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b2ap3_thumbnail_unnamed-4_20150619-062403_1.jpgजिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में प्रभारी कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर , एस.डी.एम., नगर निगम आयुक्त, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की उपस्थिति में एकेएस वि. वि. के फैकेल्टी डाॅ. महेन्द्र तिवारी ने सारगर्भित एवं वर्तमान मे प्रासांगिक औद्यौगिक प्रदूषण का पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ पर प्रभाव विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होने प्रदूषण के विभिन्न कारको का जिक्र किया एवं उनसे होने वाली बीमारियों पर चर्चा , निदान एवं ठोस अपशिष्ट प्रदूषण के प्रबंधन एवं ई- वेस्ट पर भी बात की एकेएस वि. वि. की सामाजिक अवधारणओं पर भी उन्होने प्रकाश डाला।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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b2ap3_thumbnail_unnamed-2_20150619-061144_1.jpgb2ap3_thumbnail_unnamed_20150619-061145_1.jpgएकेएस विश्वविद्यालय के बी.टेक. एग्रीकल्चर चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र झारखंड एग्रीकल्चर मशीनरी टेªनिंग एण्ड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट राॅची में एक माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें है। प्रशिक्षण कि दौरान विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की तकनीक,े एवं मशीनरी जो कि कृषि कार्य में उपयोग होती है। जैसे कि मृदा एवं जल संरक्षण , बुवाई ,पौध संरक्षण एवं कटाई से जुड़ी हुई तकनीको का ज्ञान अर्जित करेगें साथ ही कृषि अभियांात्रिकीय के क्षेत्र में चल रही नवाचार तथा भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में अध्ययन करेगें एवं इनका समाधान खोजने कि कोशिश करेंगें।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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b2ap3_thumbnail_unnamed-1_20150619-060904_1.jpgएकेएस विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के फैकल्टी निलाद्री शेखर राॅय एवं इलेक्ट्रिकल विभाग के अशुतोष दुबे ने विवेकानंद विश्वविद्यालय , राजस्थान में आई. आई. टी. मुम्बई के संयुक्त तत्त्वावधान में पर्यावरणीय अध्ययन विषय पर 2 जून से 12जून तक आयोजित बारह दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से वायु प्रदूषण , खाद्य संसाधन , पर्यावरण एवं समाज , अपशिष्ट प्रबंधन , जल प्रदूषण , ऊर्जा संसाधन , पर्यावरण अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी संधारणीय विकास एवं पर्यावरण से संबधित विभिन्न विषयों पर देश के विभिन्न वि.वि. से उपस्थित पर्यावरणविद् एवं इंजीनियर्स ने व्याख्यान दिए एवं पर्यावरण प्रदूषण का मानव जीवन एवं समाज पर बढ़ते दुष्प्रभाव एवं उसके निवारण पर चर्चा की गई।
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एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

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b2ap3_thumbnail_unnamed-8_20150619-060625_1.jpgकेन्द्रीय पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भारत सरकार के मंत्री प्रकाश जावडेकर से एकेएस अधिकारियों की सांसद आदर्श ग्राम पालदेव चित्रकूट में मुलाकात कई मायनों में अहम रही।
राष्ट्रीय सेमिनार में आऐंगें जावडेकर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने विश्वविद्यालय कीे इस सहयोगात्मक पहल की सराहना की इसके अतिरिक्त प्रकाश जावडेकर नेे विश्वविद्यालय द्वारा अगस्त माह में “जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता् पर प्रभाव” विषय पर प्रस्तावित राष्ट्रीय सेमिनार के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रण स्वीकार किया है। केंद्रीय मंत्री ने विश्वविद्यालय की विगत् वर्षों की उपलब्धियों व संचालित पाठ्यक्रमों की प्रगति के प्रति प्रसन्नता व्यक्त की।
इन्होने की मुलाकात
इस मुलाकात के दौरान एकेएस विवि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ हर्षवर्धन, एग्रीकल्चर डीन डाॅ. आर.एस.पाठक, प्रो. आर.एन.त्रिपाठी, डाॅ महेन्द्र तिवारी नें कृषि एवं फसल के समग्र उत्पादन एवं विकास में अपना सहयोग देने के लिए लिखे पत्र की स्वीकृति के पश्चात मुलाकात की।चर्चा में चयनित ग्राम के समुचित विकास के लिए कृषि कार्यक्रमों के क्रियान्यवयन के लिए कार्ययोजना तैयार कर विश्वविद्यालय द्वारा पहल की जाएगी।
जाएगा छात्रों का दल-प्राप्त करेगा प्रषिक्षण
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के निर्णय के अनुसार कृषि संकाय के छात्रों का दल चयनित आदर्श ग्राम पाल देव की विभिन्न कृषि योजनाओं में सक्रिय योगदान देगा एवं कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां के समन्वयक नेगी के निर्देशन में प्रशिक्षण भी प्राप्त करेगा।
इन कार्यक्रमों में मृदा परीक्षण के अतिरिक्त सभी फसलों के उत्पादन के निर्धारण पर भी कार्य किया जाएगा। यह कार्य विश्वविद्यालय के कृषि संकायाध्यक्ष डाॅ. आर. एस. पाठक के निर्देशन मे होगा।

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b2ap3_thumbnail_unnamed-5_20150615-050304_1.jpgयू.जी.सी का स्वायत्तशासी इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर है इन्फ्लिबनेट

इक्कीसवीं सदी की शिक्षा जरूरतों के मद्देनजर एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना ने इन्फ्लिबनेट सेंटर, गाँधीनगर, के साथ एम. ओ. यू पर हस्ताक्षर किए है। वृहद शोध गंगा एवं शोध गंगोत्री प्रोजेक्ट रिपाॅजिटरी सेंटर है। गौरतलब है कि इन्फ्लिबनेट यू.जी.सी का सेंटर है। शोध, थीसिस, डिजर्टेशन रिपाॅजिटरी के क्षेत्र में एम.ओ.यू. काफी अहम है इसमें जिम्मेदारियां, उत्तरदायित्व, वचनबद्धता शामिल होगी। इन्फ्लिबनेट सेंटर के पास कम्प्यूटर नेटवर्क, साॅफ्टवेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रानिक वर्जन की थीसिस और डिजर्टेशन के लिए रिपाॅजिटरी है। एकेएस यूनिवर्सिटी, एम. ओ. यू. के बाद पुरानी रिसर्च थीसिस और डिजर्टेशन का भी डिजिटाइजेशन करंेगी। एकेएस विश्वविद्यालय के एम.फिल और पी.एच.डी के एनरोल्ड विद्यार्थी भी इन्फ्लिबनेट की रिपाॅजिटरी में अपने शोध अपलोड कर सकेंगे। इन्फ्लिबनेट यू.जी.सी. को शोध हेतु फाइनेन्सियल असिस्टेन्स के लिए भी सिफारिशें करती हैं। इसके अलावा इन्फ्लिबनेट एकेएस यूनिवर्सिटी द्वारा नामांकित कर्मचारी को लाइब्रेरी फील्ड में टेªनिंग प्रोवाइड करेगी। मेमोरेन्डम आॅफ अन्डरस्टैण्ंिडग पर एकेएसयू की तरफ से हस्ताक्षर अंनत कुमार सोनी चेयरमैन, एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना एवं डाॅ. जगदीश अरोऱा डायरेक्टर, इन्फ्लिबनेट संेटर गाँधीनगर, गुजरात ने 1 जून 2015 को परस्पर मुददों पर सहमति के पश्चात किए । शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में यह एम. ओ. यू. मील का पत्थर साबित होगा । विश्वविद्यालय के चेयरमैन, अंनत कुमार सोनी एवं प्रतिकुलपति हर्षवर्धन ने शोधार्थियों से इसका अधिक से अधिक लाभ लेने कि अपील की है।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

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