जिंदगी टेप रिकार्डर नहीं, रेडियो की तरह है जो बजेगा वैसा ही सुनना पड़ेगा - अनंत सोनी, प्रो चांसलर, एकेएस वि.वि. सतना झिलमिलाती शाम में माइनिंग जूनियर्स ने दिया सीनियर्स को वार्म फेयरवेल
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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के बी ब्लाक के विशाल प्रांगण के समक्ष माइनिंग इंजीनियरिंग संकाय के बी.टेक डिग्री और डिप्लोमा के जूनियर्स ने सीनियर्स के लिये रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी धजी धूमधामपूर्ण अद्भुत फेयरवेल पार्टी का आयोजन किया। इंद्रधनुषी रंगों में संवारे गये प्रांगण में हजारों छात्रों ने बूम बूम करके सीनियर्स को उनकी दी हुई पूर्व के वर्षों की फेयरवेल पार्टी की याद ताजा करा दी। मंच पर एंकर ने जैसे ही पूछा कैसे हो दोस्तों तो भीड़ के हुजूम से आवाज आई वी आर फाइन, टू फाइन एण्ड चियरिंग द फेयरवेल पार्टी 2019 वेरी वेल, सबसे पहले विश्वविद्यालय के माइनिंग संकाय के विभागाध्यक्ष ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अंतिम वर्ष होने के पश्चात भी आप कहीं भी रहें, किसी मदद की दरकार हो, विश्वविद्यालय आना हो तो आप बेझिझक वि.वि. परिवार से सम्बन्धित हैं, आपका स्वागत है क्योंकि अब आप कहीं भी रहेंगे एकऐस वि.वि. की गरिमामयी प्रेस्टीज आपके साथ रहेगी। मि. प्रसाद जिन्होंने सारे कार्यक्रम का खाका तैयार किया और विद्यार्थियों के सहयोग से मंच पर उतारा उन्होंने सभी विद्यार्थियों की तहेदिल से उनके कार्य के लिये प्रशंसा की। इंजी. आर.के. श्रीवास्तव ने सर्वप्रथम वाणी की देवी सरस्वती को नमन किया और विद्यार्थियां को स्नेह देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की पुरजोर कामना की। मि. दास सर ने विद्यार्थियों को छात्र जीवन के महत्व से परिचित कराया और उन्हें भविष्य के लिये मार्गदर्शन दिया। वि.वि. के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी ने जीवन का फलसफा बताते हुए विद्यार्थियों को कहा कि जिंदगी धूप छांव का नाम है जैसे टेप रिकार्डर में हम रिवर्स और फावर्ड करके कोई गीत सुन सकते हैं वैसा जिंदगी में नहीं होता, यह एक पहेली है, जिंदगी रेडियो की तरह है जिसमें जो प्रस्तुति और गीत बजते हैं वही हमें सुनना पड़ता है। वि.वि. के कुलपति प्रो. पारितोष के बनिक ने विद्यार्थियों को भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभाशीष दिये। वि.वि. में आयोजित बहुरंगी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के गुलदस्ते से नगमे, नृत्य, हास्य कणिकाएं भी आकर्षण का विशेष केन्द्र रहीं। कुमार विश्वास की कविता कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, मगर दिल की बेचैनी को कोई घायल समझता है के कारवां के साथ एक एक प्रस्तुति से मंच तालियों की गड़गड़ाहट से खुशियों भरा बना रहा। डीजे की धुन पर बजे गीतों पर युवा तरुणाई खूब थिरकी। माइनिंग विभाग का यह फेयरवेल सीनियर्स के लिये यादगार रहा जूनियर्स ने उनकी खूब तारीफ की, उनके मार्गदर्शन को अपना सौभाग्य माना। सीनियर्स ने भी जूनियर्स को स्नेहिल कमेंट्स दिये और वि.वि. में खूब मन लगाकर अध्ययन करने की नसीहत दी। जूनियर्स ने सीनियर्स की समझाइस को सर आंखों लिया और घड़ी की सुइयों के साथ जैसे जैसे रात बारह बजे की तरफ बढ़ने लगी तो टीचर्स ने स्टूडेंट्स को फेयरवेल पार्टी का अंत तय करने की सलाह दी जिसे मानते हुए एक दूसरे के गले मिलकर बधाई देेते हुए फेयरवेल पार्टी का समापन किया गया। कार्यक्रम के अंत में मि. फेयरवेल का चयन किया गया, ग्रुप फोटो क्लिक किये गये, सेल्फीज ली गईं और फिर मिलेंगे चलते चलते गीत के साथ सभी खूब झूमे, खूब गाये और झूमो नाचो गाओ की फिराक के साथ सभी घर के लिये रवाना हो गये।