एकेएस वि.वि. में समाज के निर्माण मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर परिसंवाद परिवर्तन के संदर्भ मे पहला कदम अति आवश्यक है-डाॅ. सदानंद सप्रे जी, विश्वविभाग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
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सतना।एकेएस वि.वि.,सतना के सभागार में शुक्रवार को ‘‘समाज के निर्माण मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका ‘‘पर परिसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके पूव्र एकेएस वि.वि. में ‘‘एकात्म मानववाद कक्ष का लोकार्पण भी किया गया जिसमे राष्ट्रवादी साहित्य की सर्वसाधन उपलब्धता रहेगी लोकार्पण के बाद हुए परिसंवाद कार्यक्रम के दौरान डाॅ.सदानंद सप्रे जी ने सर्वप्रथम संघ की कार्यप्रणाली, प्रचार की व्यापकता, समूह के कार्यो के निष्पादन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जो भारत मे पैदा हुआ, भारत मे रह रहा है, भारत को समृद्व बनाने की बात करता है वह ही हिन्दू है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मे उन सभी का स्वागत है जो संघ की रीतियों और नीतियों को मानता है चाहे वह भारतवर्ष का नागरिक हो या विश्व के किसी भी भाग से ताल्लुक रखता हो। स्वदेशेा भुवनजयम यह संघ के विश्व विभाग का सूत्र वाक्य है इसके बारे में उन्होंने बताया कि संघ मलेशिया,इंडोनेशिया,यूएई,ओमान,बहरीन एवं कतर में भी कार्यरत है क्योंकि हिन्दू का स्वभाव ही समरस है उन्होने कहा कि संघ अच्छे इंसान बनाता है उन्हांेने अपने कई व्यक्तिगत अनुभव भी सुनाए। सभागार में पूछे गए प्रश्नों के विनोद जी ने सारगर्भित उत्तर देते हुए कहा कि संघ शब्दों के बारे में बहुत सोच विचार कर बात करता है और हमेशा अच्छे वचनों का परिपालन भी करता है। परिसंवाद के मौके पर एकेएस वि.वि. के चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,कुलपति पारितोष के बनिक,प्रतिकुलपति प्रो. आर.एस.त्रिपाठी,ओएसडी प्रो.आर.एन त्रिपाठी, सिंघई संजय जैन, डायरेक्टर अवनीश सोनी, सहविभाग कार्यवाह मनीष जी,जिला कार्यवाह संजय गुप्ता, विनोद जी,विभाग प्रचारक के साथ वि.वि. के सभी विभागों के डीन,डायरेक्टर्स और फैकल्टीज की उपस्थिति में डाॅ.सदानंद जी ने समाज के निर्माण मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका के बारे मे विस्तार से बातचीत की। कार्यक्रम मे अतिथि परिचय सिघई संजय जैन ने दिया।