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नेशनल एम.पी. टेक्निकल एक्सीलेंस एज्यूकेशन समिट एंड एवार्ड-2014 में एक्सीलेंस’’प्राप्त विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा “वल्र्ड ओश्यन डे” पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी, निलाद्री शेखर राय एवं प्राध्यापिका सुमन पटेल ने “वल्र्ड ओश्यन डे” के बारे में विस्तृत ज्ञानवर्धक जानकारियां विद्यार्थियों के साथ साझा की। डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने बताया कि विश्व में समुद्र की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1992 में की गई थी। एवं सन् 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे अधिकारिक तौर पर मान्यता दी। तब से यह दिवस प्रतिवर्ष 8 जून को मनाया जाता है। यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी के समक्ष महासागरों की वजह से आने वाली चुनेोतियों के बारें में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। जिससे महासागर के महत्व और उससे सम्बन्धित विषयों जैसे खाद्य सुरक्षा,जैव विविधता, परिस्थितिक संतुलन, ग्लोबल वार्मिग आदि की ओर राजनीतिक एवं सामाजिक ध्यान आकर्षित कराना है। संगोष्ठी मे सभी संकाय के विद्यार्थी उपस्थ्ति रहे।

वल्र्ड ओश्यन डे के उद्देश्य पर चर्चा

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एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी, फार्मेसी विभाग में मेगा कैम्पस ड्राइव 9 जून को आयोजित होगा। इस बारे में जानकारी देते हुए फार्मेसी विभाग के प्राचार्य, सूर्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि फार्मास्यिूटिकल्स इंडस्ट्री की जानीमानी फार्मा कम्पनी एकलव्य फार्मा ,एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के 150 विद्यार्थियों मे से सेलक्शन करेगी । कैम्पस तीन चरणों मे 9 बजे से 5 बजे तक संम्पन्न होगा एकेएस के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने वर्तमान एवं पुराने विद्यार्थियों से अधिक से अधिक संख्या मे कैम्पस ड्राइव मे भाग लेने की सलाह दी है । कैम्पस ड्राइव की अधिक जानकारी एकेएस फार्मेसी विभाग से कार्यालयीन समय मे प्राप्त की जा सकती है।

 

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 एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना मं ‘‘ फैकल्टी आॅफ इंजीनियरिंग टेक्नालाॅजी डिपार्टमेन्ट ‘‘ में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर परिचर्चा का अयोजन किया सभी फैकल्टीज ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा हमारा दायित्व है और हम इसे हमेशा याद रखेगे सभी ने अपने-अपने विचार रखे और मिलकर यह संकल्प लिया कि हम सब कोई न कोई ऐसा काम जरूर करेंगे जिससे हमारे पर्यावरण की सुन्दरता में निखार आए। साथ ही अपने आस-पास के पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकें। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता ओ.एस.डी. आर.एन. त्रिपाठी ने की। मंचासीन अतिथियों में जी.के. प्रधान, आर.के. श्रीवास्तव, जी.सी. मिश्रा, डी.सी. शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।

एकेएसयू में ‘‘वल्र्ड ओश्यन डे‘‘पर संगोष्ठी आज 

सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में‘‘एनवायरर्नमेंट साइंस डिर्पाटमेंट ‘‘द्वारा ‘‘वल्र्ड ओश्यन डे’’ के अवसर पर ‘‘सागर की रक्षा करने की शक्ति में हम एक साथ हैं ’’ थीम पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।जिसमे महासागर परियोजना,समुद्री प्रदूषण ,समुद्री जलवायु जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी इस बात की जानकारी देते हुए एनवायरर्नमेंट साइंस डिर्पाटमेंट के विभागाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान के दौर में समुद्र की संरचना एवं उसमे हो रहे परिवर्तनो पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।जिसमे एकेएस वि.वि. के सभी संकाय के फैकल्टीज उपस्थित रहेंगें।

 

 

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना में एनवायरमेंट साइंस डिर्पाटमेंट द्वारा ‘‘विश्व पर्यावरण दिवस’’ के अवसर पर ‘‘छोटे द्वीपों और जलवायु परिवर्तन’’ थीम पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने बताया कि, संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिये मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 5 जून से 16 जून 1972 तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। तत्पश्चात 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इन्होंने विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुये कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता तभी आयेगी जब छात्रों को पर्यावरण के बदतर होते हालात की जानकारी होगी। अब चिंता नहीं चिंतन करने कि आवश्यकता है एवं अपने दैनिक जीवन के दौरान होने वाले प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग पर नजरिया बदलना होगा। और विकास की बात हमेशा पर्यावरण के साथ होनी चाहिए तभी विश्व पर्यावरण दिवस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य सफल होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. आर.पी.एस.धाकरे ने बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण विभिन्न भौतिकवादी वस्तुओं के मांग एवं उत्पादन पर चर्चा करते हुये बताया कि इससे पर्यावरण के विभिन्न संसाधनों का अतिदोहन हो रहा है, और पर्यावरण प्रदूषण एवं असंतुलन उत्पन्न हो रहा है। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण में मानव की महती भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला ।

द फोर सीजन अर्थ पर विद्यार्थियों को दी गई जानकारी

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये प्रो.आर.एन.त्रिपाठी (ओएसडी) ने विद्यार्थियों को द फोर सीजन अर्थ के बारे में विस्तार से समझाते हुये बताया कि, हवा, पानी, पेड़ पौधों एंव पर्यावरण को किस तरह साफ एवं स्वच्छ रखा जायें। साथ ही छात्रों को पीने के पानी का महत्व, प्रकृति एवं पर्यावरण को खूबसूरत व स्वच्छ बनाने में आप कितने सहायक हो सकते है इस बारे में जागरूक किया गया।

ऊर्जा संरक्षण के उपाय एवं तरीकों से अवगत कराया गया

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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में ‘‘अन्तरराष्ट्रीय बाल आक्रामकता एवं उत्पीड़न दिवस’’ के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ के 19 अगस्त, 1982 के निर्णय के फलस्वरूप हुई। इस परिचर्चा के तहत एकेएस विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. दीपक मिश्रा ने अपने व्याख्यान में बताया कि फिलिस्तीनी एवं लेबनान राष्ट्रों के पीड़ित बच्चों की समस्याओं के अध्ययन के पश्चात् संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्देशानुसार सम्पूर्ण विश्व के मासूम बच्चों को सुरक्षा व मदद प्रदान करने के उद्देश्य से 4 जून को इस दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। परिचर्चा के माध्यम से छात्र-छात्राओं को यह सन्देश दिया गया कि बच्चे राष्ट्र का भविष्य है उन्हें समाज का सक्रिय, सकारात्मक सदस्य बनाना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है इसके लिए उन्होंने संतुलित आहार, नियोजित शिक्षा, विकास के अवसर प्रदान किये जाने पर बात की। साथ-साथ विद्यार्थियों को उनके अधिकारों के प्रति सजग करना होगा, जिससे बढ़ते हुए बाल अपराधों को रोका जा सकें। इस अवसर पर उपस्थित जनों ने यह संकल्प लिया कि हम समाज में बाल अपराधों को रोकने एवं बच्चों के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएगें।

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