सतना।‘‘राणे एनएसके इण्डस्ट्रीज स्टेयरिंग सिस्टम गुडगांव ‘‘मे ट्रेनी इंजीनियर पद के लिए विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय के 15 छात्रों का चयन किया गया है। प्रथम चरण मे तीन छात्रों का चयन किया गया है। चयनित छात्रों में वि. वि. के डिप्लोमा मैकेनिकल इंजीनियरिंग से अरूण कुशवाहा, पंकज गुप्ता एवं सत्यम सिंह बुंदेला शामिल है। छात्रों का चयन 1.44 पर एनम के पैकेज पर किया गया है। द्वितीय एवं तृतीय चरण में अन्य 12 चयनित प्रतिभागियों को कंपनी में नियुक्ति दी जाएगी। इस बात की जानकारी देते हुए प्लेसमेंट डायरेक्टर ने बताया कि एकेएस वि.वि. में नियमित कैम्पस से छात्र-छात्राऐं चयनित हो रहे हैं। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति माननीय श्री बी.पी. सोनी, कुलपति प्रो. पी.के. बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी के साथ प्लेसमेंट डायरेक्टर एम.के. पाण्डेय ने चयनित छात्रों को बधाई दी है।

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40 छात्रों ने जानीं भूमिगत कोयला खदान पिनोरा, जोइला, शहडोल की कार्यपद्वति
ए.के.एस.विश्वविद्यालय के डिप्लोमा माइनिंग 5 वें सेमेस्टर के 40 विद्यार्थियों ने एस.ई.सी.एल. की सुप्रसिद्ध भूमिगत कोयला खदान पिनोरा, जोइला, शहडोल की एक दिवसीय विजिट की। विद्यार्थियों ने कोयला काटने वाली आधुनिक संयंत्र कन्स्ट्रीटियूशन माइंस की कार्यशैली एवं रख-रखाव का विस्तृत अध्ययन किया।
एसईसीएल के ओमप्रकाश जी ने समझाए तकनीकी पहलू
इस दौरान विद्यार्थियों को एस.ई.सी.एल. के जोइला क्षेत्र के जी.एम. ओमप्रकाश कटारे नेे विषयवार तकनीकी जानकारियां दी।
एकेएस से इन्होने किया मार्गदर्शन
विजिट के दौरान विद्यार्थियों का मार्गदर्शन फैकल्टी प्रो. विद्यासागर, दीप्ती शुक्ला एवं आनंद पाण्डेय ने किया।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय में 30 जुलाई ‘‘जीवन विद्या शिविर‘‘ का समापन हुआ ।जीवन विद्या शिविर के प्रमुख वक्ता श्री सुशील सिंह (जीवन विद्या शोध केन्द्र, शहडोल ,अमरकंटक) ने समापन अवसर पर बताया कि प्रकति का असंतुलन ही समस्याओं के केन्द्र में है। ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित जीवन दर्शन जो मानव एवं प्रकृति का संतुलन सिखाता है कि मानव और प्रकृति के संतुलन पर समाज का विकास निहित है। कार्यक्रम में पदार्थ अवस्था,प्राण अवस्था,और जीव अवस्था के साथ प्रकृति के संतुलन-असंतुलन, रोजगार संकट, आर्थिक असंतुलन और निराशा पूर्ण मनोभावों और समाजिक समस्याओं से मुक्त करने के संबंध में व्यक्ति की भागीदारी, मानव व्यवहार, समाधानात्मक विकल्पों, भौतिकवाद एवं मानवीय संविधान के संदर्भ में विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षा संदर्भ में कहा कि शिक्षा व्यक्ति के आचरण को बदलती है अैार सह अस्तित्व के साथ जीवन को सही दिशा देती है।इस अवसर पर एकेएस वि.वि. के पदाधिकारी एवं फैकल्टीज ने सहभागिता दर्त कराई।
मीडिया विभाग
ए.के.एस.वि.वि. के बी.-टेक इलेक्ट्रिकल,अंतिम वर्ष के विद्यार्थी जब भिलाई स्टील प्लांट, छत्तीसगढ़ टेªनिंग के लिए पहुॅचे तो उनके मन मे कई सवाल थे जो उन्हांेने प्राप्क किए। मेजर प्रोडयूसर स्टील रेल, वाइड स्टील प्लेटस एवं दूसरे स्टील प्रोडक्टस के बारे में रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
छात्रों ने विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में जाना भिलाई स्टील प्लाॅट की कार्यप्रणाली
स्टील बनाने की माडर्न मेथेड के बारे में जरुरी जानकारियाॅ प्राप्त कर छात्र काफी उत्साहित हुए। इंडस्ट्रियल टेªनिंग की प्रक्रिया मे विद्यार्थियों ने मेटलर्जिकल प्रोसेस,इलेक्ट्रिकल इक्यूपमेंट्स की तैयार होने की प्रक्रिया, स्विच गियर प्रोटेक्शन, इलेक्ट्रिकल मशीनों की कार्यप्रणाली का गहन अध्ययन विशेषज्ञों के मार्गदर्शन मे किया।
विशेष प्रोजेक्ट्स की भी प्राप्त की जानकारी
भिलाई स्टील प्लांट, छत्तीसगढ़ की माडर्नइजेशन एण्ड एक्सपेंसन कार्यक्रम के साथ स्पेश्लाइज्ड टेªनिंग के दौरान छात्रों को एनवायर्नमेंटल मैनेजमेंट, भिलाई स्टील प्लाॅट के वर्तमान एवं भविष्य के मेजर प्रोज्ेक्ट जिनमें 345 कि.मी. की रेल्वे लाइन जो जम्मू एवं बारामूला के बीच प्रस्तावित है एवं बनिहाल पास की हाई एल्टीट्यूड टनेल,भाभा एटाूमिक रिसर्च सेंटर के न्यूट्रिनो आव्र्जवेटरी के बारे में भी छात्रो कोे जानकारी प्रदान की गई।
एकेएस के फैकल्टी रहे छात्रों के साथ
टेªनिंग के दौरान इंजी.आर.के. श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष रमा शुक्ला एवं फैकल्टी शराफत अली ने छात्रों की जिज्ञाषाओं के बारे मे मूलभूत ज्ञान प्रदान किया।
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय में 25 जुलाई से प्रारंभ होकर 30 जुलाई के समापन तक पहुॅचेंगें।जीवन विद्या शिविर के प्रमुख वक्ता श्री सुशील सिंह (जीवन विद्या शोध केन्द्र, शहडोल ,अमरकंटक) ने बताया कि जीवन विद्या शोध केन्द्र ए. नागराज द्वारा प्रतिपादित एक ऐसा जीवन दर्शन जो मानव एवं प्रकृति का संतुलन सिखाता है। कर्नाटक में जन्मे ए. नागराज ने अपने जीवन का 80 प्रतिशत हिस्सा अमरकंटक के जंगलों में गुजारते हुए सधानाएं की और प्रकृति द्वारा प्रद्त मानव जीवन के सन्दर्भ में इन्हें बोध हुआ और उन्होंने जीवन विद्या शोध केन्द्र की स्थापना कर, अपने दर्शन को लोगों तक पहुंचाया। मानव और प्रकृति के संतुलन पर समाज का विकास निहित है। ए. नागराज ने अर्थशास्त्र को लाभोंन्मादी, मनोविज्ञान को कामोंन्मादी एवं समाज को भोगोंन्मादी बताया है। कार्यक्रम में प्रकृति के असंतुलन, रोजगार संकट, आर्थिक असंतुलन और निराशा पूर्ण मनोभावों ,प्रकृति के संतुलन और समाजिक समस्याओं से मुक्त करने के संबंध में व्यक्ति की भागीदारी की,मानव व्यवहार, समाधानात्मक, भौतिकवाद, मानवीय संविधान के संदर्भ में विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षा संदर्भ में कहा कि शिक्षा व्यक्ति के आचरण को बदलती है।
मीडिया विभाग