कृषक संगोष्ठी कार्यक्रम का हुआ आयोजन
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ऐ के एस विश्वविद्यालय के कृषि के ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के छात्रों द्वारा कृषक संगोष्ठी का आयोजन गत दिनों किया गया जहां कृषि विशेषज्ञों ने उन्नत तरीके से खेती करने किसानों को जरूरी टिप्स दिए। वहीं जिले के विभिन्न गांवों से आए प्रगतिशील किसानों द्वारा खेती से जुड़ी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
सतना। ऐ के एस विश्वविद्यालय के कृषि के ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के छात्रों द्वारा रावे समन्वयक श्री सात्विक सहाय बिसरिया के निर्देशन में कृषक संगोष्ठी का आयोजन गत दिनों किया गया जहां कृषि विशेषज्ञों ने उन्नत तरीके से खेती करने किसानों को जरूरी टिप्स दिए। वहीं जिले के विभिन्न गांवों से आए प्रगतिशील किसानों द्वारा खेती से जुड़ी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। ऐ के एस विश्वविद्यालय सतना के निदेशक प्रोफेसर कुबेर राम मौर्य व विषय विशेषज्ञ डॉ भूमानन्द सरस्वती कृषक संगोष्ठी में पहुंचे थे। संगोष्ठी के पूर्व उन्होंने क्षेत्र का भ्रमण कर फसलों का अवलोकन किया। उन्होंने जिले के 30 प्रगतिशील किसानों से किसानी संबंधी चर्चा की। संगोष्ठी में मौजूद किसानों ने वैज्ञानिकों से पूछा कि अधिक सर्दी बढ़ने से फसलों में पाले की शिकायत से बचने के किस तरह के उपाय किए जाएं। इस पर उन्हें बताया गया कि शीत ऋतु में बारिश होने के बाद पाले की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि इस बार मौसम अधिक ठंडा नहीं है, जो रबी की फसलों के अनुकूल है। कार्यक्रम में श्री सात्विक बिसारिया ने किसानों को गेहूं की कार्यशाला एवं जैविक खेती के बारे में बताया। किसानों से शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए कृषि की नवीनतम तकनीकि अपनाने का आव्हान किया। किसानों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर कुबेर राम मौर्य ने कहा कि सरकार कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने किसानों से शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए कृषि की नवीनतम तकनीकि अपनाने का आव्हान किया।किसानों को संबोधित करते हुए। निदेशक उद्यानकी डॉ भूमानन्द सरस्वती ने कृषि के साथ-साथ अन्य आर्थिक गतिविधियां संचालित करने की बात कही। मिट्टी स्वस्थ होगी तो उससे उत्पन्न पौधा भी स्वस्थ होगा इसलिए मिट्टी की जांच कराकर स्वास्थ्य कार्ड बनवाए एवं दिए गए अनुशंसा अनुरूप ही खाद एवं पोषक तत्व का उपयोग करें ताकि मिट्टी सजीव बनी रहे। श्री धीरेन्द्र प्रसाद चतुर्वेदी द्वारा किसानों को मिट्टी के गुणधर्म, रासायनिक तत्वों एवं पोषक तत्व की कमी एवं अधिकता से होने वाले नुकसान पर विस्तृत चर्चा की गई। श्री आदित्य कुमार द्वारा समन्वित कृषि प्रणाली पर चर्चा करते हुए कृषि में रसायनों के दुष्प्रभाव एवम् समय रहते इसका प्रंबधन करने की सलाह देते हुए जैविक खेती करने की सलाह दी। संगोष्ठी में ग्राम सरपंच, ग्राम समन्वयक व महिला किसानो ने भी हिस्सा लिया ।संगोष्ठी में ग्राम अटरा, मढ़ी व डम्हा के रावे के समस्त छात्र व किसान उपस्थित रहे।