एकेएस विश्वविद्यालय के बायोटेक विभाग में मशरूम उत्पादन यूनिट की स्थापना किसानों एवं विद्यार्थियों को दी जा रही है मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग
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सतना। एकऐस वि.वि. सतना के बायोटेक विभाग में मशरूम उत्पादन यूनिट की स्थापना की गई है। इस यूनिट में विश्वविद्यालय में विगत 2 वर्षों से मशरूम उत्पादन चल रहा है। यहां पर दो मशरूम की प्रजातियाँ सफेद बटन मशरूम एवं सापी मशरूम वृहद स्तर पर उत्पादित किये जा रहे हैं, मशरूम यूनिट के प्रभारी डाॅ. दीपक मिश्रा सह प्राध्यापक जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने चर्चा के दौरान मशरूम खाने से होने वाले फायदे गिनाते हुए कहा कि मशरूम सम्पूर्ण रूप से वेजिटेरियन सब्जी है और इसमें प्रोटीन की प्रचुरता होती है। मधुमेह और हृदय के मरीजों के लिये यह बड़ी औषधि है। वसा की कम मात्रा होने से इसे खाना हमेशा लाभप्रद है। मशरूम में विटामिन्स एवं मिनरल्स की प्रचुरता होती है। मशरूम उत्पादन यूनिट का संचालन बायोटेक विभागाध्यक्ष डाॅ. कमलेश चैरे के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। और इसके प्रभारी डाॅ. दीपक मिश्रा हैं। रिसर्च एसोसियेट सौरभ सिंह गौर एवं विवेक अग्निहोत्री मशरूम उत्पादन के कार्य में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। मशरूम उत्पादन यूनिट में न सिर्फ इन प्रजातियों का उत्पादन हो रहा है वरन् किसानों एवं छात्रों को मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग भी प्रदान की जा रही है जिससे विंध्य क्षेत्र के अन्नदाता और विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राएं उत्पादन की प्रक्रिया समझकर एवं स्वयं उत्पादन कर बेहतर लाभ कमा सकते हैं। वह भी निम्न लागत पर संभव है। विश्वविद्यालय में उत्पादित होने वाला मशरूम बिक्री के लिये भी विश्वविद्यालय में उपलब्ध रहता है।