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एकेएस वि.वि. के सीबीसीएस विद्यार्थियों की प्रस्तुति वसुधैव कुटुम्बकम

Posted by on in Daily University News in Hindi
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सतना। मध्यम रोशनी से झिलमिलाता एकेएस वि.वि. सतना का सभागार और उसके बीच उतरती मानवीय आकृतियाॅ बहुत कुछ भाव समेटे हुए थी जो कह रही थीं सभी जन एक है - मौका था एकेएस वि.वि. के विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों के द्वारा अभिनीत नाटक वसुधैव कुटुम्बकम के सजीव प्रस्तुतिकरण और अभिनय कला के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति को नया आयाम दिया नाटक के प्रमुख कलाकारों करण, अनिल, शीलधर, फलक, केशान्गी, आनंद, अभिजीत, आदिल, शैलजा, अभिषेक, प्रकाश आदि ने। कास्ट्यूम, मंच और प्रसतुतिकरण सभी सराहनीय रहा। जहाॅ डालडाल पर करती हैं सोने की चिडिया बसेरा गीत की पॅक्तियाॅ मंच पर उभरीं वैसे ही कलाकारों का हुजूम रंगमंच के विविध आयामों का भावप्रणय अभिनय और समाज की विसंगतियों पर चोट करते हुए अपनी बात कहता रहा,उत्तम जाति,रंग,रुप का आडंबर जहाॅ पंडित के चरित्र से उभरा वहीं पंडिताइन ने अपने तर्को से उन्हे खंडित किया और अंत में सुखंात के रुप में रघुपति राघव राजाराम की धुन ने सबको विषय का विस्तार समझाया।धर्म और अधर्म के तर्क, भारतीय समाज में जाति की विषबेल, उच्चता का भ्रामक स्वरुप के बीच बताया गया कि ईश्वर ने मानव को बनाया और मानव ने धर्म और अन्य कटूक्तियाॅ जोड दीं जबकि रंग,रुप,वेशभूषा चाहे जो हो सभी जन एक हैं की सीख के साथ नाटक अंत पर पहुॅचा जहाॅ सभी जातियों के घरों से सामग्री प्रसाद का सामान इकठठा करके प्रसाद बनाया गया और सभी वर्गो ने मिल-बैठकर उसे ग्रहण किया।वसुधैव कुटुम्बकम का अर्थ है द वल्र्ड इज वन फैमिली, इसी कडी पर बात आगे बढाते हुए सभी कलाकारों ने अपने उम्दा अभिनय से दर्शक दीर्घा को तालियाॅ बजाने के लिए मजबूर कर दिया।घर, परिवार, समाज,देश के माध्यम से बात करते हुए कलाकारों ने रिश्तों की बानगी भी पेश की। च्वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम जो कि वि.वि. में लागू है इसके अंतर्गत यूनिवर्सिटी लेबल ओपन इलेक्टिव विषयों के रुप में संगीत,नृत्य कला एवं नाटक जैसी विधाओं की शिक्षा दी जाती है। यह नाटक एकेएस वि.वि. के जीवन विज्ञान के डीन डाॅ. जी. पी. रिछारिया द्वारा लिखित है उसका सधा निर्देशन रंगकर्मी सविता दाहिया ने किया है। नाटक का पोस्टर डिजायन आनंद पयासी, बीसीए आनर्स ने किया। कलाकारांे और उन पर जानकारी डाॅ.दीपक मिश्रा, असिस्टेंट डायरेक्टर कल्चरल ने प्रदान की है। संगीत प्रमोद शर्मा, शैलेन्द्र, सुधांसु ने दिया।

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Guest Saturday, 16 November 2024