म.प्र. है आधुनिक Agriculture और नवीन कृषि पद्वति का जन्मदाता-मनोज श्रीवास्तव,आईएएस अतिरिक्त मुख्य सचिव, म.प्र. शासन ए.के.एस.वि.वि. के Agriculture संकाय मे #National Seminar का भव्य शुभारंभ
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एकेएस वि.वि. सतना के "Department Of Agriculture Science And Technology" संकाय में तीन दिवसीय National Seminar का शुभारंभ अतिरिक्त मुख्य सचिव म.प्र. शासन मनोज श्रीवास्तव, आईएएस ने किया, मुख्य अतिथि की आसंदी से उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाऐं दीं और जीवन के कुछ स्वतःअनुभूत पल भी Shear किए। कृषि विषय पर अपने ज्ञान की गहरी छाप छोडते हुए उन्होने animal husbandry और आध्यात्म पर चिंतन योग्य विचार रखते हुए विषयवार कृषि की प्राचीन पद्वति पर चर्चा की और कहा कि प्राचीन समृद्व सांस्कृतिक परम्परा बरकरार रहे और फिर Biotechnology का समायोजन हो पर भारतीय परिवेश की और वसुधा की चिंता जरुर की जाए। जिससे ecosystem प्रभावित न हो। म.प्र. आधुनिक Agriculture और वर्तमान नवीन कृषि पद्वति का जन्मदाता है animal husbandry ओर Agriculture एक दूसरे के पूरक हैं पशु स्वस्थ होगा तो मनुष्य भी स्वस्थ रहेगा क्योंकि हम एक दूसरे के सानिध्य मे रहते हैं। Agriculture पहले संस्कृति है हमें किसानों कीIncome Double करनी है यह बहुत उचित विचार है पर पृथ्वी के भीतर स्थित संतुलन को बरकरार रखना हमारी जिम्मेदारी है।हरित क्रांति का दौर आया तो हमने Technology पर भरोसा किया दूसरी हरित क्रांति की बात आ रही है तो फिर Technology का कार्य होगा। Technology शामिल करें पर परिस्थितिकीय संतुलन बरकरार रहे। उन्होंने वि.वि. के विभिन्न कोर्सेस की तारीफ की और Animal Anesthesia,Animal massage ओर Animal physiotherapy जैसे कोर्सेस प्रारंभ करने का सुझाव दिया उन्होंने कहा कि देशज ज्ञान अभी भी समृद्व है इसको आगे बढाने का समय है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर मि.एस.के.बंसल ने कहा कि भारतवर्ष मे कृषि की अपरिमित संभावनाऐं व्याप्त हैं अभी तक एक एकड में दस हजार रुपये कमाने वाला किसान इसी एक एकड से छः लाख महीने की इंकम पाॅली हाउस व अन्य Technology के माध्यम से कमा रहा है। कृषक, महिलाऐं, रुरल कलाकार, रुरल युवा सभी को जोडकर और उनके हुनर को पहचान कर आगे बढाने की जरुरत है किसानों की चिंता सरकार को भी है और नाबार्ड के माध्यम से उन्हे समृद्व बनाने की पहल की जा रही है। एकेएस वि.वि.के एग्रीकल्चर संकाय के रावे छात्रों के 33 से ज्यादा गाॅवों में जागरुकता कार्यक्रम ओर पहल की उन्होने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वि.वि. के कुलाधिपति बी.पी.सोनी ने कहा कि आजादी के बाद भारत में कृषि का उत्पादन काफी बढा है अब सिंचाई का रकबा बढाने की जरुरत है और किसानों को सही फसल उत्पादन की सीख देने और सही मुल्य कैसे प्राप्त करें यह बताने की जरुरत है। जैव प्रौद्योगिकी और टिकाउ खेती के द्वारा कृषकों की आय 2022 तक दोगुनी करना विषय पर विस्तृत चर्चा के साथ तकनीकी सत्र में कई पेपर प्रजेन्ट किए गए। कार्यक्रम में वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रो.पारितोष के बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, डाॅ.हर्षवर्धन, ओएसडी. प्रो.आर.एन.त्रिपाठी, डाॅ.एस.एस.तोमर, डाॅ.के.आर.मौर्या, डाॅ.आर.एस.पाठक, कोआर्डिनेटर डाॅ.नीरज वर्मा, डाॅ. अभिषेक सिंह, इंजी. अजीत सराठे, इंजी. राजेश मिश्रा, रावे समन्वयक सात्विक सहाय बिसारिया, शीलेन्द्र उपाध्याय, संतोष श्रीवास्तव,रमा शर्मा, दीपनारायण, नवनीत राठौर, आशुतोष गुप्ता, आशुतोष मौर्या,विनीता देवी प्रबुद्वजन विषय विशेषज्ञों के साथ बी.एस.सी. एग्रीकल्चर, आनर्स, डिप्लोमा एग्रीकल्चर, बी.टेक. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, एमएससी, एग्रीकल्चर के पूर्व और 2019 बैच के विद्यार्थी, डेलीगेटस,विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्राऐं प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। नाबार्ड और मैपकास्ट द्वारा स्पांसर्ड, सोसायटी फाॅर bioinformatics And Biological Science, इलाहाबाइ के association और KJS Cement की कोस्पांसरिंग में कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। National Seminar की organisation secretary शैम्पी जैन ने कार्यक्रम परिचय दिया और कन्वीनर संजीव सिंह ने तीन दिनों में होने वाले सत्र पर चर्चा की। शुभारंभ के बाद मनोज श्रीवास्तव ने विवि. के फूड टेक्नाॅलाॅजी के इन्क्यूबेशन सेंटर और समृद्व गौशाला के साथ समस्त परिक्षेत्रों का भ्रमण किया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को कार्यक्रम का मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन फैकल्टी शिवानी ने किया।