कृषि आदान विक्रेताओं का डिप्लोमा कार्यक्रम
सतना। राष्ट्रीय कृषि प्रसार संस्थान, मैनेज,हैदराबाद एवं कृषि विस्तार प्रशिक्षण संस्थान सिएट, भोपाल के निर्देशन एवं वित्तीय सहयोग से कृषि आदान विक्रेताओं के लिए एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स का संचालन नोडल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट एकेएस विश्वविद्यालय सतना द्वारा किया जा रहा है वर्तमान में जिले के 40 ऐसे बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक विक्रेता जिनके पास आवश्यक योग्यता नहीं थी इनके लिए प्रत्येक रविवार को मैनेज द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार नियमित कक्षाओं का संचालन 05 नवम्बर 2022 से किया जा रहा है।देसी डिप्लोमा के लिए 40 कक्षाएं एवं 08 प्रक्षेत्र भ्रमण का प्रावधान,
पाठ्यक्रम के अनुसार अब तक 36 रविवार को 72 क्लासरूम सेशन एवं 06 प्रक्षेत्र भ्रमण के साथ 12 कृषि एवं उससे संबंधित तकनीकों जैसे सम्भागीय कृषि यंत्री संस्थान एवं एग्रो सर्विस सेंटर सतना, कस्टम हायरिंग सेंटर, एकेएस विश्वविद्यालय में स्थापित ऑटोमेटिक मौसम वेधशाला एवं मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के साथ ही नेट हाउस, पाली हाउस तकनीकी, शासकीय कृषि प्रक्षेत्र गहवरा फ़ार्म पर फसल उत्पादन एवं सीड प्रोसेसिंग यूनिट, दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के प्रकल्प आरोग्यधाम में हर्बल गार्डन, सीढ़ीनुमा खेती-बाड़ी पद्धति, गौशाला, कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां परिसर में विकसित कृषि टेक्नोलॉजी पार्क, हाईटेक नर्सरी, बहुमंजिली खेती पद्धति, वर्षा जल प्रबंधन तकनीकी का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया।
होती रही परीक्षाएं एवं क्विज
मैनेज द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार मुख्य परीक्षा से पूर्व 4 क्विज एवं 01 मध्यावधि मिड टर्म मूल्यांकन के प्रावधान के अनुपालन में अब तक 03 क्विज एवं 1 मिड टर्म मूल्यांकन का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया है।
सभी आदान विक्रेता अपने व्यवसाय के साथ ही साथ प्रत्येक रविवार को समय से नोडल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट एकेएस विश्वविद्यालय में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए रिसोर्स पर्सन द्वारा बताए एवं पढ़ाए जा रहे विषयों की जानकारी अर्जित करते हुए अपनी अपनी जिज्ञासा का समाधान भी प्राप्त कर रहे हैं।
प्रारंभ में आदान विक्रेता इस डिप्लोमा कार्यक्रम को औपचारिकता ही समझ रहे थे किन्तु जैसे-जैसे रिसोर्स पर्सन द्वारा विषयों की आकर्षक प्रस्तुति एवं फील्ड विजिट के दौरान विकसित एवं उन्नत कृषि तकनीकों के साथ ही अभिनव प्रयोगों का प्रत्यक्ष दर्शन हुआ, रुचि बढ़ती चली गई।
देसी डिप्लोमा तृतीय बैच के फैसिलिटेटर कृषि वैज्ञानिक डा. वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि 48 सप्ताह के कोर्स में आज हमने सफलतापूर्वक 42 सप्ताह सार्थक पूर्ण किए हैं।
इनका योगदान रहा सराहनीय
डिप्लोमा कार्यक्रम के फैसिलिटेटर सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ वेद प्रकाश सिंह की मानें तो नोडल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट द्वारा सभी प्रकार की सुविधाओं से युक्त क्लास रूम के साथ ही योग्य एवं अनुभवी प्रोफ़ेसर एवं विषय विशेषज्ञ जो विषय की आकर्षक प्रस्तुति के साथ आदान विक्रेताओं की जिज्ञासा का समाधान प्रभावी ढंग से कर रहे हैं। पाठ्यक्रम के प्रभावी संचालन में विश्व विद्यालय के चेयरमैन अनंत सोनी, डायरेक्टर रिसर्च डॉ एसएस तोमर, विभागाध्यक्ष डॉ नीरज वर्मा, संचालक "सिएट" भोपाल के पी अहरवाल, परियोजना संचालक आत्मा, सतना राजेश त्रिपाठी तथा नोडल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से समन्वयक राजवीर सिंह का योगदान सराहनीय रहा है।