खेलों के हर पल का सभी नें उठाया लुत्फ-रोमांचक रहे मुकाबले
बुुधवार के दिन एकेएस विश्वविद्यालय के खेल प्रांगण में स्वामी विवेकानन्द जयंती के उपलक्ष्य में मैत्री मैचों का आयोजन किया गया। पुरुष एवं महिला वर्ग में समस्त फैकल्टीज नें बढ़-चढ़ कर सहभागिता दर्ज कराई।जज्बा,रोमांच और स्पोर्टस स्पिरिट से सभी ने मैच का आनंद लिया।
उठो,जागों और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो जाए-कुलपति एकेएस वि.वि.
कुलपति प्रो. पी.के. बनिक , चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने अपने उद्बोधनों में स्वामी विवेकानंद के चरित्र को रेखाकिंत किया एवं उनके विराट व्यक्तित्व व पुनीत कार्यो पर प्रकाश डाला।
इन स्पर्धाओं में दिखा दमखम- पुरुष एवं महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धाऐं
वूमेन की विभिन्न खेल विधाओं में फास्टवाकिंग रेस में दिनिशा तिवारी, सपना एवं छिप्रा माथुर विजेता रही। 50 मीटर मदर-रेस में क्रमशः अव्वल पायल टण्डन,द्वितीय मोनू त्रिपाठी एवं तुतीय स्थान पर रामेश्वरी मिश्रा, 100 मीटर रेस में छिप्रा माथुर, सपना जैन, रामेश्वरी मिश्रा, पुरूष वर्ग में बाॅली-बाल, एवं क्रिकेट स्पर्धा संपन्न हुई। रोमांचक क्रिकेट स्पर्धा में विजेता टीम जनरल एडमिन की अगुवाई बृजेन्द्र सोनी ने की उनकी पे्ररणदायी कैप्टेन्सी में जनरल एडमिन ने लगातार दोनो मैचों में फतह हासिल की।
ये रहे निर्णायक,कमेंटेटर एवं स्कोरर
निर्णायक की भूमिका भाग्यवेन्द्र सिंह एवं सुनील पाण्डेय एवं कमेन्टेªटर की भूमिका रवि नागवंशी एवं सराफत अली स्कोरर आशुतोष दुबे ने स्कोरिंग की।
वि.वि. के पदाधिकारियो नें बढ़ाया उत्साह
इस मौके को प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.पी.एस. धाकरे, डाॅ. जी.के. प्रधान, इंजी. आर.के. श्रीवास्तव, डायरेक्टर अमित सोनी,एडमिनिस्ट्रेटर बृजेन्द्र सोनी,सोनू सोनी नें अपनी गरिमामयी उपस्थिति से खास बनाया। समस्त विभागों के फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राओं ने तालियो की गडगडाहट सें पूरे खेल परिसर को रोमांचित करके रखा जिससे खिलाडियों नें उम्दा एव ंनायाब खेल का मुजाहिरा पेश किया।

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गौरतलब है कि मध्यप्रदेश शासन के बाॅयो डायवर्सिटी बोर्ड द्वारा फण्डेड मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट सतना जिले के परसमनिया पठार एवं उससे लगे हुए क्षेत्रों की जैव विविधता का आंकलन , संरक्षण एवं प्रोपेगेशन का कार्य एन्वायरर्नमेंट साइंस विभागाध्यक्ष एवं प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी के निर्देशन मे किया जा रहा है। जिनमें कि इन क्षेत्रों में पाये जाने वाले आरईटी (रेयर इन्डेन्जर्ड थ्रेटेंड) को चिन्हित किया जा रहा है जिनमें बहुमूल्य औषधीय गुण है इनका प्रयोग स्थानीय लोगों द्वारा कई असाध्य रोगेंा के उपचार हेतु किया जाता है लेकिन विभिन्न जलवायुविक, मानव जनित एवं अन्य कारणों से इनकी संख्या में निरंतर कमी आ रही है। इस प्रोजेक्ट केे माध्यम से इन प्रजातियों का टेªडिशनल नाॅलेज ,डाॅक्यूमेंटेशन, कंजर्वेशन एवं प्रोपेगेशन विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है।
औषधीय पौधों की एकेएस कैम्पस में वृहद उपलब्धता
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के विशाल कैम्पस में औषधीय पौधों वच, अस्वगंधा, सर्पगंधा, पथरचटा, सतावर, हल्दी ऐलोेवेरा, सदाबहार, ग्रीनहेज, क्रिसमस ट्री, रूद्राक्ष, सिन्दूर प्लांट, काउल मोगरा, चाइना अमरूद, बिगोनिया, वाटल पाॅम, नोलीना, फाइकाल, दहीमन, क्रोटन, पाइनसेटिया, कचनार, साइकस, बनाना पाॅम, लक्ष्मण कंद, महासुदर्शन, योका पाॅम के संरक्षण एवं उत्पादन में सूक्ष्म जीवों एवं माइकोराइजा के प्लांट कंजर्वेशन, प्लांट प्रोपेगेशन, प्लांट साइंटफिक वैलिडेशन एवं विभिन्न रोगों के उपचार एवं मेडिसनल प्लांट की भूमिका कंजर्वेशन(सुरक्षित करने) प्रोपेगेशन(प्रसारित करने) के बारे मे जानकारियां इंस्टीट्यूट में एकत्रित की जाएगी वि. वि. के सभी औषधीय पौधों का डेटाबेस तैयार करवाया जा रहा है। मेडिसिन वल्र्ड में अमूल्य माने जाने वालें मेडिसनल प्लांट विंध्य क्षेत्र के साथ ही वि. वि. परिसर में प्रचुर रूप से उपलब्ध है परिसर में उपलब्ध सजावटी पौधों में गुड़हल, गेंदा, डेहेलिया, लोटस, गुलाब, मधुकामिनी, गुलकाबली, सदाबहार, गुलदाउदी एवं अन्य औषधीय प्रभाव के पौधेंा का अध्ययन फार्मेसी , बाॅयोटेक एवं एग्रीकल्चर, संकाय के विद्यार्थी करेगें
बनेगा ‘‘पारंपरिक मेडिसिन नाॅलेज‘‘ का डेटाबेस
एकेएस वि. वि. में ‘‘रिसर्च सेंटर‘‘ स्थापित होगा। विंध्य क्षेत्र ही नहीं बल्कि समूचे भारतवर्ष में उपलब्ध ‘‘पारंपरिक मेडिसिन नाॅलेज‘‘ का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है और इस आॅकडे़ की मदद् से रोगों पर रिसर्च के साथ औषधीय पौधों का प्रोपेगेशन एवं कंजर्वेशन किया जाएगा। हर्बल गार्डन में मौजूद औषधीय महत्व के पौधेंा की फार्माक्लाॅजीकल एवं फाइटोकांस्टिटूयन्ट स्ट्डीज फार्मेसी विभाग द्वारा की जाएगी।
मीडिया विभाग
एकेएसविश्वविद्यालयसतना
एकेएस विश्वविद्यालय की एक उच्च स्तरीय मीटिंग में निर्णय लिया गया कि गुणवत्ता पूर्ण शोध क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु रिसर्च जर्नल का प्रकाशन आगामी मार्च-अप्रैल माह में किया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ने बताया कि विश्वविद्यालय ‘‘यूनिवर्सिटी जर्नल आॅफ करेन्ट टेªन्डस इन रिसर्च’’ जो कि एक मल्टीडिसिपिलनरी, इन्टरनेशनल पियर रिव्यूड जनरल होगा, उसे विश्वविद्यालय इसे प्रकाशित करने जा रहा है। इस रिसर्च जर्नल में विश्वविद्यालय में चल रहे शोध कार्यो के अलावा अन्य विश्वविद्यालयों, रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स में कार्यरत् शोधार्थियों के शोध पत्रों को भी प्रकाशित किया जाएगा। इसमें बेसिक एवं एप्लाइड साइंस, बाॅयोटेक्नालाॅजी, माइक्रो बाॅयोलाॅजी, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग, फार्मास्यिूटिकल साइंसेस ह्म्यूनिटीज, काॅमर्स मैनेजमेंट, कम्प्यूटर साइंस, इन्फाॅमेशन टेक्नालाॅजी आदि क्षेत्रों में हो रही नवीन रिसर्च को प्रकाशित किया जाएगा। शोध पत्रों को एक उच्च स्तरीय निर्णायक मंडल से मूल्याकिंत करा कर उच्च गुणवत्ता के शेाध पत्र पाए जाने के बाद ही प्रकाशित किया जाएगा। ज्ञताव्य है कि यू.जी.सी. के नवीन निर्देशों के तहत उक्त निर्णय कुलपति डाॅ. बनिक की अध्यक्षता में लिया गया। शोध जर्नल में औद्योगिक क्षेत्र की आवश्यकताओं पर आधारित किए गए शोध के अतिरिक्त मौलिक शोध को प्राथमिकता दी जावेगी। विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को यथाशीघ्र तदाशय की सूचना दी जावेगी। शोधार्थी अपने शोध पत्र हेतु विस्तृत जानकारी के लिए शोध जर्नल के प्रमुख संपादक डाॅ. कमलेश चैरे से उनके दूरभाष - 8889537776 अथवा मेल आई डी उसमेीण्बींनतम/हउंपसण्बवउ पर संपर्क कर सकते है।
एकेएस वि.वि है उच्च शिक्षा के प्रतिमानों पर पूरी तरह खरा-पालकों के विचार
सतना-रविवार को एकेएस विश्वविद्यालय का सभागार वि.वि. के पदाधिकारियों एवं विश्वविद्यालय में अध्ययनरत वर्तमान छात्रों के पालकों के बीच संवाद का जरिया बना। मौका था सभागार में अभिभावक सम्मेलन का । एकेएस वि.वि. के सभागृह में डीन बेसिक साइंस प्रो. आर.एन.त्रिपाठी ने कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम पालकों के लिए है और पालको के आगमन से इसे बुलंदी मिली है। कार्यक्रम को प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ने वि.वि. की अब तक की उपलब्धियों,चांसलर स्काॅलरशिप,शैक्षणिक उन्नति, एवं नियमित प्लेसमेंट पर जानकारी दी। कार्यक्रम के मंच से डायरेक्टर अवनीश सोनी नें पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि वि.वि. में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति एनएस-टू पोर्टल में उपलब्ध है और आप कभी भी अपने पाल्यों की उपस्थिति एवं उनकी एकेडमिक प्रगति एकेएस वि.वि. की बेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। डायरेक्टर अमित सोनी नें पालको को संबोधित करते हुए कहा कि आपके सभी पाल्यों की जानकारी वि.वि के पोर्टल मे एवेलेबल एवं अप-टू-डेट है।इसे अब पालकों के मोबाइल नं. पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिसे सभी उपस्थित जनों नें अच्छा कदम माना और वि.वि. की सतर्कता एवं अनुशासन पर खुशी जाहिर की। कार्यक्रम को पालकों मिसेस जैन, रामजन्म, श्यामकान्त शर्मा, मोहनलाल कुशवाहा,अभिषेक सिंह,संजय कुमार चैबे, प्रवीण कुमार शुक्ला, अभिषेक उपाध्याय नें भी सम्बोधित किया एवं अपने अमूल्य सुझाव भी शेयर किए जिसे व्यापक पतिषाद मिला। आयोजन में दूरदराज एवं सतना से आए पालकों नें अपने छात्र -जीवन एवं वर्तमान शिक्षा पर अपने विचार भी शेयर किए ।अभिभावक सम्मेलन के मौके पर वि.वि. के प्रतिकुलपति प्रो.आर.एस.त्रिपाठी, इंजीनियरिंग प्रशासक डाॅ.आर.के.श्रीवास्तव, डीन एग्रीकल्चर डाॅ.आर.एस.पाठक, इंजी. डी.सी.शर्मा, ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट आॅफीसर एम.के.पाण्डेय, बालेन्द्र विश्वकर्मा, डाॅ डूमर सिंह की मौजूदगी खास रही।
सतना-एकेएस विश्वविद्यालय के 40 विद्यार्थी जनवरी में एनएमडीसी पन्न की विजिट करेंगें ये सभी बीटेक माइनिंग इंजीनियरिंग चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र हैं। छात्र ‘‘मैथड आॅफ वर्क फार ओपेन कास्ट माइन्स, डायमण्ड डिपोजिट, प्रोसेस आॅफ रिेकवरिंग डायमण्ड इट्स ओर के बारे तकनीकी ज्ञान प्राप्त करेंगें। इनका मार्गदर्शन माइनिंग फैकल्टी डी. एस. माथुर, एवं जे. एन. सिंह करेंगें।
मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना