एकेएस वि.वि. के छात्रों ने रावे के तहत किया कार्यक्रम डॅागीं टोला में किया गाजर घास उन्मूलन का कार्य
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सतनाद्य ऐ के एस विश्वविद्यालय के रावे छात्रो द्वारा रावे समन्वयक श्री सात्विक बिसरिया के मार्गदर्शन में ग्राम डांगी टोला भर्री में गाजर घास उन्मूलन जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। कार्यक्रम में किसानों को गाजर घास के दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई। सभी ने मिल कर केन्द्र परिसर में उगी गाजर घास को उखाड़ कर फेंका। सात्विक बिसरिया ने बताया कि गाजर घास बहुत ही खतरनाक खरपतवार है। इससे फसलों को तो नुकसान पहुंचता ही है साथ.साथ मनुष्यों एवं पशुओं को भी एलर्जीए दमा रोगए खुजली आदि बीमारियों का शिकार कर देती है । एक पौधे से हजारों की संख्या में पौधे तैयार होते हैं। यह वर्षा ऋतु में अधिकता से होती है। यह वर्ष भर उगने वाला खरपतवार है। इसको सभी ग्रामीणों एवं शहरी इलाकोंए पंचायतए मंदिर सार्वजनिक स्थल पर दिखाई देने पर हाथ में दस्ताने या पॉलीथिन एवं मुंह पर मास्क लगाकर उखाड़ना चाहिए। छोटी एवं फूल आने से पहले इसे 15 प्रतिशत नमक के घोल का छिड़काव द्वारा भी नष्ट किया जा सकता है। रासायनिक रूप से ग्लाइकोसेट 41 प्रतिशत एसएल नामक दवा का छिड़काव करके इसे नष्ट किया जा सकता है। इस खरपतवार रसायन को केवल खाली स्थानों पर खड़े खरपतवारों को मारने के लिये उपयोग करना चाहिए।