एकेएस वि.वि. में मना इंजीनियर्स डे 2018 विद मोरल वैल्यूज इंजीनियर्स डे की 50वीं वर्षगांठ-157वाँ जन्मदिन है सरमोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का
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सतना। एकेएस वि.वि. सतना के डिपार्टमेंट आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी विभाग और अद्वैत लाइफ एज्युकेशन द्वारा सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का 157वाँ जन्मदिन और इंजीनियर्स डे की 50वीं वर्षगांठ वि.वि. में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ वि.वि. के चेयरमैन अनंत कमार सोनी और अन्य अतिथियों द्वारा रिबन काटकर किया गया। माॅ सरस्वती और सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वररैया की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन और माल्यार्पण के साथ हुआ।
हाॅलिस्टिक इंडिविजुअल डेव्हलपमेंट प्रोग्राम पर जानकारी
हिबा खान ने हाॅलिस्टिक इंडिविजुअल डेव्हलपमेंट प्रोग्राम पर जानकारी देते हुए बताया कि एकेडेमिक्स के साथ अद्वैत लाइफ एज्युकेशन फाउंडेशन द्वारा विद्यार्थियों के लिये किये जा रहे क्रियेटिंग अ न्यू ह्यूमेनिटी थ्रू इंटेलीजेंट स्प्रिच्युएलिटी से विद्यार्थियों का विकास हो रहा है जिसमें विद्यार्थियों की खुद की सहभागिता है। आचार्य प्रसांत विद स्टूडेन्टस पुस्तक सभी उपस्थित जनों को प्रदान की गई।
नाद, दीक्षा और सृजन के तहत हुए विविध आयोजन
इसका सबसे उल्लेखनीय पहलू रहा कार्यक्रमों का उम्दा और सुदृढ प्रस्तुतिकरण, इंजीनियर्स डे के मौके पर नाद के तहत 31 कविताएं प्रस्तुत की गईं जिसमें याद रहता है, छोटी बच्ची, गंगा, किसी अपने को खोने का गम, माँ, इस अंधकार में, धीरे-धीरे, दीक्षा, ख्वाहिश, दोस्ती, मैं तो पत्थर हूँ, मेरे माता-पिता शिल्पकार हैं मेरी हर तरीफ के वे असली हकदार हैं। मेरी माँ, कड़वा सच, यादें, बचपन में कला के बहुआयामी और विविध रंग प्रस्तुत हुए जो हृदय की गहराइयों से निकले और जजेस के लिये आकर्षण का केन्द्र रहे। आर्ट एग्जिवीशन सृजन के तहत 50 से ज्यादा आकृतियां आकर्षण का केन्द्र रहीं जिन्हें इनोवेशन से आकार दिया गया। चोट खाये, माफ करें, अहंकार, नींद, आलस्य के साथ आचार्य प्रशांत के अद्वैत लाइफ की टीचिंग्स जिसमें गीतांजलि की पंक्तियां भी शामिल हुईं के साथ विचार जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है, जो रिश्ते हों उनमें जीवन होना जरूरी है के विचार ने सभी का ध्यान आकृष्ट किया।
इनके सिर सजा विजेता का ताज
एकेएस विश्वविद्यालय के इंजीनियर्स डे 2018 के अंतिम सत्र में वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने विभिन्न विधाओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। दीक्षा - साहित्य महोत्सव के लिये कवितापाठ में अरविंद शाह, अभिलाष द्विवेदी, हर्ष शर्मा, विजय पटेल और शोभन दत्ता। सृजन - कला महोत्सव के लिये यशस्वी, अभिषेक, राहुल, नीलम, वैष्नवी व शिवानी और नाद - सांस्कृतिक महोत्सव के विजेता उत्कर्ष रहे। इस मौके पर वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी ने अंतिम सत्र में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिना काम में लगे कोई दीर्घजीवी नहीं होता क्योंकि अकर्मण्यता आपकी जड़ें काट देती है। कार्यक्रम में वोट आॅफ थैंक्स लोकेश सिंह ने देते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गुलजार हुआ इंजीनियर्स डे
इंजीनियर्स डे 2018 का शुभारंभ जय हिंद के उद्घोष के साथ हुआ।तत्पश्चात् सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में मोरा मन दर्पण कहलाये ने आॅडियंस को आनंदित कर दिया। विविध व्याख्यानों में अनिल मित्तल ने एकेएस वि.वि. की इंजीनियरिंग सबसे उम्दा और अलहदा क्यों पर अपने विचार रखते हुए वि.वि. के चेयरमैन की एकेडमिक्स के फोरकास्ट विजन की तारीफ की। प्रो. जी.सी. मिश्रा ने इंजीनियर्स डे के गोल्डन जुबली समारोह और इंजीनियर विश्वेश्वरैया के उल्ेखनीय कार्यो का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। इंजी. आर.के. श्रीवास्तव ने इंजीनियर विश्वेश्वरैया के जीवन के अभूतपूर्व और अनछुए पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने कहा कि टेक्नोलाॅजी और नैतिक मूल्यों का अद्भुत सम्मिश्रण है इंजीनियर्स डे 2018 का एकेएस वि.वि. में आयोजन उन्होंने सभी इंजीनियर्स को ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य करने की सलाह दी। ये कहानी है दिये और तूफान की गीत ने कार्यक्रम को आगे के पायदान पर पहुंचाया। प्रो. दासगुप्ता ने कहा कि इंजीनियर्स क्रिएटर्स हैं उन्हें नये का सृजन करना चाहिये। के.एन. भट्टाचार्जी ने भी इंजीनियर्स डे पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कविता ‘ड्रिंकिंग अलोन इन अ मून लाइट’ को खूब तालियां मिलीं। कार्यक्रमों की अंतिम कड़ी में ‘कटघरा’ प्ले ने सभी का ध्यान आकर्षित किया जो वर्तमान परिवेश पर गहरी चोट करते हुए नयेपन का संचार करने का आह्वान करता है। इस मौके पर एकेएस वि.वि. के डायरेक्टर अवनीश सोनी और इंजीनियरिंग के सभी फैकल्टीज और छात्र छात्राएं खास तौर पर उपस्थित रहे।