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एकेएस वि.वि. के समस्त संकायों मे विद्यार्थियों को इण्डस्ट्री ओरिएण्टेड बनाने ”थिंक लोकल एक्ट ग्लोबल” की तर्ज पर विषय के बारे में आधारभूत जानकारियां मुहैया कराने के लिए वि.वि. में समय-समय पर विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन विद्यार्थियों को मिलता है इसी कडी मे मंगलवार को कार्बनिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ध्यान फाउण्डेशन में कार्यरत एवं लंदन से भारत वापस आईं सोनिया शर्मा ने एकेएस वि.वि. के बी.एस.सी.एग्रीकल्चर के छात्रों को खेती मे रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशकों के दुष्परिणाम के बारे में बताया। ै।लंदन में काय्ररत रहीं सोनिया शर्मा नें छात्रों को आर्गेनिक फार्मिग पर ज्ञानपूर्ण व्याख्यान दिया।
इन विषयों पर दी रोचक जानकारी
परम्परागत खेती से स्वास्थ्य एवं आर्थिक नुकसान पर जब सेनिया शर्मा (नेचर आर्गेनिक एण्ड एनिमल केयर, लंदन) ने बताया कि रिसर्च बताते हैं कि पालतू जानवर भीे भूख से बेहाल होकर एवं कीटनाशकयुक्त भोजन से मरते हैं तब मैने देश में कार्बनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अपनी निजी संस्था विकसित की।लंदन में प्राप्त किये अपने ज्ञान को उन्होंने अपने देश में कार्बनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया। उन्होने एकेएस वि.वि. में बी.एस.सी. एग्रीकल्चर के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद उत्पन्न करके निर्यात करने एवं उससे अधिकतम लाभ लेने के बारे में भी बताया। प्रकृति एवं पशु स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर गाय तथा बंदर आदि जानवरों को कार्बनिक उत्पाद एवं स्वच्छ जल उपलब्ध कराकर उनको बचाने के प्रायोगिक उपाय भी बताए, जैसे शहरों में इन जानवरों के लिए खाद्य पदार्थ एवं स्वच्छ जल न होने पर ये जानवर पालीथिन खाते हैं और गंदा पानी पीते हैं यदि हम इनकी देखभाल करें तो पारिस्थितिकीय तंत्र सुदृढ़ होगा जिससे मनुष्य का जीवन और आसान हो सकता है। उन्होंने बताया कि मृतक गायों के पेट में 40 किलो तक पाॅलिथिन पोस्टमार्टम के दोरान मिली हैं। जो विकट स्थिति है।
गाय के महत्व पर की व्यापक चर्चा‘-क्वालिटी प्रोडक्ट्स बाइ आर्गेनिक फार्मिंग’
सोनिया शर्मा ने ‘क्वालिटी प्रोडक्ट्स बाइ आर्गेनिक फार्मिंग’ पर सारगर्भित, रोचक एवं विषय सम्बद्ध व्याख्यान के दौरान कहा कि सनातन परम्परा से वर्तमान युग तक गाय हमारी पौराणिक एवं धार्मिक मान्यताओं की प्रतीक रही है। गाय के गोबर एवं उसके खेती में उपयोग होने वाले उत्पाद खेती के लिए अमृत तुल्य हैं। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष की कृषि खुशियों की चाबी गाय के पैरों में है। इसके अलावा उन्होंने ध्यान फाउण्डेशन के कार्यक्रमों, पशुरक्षक प्रयासों जैसे गायों की सुरक्षा, बंदर जैसे पशुओं के भोजन का प्रबंध, प्रकृति के उन्मुखीकरण के लिए किए जा रहे ध्यान फाउण्डेशन के प्रयासों से छात्र छात्राओं को अवगत कराया, उन्होंने आगे कहा कि पशु पक्षियों एवं प्रकृति की सेवा करने की इच्छा रखने वालों के लिए ध्यान फाउण्डेशन अच्छा विकल्प हैं। हम प्रकृति के बीच रहकर ज्यादा खुशियां, ज्यादा उत्साह और ज्यादा ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं एवं उसे बांट भी सकते हैं। खेती के नवीन आर्गेनिक प्रयासों ,राजस्थान तथा हरियाणा के कृषि विकास का रोचक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि समृद्ध राज्यों की खुशी का कारण आर्गेनिक फार्मिंग है।
छात्रों की जिज्ञाशाओं पर दिए सारगर्भित उत्तर
छात्रों द्वारा पूछे गये प्रश्नों जैसे रासायनिक खादों के क्या दुष्प्रभाव हैं,कृषि के औद्योगिकीकरण एवं कृषि उत्पादकता बढ़ाने एवं शुद्ध कृषक उत्पाद प्राप्त करने जैसे प्रश्नों के सोनिया ने सारगर्भित ,सरल एवं विषय सम्मत उत्तर दिये जिससे छात्र छात्राओं का ज्ञानवर्धन हुआ। अंत में विश्वविद्यालय के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने छात्रों को कृषि मे एंटेप्रन्योरशिप पर जानकारी दी ।उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहकर बेहतर जीवन का आनंद तभी लिया जा सकता है जब हम भौतिकतावादी सोच त्यागें और प्रकृति के अनुकूल आचरण करें । व्याख्यान के बाद सोनिया शर्मा ने विद्यार्थियों की उत्सुकता एवं ज्ञानार्जन की उत्कंठा की तारीफ की।
ये है व्याख्यानकर्ता का परिचय
जेा आप सोचते हैं वही आप बनते हैं, जी हां यह वाक्य सोनिया शर्मा पर भी लागू होती है उन्होंने 15 वर्ष तक सीए का कार्य किया पर जब उन्होंने अपने दिल की आवाज सुनी तो उन्हे लगा कि प्रकृति के सानिध्य में जाना चाहिए और ”ध्यान फाउण्डेशन” के माध्यम से उन्होंने प्रकृति के समचीन जाकर प्रकृति के तत्वों का अध्ययन किया।और अब यह उन्हे खूब भाने लगा है।
व्याख्यान के दौरान ये रहे उपस्थित
व्याख्यान के दौरान प्रतिकुलपति डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, डाॅ. एस.एस.तोमर, महामंडलेश्वर डाॅ. भूमानंद सरस्वती ,डाॅ. डूमर सिंह, विजय सिंह, संतोष श्रीवास्तव के साथ बी.एस.सी. एग्रीकल्चर के छात्र छात्राएं एवं फैकल्टीज उपस्थित रहे।

 

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ए.के.एस. विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर, सांतवे सेमेस्टर के छात्र कृषि कार्य अनुभव रावे कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न गांवो में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर कृषकों, ं ग्रामीणो एवं महिलाओं को जागरूक कर रहे है। इसी कड़ी में ग्राम बचवई में छात्रा काजल, हिना, प्रियंका, ज्योति, रेखा, साक्षी, सविता, प्रिया, प्रियल, शेरिल, शानू, पूजा, सौम्या, मोहवती, शिल्पा ने पार्थेनियम उन्मूलन (गाजर-घास) कार्यक्रम आयोजन कर ग्रामीणो को इसके नुकसान के बारे मंे अवगत कराया।ग्राम अटरा में छात्र दीपक, शुभम, रमेश, विपिन, विनीत, राहुल, रोहित, शुभम्, अजय ने ग्रामीण वासियों को गाजर-घास के प्रबंधन एवं उसके दुषप्रभावो से जागरूक किया।ग्राम भरहुत में छात्र योगेश, सत्येन्द्र, रोहित, हर्षित, आशीष, सुदीप, कृष्ण कुमार, रामेश्वर, अशोक, सत्येन्द्र, दीपक ने स्वच्छता अभियान एवं आंगनबाड़ी केन्द्र में विश्व स्तनपान दिवस मनाया एवं महिलाओं को जागरूक किया। ग्राम जिगनहट में छात्र आकाश, आनंद, विकास, अभिषेक, जयप्रकाश, दीपांकर, शिवम्, ब्रिजेन्द्र, रविशंकर एवं विनीत ने गाजर-घास उन्मूलन सप्ताह का आयोजन किया।

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सतना। ‘‘एक्सिलेंस यूनिवर्सिटी इन रूलर एरिया एवार्ड- 2016‘‘ से नवाजी जा चुकी और नित नूतन सफलता के नए आयाम गढ़ रहा विन्ध्य क्षेत्र का शैक्षणिक गौरव एकेएस कहा जाता है। विश्वविद्यालय में‘‘कमिन्स डीजल इंडिया लिमिटेड पुणे‘‘ ने जूनियर ट्रेनी इंजीनियर पद के लिए छात्राओं की काबिलियत् को परखा। कैम्पस का उल्लेखनीय पहलू यह रहा कि इस कैम्पस ड्राइव में एकेएस विश्वविद्यालय के साथ बैढ़न, शहडोल, सिंगरौली, कटनी, जबलपुर के महाविद्यालयों से आॅल डिप्लोमा छात्राओं ने पार्टिसिपेट किया। उल्लेखनीय है कि एकेएस वि. वि. ने अपनी स्थापना से अब तक अनगिनत ओपेन एवं क्लोज कैम्पस डाªइव आयोजित कराए जिसमें सतना जिले के साथ -साथ मध्यप्रदेश के अमूमन सभी जिलों के छात्र-छात्राएं चयनितं एवं लाभन्वित् हुए और उन्हे अपने कॅरियर के सपनो को पूरा करने का मौका मिला। गौरतलब है कि ‘‘कमिन्स डीजल इंडिया लिमिटेड ,पुणे ‘‘ डीजल मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में प्रतिष्ठित ब्राण्ड है। इसी कड़ी मे ये बताना लाजिमी है कि अपनी स्थापना से अब तक वि. वि. के पासआउट विद्यार्थियों का कैम्पस के माध्यम से चयन हो चुका है। ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट डायरेक्टर एम. के. पाण्डेय ने बताया कि देश की प्रतिष्ठत कम्पनियां वि. वि. के विद्यार्थियों के टैलेंट से प्रभावित है और एकेएस वि. वि. में कैम्पस आयोजित कर चुकी कम्पनियों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों की नामी गिरामी कम्पनियां भी वि. वि. के छात्र- छात्राओं के टैलेंट में रूचि दिखा रही है। वि. वि. प्लेसमेंट के क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति में शामिल हो चुका है। छात्रों के चयन पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति माननीय श्री बी.पी. सोनी, कुलपति प्रो. पी.के. बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओ.एस.डी. प्रो. आर.एन. त्रिपाठी एवं ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट डायरेक्टर एम.के. पाण्डेय ने बधाई दी है। गौरतलब है कि वि.वि. में सभी संकाय के छात्रों के लिए कैम्पस ड्राइव का नियमित आयोजन किया जा रहा है। ‘‘कमिन्स डीजल इंडिया लिमिटेड पुणे ‘‘ ने जूनियर ट्रेनी इंजीनियर का चयन 1.75 लाख के एनम पर किया है।

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एकेएस वि.वि. के माइनिंग विभाग में अध्ययनरत छात्रों को भारत सरकार ,(डायरेक्टर जनरल आॅफ माइनिंग एण्ड सेफ्टी,धनबाद )से फोरमैन,सेकेन्ड क्लास माइन्समैन, फस्र्ट क्लास माइन्स मैनेजर, सर्टिफिकेट आॅफ काॅम्पीटेन्सी आदि के प्रमाण पत्र प्राप्त करने की आर्हता होगी। उक्त आशय का आदेश गत दिवस उनके पत्र क्रमांक न. एक्जाम डीजीएमएस 3037 दिनांक 12.08.2016 को जारी किया गया है।
माइनिंग के ये कोर्सेस हैं एकेएस वि.वि. में संचालित
गौरतलब है कि विन्ध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एवं नेशनल एक्सीलेंस एवार्ड इन रुरल एरिया-2016 से सम्मानित एकेएस वि.वि. में डिग्री इन माइनिंग इंजीनियरिंग,डिप्लोमा इन माइनिंग इंजी.,डिप्लोमा इन माइन्स एण्ड माइन सर्वेइंग कोर्सेस सफलतापूर्वक संचालित हैं।खान सुरक्षा निदेशालय, धनबाद(डी.जी.एम.एस.) द्वारा सर्टिफिकेट प्राप्ति के बाद संबंधित विद्यार्थी देश की किसी भी माइनिंग इण्डस्ट्री में अपनी योग्यतानुसार बिना किसी तकनीकी व्यवधान के जाॅब प्राप्त कर सकते है।
खान सुरक्षा निदेशालय से सर्टिफिकेशन है अहम
खान सुरक्षा निदेशालय द्वारा निर्गत प्रमाण-पत्र महत्वपूर्ण अनुज्ञप्ति (लायसेंस) देता है। ताकि विद्यार्थी भारत के किसी भी निजी या सरकारी माइनिंग इण्ड्रस्टी में निर्बाध रूप से अपनी सेवाऐं दे सकें।सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद छात्र किसी भी अण्डरग्राउण्ड या ओपन कास्ट माइंस में संवैधानिक रूप से कार्य करने के पात्र होंगे।सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वि.वि. ने अल्प समय में ही वि.वि. मे संचालित सभी कोर्सेस के लिए उत्कृष्ट एवं तय मानको को हासिल कर कीर्तिमान स्थापित किया है इसी कडी में उल्लेखनीय बिंदु है कि माइनिंग के विद्यार्थियों को मिलने वाला यह वैधानिक प्रमाणपत्र अति महत्वपूर्ण है और छात्रों को भविष्य मे जाॅब एवं कॅरियर के लिए यह वैधानिक सर्टिफिकेट अहम साबित होगा।
माइनिंग में हैं बेहतर भविष्य की राह
वर्तमान के साथ भविष्य में भी माइनिंग क्षेत्र में बेहतर एवं बृहद संभावनाऐं मौजूद हैंे।डीजीएमएस धनबाद ,भारत सरकार द्वारा जारी पत्र क्रमांक न. एक्जाम डीजीएमएस 3037 की सूचना एकेएस वि.वि. की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। वि.वि. की छात्र हित में प्राप्त की गई इस उपलब्धि पर बधाइयों का ताॅता लगा है।

 

 

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में बुधवार को साफ्टविन टेक्नाॅलाॅजी प्रा.लि. बैंगलोर से आये विक्रम दास (एसएपी एक्सपर्ट बैंगलोर), अनिल महाजन, सेन्टर हेड इन्दौर एवं प्रमोद कौशिक (बिजनेस डेवलपर) ने वि.वि. के मैनेजमेंट एवं आईटी संकाय के विद्यार्थियों को सैप एप्लीकेशन (सिस्टम एप्लीकेशन फार प्रोडक्शन) की उपयोगिता एवं इण्डस्ट्री में इसकी मांग पर विस्तृत व्याख्यान दिया। ट्रेनर प्रमोद कौशिक ने बताया कि यह एक बहुउपयोगी फील्ड है जिसमें कार्य कर विद्यार्थी अपने कॅरियर के नये आयाम बना सकते हैं।
ये हैं सैप के कंटेन्ट
सैप साफ्टवेयर एप्लीकेशन के अंतर्गत किसी भी इण्डस्ट्री के फाइनेंस एण्ड कंट्रोलिंग, ह्यूमन रिसोर्स, इन्वेन्ट्री डिपार्टमेंट, सेल्स एण्ड मार्केटिंग, प्रोडक्शन प्लानिंग इत्यादि शामिल किये जाते हैं। यह एक ऐसी एप्लीकेशन है जो मैनेजमेंट को इण्डस्ट्री की सारी आॅनलाइन रिपोर्ट देता है।
यहां कि लिए मिलेगी दक्षता
इस एप्लीकेशन ट्रेनिंग से दक्ष होने के बाद छात्र आईटी इण्डस्ट्रीज की ख्याति प्राप्त कम्पनियों जैसे आईबीएम, एक्सेंचर, विप्रो, टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएल, आईटीसीसी इन्फोटेक, कैप जैमिनी, डिलाइट एवं पीडब्ल्यूएस में सैप कंसल्टेंट के रुप में वर्क कर सकते हैं।
सैप की उपयोगिता
वर्तमान औद्योगिक जगत में देश की प्रतिष्ठित इण्डस्ट्रीज सैप ईआरपी (इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) पर रन करती हैं। यह एक ऐसा साफ्टवेयर है जो कि एक जर्मन कम्पनी ने बनाया है। यह इण्डस्ट्री के हर विभाग में रन करता है, जैसे फाइनेंस, एचआर, मटेरियल, सेल्स, मार्केटिंग, प्रोडक्शन प्लानिंग इत्यादि। यह पूरी इण्डस्ट्री को कंट्रोल करने का भी कार्य करता है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट डायरेक्टर एम.के. पाण्डेय, एडमिस्ट्रेटर इंजी. आर.के. श्रीवास्तव, डाॅ. कौशिक मुखर्जी, विजय विश्वकर्मा के साथ फैकल्टीज एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

मीडियविभाग
एकेएस विश्वविद्यालय,

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