपनी मिसाइले अमेरिका की ओर तान रखा है, अमेरिकी राश्ट्रपति कहते है कि अगर ईरान आक्रमण करेगा तो उसे बर्वाद कर दिया जायेगा । युद्ध से पूरा देष तवाह हो जावेगा । ईरान को हथियार रुस देता है । यदि अमेरिका युद्ध जीतने के लिये परमाणु बम का उपयोग करता है तो रुस-चीन, ईरान के पक्ष मे आ जाऐगें और विष्व युद्ध छिड़ जायेगा । विष्व युद्ध परमाणु बम से लैष मिसाइलों से लड़ा जायेगा । युद्ध प्रारम्भ होते ही रोकना सम्भव न होगा और न सोचने का समय रहेगा ।
अभी समय है, हम किस प्रकार से युद्ध को रोके । बुद्धजीवी तेजी से चिन्तन करें । यह कहना कि हम घटनाओं पर नजर रखे है युद्ध को रोकना नही है इस युद्ध की तना-तनी के माहौल से सभी को हटाकर षान्ति की ओर ध्यान देने की जरुरत है । इस समय बड़ी तेजी से षक्तिषाली विष्व सरकार बनाने पर विचार करने की जरुरत है । यदि घटनाओं को मोड़ना है और विष्व युद्ध को रोकना है तो बुद्धजीवी ‘‘षक्तिषाली, सम्प्रभुता, सम्पन्न, जनतान्त्रिक लोक कल्याणकारी एवं प्रगतिषील विष्व सरकार’’ पर चिन्तन करें ।
वर्तमान सभ्यता यदि युद्ध से नश्ट हो जायेगी, तो पता नही करोड़ो वर्श बाद फिर ऐसी सभ्यता उदय होगी कि नही ? मनुश्य का वष क्रोध मे नही रहता, परन्तु प्रजातन्त्र के युग में षान्ति लाना असम्भव नही होगा । युद्ध की धमकी देने वाले षासक बार्बर नही है और न नरसंहार से खुष होगें । किसी भी देष की जनता विष्व युद्ध के पक्ष मे नही होगी, परन्तु षासकों का अहंकार तथा खतरनाक हथियारों का होना बुद्धि को रोक देना है ।
विष्व युद्ध मे कौन जीता, कौन हारा बताने वाला, देखने वाला कोई नही बचेगा । आप सबसे निवेदन है कि माहौल पर गम्भीर हो ।
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