एकेएस वि.वि. के Faculty of Management में National Webinar
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एकेएस वि.वि. के Faculty of Management में National Webinar
स्वदेशी भावना राष्ट्रभावना है नैतिकता को केन्द्र में रखकर कार्य करें-प्रो.एडीएन.वाजपेयी
स्वास्थ्य,वातावरण और आर्थिक गतिविधियाॅ स्वदेशी में समाहित- प्रो.अशोक कुमार मित्तल
सतना।एकेएस वि.वि. सतना के Faculty of Management में एकदिवसीय national webinar का आयोजन किया गया जिसमें 500 प्रतिभागियों के साथ वार्तालाप करते हुए प्रबुद्व स्पीकर्स ने अपनी राय रखी इस मौके पर प्रेा.अशोक कुमार,मित्तल ,Vice Chancellor आगरा यूनिवर्सिटी, ने कहा कि covid-19 का दौर सीखने समझने और आगे बढने का दौर है उन्होने निरक्षरता को विकेन्द्रीकरण और स्वदेशी के मार्ग का रोडा माना प्रो.मित्तल ने कहा कि विकेन्द्रीकरण एक अच्छा कदम था और स्वदेशी इसमें मणिकांचन योग की तरह है हमने कृषि पर ध्यान दिया और ग्रामीण विकास को पटरी पर नहीं लाए जिससे विकास रुका। विस्थापन की पीडा का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि सबसे ज्यादा दर्द का केन्द्र है पलायन जो अपने साथ बेरोजगारी,भुखमरी और आत्महत्या जैसे कारण लेकर आता है स्वदेशी को आगे बढाना है तो हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रोडक्ट बनाने होगें जैसे पतंजलि ने किया और पूरे देश में उत्पाद दस वर्षो में ही छा गए। पतंजलि जैसी सप्लाई्र चेन सुदृढ होगी तो प्रोडक्ट के लिए बाजार बनेगा। सरकार की योजनाओं में जागरुकता जरुरी है तभी गाॅव, स्वदेशी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ होगी। डाॅ.संजय कुमार सत्यार्थी, प्रिसिपल गवर्नमेंट काॅलेज दमन ने अपने व्याख्यान में बताया कि 1911 में बाल गंगाधर तिलक ने स्वदेशी को और और गाॅधी जी ने कहा कि स्वराज्य की आत्मा स्वदेशी में बसती है उन्होने अंत्योदय और विकेन्द्रीकरण पर अपनी बात रखी। प्रो.ए.डी.एन.वाजपेयी राष्ट्रय विचारक,,ख्यात अर्थशास्त्री और हिमांचल यूनिवर्सिटी,महात्मा गाॅधी चित्रकूट ग्रामोदय वि.वि. और एपीएस वि.वि.के पूर्व कुलपति, प्रतिभागियों को webinar के विषय Decentralized Economy and स्वदेशी पर व्याख्यान देते हुए कहा कि स्वदेशी भावना,राष्ट्रभावना है,देश में स्वदेशी राजनीति ओर स्वदेशी धर्म होना चाहिए। उन्होने globalization, industrialization की बात करते हुए कहा कि स्वदेशी में परंपरागत साधनों प्रकृति, पशु, वनसंपदा, कृषि को शामिल करें और नैतिकता को केन्द्र में रखकर कार्य करें जिसका उद्येश्य पुनीत हो उन्होंने कहा कि सत्याग्रही ओर चरखा चलाकर कार्य करने वालों को गाॅधी ने बराबर दर्जा दिया था।उन्होने विष के सभी आयामों को वर्णित करते हुए प्रतिभागियों से बातचीत की। पूरे भारतवर्ष से जुडे 500 से ज्यादा प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होने समझाया कि कार्यक्रम में विवि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी प्रतिकुलपति प्रो.आर.एस.त्रिपाठी, मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष कौशिक मुखर्जी,फैकल्टीज प्रमोद द्विवेदी,प्रदीप चैरसिया,श्वेता सिंह के मार्गदर्शन में प्रतिभागियों को e-certificates प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन डाॅ.कौशिक मुखर्जी ने किया जबकि विषय विस्तार वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन ने किया कार्यक्रम की सफलता पर वि.वि. प्रबंधन ने शुभकामनाऐं दी है।
एकेएस वि.वि. के फैकल्टी आॅफ मैनेजमेंट में नेशनल वेबिनाॅर