एकेएस युनिवर्सिटी में प्रारंभ हुआ तीन दिनी आर्ट एण्ड क्राफ्ट एक्जिविशन फाइन आर्ट की बेसकीमती पेंटिग का हुआ प्रदर्शन-कला वीथिका पहुॅचे दर्शक
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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना का विवेकानंद सभागार कल्पना की लुनाई से आच्छादित हो गया जहाॅ डिपार्टमेंट आफ फाइन आर्ट के तत्वावधान में 7 अगस्त को आर्ट एण्ड क्राफ्ट एक्जिविशन का भव्य शुभारंभ एकेएस वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी,प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन श्रीवास्तव, डाॅ.आर.एस.निगम, ओएसडी प्रो.आर.एन त्रिपाठी, इंजी.डीन प्रो.जी.के.प्रधान के मुख्य आतिथ्य में किया गया।सभी अतिथियों ने कार्य की तारीफ की और अलहदा कार्य होने का सर्टिफिकेट दिया जिससे प्रतिभागियों के चेहरे चमक उठे। आखों के सहारे भीतर तक पहुॅचकर कला का नया आयाम रचना इसकी थीम है। 08 और 09 अगस्त को एक्जिबिशन के अगले चरण में शहर के व अन्य अंचलों के कलाकार भी इसके प्रतिभागी हो सकते हैं और अपनी कला की नुमाइश यहाॅ की गैलरी में कर सकते हैं। आयोजित की जा रही प्रदर्शनी में तकरीबन विभिन्न स्कूलों के हजारों विद्यार्थियों ने पहुॅचकर वास पेंटिंग, कैनवास आयल पेटिंग,मिक्स मीडिया,वाटर कलर पेटिंग क्राफ्ट,लिप्पन आर्ट,मड शैली को देखा और एक्सपर्ट्स ने उन्हें थीम समझाई। लैण्डस्केप,पोर्टेट,बिंदुवार पेंटिंग के बारे मे जानकारी देते हुए एक्सपर्ट नीरु सिंह ने बताया कि इसमें अलग-अलग शैली के टेक्सचर्स और स्टाइल्स का प्रयोग करते हुए नई विधा विकसित करने का प्रयास किया गया है जिसमेें वास पेंटिंग में टेबल की सजावट, कैनवास आयल पेटिंग में दीवारों की रौनक बढाने, मिक्स मीडिया में कई तत्वों का इस्तेमाल,वाटर कलर पेटिंग क्राफ्ट को अलग रंग,रुप और कलेवर देने का उम्दा प्रयास प्रतिभागियों ने किया है। अलगनी पर बैठी,आगन में फुदकती चहचहाती चिडिया,घोसले में बैठे चोंच फैलाते बच्चों के मुॅह में दाना डालती चिडिया,कोमल सी धूप में सूर्य की किरणे, आनंद योग मुद्रा में भगवान शिव की अंतरध्यान मुद्रा, लंबोदर की विशेष मुद्रा, प्रक्ति का अनोखा रंग लिए सम्स्त ब्रहमांड का चित्रण सब कुछ नयनाभिराम,अद्भुत,अविश्वसनीय,अकल्पनीय,अविस्मरणीय, एक्जिबिशन की तैयारी हेतु वर्कशाॅप आयोजित की गई। जिसमें पार्टिसिपेंटस ने कार्य सीखा और अपना हुनर दिखाया।एक्जिबिशन में एकेएस वि.वि.के साथ शहर के अन्य विद्यार्थी भी सहभागिता दर्ज करा रहे हैं। इसे वि.वि. प्रबंधन ने बताया कि पूरी वर्कशॅाप पूर्णतः निःशल्क रही और इसका उद्येश्य सामाजिक सरोकर रहा जिसमें स्किल डेव्हलपमेंट का पहलू प्रमुख रहा।