जलवायु परिवर्तन का पर्यावरण पर प्रभाव पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न
- Font size: Larger Smaller
- Hits: 1470
- 0 Comments
- Subscribe to this entry
- Bookmark
एकेएस विश्वविद्यालय सतना के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ पारंपरिक तरीके से मां सरस्वती के पूजन एवं दीप प्रज्वलन कर हुआ कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ महेंद्र कुमार तिवारी ने सेमिनार के उद्देश्यों उसके थीम एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत कीण्
यह राष्ट्रीय सेमिनार मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस ठम्त् चैप्टरए माइक्रोबायोलॉजी सोसाइटी इंडिया और डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के सहयोग से लवरपज हुआ।
प्रोफेसर जी पी रिछारिया जी ने ने स्वागत भाषण प्रस्तुत कर सभी मुख अतिथियों का सम्मान किया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर त् ड मिश्रा पूर्व कुलपति ।च् न्दपअमतेपजल तमूं ने औद्योगिक क्रांति को जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण बताया और कहा कि यदि हम वैज्ञानिक तरीकों से विकास नहीं करेंगे तो पृथ्वी पर जीवन संकट में हो जाएगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ आर जी सोनी मेंबर सेक्रेटरी ऑफ़ मध्य प्रदेश जैव विविधता बोर्ड भी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि किस जलवायु परिवर्तन को हम ज्यादा से ज्यादा मात्रा में वृक्ष एवं जंगल को बचा कर के कर सकते हैं क्योंकि यह जंगल कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर वातावरण में संतुलन बना कर के रखते हैं
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉक्टर सुनील सक्सेना पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी दिल्ली सरकार एवं वर्तमान में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिल्ली ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा ज्यादा से ज्यादा हासिल फ्यूज का उपयोग से निकलने वाली सीओटू ही हमारे पर्यावरण का टेंपरेचर बढ़ा रही है।
प्रोफेसर पीण्के बनिक ने बताया कि मनुष्य का लालच ही हमारे पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है एवं उसमें असंतुलन पैदा कर रहा है कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं श्री बीण्पीण् सोनी जी ने बताया कि जलवायु का परिवर्तन ही हमारे कृषि एवं वर्षा और समुद्र लेवल को असंतुलित कर रहा है
उद्घाटन सत्र के बाद प्रथम तकनीकी सत्र में सक्सेना जी ने विस्तृत रूप से जलवायु परिवर्तन के कारणों तथा मानव स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव को बताया।
द्वितीय सत्र प्रारंभ हुआ जिसमे की प्रोफेसर अनिल प्रकाशए प्रोफेसर अरविंद देशमुख एवं प्रोफेसर आर पी जोशी तथा डॉटर सिकरवार ने अपने पेपर प्रस्तुत किए।
सेमिनार का विशेष तीसरा सत्र छात्रों के लिए रखा गया जिसमें कि देशभर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे लखनऊ जबलपुर रीवा इलाहाबादए इंदंतंए मुंबई आदि विश्वविद्यालय से से आए हुए शोध छात्रों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया इस सेमिनार में 40 शोध पत्रों का वाचन किया गया जिसमें कि एक अच्छा डिस्कशन निकल कर सामने आया शोध पत्रों में प्रथम स्थान टीण्एफण्आरण्आई की ेीवकी छात्रा एवं द्वितीय स्थान एकेएस विश्वविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं को दिया गया।
सेमिनार के दूसरे दिन चौथा सत्र में डॉक्टर सुदीप तिवारी एनबीआरआई डॉक्टर शिवेश प्रताप सिंह डॉक्टर हौसला प्रसाद ने अपने अपने शोध पत्रों का वाचन किया।
सेमिनार के दूसरे दिन पांचवां सत्र पोस्टर प्रस्तुत के लिए रखा गया जिसमें छात्र एवं छात्राओं ने अपने शोध पत्रों को प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम के पांचवें सत्र में डॉक्टर बी पी सिंह प्थ् डायरेक्टर राज्य बांस मिशन भोपाल ने बांस का जलवायु परिवर्तन को कम करने के उपयोगों पर विशेष भाषण दिया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद गणेश सिंह जी ने कहा की नदियों का संरक्षण करके हम जलवायु परिवर्तन को तथा आने वाले जल संकट से हम बच सकते हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रुप में के रूप में भोज यूनिवर्सिटी के के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र दीमतम ने जय विविधता पर पर्यावरण पर हो रहे प्रभावों का विस्तार से समझाया।
दो दिवसीय कार्यक्रम में डत ।दंदज वदपए ।अंदपेी वदपए डॉक्टर हर्षवर्धन प्रो वॉइस चांसलर डॉ आर एस त्रिपाठी पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर आर एन त्रिपाठी डीन प्रोफेसर जी पी रिछारिया डॉक्टर कमलेश चौरे डॉ सूर्य प्रकाश गुप्ता डॉक्टर नीरज वर्मा सुमन पटेल ए छपसंकतप शेखर राय डॉ सुमित कुमार डॉ अरविंद गुप्ता संध्या पांडे डॉ दीपक मिश्रा डॉ अश्वनी वाउए ठीनचमदकतं पदही एवं विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के छात्र एवं जैवप्रद्योगिकी विभाग के छात्र उपस्थित रहे।