एकेएस वि.वि. में गरिमा के साथ मनाया गया शिक्षक दिवस
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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सेंट्रल हाॅल में ‘गुरू गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाय, बलिहारी गुरू आपने गोविंद दियो बताय’ दोहे के साथ टीचर्स डे का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर एकेएस वि.वि. के सभी टीचर्स को श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। शिक्षक दिवस के मौके पर सभी वरिष्ठजनों ने अपने अपने गुरुओं के विषय में बताया। टीचर्स डे के विषय में बताते हुए सभी ने कहा कि शिक्षक की भूमिका बच्चों के उज्जवलन भविष्य को तराशने और संवारने का कार्य करती है। शिक्षक के द्वारा दिये गये ज्ञान से बच्चे अपनी जिंदगी में कामयाब होते हैं, शिक्षकों का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं बल्कि समाज मे स्थापित बुराईयों को दूर कर उनका व्यक्तित्व निर्माण करना भी है। इस मौके पर सर्वप्रथम डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक सीखता है और बच्चों को सिखाता है। डाॅ. राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने पर शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले गये, उनके विचार में शिक्षक बनने का अधिकारी वही है जो लोगों से अधिक बुद्धिमान हो, विनम्र और एक जिम्मेदार नागरिक बनाने वाला हो। अनुभव और ज्ञान के समन्दर से गुरू ज्ञानामृत की वर्षा करते हैं। अपने शिष्यों के कारण गुरुओं का मान बढ़ता है। बच्चे डाॅक्टर, इंजीनियर, वकील, जज, पायलट, प्रशासनिक अधिकारी या व्यवसायी कुछ भी बनें उनमें व्यवहारिक, सामाजिक और आध्यात्मिक ज्ञान का होना अति आवश्यक है, जिससे वे समाज को सही दिशा प्रदान करने में समर्थ हों। वहीं दूसरी ओर आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में व किसी गलत निर्णय को लेकर परिवार समाज और देश को विनाश की ओर न ले जायें। गुरू हमें जीवन के बहुत से चक्रव्यूह से निकलने का सही रास्ता बताते हैं, क्योंकि बच्चों में गुरू का स्थान माता पिता से बढ़कर होता है। जो बच्चा शिक्षा संस्कार गुरू से प्राप्त करता है वह बच्चा उस शिक्षा के ज्ञान से अपने जीवन में आने वाली समस्याओं और कठिनाइयों का आसानी से सामना करता है। कार्यक्रम में बताया गया कि गुरुओं का हमेशा आदर और सम्मान करें और उनके द्वारा सिखाए गए अच्छे संस्कार और ज्ञान का स्मरण कर जीवन में आगे बढ़ें। गुरू की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया कि गुरू कुम्हार शिष्य कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट, अंतर हाथ सहार दै, बाहर मारै चोट। कई बार गुरू की बात कठोर और कड़वी लग सकती है पर अपने विद्यार्थी के उज्जवल भविष्य के लिए गुरू हमेशा तत्पर रहते हैं। कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, कुलपति पारितोष के. बनिक, प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी, ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, वि.वि. के सभी पदाधिकारी, डीन, डायरेक्टर्स और फैकल्टीज उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मंजू चटर्जी ने किया।