भारत सरकार के कंट्रोलर जनरल इण्डियन ब्यूरो आॅफ माइंस एकेएस विश्वविद्यालय में एकेएस विश्वविद्यालय ने अल्प समय में प्राप्त किया उच्चतम प्रतिमान - रंजन सहाय
- Font size: Larger Smaller
- Hits: 1328
- 0 Comments
- Subscribe to this entry
- Bookmark
भारत सरकार के माइनिंग के उच्च पद पर आसीन मि. रंजन सहाय (कंट्रोलर जनरल इण्डियन ब्यूरो आॅफ माइंस) के उच्च पदाधिकारी वर्ष 2017 के वेस्ट इनोवेटिव युनिवर्सिटी आॅवार्ड 2017 से पुरस्कृत एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार में पहुॅचे और एकेएस विश्वविद्यालय की विजिट की। उन्हांेने कहा कि वि.वि. के विकास को देखकर सहज ही कहा जा सकता है कि इसका संचालन प्रबुद्व और कुशल लोगों के हाथों में है जिससे वि.वि.निरंतर सफलता के नए सोपान तय कर रहा है।कार्यक्रम मंे अतिथि परिचय देते हुये डाॅ. जी.के. प्रधान ने कहा कि मि. सहाय का विश्वविद्यालय में आगमन विन्ध्य क्षेत्र और माइनिंग के लिए गौरव की बात है। मि. सहाय का स्वागत करते हुये अनंत कुमार सोनी, चेयरमैन ने कहा कि एकेएस विश्वविद्यालय को देश की प्रतिष्ठित युनिवर्सिटी बनाना उनका सपना है और रंजन सहाय जी का वि.वि. में आना वि.वि. के लिए गौरव का विशिष्ट क्षण हैं।
एकेएस विश्वविद्यालय के माइंनिंग के विद्यार्थियों को मिलेगा देश के प्रतिष्ठित शासकीय प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण
मि. रंजन सहाय ने कहा कि विश्वविद्यालय माइंनिंग के क्षेत्र में निरंतर उच्च प्रतिमानो की तरफ अग्रसर है। अपने व्याख्यान के दौरान उन्होने आई.बी.एम. के विभिन्न विभागो की कार्य प्रणाली नियम एवं कायदे, माइंस के साइज, माइंस के प्रकार, माइंस में उपयोग होने वाली कार्य प्रणाली, माइंनिंग विभिन्न रिर्सोसेज पर एक कुशल शिक्षक की तहर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रंजन सहाय ने कहा कि छोटी-छोटी चीजे मिलकर बड़ा आकार ग्रहण करती है। जैसे एकेएस विश्वविद्यालय ने अब शिक्षा के क्षेत्र में वटवृक्ष का रूप धारण कर लिया है।उल्लेखनीय है कि एकेएस विश्वविद्यालय में माइंनिंग संकाय सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है और पासआउट छात्र देश-विदेश में कार्य कर वि.वि. का नाम रोशन कर रहे हैं। एकेएस विश्वविद्यालय के माइंनिंग के विद्यार्थियों की लगन और अनुशासन की उन्होने प्रशंशा की और कहा कि देश के प्रतिष्ठित शासकीय प्रतिष्ठानों में विद्याथ्रियों को प्रशिक्षण मिले उनका सदैव सहयोग प्राप्त होगा।
प्रकृति का दोहन न करें इसे संतुलित रखने के हों प्रयास
व्याख्यान के अंत में विभिन्न रीजन के माइंनिंग विशेषज्ञो को सम्बोधित करते हुये रंजन सहाय ने कहा कि प्रकृति का सानिध्य प्राप्त करते हुये यह ध्यान रखना जरूरी है कि हम प्रकृति का दोहन मानवीय पहलुओ को दृष्टिगत रखते हुये करे, जिससे प्राकृतिक असंतुलन न पैदा हो। छात्रों को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि आप सभी को टेक्नोलाॅजी की बेहतर समझ विकसित करनी चाहिए। माइनिंग के नए एप्स विकसित करने की कोशिश करे और माइनिंग की नकारात्मक भ्रांतियों को दूर करते हुये लोगो के जहन में माइनिंग एवं माइनिंग इंजीनियर्स की छवि बेहतन बनाये।
इनकी उपस्थिति रही खास
कार्यक्रम के दौरान प्रो. पारितोष के. बनिक, कुलपति एकेएस वि.वि., अनंत कुमार सोनी, चेयरमैन अशीम कुमार चट्टोपाध्याय, बिरला सीमेंट, सूरज गुप्ता, रिलायंस सीमेंट माइंस, अशोक सिंह, सतना सीमेंट, रजनीश पुरोहित, जबलपुर रीजन माइंस, प्रो. आर.एस. त्रिपाठी, प्रो. आर.एन. त्रिपाठी, इंजी. डीन डाॅ. जी.के. प्रधान, प्रशासक आर.के. श्रीवास्तव, मि. मिततल, डाॅ. वी.के. मिश्रा, डी.एस. माथुर, दास गुप्ता, बी.एस. तिवारी, आनंद पाण्डेय, मनीष अग्रवाल ,दीप्ती शुक्ला के साथ विश्वविद्यालय के माइनिंग संकाय के छात्र-छात्राऐं खचा-खच भरे सभागार में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय की विकास यात्रा एवं मूल्य आधारित शिक्षा की जानकारी प्रो. आर.एन. त्रिपाठी ने दी। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को मोमेन्टो प्रदान किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।कार्यक्रम का संचालन प्रज्ञा ने किया।