एकेएस युनिवर्सिटी इंटरनेशनल कान्फ्रेंस का दूसरा दिन
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सतना। इजराइल, नेपाल, ताइवान, अमेरिका, अफ्रीका,लीबिया एवं भारत के प्रमुख वैज्ञानिक और भारत के 28 राज्यों के 900 से ज्यादा प्रतिभागियों और देश के साथ विन्घ्य के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में एकेएस विश्वविद्यालय सतना में इंटरनेशनल कान्फ्रेंस के दूसरे दिन कई कीनोट लेक्चर्स और कार्यक्रम हुए। इंटरनेशनल कान्फ्रेंस आॅन एडवांसेस एण्ड इनोवेसन्स इन बायाटेक्नोलाॅजी फार सस्टेनेबल डेव्हलपमेंट दूसरे दिन कई कार्यक्रमों की वजह से अहम रहा। अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में अपने रिसर्च प्रस्तुत कर रहे है। अतिथियों ने भारत के पर्यावरण संरक्षण के स्तर को जैव प्रौद्योगिकी के साथ मिलकर कैसे उसे सशक्त बनाएं एवं समाज में पर्यावरण में आने वाले नकारात्मक बदलाव को कम करने के लिये अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये। प्रो. पी.एस. बिसेन और प्रो. प्रत्यूश शुक्ला के साथ की-नोट लेक्चर में प्रो. पी.एस. बिसेन ने माइक्रोबियल फूड़स टू काम्बैट कैंसर, मेटाबोलिक इंजीनियरिंग एण्ड कम्प्यूटेशनल एप्रोचेस फार माइक्रोबिएल एंजाइम्स, प्रो. नवीन कांगो, इंडस्ट्रियल एण्ड थेरेप्यूटी माइक्रोबिएल एंजाइम्स प्रोडक्शन एण्ड कैरेक्टराइजेशन, प्रो. सुमन कपूर ने टर्निंग रिसर्च इनटू टूल्स, एडवांसेस इन एप्लीकेशन आॅफ एन्जाइम्स इन फूड इण्डस्ट्री, डाॅ. अनीता तिवारी ने आईसोलेशन इन स्क्रीनिंग आॅफ इण्डोफाइटिक फंजाइ, डाॅ. अभिषेक दत्त त्रिपाठी ने आप्टीमाइजेशन आॅफ प्रोसेस वैरिएबल फार बायो प्लास्टिक्स, तूहिना वर्मा थर्मोस्टेबल, के बाद रैपिड ओरल प्रजेंटेशन्स हुए। चैताली शाहा ने प्यूटेटिव बैक्टीरियल एन्जाइम्स, हितेन्द्र जाधव स्टडीज आॅन हाइड्रोलिटिक एन्जाइम प्रोडक्शन एण्ड आॅप्टीमाइजेशन, दीप्ती सिंह माइक्रोबिएल लकास, रिचा तिवारी स्टडी आॅफ प्रोटियोलिटिक एक्टीविटीज, सुमन उपाध्याय माइक्रोबायोलाॅजिकल एसेसमेंट आॅफ स्ट्रीट फूड, डाॅ. तनूजा बायो रेमेडियेशन आॅफ प्लाटीसाइजर, रामजी सिंह बायोटेक्नोलाॅजिकल प्रोडक्शन आॅफ लेक्टिक एसिड पर प्लेनरी सेशन-3 में व्याख्यान दिए।प्लेनरी सेशन-4 में एनर्जी एनवायर्नमेंट, क्लाइमेट चेंज एण्ड अल्टरनेटिव्स आॅफ सस्टेनेबिलिटी में डाॅ. पनागा पवन जुत्तूर और डाॅ. अनिल प्रकाश के मार्गदर्शन में कई व्याख्यान हुए। डाॅ. मौलिन प्रमोद शाह ने बायोलाॅजिकल वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, प्रो. एसपी वाजपेयी ने क्लाइमेट चेंज एण्ड इट्स चैलेंजेज, डाॅ. सी.पी. उपाध्याय ग्रीन सेंथेसिस नैनो पार्टिकल्स, पी. जाॅन अनुराग ने फार्म टू फार्क अ सक्सेस स्टोरी आॅफ आर्गेनिक फार्मिंग, डाॅ. जी. नरसिम्हा माइक्रोबिएल एण्ड ग्रीन सेंथेसिस आॅफ सिल्वर नैनो पार्टिकल्स, डाॅ. सुवांशु दत्ता, प्रो. आर.बी. शुक्ला, डाॅ. तंजिमा यास्मीन, डाॅ. डी.आर. भारद्वाज,लवली महावर,सुभाष कुमार मिश्रा,श्रुति सतपुते,श्वेता साहू,संदीप वर्मा, रजत तंवर, रश्मि त्रिपाठी, सईदुल जफर, मुकुल करेया, डाॅ. संदीप मराठे, सुरेश कुमार, धीरेन्द्र कुमार, कनिष्क आचार्य, मेघा देशमुख के साथ एकेएस विश्वविद्यालय से शिवांगी अग्निहोत्री, अचिंत्य आचार्य, चारू व्यास, गुलगुल सिंह, अजय कुमार सिंह, विवेक यादव, सचिन जाधव, सोनल गुप्ता, सात्विक विसारिया और अन्य लोगों ने भी अपना विचार विषय पर व्यक्त किया। प्लेनरी सेशन-5 में बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन एण्ड युटिलाइजेशन फार सस्टेनेबिलिटी पर प्रो. बी.एल. पाण्डेय और डाॅ. शिवेश प्रतााप सिंह की उपस्थिति में व्याख्यान हुए जिसमें सभी ने अपने विचार रखे। कांफ्रेंस वर्कशाप सेशन के दौरान प्रो. मोनकेन मोसेलियान, हिब्रू युनिवर्सिटी इजराइल ने द एडवाटेजेज आफ फंग्शनल फीनोटाइपिन इन फील्ड स्क्रीनिंग फार ड्राट ट्रालरेंट क्राप्स और केरेन मोसेलियान ने इंटेलीजेंट प्लांट इनवायर्नमेंट स्क्रीनिंग एण्ड डायग्नोस्टिक्स पर कांफ्रेंस वर्कशाप 2 में डाॅ. खुशाली एम. पाण्डेय ने बायोइंफर्मेटिक्स फार सीक्वेंस एण्ड स्ट्रक्चरल डाटा एनालिसिस, डाॅ. मायमूना अख्तर ने सर्च फार नावेल प्रोटेंशियल एन्टी ट्यूबरकूलर एजेंट्स पर व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के शिल्पकारों में शामिल रहे यह नाम
कार्यक्रम में मि.एस.के.सोनी, आर.के. सालगोत्रा,विकास महाजन,अरविंद गुप्ता,समित कुमार,प्रितेश कुमार,अरविंद हैरिसन मसीह, प्रणव कुमार, सत्यम कुमार, सफाकत अहमद, ब्रजेन्द्र सोनी, शरद त्रिपाठी, श्रेयांस परसाई,अर्पित श्रीवास्तव, सौरभ सिंह, विवेक, भरत, प्रकाश त्रिपाठी, अनुराग त्रिपाठी, शीलेन्द्र उपाध्याय, डाॅ. अश्विनी वाऊ, डाॅ. दीपक मिश्रा, रेनी निगम, कीर्ति समदरिया, संध्या पाण्डेय, महेन्द्र सिंह, धीरेन्द्र मिश्रा, सौरभ सिंह, शिल्पी सिंह का विशेष योगदान रहा।