एकेएस विवि में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर-जिला एवं सत्र न्यायाधीश,सतना डी.एन. शुक्ला रहे उपस्थित
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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सतना म.प्र. द्वारा विधिक साक्षरता शिविर सप्ताह का समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की थीम एक्सेस टू जस्टिस टू आल रही।
अतिथियों ने बताए विधिक साक्षरता के मायने-लिया कहानियों का सहारा
विधिक साक्षरता शिविर समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वि.वि. के कुलाधिपति बी.पी. सोनी नेे कहा कि कानून के लिहाज से दण्ड निर्धारित है तो लोगों में अपराध की मानसिकता में कमी आती है। कुछ देशों में कड़े कानून हैं जबकि भारत का कानून लचीला है। कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष डी.एन. शुक्ला ने सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि कानून कुछ नहीं है सिर्फ सामान्य अनुशासन जो हमे हमारी सोसायटी और समाज सिखाता है वही कानून है उन्होंने कहा कि हर स्त्री को माता के समान मानें, दूसरे के धन को मिट्टी मानें और सभी भाइयों बहनों को अपना मानें तो किसी कानून की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। सुधीर सिंह ठाकुर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रजिस्ट्रार, सचिव ने विस्तारित करते हुए बताया कि न्याय सभी के लिये है। उन्होंने एक कहानी संदर्भित करते हुए कहा कि एक व्यक्ति तालाब में मछलियों को आटे की गोलियां खिला रहा था किसी ने पूछा क्या तुम सबका पेट भर पाओगे तो उसने उत्तर दिया कम से कम कुछ मछलियों का पेट तो भर ही जायेगा। कहने का आशय यह था कि तुम बदलो जग बदलेगा। रावेन्द्र सिंह बघेल, जिला विधिक सहायता अधिकारी ने कार्यक्रम का उद्देश्य निरूपित किया।
इन्होने किया समाज के वर्तमान रुख का प्रतिनिधित्व
सामाजिक कार्यकर्ता विद्या पाण्डेय ने आम लोक व्यवहार की बात करते हुए अपनी बात छात्रों और छात्राओं से पारिवारिक दायरे मे की उन्होंने समाज के स्त्री और पुरुष के आम स्वभाव से बात प्रारंभ की और इसे कैसे तब्दील करना है पर उन्होंने सभी ने शपथ रूप में स्वीकार करवाया। मरियम सिद्दीकी, एडवोकेट ने कहा कि भारतीय सभ्यता सर्वश्रेष्ठ है उसका ही अनुसरण करें, वेस्टर्न कल्चर का अंधानुकरण न करें उन्होेने सारगर्भित उद्बोधन से समाज का खका दिखाया। वर्षा मिश्रा,एडवोकेट ने कहा कि कानून आपको सद्मार्ग नहीं दिखा सकता यह सजा दे सकता है, सही राह पर चलना आपकी नैतिकता पर निर्भर करता है। नैतिक बनिये, अच्छे बनिये, नम्र बनिये।उन्होने दुष्यंत कुमार की कविता की पंक्तियों हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए..... से अपनी बात रखी। वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ. हर्षवर्धन ने बताया कि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत एक स्वैच्छिक विषय के रूप में विधि की जानकारी देने का प्रावधान भी एकेएस वि.वि. द्वारा प्रस्तावित है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए दीं कई जानकारी
वि.वि. के ओएसडी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अपने चिरपरिचित अंदाज मे अतिथियों का परिचय दिया एवं वि.वि. की प्रगति के सोपानों को भी मंच के समक्ष सार रुप से प्रस्तुत किया उन्होंने अपनी नैसर्गिक वाणी के ओज से सभी का ध्यान आकृष्ट कराया और अपनी अनुभव जन्य बाते सभागार में शेयर कीं। विधिक साक्षरता शिविर समापन के मौके पर वि.वि. के डायरेक्टर अवनीश सोनी,अमित सोनी के साथ विभिन्न संकाय के डीन, डायरेक्टर्स, फैकल्टीज और छात्र छात्रायें बड़ी तादाद में उपस्थित रहे।