एकेएस विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित हुआ युवा संवाद
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एकेएस विश्वविद्यालय सतना में स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया सिवनी कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच, पत्रिका के स्थानीय संपादक राजीव जैन, सिटी मजिस्टेªट संस्कृति शर्मा, वि.वि. के कुलपति प्रोफे. परितोष के. वनिक के साथ वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी उपस्थित रहे। इस मौके पर मुख्य अतिथि आई.ए.एस. और सतना के पूर्व नगर निगम कमिश्नर प्रवीण सिंह ने कहा कि मैं स्वयं जब भी निराशा का अनुभव करता हूँ या ऊर्जा की कमी महशूस करता हँ तो विवेकानंद की तस्वीर से प्रेरणा लेता हूँ युवाओं से मैं कहना चाहता हूँ कि विवेकानंद के आदर्शों पर चलें और खुद के साथ-साथ समाज के विकास के भी कारक बनें। विवेकानंद युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं 39 वर्ष की अल्पायु में ही उन्होंने पूरे विश्व को अपने विचारों से प्रभावित किया। शिकागो में दिए गए उनके ऐतिहासिक भाषण से समूचा विश्व अभिभूत हो गया। स्वप्रेरणा के लिए उन्होंने कहा कि जब मैं कलेक्टर बनने की तैयारी कर रहा था तब मैनें कलेक्टर बंगले के पीछे ही कमरा ले लिया था जिससे मुझे प्रेरणा मिलती रहती थी। विद्यार्थी काल के दौरान मैनें विवेकानंद जी की तस्वीर, किताबों और उनके कहे गए वाक्यों से पूरे कमरे को भर दिया था वे ही मेरे प्रेरणास्रोत हैं। विशिष्ट अतिथि संस्कृति शर्मा ने कहा कि आब्जर्वेशन और लर्निंग दो ऐसे पहलू हैं जिससे आप जीवन में त्वरित रूप से बढ़ते हैं। सीखना हमेशा जारी रखें और विवेकानंद के आदर्शों को जीवन में उतारें और आस-पास की चीजों पर नजर डालते रहें उनको गौर से देखें समझें और कुछ नया करें। वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने बताया कि दक्षिण भारत की यात्रा के दौरान विवेकानंद राॅक के पास समय गुजारने से असीम ऊर्जा की प्राप्ति हुई डाॅ0 एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन दर्शन को भी उन्होंने रेखांकित किया। पत्रिका के संपादक राजीव जैन ने कहा कि भारत युवाओं का देश है यह अभी सबसे अच्छी बात है भविष्य में जब बुजुर्ग सर्वाधिक भारत में होंगे तब आश्रितोें की संख्या सबसे ज्यादा होगी। पत्रिका के यूनिट हेड नरेन्द्र खंगारौत ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया और युवा संवाद के दौरान सिवनी कलेक्टर से युवाओं के सवाल जवाब भी करवाए। वि.वि. के कुलपति ने कहा कि विवेकानंद के मूल्यों पर आधारित भारत का भविष्य लुभावना व चमकीला होगा। कार्यक्रम का संचालन वि.वि. के ओएसडी प्रो. आर.एन.त्रिपाठी ने किया, स्वागत उद्बोदधन इंजी. आर.के. श्रीवास्तव ने दिया, प्रो. जी.सी. मिश्रा ने आभार प्रदर्शन किया। इस मौके पर विवि के सभी संकाय के डीन, डायरेक्टर्स, विभागाध्यक्ष एवं फैकल्टी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।