समंदर में न उतरो पर उतरो तो मोती लेकर ही आओ-अनुराग वर्मा,कलेक्टर सतना एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में तीन कोर्सेस समारोहपूर्वक प्रारंभ
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एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में आयोजित हुए समारोह में सतना के तीन युवा आईएएस एक साथ मंच पर उपस्थित रहे अनुराग वर्मा,,आईएएस सतना कलेक्टर, सुश्री तन्वी हुडडा, आईएएस, कमिश्नर,नगर निगम सतना,डाॅ.परीक्षित जाडे,आईएएस ,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत,सतना को अपने बीच पाकर प्रतिभागियों के चेहरे खिल उठे। उनके साथ श्री राजेश साही,अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी,वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने 120 प्रतिभागियों को जीवन के बेहद अहम सबक सिखाते हुए रोजगारोन्मुखी कोर्सेस के कुछ पहलुओं और उनकी तैयारी के दृष्टिगत बिंदुओं से अवगत भी कराया और कॅरियर के लिए जरुरी सलाह भी दी। सभी के उच्च पदों पर विराजमान रहने के दौरान सामान्य जीवन से कैसे जुडें की सीख के साथ जिद,जज्बे,जीवटता और जुनून की दास्तान सुनकर स्टूडेन्टस को लगा हाॅ हम भी कर सकते हैं।जीवन में आए कई कठिन और हल्के पलों के साथ उन्होंने अपने अतीत के संस्मरण भी सुनाए जो काफी रोचक रहे। तीन सर्टिफिकेट कोर्सेस का हुआ शुभारंभ-काॅम्पीटीटिव और योगा सर्टिफिकेट की शुरुआत-कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अनुराग वर्मा, कलेक्टर सतना रहे, उन्होंने अपनी सरल शैली और यथार्थवादी शब्दों में अपने आप को उजागर करते हुए कहा कि अगर मैं कलेक्टर नहीं होता तो निश्चित ही शिक्षक होता। कलेक्टर सतना ने बताया कि वह एम.एससी. मैथेमेटिक्स के विद्यार्थी रहे,पर हिस्ट्री लेकर आईएएस बने। मध्यम वर्गीय परिवार से उनका सरोकार रहा लेकिन कभी भी नकारात्मक पक्षों को देखने की आदत नहीं रही,उन्हे हमेशा लगा कि सपने वो नहीं होते हैं जो नींद में देखे जाते हैं बल्कि वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते हैं। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे से होने के बाद भी अनुराग वर्मा जी को हमेशा लगा कि वो आईएएस बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जीवन में हम सब हीरो हैं हमें सेल्फ कांफिडेंस रखना है और हमेशा सोचने की प्रक्रिया जारी रखनी है, 10 लाख लोग आईएएस की परीक्षा में शामिल होते हैं और 180 व्यक्ति ही कलेक्टर बनते हैं पर हतास न हों,आप भी हीरो हैं।उन्होंने बताया कि मैंने बिना कोचिंग के आईएएस दूसरे प्रयास में क्रैक किया प्रतिभागियों को मोटिवेट करते हुए उन्होने कहा जब समंदर में उतरे हैं तो मोती लेकर ही लौटना है। मौका था एकेएस वि.वि. में संचालित होने वाले सर्टिफिकेट कोर्स फार आल काॅम्पटीटिव एग्जाम्स, 6 माह, योगा थेरेपी सर्टिफिकेट कोर्स 6 माह और 3 माह के योगा थेरेपी सर्टिफिकेट कोर्स के शुभारंभ अवसर का जो 7 जनवरी को अतिथियों की उपस्थिति में समारोहपूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में डाॅ. परीक्षित जाडे,आईएएस, जिला पंचायत सीईओ ने प्रतिभागियों से अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि महाराष्ट्र के छोटे से गांव और हिन्दी माध्यम से होने के बाद भी मैंने तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्लियर किया, पिता बस कंडक्टर थे लेकिन सपना हमेशा था कुछ बड़ा करने का। अपने अनुभव शेयर करते हुए उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि कोचिंग उन विषयों की करिये जिसमें आप कमजोर हैं, अंग्रेजी बेसिक मिनिमम अंडरस्टैंडिंग तक आनी चाहिए, आपका एक कॅरियर बैकअप होना चाहिए जो सिलेबस आना है वह क्लियर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खुद का इवैल्युएशन जरूरी है, यह जरूरी नहीं कि आपको सबकुछ पता हो यह अहम है कि सबकुछ का थोड़ा थोड़ा आपको पता हो। थोड़े दोस्त रखो पर अच्छे रखो, मोटीवेट हमेशा रहो, अगर मैं आईएएस नहीं होता तो निश्चित ही डाॅक्टर होता। नगर निगम कमिश्नर सुश्री तन्वी हुडा, आईएएस ने अपनी आईएएस यात्रा का खाका खींचा और बताया कि इसके पूर्व वह हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन में सेलेक्ट हो चुकी थीं और साढे तीन वर्ष वहाॅ कार्य करने के बाद वह सतना कमिश्नर के पद पर नियुक्त हुईं। उन्होंने बताया कि वह रोहतक से हैं, तैयारी के बारे में अपनी कहानी बताते हुए उन्होने कहा कि उनका आईएएस तीसरे प्रयास में क्लियर हुआ। प्रतिभागियों को 98 प्रतिशत कठिन मेहनत और 2 प्रतिशत भाग्य पर निर्भर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई किताबें पढ़ने की जगह एक ही अच्छी किताब का 10 बार रिवीजन आपको विषयदक्ष बना सकता है। वह सादगी पसंद और कार्य ही पूजा है कि तर्ज पर कर्म करती है उन्होंने सलाह दी कि विषय सम्मत अध्ययन करें,दोस्तों का लिमिटेड सर्कल रखें, रायटिंग स्किल के साथ साफ्ट स्किल और कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर बनाते रहें,मूलतः फोकस्ड रहें। कार्यक्रम में राजेश शाही एडीएम सतना जो इलाहाबाद से हैं उन्होंने बताया कि अगर आपकी रुचि है तो ही आगे बढ़ें, पहले रिअल इंट्रेस्ट पता करें, जिससे लक्ष्य आसान हो जाय। कविता की तर्ज पर उन्होंने कहा ज्ञान रहता नहीं है बंद किसी ताले में। उन्होंने बताया कि डेडीकेशन और फैमिली सपोर्ट बहुत जरूरी है। विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी ने जीवन के अनुभव सुनाते हुए बताया कि दुनिया को एक फीसदी लोग लीड करते हैं वह लीडर होते हैं, समूचा विश्व सूचना की लहर पर सवार है अगर प्रतिभागी करो या मरो की पोजीशन रखेंगे तो सबकुछ हो सकता है उन्होंने कहा कि लक्ष्य अगर सामने है तो समस्यायें विलीन हो जायेंगी। कार्यक्रम के दौरान मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष कौशिक मुखर्जी की मानव संसाधन प्रबंधन पर लिखी पुस्तक का अतिथियों ने विमोचन किया। अतिथि परिचय डाॅ.हर्षवर्धन ने तो कोर्स की जानकारी दी डाॅ विपिन व्योहार ने -कार्यक्रम में अतिथि परिचय विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ने दंते हुए बताया कि श्री अनुराग वर्मा बेहद सरल और मिलनसार और कर्तव्यनिष्ठ है जबकि सुश्री तन्वी हुडडा ने नगर निगम के कार्यो,स्मार्ट सिटी के कार्यो की समीक्षा में जो संजीदगी और कर्मठता दिखाई है इसी तरह हरियाली,सफाई और निर्माण कार्यों में जो मुकाम सतना को मिल रहा है वह बेहद प्रशंसनीय है।डाॅ.परीक्षित सुलझे हुए एडमिनिस्ट्रेटर है। कोर्सेस के डायरेक्टर यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन डाॅ.पिपिन व्योहार,ने सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के कोर्स की जानकारी दी वि..वि.मे प्रारंभ प्रतियोगी परीक्षाओ की तेयारी पर उन्होने कहा कि विषय विशेषज्ञ स्टूडेन्टस को सभी विषयों का मार्गदर्शन देंगें।डाॅ.दिलीप तिवारी ने योगा के दोनो कोर्सेस की संक्षिप्त जानकारी अतिथियों के साथ साझा की। कोर्सेस का प्रबंधन विनय सिंह करेंगें। कार्यक्रम का संचालन लवली सिंह गहरवार और मोनू त्रिपाठी ने करते हुए अतिथियों को माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन और माल्यार्पण के लिये आमंत्रित किया। बेसिक साइंस की छात्रा तुलसी त्रिपाठी ने सुमधुर सरस्वती वंदना ओर कार्यक्रम के अंत में जनगणमन से सभागार को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम के दोरान अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी के साथ वि.वि. के सभी संकाय के डीन,डारेक्टर्स और फैकल्टी मेंम्बर्स उपस्थित रहे।