एकेएस वि.वि. के एमसीए छात्र की उॅची उडान- जार्विस में campus चयन आठ लाख पर एनम पर गुडगाॅव Best company में चयनित-न भाषा का बैरियर,न गाॅव से होने का गम-बस चाहा और पाया
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जो चाहते हो देखना मेरी उडान को, जरा और उॅचा करो आसमान को, यह शेर कुछ ऐसा ही कर दिखाने वाले एकेएस वि.वि. सतना के एमसीए संकाय के 2019 बैच के पासआउट छात्र राज कुशवाहा और 2021 पासआउट छात्र अजय कुशवाहा का है अजय का चयन जार्विस -The heart of innovation कंपनी में हुआ है तो राज विप्रों में कार्यरत हैं ।दोनों भाई एकेएस वि.वि. के एमसीए संकाय के पूर्व छात्र-न भाषा का बैरियर,न कोई भ्रम-अजय ने बताया कि ग्राम जोरी,पोस्ट लोही,तहसील,हुजूर शायद आपने नाम भी न सुना हो,गाॅव से गुडगाॅव फिर अनंत आसमान...जी हाॅ सामान्य किसान परिवार और गाॅव के हिन्दी माध्यम स्कूल में अध्ययन के बाद भी दोनो भाइयों को अपने आप पर भरोसा था उनके पिता हमेशा कहा करते हैं कि भारत गाॅवों का देश है और हिन्दी हमारी मातृभाषा है हमेशा अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व करना कभी मत कहना मैं गाॅव से पढा वहीं बढा, हमेशा सोचना जो भी करेंगें उसमें उॅचा मुकाम हासिल करेंगें। हिन्दी माध्यम से पढाई होने के बाद भी उन्हे हमेशा विश्वास था कि एक दिन कुछ बडा करना है एकेएस वि.वि. में उन्हें बेहतर प्रोफेशनल माहौल मिला और चरैवेति-चरैवेति ,मंद-मंद चलते चलते उन्हें एमसीए के बाद उॅचा साॅफ्टवेयर इंजीनियर का पद और अच्छा वेतनमान मिला, पिता शिवप्रसाद कुशवाहा सामान्य काॅन्ट्रेक्टर हैं और माॅ कलावती कुशवाहा गृहणी हैं दोनेा बेटों की आॅखों में सफलता की चमक देखकर बेटों पर गुरुर होता है, अजय ने बताया कि मेरी मंजिलें अभी दूर है मुझे मल्टीनेशनल कंपनियों के आॅफर मिल रहे हैं और मेरे विकल्प खुले हुए है। एरिक्शन और अन्य कंपनियाॅ उन्हें अपने साथ जोडना चाहती हैं जो अगले चरण पर तय होगा।
बडे शहरों की चकाचैध से दूर रहकर भी पा सकते हैं मंजिल-यहाॅ यह बताना लाजिमी होगा कि बडे शहरों का रुख करके जो युवा बडंे सपने देखते हैं उनके लिए यह एक नजीर है कि आप की निगाहें अगर मंजिल पर हैं लक्ष्य पर हैं जो आप सतना में भी रहकर बडा मुकाम पा सकते हैं जो राज और उनके भाई अजय पर मुफीद बैठता है। फिलहाल अजय वर्क फ्राम होम पर हैं और आठ लाख पर एनम पर कार्य करते हुए अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रहे हैं। उन्हें पायथन लैन्गुएज और वैंन्गों फ्रेमवर्क पर कार्य करना होता है जिसमें डेटा मैनेजमेंट प्रमुख है। उन्होंने बताया कि उनके बडे भाई राज कुशवाहा भी एकेएस वि.वि. में ही पढे और पायथन लैन्गुएज पर विप्रो जैसी कंपनी में 8 लाख पर एमन पर कार्यरत हैं।
प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने कहा एकेएस की प्रतिबद्वता है छात्रों का संपूर्ण विकास-वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने कहा कि आप किसी भी समय पूरी तरह से परिपक्व नहीं होते क्योंकि सीखना कभी न खत्म होने वाली घटना है। आपको पतिदिन नए लक्ष्य मिलते हैं प्रतिदिन नई समस्याओं का सामना करना होता है,इसलिए काम को गहराई से समझना होता है और यह तभी संभव है जब आप उस काम में धुनी हो जाते हैं।अपने हर काम को अंजाम तक पहुॅचाने के लिए एकेएस वि.वि. छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्व है दोनो छात्रों को भविष्य की शुभकामना। छात्रों ने विभागाध्यक्ष डिपार्टमेंट आॅफ कम्प्यूटर डाॅ.अखिलेश ए.बाऊ का आभार व्यक्त किया है।