एकेएस विश्वविद्यालय में आयोजित नेशनल कान्फ्रेन्स में आयुर्वेद पर गहन विमर्श ’’आरोग्य सुख है विकार दुःख है’’ आयुर्वेद है पंचम वेद- मायाराम पुनियाल
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सतना। एकेएस वि.वि. के डिपार्टमेंट आॅफ फार्मास्युटिकल साइंस एण्ड टेक्नालाॅजी सतना के कार्यक्रम का शुभारंभ आयुर्वेद के अतीत एवं वर्तमान के संदर्भों पर रोचक तथ्य पूर्ण जानकारी के उद्देश्यों के साथ किया गया।एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में लाइव प्रसारण के साथ इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च न्यू दिल्ली, एम.पी. काउंसिल आफ साइंस एण्ड टेक्नालाॅजी भोपाल की स्पांसरिग एवं एकेएस विश्वविद्यालय सतना की को-स्पांसरिंग में धनवंतरी जयंती के उपलक्ष्य में दो दिवसीय भव्य राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का शुभारंभ अतिथियों द्वारा किया गया।कान्फ्रेंस ंोनदपअमतेपजलण्ंबण्पद पर लाइव प्रसारित की जा रही है।
आयुर्वेद के समसामयिक विषय पर कान्फ्रेन्स-
नेशनल कांफ्रेस के विषय आयुर्वेदिक साइंसेस फ्राम वेदिक पीरियड टू नैनो इरा, चैलेंजेज, अपाचर््यूनिटीज एण्ड स्किल्स पर उद्बोधन देते हुए वि.वि. के कुलाधिपति एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वी.पी. सोनी ने कहा कि आयुर्वेद के जनक धनवंतरी हैं समुद्र मंथन के समय जिन 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई उनमें धनवंतरी भी एक रत्न थे इससे उनके महत्व का अंदाजा लगााया जा सकता है। डाॅ0 दीपक कुलश्रेष्ठ ने धनवंतरी जयंती की सभी को शुभकामनाएं दीं। योगी हुकुमचंद ने आयुर्वेद पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत वर्ष में आयुर्वेद अगर उपेक्षित न होता तो यह अमोघ औषधियां अब भी उपलब्ध करा रहा होता। इंजी0 अनंत कुमार सोनी ने कहा कि छात्र-छात्रों को इस दो दिवसीय सेमिनार से असीमित ज्ञान मिलेगा। इसका उन्हें भरपूर सदुपयोग करना चाहिए। डाॅ0 सूर्य प्रकाश गुप्ता ने आयुर्वेद की महत्ता पर विविध जानकारियों के माध्यम से प्रकाश डाला।
टेक्निकल सेशन में अतिथियों के विषय सम्मत व्याख्यान
शुभारंभ सत्र के बाद टेक्निकल सेशन में डाॅ0 मायाराम उनियाल ने एक्स डायरेटर सी.सी.आर.ए.एस. मिनिस्ट्री आॅफ आयुष गर्वनमेंट आफ इंडिया एण्ड फारमर एडवाइजर जड़ी बूटी एवं सुगंध पादप यूके ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आयुर्वेद का वैदिक कालीन गौरवशाली इतिहास एवं वैज्ञानिक युग में आयुर्वेद में अनुसंधान उचित दिशा , डाॅ0 अखलेश शर्मा ने आयुर्वेदिक कंसल्ट नई दिल्ली ने आयुर्वेदा मल्टी डायमेंशनल स्कोप इन आ ग्लोबल परस्पेक्टिव, मिस्टर प्रेम जोशी ने अग्निहोत्रा- द वैदिक साइंस टू हील एलमेंट्स एण्ड इनवायरमेंट, डाॅ0 रामाजयसुंदर ने आयुर्वेदा पंाच हजार वर्ष पुराना अथवा स्टेट आॅफ द आर्ट पर व्याख्यान दिया, डाॅ0 दीपक कुलश्रेष्ठ ने आयुर्वेद में अनुसंधान की परंपरा वेदिक काल से आधुनिक काल तक फार्मास्यूटिकल के विशेष डाॅ0 कुलदीप राज ने नाड़ी परीक्षा बाय नाड़ी तरंगिनी तृदोष एस्टीमेशन इलेक्ट्रोेडोशोग्राम आयुर्वेदा सिद्धांत एग्जामिनेशन बाय ब्लड टेस्ट, योगी हुकुचंद, योग एवं आयुर्वेद गुरू भारतीय योग अनुसंधान केन्द्र भोपाल में आयुर्वेदिक साइंसेस वैदिक काल से नैनो इरा तक की यात्रा पर व्याख्यान दिया।
अतिथियों को दिए गए मोमेन्टो के स्थान पर पेंड
शुभारंभ कार्यक्रम के मौके पर नजीर पेश करते हुए अतिथियों को मोमेन्टों की जगह प्रकृति के सबसे करीबी मित्र एवं रक्षक पेड़ प्रदान किए गए। पेड़ प्रदान करते समय उत्सुकता, कौतूहल एवं शान से अतिथियों ने यह उपहार ग्रहण किया और एकेएस विश्वविद्यालय के इस पुनीत कार्य की भूरि-भूरि प्रसंशा की।
इनकी उपस्थिति में हुआ शुभारंभ का भव्य आयोजन
इस मौके पर एकेएस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति वी.पी. सोनी, कुलपति परितोष के. बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी, डाॅ0 मायाराम पुनियाल, प्रतिकुलपति डाॅ0 हर्षवर्धन श्रीवास्तव, डाॅ0 आर.एस. त्रिपाठी, प्रो. आर. एन. त्रिपाठी,योगी हुकुमचंद्र, संयोजक डाॅ0 भूमानंद सरस्वती, कार्यक्रम समन्यवयक एवं फार्मेसी विभागाध्यक्ष डाॅ0 एस.पी. गुप्ता, डाॅ0 अखिलेश शर्मा न्यू दिल्ली, प्रेम जोशी इंदौर, डाॅ0 रामाजयसुंदर एम्स नई दिल्ली, डाॅ0 मधु गुप्ता, सी.पी. सिंह, प्रभाकर तिवारी, अंकुर अग्रवाल, प्रियंका गुप्ता, प्रदीप त्रिपाठी, नेहा गोयल, प्रियंका नामदेव, नवल सिंह, मनोज द्विवेदी, सुमित द्विवेदी दीपक नागवंशी, प्रदीप सिंह, राजेन्द्र कुमार, की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।कार्यक्रम के मध्य में सरदार बल्लभभाई पटेल स्कूल की तीस छात्राओं ने भी कार्यक्रम में सहभागिता दर्ज कराई।