Simple Joomla Templates by Web Hosting

  • Home
    Home This is where you can find all the blog posts throughout the site.
  • Categories
    Categories Displays a list of categories from this blog.
  • Archives
    Archives Contains a list of blog posts that were created previously.

एकेएस वि.वि. में आनंद की अवधारणा एवं अल्प विराम पर Online कार्यक्रम

Posted by on in Daily University News in Hindi
  • Font size: Larger Smaller
  • Hits: 1150
  • 0 Comments
  • Subscribe to this entry
  • Print

b2ap3_thumbnail_one_20200613-064529_1.JPGb2ap3_thumbnail_onne.JPG

एकेएस वि.वि. में आनंद की अवधारणा एवं अल्प विराम पर Online कार्यक्रम

आनंद के पैमानों की वास्तविक पहचान कर उसे जीवन में शामिल करें-अखिलेश अर्गल
सतना। Covid-19 महामारी के दौर में सोशल डिस्टेसिंग का पूर्णतः पालन करते हुए एकेएस वि.वि. सतना के Webinar 2020 series के तहत online कार्यक्रम का आयोजन किया गया। Google Meet platform पर A life of Happiness and Fulfilment (आनंद की अवधारणा एवं अल्प विराम, स्वयं से मुलाकात) विषय के तहत online व्याख्यान का मूल उद्येश्य निरुपित करते हुए CEO और trainer अखिलेश अर्गल ने बताया कि खुशहाली और परिपूर्ण जीवन के लिए म.प्र. राज्य आनंदम संस्थान आंतरिक और बाह्य कुशलता पर ध्यान देता है इसकी स्थापना 2016 में की गई थी। उनका कहना था कि भौतिक प्रगति और सुविधाओं से अनिवार्य रुप से प्रसन्न रहना संभव नहीं है ऐसे में आनंद और सकुशलता के पैमानों की पहचान करके उन्हे परिभाषित करना और उन्हें जीवन में शामिल करना प्रमुख है Finland विश्व का सर्वाधिक खुश देश है ऐसे ही हमें भी होना है हमारी खुशी हमारी मनःस्थिति पर निर्भर करती है सकारात्मक भाव को प्रधानता दें न कि नकारात्मक भाव को खुशी रचनात्मक कार्य के लिए अति महत्वपूर्ण है खुशी व उत्पादकता का सीधा संबंध है,खुश होने पर उत्पादकता 12 प्रतिशत बढी जबकि नाखुश होने पर यह 10 फीसदी घटी। बीमारी व खुशी का भी संबंध होता है खुश व्यक्ति रचनात्मक होते हैं,रोजगार से संतुष्ट, समय पाबंद, ज्यादा उत्पादक और समस्याओं की शिकायत नहीं करते, बेहतर निर्णय लेते हैं,बीमार कम पडते हैं उन्हांेने google का उदाहरण देते हुए कहा कि google ने उपयुक्त वातावरण कर्मचारियों के लिए निर्मित किया गया जिसके फलस्वरुप अधिकतम लाभ व संतुष्टि का स्तर उच्च्तम हो गया। इसी क्रम में उन्होने कहा कि प्रेरित करने से भी उत्पादकता बढती है,यदि किसी संस्थान द्वारा सकारात्मक कदम और positive माहौल दिया जाता है तो इसका परिणाम अच्छा होता है। इसी कडी में डाॅ. समीरा नईम, master trainer ने सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि अल्प विराम अवधारणा केवल म.प्र.राज्य में क्रियान्वित की गई है वर्तमान परिस्थिति वास्तव में यह एक तरह से प्रकृति का nature pause है, शांत समय का अभ्यास है,भाग दौड से शांत स्वर में मुलाकात का अवसर है यदि विचारों पर धूल मिटट्ी जम जाती है तो उसे साफ कर सकते हैं, यह आत्म चिंतन का अवसर है और pause के अभ्यास की जरुरत है इस समय ज्यादा सुनना और समझना जरुरी है, बहुत सारी समस्याऐं हैं जिनमें पारिवारिक,सामाजिक समस्याओं का समाधान खोजना है कोई ऐसा तत्व तलासें जो हम सबको जोड सके, क्या किया जाना चाहिए, Achievers और Givers दो महत्वपूर्ण पहलू हैं प्रतिदिन 20 मिनट का समय pause के रुप में उपयोग करें ब्रहमांड से जुड सकेंगें। कनेक्ट हो पाऐंगें तो चीजें सरल होगी। अल्प विराम स्वयं को देखने अवसर होता है यह समय चुभन और दर्द को कम करने का पल है। कार्यक्रम मे वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, प्र्रतिकुलपति डज्ञू.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ.हर्षवर्धन, डाॅ.जी.पी.रिछारिया,प्रो.आर.एन.त्रिपाठी,इंजी.आर.के.श्रीवास्तव और वि.वि. के सभी संकाय के डीन,डायरेक्टर्स और फैकल्टी मेंम्बर्स के साथ विद्यार्थियों ने भी online उसका लाभ लिया। सैकडों लोगों ने online जुडकर कार्यक्रम का लाभ प्राप्त किया ओर आनंद की अवधारणा समझी और स्वयं से मुलाकात के मायने जाने। कार्यक्रम में के.पी.तिवारी,अरुण भारती के साथ अन्य जन उपस्थित रहे।

0

Comments

  • No comments made yet. Be the first to submit a comment

Leave your comment

Guest Friday, 15 November 2024