अखन्ड भारत की परिकल्पना पर एकेएस वि.वि. में कार्यक्रम चंदन है इस देश की माटी,तपोभूमि हर ग्राम है-अतिथि
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सतना। अखन्ड भारत भारत के प्राचीन समय के अविभाजित स्वरुप को कहा जाता है प्राचीन काल में भारत बहुत विस्तृत था जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान,बाॅग्लादेश,श्रीलंका,वर्मा,थायलैण्ड आदि शामिल थे। कुछ देश जहाॅ बहुत पहले के समय मे अलग हो चुके थे वहीं पकिस्तान,बाॅग्लादेश आदि बाद के काल मे अलग हो गए। अतिथि परिचय के पश्चात कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विभाग प्रचारक कन्हैयालाल ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत अति समृद्व थी,प्राचीन काल में यह सोने की चिडिया था ,विविधता में एकता इसकी विरासत है,चंदन है इस देश की माटी,तपोभूमि हर ग्राम है, हर बाला देवी की प्रतिमा,बच्चा-बच्चा राम है का उच्चार करते हुए उन्होने भारत की महानता के बारे में विस्तार से चर्चा की।कार्यक्रम में एकेएस वि.वि. के डज्ञयरेक्टर अमित सोनी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमे अपने देश पर गर्व होना चाहिए और राष्ट्रहित हमेशा सर्वोपरि होना चाहिए हमेशा ईमानदार रहें और सजग होकर राष्ट्रभक्ति रखें। संचालन बायोटेक फैकल्टी दीपक मिश्रा ने किया जबकि कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन फार्मेसी प्राचार्य सूर्य प्रकाश गुप्ता ने किया।