Simple Joomla Templates by Web Hosting

  • Home
    Home This is where you can find all the blog posts throughout the site.
  • Categories
    Categories Displays a list of categories from this blog.
  • Archives
    Archives Contains a list of blog posts that were created previously.
Recent blog posts
b2ap3_thumbnail_IMG-20230821-WA0077.jpg
सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के हैंड्स आन ट्रेनिंग  प्रोग्राम में एकेएस की दो फैकल्टीज शामिल।              दुर्गेश कुमारी गुप्ता और नीलम सिंह ,राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी एकेएस यूनिवर्सिटी सतना की फैकल्टीज            सतना। राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी, एकेएस यूनिवर्सिटी सतना की फैकल्टीज    दुर्गेश और नीलम ने फॉर्मूलेशन एंड कैरक्टराइजेशन टेक्निक इन ड्रग डिलीवरी पर 31 जुलाई से 6 अगस्त तक हैंडस आन ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया ।यह ट्रेनिंग प्रोग्राम डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी, स्कूल ऑफ केमिकल साइंस एंड फार्मेसी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान में आयोजित हुआ ।इस कार्यक्रम के साथ डीएसटी स्तुति,जामिया हमदर्द,न्यू दिल्ली एसोसिएटेड रही ।कार्यक्रम के कन्वीनर डॉ. उमेश गुप्ता, अध्यक्ष प्रो. विपिन कुमार,
 डॉ. ईश्वर श्रीनिवासन और माननीय वाइस चांसलर, प्रो. आनंद भालेराव के हाथों हैंड्स  आन ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट नीलम सिंह और दुर्गेश गुप्ता को मिला। कार्यक्रम में की नोट लेक्चर में रोल ऑफ नैनो टेक्नोलॉजी एंड सोफिस्टिकेटेड टेक्निक्स ,कंपाउंड यूनानी फॉर्मूलेशन ,यूज़ ऑफ ड्रोन इन स्ट्रैंथनिंग ऑफ हेल्थ केयर डिलीवरी इन डिफिकल्ट टेरेंस, पार्टिकल साइज कैरक्टराइजेशन विद स्पेशल रेफरेंस टू नैनोमेडिसिन, मॉलिक्यूलर डॉकिंग ऑफ रिंग्स कंप्यूटेशनल, स्पीड टू स्ट्रक्चर डिलीवरी नॉन कंपार्टमेंटल फॉरमेको काइनेटिक्स फॉर ड्रग डिलीवरी रिसर्च एन इंट्रोडक्शन टू प्रोटॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी,स्ट्रक्चर एलुसीडेशन, यूजिंग एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कॉपी और टेबलेट फॉर्मूलेशन के बाद फीडबैक सेशन भी रखा गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। कार्यक्रम में सफल सहभागिता के लिए फॉर्मेसी विभाग के डायरेक्टर डॉ.सूर्य प्रकाश गुप्ता ने दोनों फैकल्टीज को बधाई दी है।
Hits: 303
0

b2ap3_thumbnail_campus-student.jpg

एकेएस विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट संकाय के छात्र का स्ट्राइकर इंदौर में चयन
एकेएस विश्वविद्यालय सतना के मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष डॉ कौशिक मुखर्जी के सुयोग्य एवं कुशल मार्गदर्शन में एमबीए के स्टूडेंट्स नित नई ऊंचाइयां हासिल कर रहे हैं इसी कड़ी में एमबीए तृतीय सेमेस्टर के विनय शर्मा का चयन स्ट्राइकर कंपनी इंदौर में किया गया है उन्हें डाटा हैंडलिंग ऑपरेटर का पद ऑफर किया गया है विनय को ढाई लाख रुपए सैलरी पैकेज के साथ अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग द्वारा आयोजित प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान विनय का चयन स्ट्राइकर कंपनी में हुआ है विनय के चयन पर विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ.साथ मैनेजमेंट संकाय के विभागाध्यक्ष और समस्त फैकेल्टी मेंबर्स ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए लगन और मेहनत से कार्य करने की सलाह दी है स्ट्राइकर कंपनी की शुरुआत अस्थि रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉक्टर होमर स्ट्राइकर ने की थी कंपनी 1941 में प्रारंभ हुई और आज वैश्विक मंच पर स्ट्राइकर कंपनी की एक शानदार पहचान है

Hits: 332
0

b2ap3_thumbnail_id-2.JPG

एकेएस यूनिवर्सिटी में कुलाधिपति ने फहराया तिरंगा
एकेएस यूनिवर्सिटी में कुलाधिपति श्री बी पी सोनी जी ने तिरंगा फहराया इस मौके पर उन्होंने कहा की इस पावन पर्व को गरिमा और उत्साह के साथ मनाया जाता है 74 वां गणतंत्र दिवस कई यादों को समेटे हुए है एकेएस विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस गरिमा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ मनाया गया एकेएस विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में यूसीसी और एनसीसी कैडेट्स द्वारा की गई विहंगम परेड आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही इस मौके पर परेड की सलामी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बी पी सोनी ने ली 74 वें गणतंत्र दिवस समारोह के इस पुनीत मौके पर एनसीसी और यूसीसी कैडेट्स को सर्टिफिकेट और मेडल प्रदान किए गए कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी संकायों के डीन डायरेक्टर्स और फैकेल्टी मेंबर्स के साथ राजीव गांधी कंप्यूटर कॉलेज और राजीव गांधी कॉलेज के प्राचार्य फैकल्टीज और छात्र छात्राएं सम्मिलित हुए

Hits: 298
0

b2ap3_thumbnail_1_20230821-102718_1.jpgb2ap3_thumbnail_2_20230821-102719_1.jpg

अमरपाटन गवर्नमेंट एक्सीलेंस स्कूल और गुरुकुल स्कूल अमरपाटन के विद्यार्थियों ने प्राप्त की एकेएस विश्वविद्यालय में निशुल्क करियर काउंसलिंग।

सतना ।अपने जहन में उबर रहे कैरियर से संबंधित अनेक सवालों के जवाब एकेएस विश्वविद्यालय सतना के विवेकानंद सभागार में एक्सीलेंस स्कूलए अमरपाटन और गुरुकुल स्कूल एअमरपाटन के विद्यार्थियों ने विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में प्राप्त किए । करियर सेमिनार के दौरान गणितए विज्ञान और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के विद्यार्थी शामिल हुए। विश्वविद्यालय के सभागार में डॉ सुधीर जैन ने स्टूडेंट्स को लॉ क्षेत्र में करियर की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी इसी तरह उन्होंने स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए कहा कि अगर आप एक लक्ष्य लेकर अपने कैरियर का चयन करेंगे और आगे बढ़ेंगे तो भविष्य आपके हाथों में होगा सबसे पहले जान लीजिए कि आपको क्या बनना है एक्या करना है और उसके लिए संकल्प शक्ति की जरूरत है एआपको वह मिलेगा जो आप चाहेंगे कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश  ए वाउ ने कंप्यूटर क्षेत्र की विविधताओं की संपूर्ण जानकारी देते हुए उन्हें आईटी एएनीमेशन एफिल्म्सए मीडिया और संचार के तमाम माध्यमों में हो रहे परिवर्तन और वहां जरूरी प्रोफेशनल के बारे में संपूर्ण जानकारी शेयर की। इसके बाद दोनों स्कूल के सैकड़ों विद्यार्थियों को एकेएस विश्वविद्यालय के कंप्यूटर लैबए रामनाथन लाइब्रेरी एएग्रीकल्चर फील्ड और बायोटेक लैब की विधिवत जानकारी भ्रमण के दौरान दी गई। उल्लेखनीय है सतना के विद्यालय  और आसपास के स्टूडेंट्स के साथ प्रदेश के कई जिलों के विद्यार्थी भी लाभान्वित हो रहे हैं विजिट का आयोजन मार्केटिंग हेड अविनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में मार्केटिंग ऑफिसर राघवेंद्र सोनीए अनूप सिंह  और राजू चौधरी ने विश्वविद्यालय की संपूर्ण एकेडमिक प्रणाली के बारे में जानकारी के लिए कार्य किया विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बताया दोनों स्कूल के प्राचार्य ने एक एस विश्वविद्यालय की तहे दिल से सराहना करते हुए कि स्टूडेंट्स अपने करियर का चुनाव करें और अपने जीवन में आगे बढ़े इसी उद्देश्य के साथ इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण के लिए निरंतर आयोजित किए जाते हैं। शासकीय एक्सीलेंस स्कूल अमरपाटन और गुरुकुल स्कूल अमरपाटन के विद्यार्थियों ने सभी प्रश्नों के जवाब प्राप्त किए दोनों स्कूल के प्राचार्य ने विजिट को मार्गदर्शन का अच्छा जरिया बताया और एक एस विश्वविद्यालय प्रबंधन को आभार भी व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में राघवेंद्र सोनी अनूप सिंह और राजू चौधरी ने प्राचार्य और स्टूडेंट के साथ आए फैकल्टीज का आभार व्यक्त किया।

Hits: 288
0

b2ap3_thumbnail_cow2.JPGb2ap3_thumbnail_calf-3.JPGb2ap3_thumbnail_cow1.JPG

शैक्षणिक डेयरी प्रक्षेत्र. पशुविज्ञान एवं मत्स्यिकी विभाग एण्केण्एस विश्वविद्यालय में
सतना.एण्केण्एसण् विश्‍वविद्यालयएसतना के अंतर्गत शैक्षणिक डेयरी प्रक्षेत्र में उन्‍नत नस्‍ल की गायें साहीवाल एवं गिर रखी गई हैं जिसका प्रमुख उद्देश्‍य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषदए नई दिल्‍ली द्वारा अनुशंशित कृषि‍ संकाय के स्‍नातक एवं स्‍नाकोत्‍तर छात्रों को शैक्षणिक एवं अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करना एवं इच्‍छुक कृषकों तथा पशुपालकों को पशुपालन की वैज्ञानिक तकनीकों से अवगत कराना है।एण्केण्एसण् विश्‍वविद्यालय में डेयरी प्रक्षेत्र के साथ.साथ कुकुट पालनए मत्‍स्‍य पालनए अजोला उत्‍पादनए केंचुआ खाद तथा फसल उत्‍पादन एकीकृ‍त फसल पद्धति से संचालित है जिसमें सभी उपक्रम एक.दूसरे को लाभान्‍वित करते हुए उत्‍पादन लागत में कमी एवं सकल आय बढ़ाने में योगदान करते हैं। साहीवाल दुधारू गायों में से सर्वाधिक दूध देने वाली नस्‍ल है। इस गाय की औसत दुग्‍ध उत्‍पादन क्षमता 15 से 20 लीटर प्रतिदिन तथा साल भर में एक ब्‍यात काल अवधि में लगभग 2000 से 3000 लीटर तक है। साहीवाल नस्‍ल से ।2 नामक विशेष प्रोटीन युक्‍त दूध प्राप्‍त होता है जो कि मानव शरीर के मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु अत्‍यंत लाभकारी है। इसके दूध में फैट और दूसरे पोषक तत्‍वों की मात्रा अधिक पायी जाती है।गिर नस्‍ल की गाय दूसरी सबसे ज्‍यादा दूध देने वाली गाय होती है। इस गाय का मूल स्‍थान काठियावाड़ ;गुजरातद्ध का गिर जंगल हैए जिसकी वजह से इनका नाम गिर गाय पड़ गया। अच्‍छी देखभाल पर इस गाय के दूध देने की क्षमता बढ़कर 10 से 20 लीटर प्रतिदिन तक हो सकती है। इजरायल और ब्राजील जैसे देशों में भी इस गाय को पाला जाता है।नस्‍ल की गाय.दूध व्‍यवसाय भारत में बेहद तेजी से फल.फूल रहा हैए ये ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आमदनी का एक बढि़या स्‍त्रोत है।एण्केण्एसण् विश्‍वविद्यालय में वर्तमान में साहीवाल नस्‍ल की 18 तथा गिर नस्‍ल की 4 गायों से दूध प्राप्‍त किया जा रहा है।जबकि साहीवाल एवं गिर नस्‍ल की एक वर्ष से ऊपर की बछियों की संख्‍या क्रमशारू 19 एवं 3 है। डेयरी से प्राप्‍त दूध का उपयोग विश्‍वविद्यालय के कर्मचारियों एवं छात्रों द्वारा किया जाता हैए अतिरिक्‍त बचे हुए दुध से विद्यार्थियों द्वारा प्रायोगिक कक्षाओं में उपयोग कर उत्‍तम गुणवत्‍ता युक्‍त दुग्‍ध पदार्थ जैसे. खोवाए पनीरए घी एवं छाछ का भी निर्माण किया जाता है। जिले के किसानों एवं पशुपालक तथा विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थियों के शिक्षण एवं प्रशिक्षण हेतु यहां की डेयरी प्रमुख भूमिका निभाती हैं। जैविक खेती को दृढ़ता प्रदान करने में डेयरी पशुओं से प्राप्‍त गोबर का बेहतरीन उपयोग केंचुआ खाद तैयार कर वृहद रूप से किया जा रहा है। इस केंचुआ खाद का उपयोग कृषि अनुसंधान एवं शैक्षणिक प्रक्षेत्रोंए बागवानी फसलों तथा चारा उत्‍पादन प्रक्षेत्र में बेहतरीन ढंग से किया जा रहा है। डेयरी पशुओं को उच्‍च गुणवत्‍ता युक्‍त संतुलित पशुआहारए खनिज तत्‍व तथा वर्ष भर हरा चारा उनकी आवश्‍यकतानुसार प्रदान किया जाता है। गायों से उत्‍तम किस्‍म का स्‍वच्‍छ दूध पैदा करने के लिए पशु शाला की साफ.सफाई पर विशेष ध्‍यान दिया जाता है। यहां की गौशाला रूफ वेन्‍टीलेटरए पंखेए कूलरए मिल्‍किंग मशीन तथा काऊ मैट जैसी सुविधाओं से युक्‍त है। परिणामस्‍वारूप पशुओं का स्‍वास्‍थ्‍य सदैव अच्‍छा बना रहता है।

Hits: 317
0

b2ap3_thumbnail_IMG-20221221-WA0011.jpgb2ap3_thumbnail_IMG-20221221-WA0009.jpgb2ap3_thumbnail_IMG-20221221-WA0008.jpgb2ap3_thumbnail_IMG-20221221-WA0010.jpg

एकेएस विश्वविद्यालय एसतना के कला विभाग के विद्यार्थियों का कालिंजर किला एबाँदा; उण्प्र ण्द्धका शैक्षणिक भ्रमण ।

एकेएस विश्विविद्यालय एसतना के कला विभाग के ठ। कोर्स के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के लगभग 50 छात्र .छात्राओं के दल को विभाग के विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग एवं अन्य प्राध्यापकों के कुशल मार्गदर्शन में 17 दिसंबर 2022 को शैक्षणिक भ्रमण हेतु ऐतिहासिक महत्व के कालिंजर किला एजिला बाँदा ;उण्प्रण्द्धले जाया गया। विंध्याचल की पहाड़ियों में स्थित कालिंजर का किला चंदेल शासको द्वारा बनवाया गया था ।अपनी विशाल प्राचीर एवं अवस्थिति के कारण लंबे समय तक अजेय बना रहा एवं बाबर एवं हुमायूँ जैसे शासक भी इसे जीतने में असफल रहे ।शेरशाह सूरी की मृत्यु भी इसी किले में तोप के बारूद में विस्फोट के कारण हुई थी।अकबर के द्वारा प्रथम जीत के पश्चात अकबर ने इसे बीरबल को दे दिया । बीरबल के बाद यहां पर कुछ समय बुन्देल शासक छत्रसाल का भी शासन रहा । भ्रमण के दौरान कला विभाग में राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले एवं वास्तुविद राजीव बैरागी द्वारा छात्र छात्राओं को इस किले की वास्तु संरचना एवम इसके महत्व के विषय मे बताया गया कि राजा के महल के उत्तर दिशा में स्थित पानी का स्त्रोत साम्राज्य को उन्नति एवं स्थायित्व प्रदान करता है वही विभाग में इतिहास पढ़ाने वाले गौरव सिंह के द्वारा छात्र छात्राओं को किले के इतिहास एवं महत्व के विषय मे विस्तार से बताया गया ।इस शैक्षणिक भ्रमण में छात्र छात्राओं के मार्गदर्शन हेतु विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग के साथ राजीव बैरागी एप्राची सिंह एडॉ ण् पुष्पा सोनी एपूर्णिमा सिंह एगौरव सिंह एवं अश्विनी कुमार ओमरे उपस्थित थे ।इस शैक्षणिक भ्रमण हेतु चैयरमैन इंजी ण् अनंत कुमार सोनी एप्रो कुलपति प्रो ण्आर एस त्रिपाठी एप्रशासनिक अधिकारी ब्रजेन्द्र सोनी एडीन समाज विज्ञान संकाय डॉण् हर्षवर्धन श्रीवास्तव एविभागाध्यक्ष मिर्ज़ा समीउल्ला बेग एवं विभाग के शैक्षणिक स्टाफ का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ एवम प्रसन्नता व्यक्त की ।

Hits: 338
0

b2ap3_thumbnail_vermi-compost-1.jpgb2ap3_thumbnail_vermi-compost-2.jpgb2ap3_thumbnail_vermi-compost-3.jpg

एकेएस विश्वविद्यालय सतना में उन्नत वर्मी कंपोस्ट खाद यूनिट
सतना। एक विशिष्ट प्रजाति के केंचुए जो गोबर पेड़ पौधों के अवशेष सब्जियों के अवशेष एवं कार्बनिक पदार्थों को खाकर मल द्वारा चाय की पत्ती जैसा काले भूरे रंग का पदार्थ निकालते हैं जिसे केंचुए की खाद या वर्मी कंपोस्ट कहते हैं।फास्फोरस रिच वर्मी कंपोस्ट खाद संयुक्त कार्बनिक पदार्थों जैसे. गोबर खाद एफसल अपशिष्टए चीनी मिल का प्रेसमड एजूस उद्योग का अपशिष्टए पदार्थ विभिन्न प्रकार की खली आदि को रॉक फास्फेट के साथ मिक्स करके केंचुए की सहायता से बनाई जाती है। यह प्रोम मिनरल उर्वरक एवं जैविक खाद का मिश्रण है जो केवल कृषि में उपयोग के लिए लिया जाता है। प्रोम का उपयोग पौधों को फास्फोरस ;फास्फोरस पादप पोषक तत्वद्ध उर्वरक प्रदान करने के लिए किया जाता है। केंचुए रॉक फास्फेट एवं गोबर कार्बनिक पदार्थ के मिश्रण को खा कर उसे मल के रूप में प्रदान करते हैं इस कारण प्रोम शुद्ध रुप से जैविक है। प्रोम जैविक खाद बनाने की एक नई तकनीकी है रिच वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए गोबर तथा रॉक फास्फेट को प्रयोग में लाया जाता है।ऐ के एस विश्व विद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी संकाय में जैविक खेती के ऊपर विस्तृत अनुसंधान चल रहा है मध्यप्रदेश शासन द्वारा घोषित जैविक खेती के अंतर्गत ऐ के एस ण् विश्वविद्यालय में 12 एकड़ के क्षेत्र पर पिछले 4 वर्षों से जैविक खेती हेतु आवश्यक अदान हेतु विभिन्न इकाइयां जैसे पशुपालन एवर्मी कंपोस्ट ;केंचुआ खाद द्ध विधि द्वारा जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है इसके अलावा जैविक कीटनाशक जैसे कि अमृत संजीवनी का उत्पादन किया जाता हैवर्मी कंपोस्ट केंचुआ खाद बनाने के लिए सर्वप्रथम 8 .10 फीट ऊंचाई का शेड तैयार कर लें यदि बहुत सघन वृक्ष है तो वह भी उपयुक्त है ताकि उपयुक्त तापमान व छाया रखी जा सके।अपनी सुविधा अनुसार बनवा लें जैसे. वर्मी बैड एवं ईट के बैड बनाएं जिसका आकार 10 ’ 4 ’ 2 फिट कर सकते हैं ।जमीन की सतह से 2 फीट ऊंचाई ही रखें ।इसके पश्चात बैड में 2 से 3 इंच घास फूस व पत्ते डालें तत्पश्चात बैड में सड़े गले कार्बनिक पदार्थ 10 से 15 दिन पुराना गोबर बेड में 1 से 1ण्5 फीट की ऊंचाई पर डाल दें। बैड भरने के बाद दिन में एक बार सिंचाई करें 5 से 7 दिन तक जिससे गोबर की गैस निकल जाए एवं तापमान सामान्य हो जाए इसके बाद 5 से 7 दिन बाद तापमान देख लें 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। तैयार बैड में 12 ’ 4 ’ 2 फीट में 2 से 3 किलोग्राम केंचुए डाल दे। फिर उसके ऊपर जूट की बोरी या धान के पुआल से ढक दें ।बैड की नमी 30 से 45 प्रतिशत बनाएं सर्दियों में एक बार तथा गर्मियों में 2 बार प्रतिदिन पानी का छिड़काव करना चाहिए। लगभग 45 से 60 दिनों में गोबर एवं कार्बनिक पदार्थ को केंचुए खाकर खाद तैयार कर देते हैं। इस यूनिट का प्रबंधन अधिष्ठाता डॉ एसएस तोमर के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। यहां पर राहुल और अमित विश्वकर्मा संपूर्ण कार्यक्रम की देखरेख भी कर रहे हैं।

Hits: 328
0

b2ap3_thumbnail_campus_20230821-101611_1.jpg

ए के एस विश्वविद्यालय सतना में योकोहमा टायर्स कंपनी का केंपस ड्राइव

सतना एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में योकोहमा टायर्स कंपनी के एचआर मैनेजर ने विश्वविद्यालय के कई स्ट्रीम्स के छात्र.छात्राओं का इंटरव्यू किया योकोहमा टायर्स जापान की कंपनी है जिसकी स्थापना सैकड़ों वर्ष पूर्व हुई थी एकेएस विश्वविद्यालय सतना के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर बालेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि इस केंपस ड्राइव का उद्देश्य अच्छे प्रोफेशनल्स तलाशना था विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया में हिस्सा लिया जिसमें सर्वप्रथम रिटन टेस्ट हुआ ग्रुप डिस्कशन आयोजित किया गया तत्पश्चात इंटरव्यू के बाद 30 छात्राओं का सिलेक्शन योकोहमा टायर्स के एचआर मैनेजर ने सुनिश्चित किया हुई 30 छात्राओं में 23 एकेएस विश्वविद्यालय सतना अध्ययनरत हैं जबकि 7 छात्राएं अन्य संस्थानों में अध्ययनरत हैं इन सभी की छात्राओं का चयन गुजरात के भरूच रीजन के लिए बतौर ट्रेनी अच्छे वेतनमान पर किया गया है ट्रेनी की पोस्ट कई विविधताओं को समेटे हुए है जिसमें भविष्य में प्रमोशन के अनेक अवसर भी शामिल है उल्लेखनीय है कि एकेएस विश्वविद्यालय में केंपस प्लेसमेंट नियमित प्रक्रिया के तहत आयोजित होते रहते हैं जिसमें सभी संकाय के छात्र छात्राओं को चयन का अवसर मिलता है कैंपस प्लेसमेंट में चयनित होने वालों में रितिका त्रिपाठी एबीएससी एअंजली सिंह बघेल एबीएससी एअंकिता पांडेए डिप्लोमा सीमेंट टेक्नोलॉजीए अंचल कुशवाहा एलक्ष्मी सोनिया एप्रतिक्षा मिश्रा एकार्तिका गर्ग एएमएससी केमिस्ट्रीए महिमा बागरीए एमएससी केमिस्ट्री एप्राची पांडे एएमएससी केमिस्ट्री एरूपाली चौरसियाए एमएससी केमिस्ट्री एइशिका मोरिया एकॉमर्स एअदिति सिंह एबीकॉमए चांदनी चौधरी एहनी कुशवाहाए शताब्दी पांडे एरीतिका साहू एसाक्षी तिवारी एअंकिता सिंह परिहारए महक जैन एसंस्कृति नेमाए रितिका सरकारए श्रेया मिश्रा निकिता कोरी एकाजल कुशवाहा और निधि पांडे के नाम शामिल हैं विश्वविद्यालय के कई संकाय से चयनित होने वाली समस्त छात्राओं को विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी और ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर बालेंद्र विश्वकर्मा ने कैरियर उन्नति की शुभकामनाएं दी हैं कुल मिलाकर यह केंपस ड्राइव वूमेन एंपावरमेंट की दिशा में अहम रहा जिसमें सभी चयनित छात्राएं शामिल हैं

Hits: 312
0

b2ap3_thumbnail_bhel1.jpg

b2ap3_thumbnail_bhelll.jpg

एकेएसयू के डिपार्टमेंट आफ मैकेनिकल के छात्रों की विजिट
बीटेक के छात्रों ने भेल, भेापाल में समझीं बारीकियाॅ
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के बी. टेक मैकेनिकल संकाय के छात्रों ने भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग एवं विनिर्माण क्षेत्र की सबसे बडी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, (भेल) भोपाल की विजिट के दौरान वि.वि. के सहायक प्राध्यापक आलोक रंजन तिवारी और इंजी.आर के शुक्ला के मार्गदर्शन में भेल की स्थापना एवं इसके हैवी इलक्ट्रिकल पार्ट निर्माण पर प्राथमिक जानकारी प्राप्त की साथ ही विजिट के दौरान अन्यान्य महत्वपूर्ण जानकारियाॅ भेल भोपाल के सीनियर इंजीनियर अरविंद तिवारी और सौरव जी के साथ छात्रों ने देखीं और सीखीं जिसमें स्टीम, टरबाइन, ट्रैक्शन मोटर, ट्रान्सफार्मर, रेक्टिफायर, टरबाइन की एसेम्बिली की जानकारी जिसमें हाई प्रेशर, इटरमीडिएट पे्रशर तथा लो प्रेशर टरबाइन की जानकारी प्रमुख रही। यहाॅ पर छात्रों ने केसिंग रोटर तथा ब्लेड के निर्माण की प्रक्रिया भी समझी। विभागाध्यक्ष डाॅ. इंजी. पंकज श्रीवास्तव ने विजिट पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि विजिट से छात्रों को प्रैक्टिकल जानकारी होती है ओर उन्हें करके सीखने का मौका मिलता हे तथा वह विशेषज्ञों की अहम जानकारियों से भी परिचित होते हैं।

Hits: 301
0

b2ap3_thumbnail_IMG-20221121-WA0086.jpg

एकेएस यूनिवर्सिटी का म.प्र सेडमैप से एमओयू
गत दिवस एकेएस यूनिवर्सिटी सतना एवं म.प्र राज्य उद्यमिता संस्थान भोपाल के मध्य एक समझौता डवन् संपन्न हुआ। इस समझौते के अंतर्गत राज्य उद्यमिता संस्थान द्वारा एकेएस यूनिवर्सिटी के छात्रों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन समय-समय पर किया जावेगा। साथ ही संस्थान द्वारा इंटर्नशिपए अनुसंधानएकंसलटेंसी,प्रोजेक्ट,केस स्टडी, कान्फ्रेन्स, वर्कशाॅप का आयोजन किया जायेगा। उद्यमिता संस्थान, स्किल लैब स्थापित करने के अतिरिक्त सर्वे आदि की कार्यवृद्धि में सहयोग करेगा। उल्लेखनीय है कि, इस समझौते के तहत उद्यमिता संस्थान ने विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए एक चेन्ज मेकर क्लब की अवधारणा स्थापित की है, जिसमें छात्रों को निशुल्क पंजीयन की सुविधा उपलब्ध होगी। उक्त संस्थान विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विशेषज्ञों की सुविधा भी उपलब्ध करायेगा। इस अनुबंध हेतु विश्वविद्यालय की ओर से प्रति कुलपति डाॅ.हर्षवर्धन एवं राज्य उद्यमिता संस्थान की ओर से उनके एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्रीमती अनुराधा सिंघई ने भोपाल में हस्ताक्षर किये इस मौके पर सेडमैप के श्री.बी.पी.सिंह भी उपस्थित विश्व विद्यालय के प्रो.चांसलर इंजीनियर अनंत कुमार सोनी, प्रति कुलपति डाॅ.आर.एस.त्रिपाठी, ओ.एस.डी. आर.एन.त्रिपाठी, प्रो. आर.के. श्रीवास्तव एवं डाॅ. बिपिन ब्यौहार ने इस अनुबंध के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उक्त सुविधा का अधिक से अधिक लाभ उठायें। स्वरोजगार एवं रोजगार उपलब्ध कराये जाने में विश्वविद्यालय की इस पहल की सर्वत्र सराहना की जा रही है।

Hits: 326
0