किसान संगोष्ठी में किसानों को बताए खेती के नुस्खे
- Font size: Larger Smaller
- Hits: 1389
- 0 Comments
- Subscribe to this entry
- Bookmark
ऐ.के.एस. विश्वविद्यालय द्वारा ग्राम सीतापुर में रावे के छात्र छात्राओं द्वारा कार्यक्रम समन्वयक सात्विक बिसारिया के मार्गदर्शन में कृषक संगोष्ठी व पशु चिकित्सा शिविर का भव्य आयोजन किया गया ।कार्यक्रम समन्वयक सात्विक बिसारिया ने बताया कि मुख्य रूप से आवारा पशु नयंत्रण, खेती, पशुधन आधारीत योजनाओ पर गहन जानकारी कृषक बंधुओं को उपलब्ध करना शिविर का मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम में ऐ.के.एस. विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर इं अनन्त कुमार सोनी ने बतौर मुख्यातिथि कार्यक्रम में शिरकत की।कृषि वैज्ञानिक व अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ एस एस तोमर ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया खेत में बीज की बोवनी करते वक्त सर्वप्रथम खाद की मात्रा व बीज की गुणवत्ता को ध्यान में रखना चाहिए। किसानों को रबी और खरीफ की फसलों के साथ ही जायद व नकदी फसलों पर भी ध्यान देना चाहिए। किसान खेतों में बोवनी करने से पूर्व मिट्टी का परीक्षण करना भी अनिवार्य है। किसानों को हर साल खेती में हो रहे घाटे की भरपाई के लिए खेतों में नकदी फसलों को उगाना चाहिए। जिससे उनके खेत सालभर खाली नहीं रहें।डॉ भूमानन्द सरस्वती ने बताया कम खर्च में अधिक फसल लेने और एक धान के साथ अन्य धान मिलाकर खेती करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा मित्र कीटों की उपस्थिति में फसलों पर लगने वाले अन्य हानिकारक कीटों को खत्म किया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक खेत में उत्तर से दक्षिण दिशा में पेड़ लगाना जरूरी है। शाश्वत यौगिक व जैविक खेती अपनाने से भारत में फिर से हरित क्रांति आएगी।श्री वारसी ने किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ने का आह्वान किया रासायनिक खेती की बजाय शाश्वत यौगिक व जैविक खेती अपनाने पर जोर दिया। किसानों को जैविक सामग्री बनाने की विधि भी बताई। डॉ केवट, डॉ अभिलाषा सिंह, डॉ गावेंद्र सिंह, और डॉ ज्योति बिसेन ने पशुपालकों को पशुओं में होने वाले मौसमी बीमारियों की जानकारी दी। इसके लक्षण, बचाव, दवा का प्रयोग को भी बताया। लोगों को पशुओं के रहने वाले गोहल को साफ रखने की बात कही गई। मवेशियों को मच्छर से बचाव करने की बात भी बताई गई। कार्यक्रम में छोटी गुरहाटी, अमदरी व बामौर के रावे के छात्र छात्राओं का विशेष योगदान रहा।