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सतना। विन्ध्य क्षेत्र के लब्धप्रतिष्ठ शिक्षण संस्थान एकेएस विश्वविद्यालय को ”दि इंस्टीट्यूट आॅफ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स आॅफ इण्डिया” द्वारा प्रतिष्ठापूर्ण सीए परीक्षा केन्दª के रूप में चयनित किया गया है। विश्वविद्यालय के चेयरमैन अनन्त सोनी ने सतना सीए सीपीई चेप्टर आॅफ सीआईआरसी आॅफ आईसीएआई के अध्यक्ष सीए सिंघई संजय जैन को धन्यवाद ज्ञापित करते हुऐ कहा है कि उनके इस प्रयास से जहां एक ओर विन्ध्यांचल के परीक्षार्थियों को बहुत सुविधा होगी, जिन्हें निकटतम केन्दª तौर पर अभी तक इलाहाबाद अथवा जबलपुर चुनना होता था, वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर वाणिज्य संकाय में उच्चतर अध्ययन का मार्ग भी प्रशस्त होगा। उन्होने बताया कि विश्वविद्यालय में सीए एवं सीएस पाठ्यक्रम के अनुरूप दो कोर्स भी चलाऐ जा रहे हैं।
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डाॅ.शेखर मिश्रा ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुऐ बताया कि आगामी रविवार 19 जून 2016 को इस कड़ी में सीए-सीपीटी परीक्षा विश्वविद्यालय परिसर में प्रातः 10ः30 बजे से आरम्भ होगी। यह परीक्षा दो सत्रों में प्रातः 10.30 बजे से 12.30 बजे तक एवं तदुपरान्त अपरान्ह 2 बजे से 4 बजे तक चलेगी। इच्छुक परीक्षार्थियों के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से निःशुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराई जाऐगी। यह बस प्रातः 9.30 बजे राजीव गाँधी काॅलेज परिसर,बस स्टैण्ड, सतना से चलेगी जो सर्किट हाउस चैक एवं सिविल लाइन्स चैक में अल्प विराम के बाद विश्वविद्यालय परीक्षा केन्दª के लिए प्रस्थान करेगी। यह बस परीक्षा के उपरान्त अपरान्ह 4.15 बजे इसी मार्ग से होकर बस स्टैन्ड पर समाप्त होगी। सीए सीपीटी परीक्षा संबंधी पूछताछ के लिए सतना सीए सीपीई चेप्टर से सम्पर्क किया जा सकता है।

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एकेएस विश्वविद्यालय में जल प्रबन्धन एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में अपने ऐतिहासिक एवं उल्लेखनीय कार्यो से ‘‘रमन मैग्सेसे पुरुस्कार-2001’’ से सम्मानित अन्र्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सख्शियत डाॅ. राजेन्द्र सिंह का व्याख्यान आयोजित किया गया। वाटर कन्जर्वेशन एवं वाटर मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए डाॅ. सिंह ने कहा कि तालाब, नदी, झरनों, जंगलों एवं प्रकृति के साथ मानवता पूर्ण सामंजस्य से ही प्रकृति और जीव का सन्तुलन बना रहेगा। धरती हमारी माँ है और माँ अपनी सन्तान की सुख-समृद्धि के लिए जान न्यौछावर करती है पर हमारा भी दायित्व धरती माँ की रक्षा करना है। शोषण, प्रदूषण और अतिक्रमण से मुक्त हो प्रकृति उन्होंने कहा कि भारत में जब तक नीर, नदी और नारी का सम्मान हुआ तब तक भारत विश्व गुरू था। जैसे-जैसे हम प्रकृति के अनियंत्रित दोहन में लिप्त होते गए और जड़ों से कटते गए, हमारी धरती बंजर, वीरान और धूल मिट्टी के बीहड़ों में तब्दील होती गई। डाॅ. राजेन्द्र सिंह ने वाटर हार्वेस्टिंग, वाटर रिचार्जिंग, इन्वायर्नमेंटल इंजीनियरिंग, माॅडर्न नेचर प्राब्लम्स, क्लायमेंट चेन्ज, वाटर एंड फूड सिक्योरिटी, चेलेन्जेस आॅफ इंडियन एज्यूकेशन सिस्टम, माइंड्स आॅफ पीपल्स एडाॅप्टेशन के बारे में भी रोचक एवं जानकारी पूर्ण चर्चा की। पौराणिक आख्यानों एवं सन्दर्भों के माध्यम से वाटर मैन के नाम से प्रख्यात डाॅ. राजेन्द्र सिंह ने कार्यशाला में स्टाॅकहोम (स्वीडन) में वर्ष 2015 में उन्हें मिले ‘‘वाटर नोबल पुरुस्कार -2015’’ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयास से ही जल समस्या का निवारण संभव है। पी.पी.टी. प्रेजेन्टेशन के माध्यम से उन्होंने बताया कि राजस्थान के अलवर, भीकमपुर सहित 11 जिलों की सात सूखी नदियों की रिचार्जिंग, सूखे क्षेत्रों में बिना सरकारी मदद के 11 हजार 600 डैम बनाये गए। 25 हजार कुओं कि रिचार्जिंग की गई जो वर्षो से सूखे पड़े थे, अब पूरा क्षेत्र कृषि और हरियाली से आच्छादित है। सतना विशेष का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पानी की भीषण समस्या, गरमी का प्रकोप एवं जल स्त्रोतों पर अतिक्रमण तो है पर इन्हें प्रकृति के समीचीन जाकर दूर किया जा सकता है। अवर्षा एवं सूखे की भीषण स्थितियां, प्रकृति के अनियंत्रित दोहन एवं मानवीय नकारात्मक नजरिये की वजह से बनी है। एकेएस विश्वविद्यालय के वाटर कन्जर्वेशन पर आयोजित सेमिनार की उन्होंने प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों में जागरूकता आती है। सरकारी स्तर पर उम्मीद कम भी हो तो स्वसहायता के माध्यम से समूह बनाकर वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में प्रयास किया जा सकता है। डाॅ. हर्षवर्धन ने डाॅ. राजेन्द्र सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सतना कलेक्टर नरेश पाल ने कहा कि श्री राजेन्द्र सिंह के अनुभव का लाभ सतना जिले की पानी की समस्या हल करने में लिया जाएगा। श्री सिंह को अगस्त माह मंे एक वृहद कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीण विकास की समस्याओं, जल स्तर के सुधार हेतु निमंत्रित किया जाएगा। श्री पाल ने आगे कहा कि सतना जिले के तालाबों व वाटर बाॅडीज को चिन्हित करने का अधिकांश कार्य ‘‘ग्राम उदय से भारत उदय’’ अभियान के अन्तर्गत पूर्ण कर लिया गया है तथा तालाबों का पुर्नजीवन कार्यक्रम जन सहयोग से किया जा रहा है।
ये रहे उपस्थित
सेमीनार को जिला पंचायत सी.ई.ओ. संदीप शर्मा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में महापौर ममता पाण्डेय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष डाॅ. रश्मि सिंह, एस.डी.ओ.पी. पी.एल अवस्थी, पेंशनर्स समाज के अध्यक्ष हरि प्रकाश गोस्वामी, विश्वविद्यालय के चेयरमैन अंनत कुमार सोनी प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस.त्रिपाठी, प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, बाबूलाल दाहिया, इंजी. आर.के. श्रीवास्तव के साथ जिला पंचायत सतना के सदस्य एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के डीन, डायरेक्टर्स एवं विभागाध्यक्षों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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एकेएस विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष इंजी. अजीत सराठे का ‘‘सोकिंग कूकिंग कैरेक्टरिस्ट्रिक्स आॅफ पिजन पी दाल’’ विषय पर आधारित रिसर्च पेपर ‘‘इकोलाॅजी एंड इन्वायर्नमेंटल कन्र्जेवेशन इन्टरनेशनल जनरल पुणे’’ के 01 अप्रैल, 2016 एडीशन में प्रकाशित हुआ है। जिसमें अरहर की दाल को न्यूनतम ऊर्जा के साथ पकाने के गुणों का अन्वेषण किया गया है। इसे एन.आई.एफ.टी.ई.एम. सोनीपत (नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ फूड टेक एंड मैनेजमेंट) द्वारा सराहा एवं पुरुस्कृत किया गया है। इस कार्य में इंजी. अजीत सराठे के साथ डाॅ. बसेड़िया (ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय), डाॅ. मोहन सिंह (जे.एन.के.विश्वविद्यालय, जबलपुर) एवं इंजी. ओंकार सिंह कुशवाहा का भी सहयोग रहा।

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शनिवार को विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय में एएसआई इंडिया ग्लास लिमिटेड,रिवाड़ी हरियाणा ने कैम्पस मे एकेएस वि.वि. के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का चयन किया। हरियाणा की इंडिया ग्लास लिमिटेड नामक प्रतिष्ठित कंपनी के कैम्पस मे वि. वि. के डिप्लोमा मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल संकाय के छात्र-छात्राऐं शामिल हुए। ट्रेनी इंजीनियर पद के चयन हेतु कैम्पस में 2014, 2015 एवं 2016 बैच के विद्यार्थियों ने सहभागिता दर्ज कराई। गौरतलब है कि एकेएस वि.वि. ने पुरानी शैक्षणिक पद्वतियों की विसंगतियाॅ दूर करते हुए इंडस्ट्री की जरुरत के आधार पर नवाचार की परम्परा प्रारंभ की जो उद्योग जगत की माॅग के अनुरुप है छात्रों में विषय का ज्ञान इसलिए भी होता है क्योंकि वह जो पाठ्यक्रम में पढ़ते हैं उसे लैब और इंडस्ट्री विजिट के समय विषय-विशेषज्ञों के मार्गदर्शन मे‘‘लर्न व्हायल यू डू ‘‘की तर्ज पर सीखते हैं। स्मरणीय है कि जहाॅ एक तरफ जाॅब की कमीं है इन स्थितियों के बावजूद नामी-गिरामी कंपनियाॅ एकेएस वि.वि. के विभिन्न संकायों में प्रतिभावान युवा छात्र-छात्राओं के चयन मे भरपूर दिलचस्पी ले रहे हैं इसी कडी़ मे जूनियर ग्रैज्यूएट ट्रेनी इंजीनियर पद के लिए 1.2 से 1.8 पर एनम के पैकेज पर एकेएस वि.वि. के छात्रों का चयन किया गया।छात्रों के चयन पर वि.वि. के कुलाधिपति माननीय वी.पी.सोनी, कुलपति पारितोष के बनिक,चेयरमैन अनंत कुमार सोनी के साथ वि.वि. के पदाधिकारियों ने हर्ष व्यक्त किया एवं छात्र-छात्राओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामना भी दी। चयनित छात्र कंपनी के पावल,हरियाणा क्षेत्र में कार्य करेंगें।

 

 

 

 

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बीटेक एग्रीकल्चर .2013 बैच के विद्यार्थी ने अर्जित किए 95.2 प्रतिशत अंक
एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार मे वि.वि. के विभिन्न संकाय मे अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की मेघा को प्रोत्साहित करते हुए ”चांसलर स्काॅलरशिप” योजना के तहत चेक वितरित किए गए। मंच पर विजयी होने का भाव लिए आए छात्र-छात्राओं की अथक मेहनत एवं लगन से पठन-पाठन के परिणामस्वरुप प्राप्त परिणामों के क्रम में 160 प्रतिभावान छात्रों को सत्र जून 2015 के ”चांसलर स्काॅलरशिप” चेक प्रदान किए गए। चयनित छात्र-छात्राओं को कुलपति प्रो. पारितोष के बनिक ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिभाओं को सही मौका मिलना चाहिए और एकेएस वि.वि. इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है कि छात्र उर्जावान बने और अपनी प्रतिभा को लक्ष्यगत सही दिशा में ले जाएॅ कार्यक्रम मे चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने कहा कि ”चांसलर स्काॅलरशिप” योजना से वि.वि. के टेलेंडेट छात्र-छात्राऐ ंतो लाभान्वित हो ही रहे हैं अन्य छात्र-छात्राऐ भी विनर्स से प्रोत्साहित होकर ”चांसलर स्काॅलरशिप” योजना से लाभान्वित हों ऐसा हमारा प्रयास है। ”चांसलर स्काॅलरशिप” चेक वितरण कार्यक्रम के दौरान डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, प्रतिकुलपति प्रो.आर.एन.त्रिपाठी, ओएसडी,इंजी आर. के. श्रीवास्तव के साथ रजनीश सोनी, असि. सुप्रीटेन्डेन्ट इन एकाउंट, अवनीश मिश्रा, सेक्सन आॅफीसर ,स्काॅलरशिप, शुभम कसेरा एवं छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि वि.वि. के छात्र अमरजीत बागरी ने बी.टेक.,एग्रीकल्चर संकाय में सर्वाधिक 95.2 फीसदी अंक अर्जित किए । उन्हें बीस हजार रुपये की स्काॅलरशिप मिली। कार्यक्रम के दौरान सभी विजेता छात्र-छात्राओं का तालियों से उत्साहवर्धन किया गया।

मीडिया विभाग
एकेएस विश्वविद्यालय, सतना

 

 

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